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स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Dec 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के 22 मेडिकल कॉलेजों में एचएमआईएस सेवा प्रारंभ

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के 22 मेडिकल कॉलेजों में ई-सुश्रुत हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) सुविधा शुरू की, जिससे मेडिकल कॉलेजों में भर्ती होने वाले मरीजों को अब मोबाइल पर अपनी सेहत की कुंडली मिल सकेगी।

प्रमुख बिंदु

  • एचएमआईएस की शुरुआत एसएसपीजीआईसीएच नोएडा, स्वशासी मेडिकल कॉलेज एटा, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, हरदोई, बस्ती, सिद्धार्थनगर, शाहजहाँपुर, अयोध्या, बहराइच, देवरिया, गाजीपुर, फिरोजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, बदायूँ, बांदा, जौनपुर, कन्नौज, जालौन एवं रिम्स सैफई में की गई है।
  • उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि एचएमआईएस से, अगर मरीज के पास जाँच रिपोर्ट नहीं है तो भी ओपीडी में डॉक्टर ऑनलाइन रिपोर्ट देख सकेंगे। वह एक क्लिक पर संबंधित मरीज की पूरी केस हिस्ट्री जान सकेंगे। अब तक यह व्यवस्था एसजीपीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान सहित 12 मेडिकल कॉलेजों में थी।
  • उन्होंने बताया कि एचएमआईएस को एंड्रायड फोन के प्लेस्टोर से डाउनलोड कर संबंधित अस्पताल में पंजीयन किया जा सकेगा। इस सॉफ्टवेयर से रोगियों को अस्पताल में किस दिन कौन-से डॉक्टर उपलब्ध होंगे, इसकी जानकारी मिल सकेगी।
  • इस व्यवस्था से सभी मरीजों का पुख्ता डाटा तैयार हो सकेगा। इससे शोध करने, संसाधनों के विकास, व्यवस्था की निगरानी, भविष्य की योजना बनाने में आसानी होगी। एंबुलेंस, बेड एलॉटमेंट, भोजन आदि का रिकॉर्ड भी इस पर रहेगा। इससे कार्यों में पारदर्शिता लाई जा सकेगी।
  • एचएमआईएस से मरीजों को ऑनलाइन पंजीयन, भुगतान, प्रिस्क्रिप्शन, लैब रिपोर्ट, फार्मेसी पर्ची, ओपीडी कार्ड, एडमिशन टिकट, डिस्चार्ज समरी मोबाइल पर मिल सकेगी। वह डॉक्टर की उपलब्धता, विशेष क्लीनिक का समय और ब्लड बैंक आदि की जानकारी आसानी से ले सकेंगे।
  • सॉफ्टवेयर से रोगी का आधार, आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट भी जोड़ा जाएगा। वहीं मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयाँ आसानी से लिख सकेंगे तथा दवाओं की एक्सपायरी सूची भी देखी जा सकेगी। 

बिहार Switch to English

‘नमामि गंगे’ में अब भूगर्भ जल को भी साफ करने की योजना

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को बिहार शहरी अवसंरचना विकास निगम (बुडको) के एमडी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य में नमामि गंगे परियोजना के तहत नदियों के साथ ही भूगर्भ जल को भी स्वच्छ रखने का काम शुरू होगा, जिसके लिये 78 छोटे शहरों का चयन भी कर लिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • बुडको के एमडी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि इस परियोजना के तहत बिहार के 78 छोटे शहरों के नाले का पानी भी साफ होकर नदियों या तालाबों में गिरेगा। इन शहरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम जल्द शुरू होगा।
  • विदित है कि राज्य में कई शहरों के नाले का पानी सीधे नदियों में गिराया जा रहा है। कई शहरों में तालाब या निचले भूखंडों में बहा दिया जाता है। दो माह पहले इन छोटे शहरों या निकायों का चयन किया गया है, जिसमें बीस हज़ार से ऊपर की आबादी वाले कुल 138 शहरी निकाय हैं।
  • उन्होंने बताया कि वर्तमान में 26 शहरी निकायों में एसटीपी बनकर तैयार है। वहीं 18 शहरों या निकायों में एसटीपी के लिये डीपीआर को स्वीकृति मिल चुकी है। दो निकाय बक्सर और खगड़िया की डीपीआर को संशोधित किया जा रहा है। तीन अन्य निकायों- राजगीर, बोधगया और बिहारशरीफ में भी एसटीपी का काम चल रहा है। ग्यारह नए शहरों में एसटीपी की डीपीआर बनाने के लिये एजेंसियों से आवेदन मांगे गए हैं। इस तरह कुल 60 निकायों या शहरों के लिये एसटीपी बनाने काम या तो हो गया है या फिर प्रक्रिया में है।
  • धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि नदी-तालाबों सहित विभिन्न जलस्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखने पर राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। जल-जीवन-हरियाली योजना के अंतर्गत भी इस पर काम हो रहा है। राज्य के छोटे शहरों के गंदे पानी को भी साफ करने के लिये ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का निर्णय लिया गया है।
  • उन्होंने बताया कि सरकार ने राज्य के सभी जलस्रोतों का सर्वे कराने का भी निर्णय लिया है ताकि उनका सटीक आँकड़ा मिले व उसके आधार पर योजना बने और इन जलस्रोतों को मछली उत्पादन के लिये विकसित किया जा सके। इससे राज्य का भूजलस्तर तो बेहतर होगा ही, जलस्रोतों का पानी भी साफ-सुथरा रहेगा।
  • परियोजना के तहत ज्यादातर छोटे निकायों में एफएसटीपी (फिकल स्लग ट्रीटमेंट प्लांट) यानी अपशिष्ट शोधन संयंत्र लगाया जाएगा। अभी ज्यादातर छोटे शहरों में सेप्टिक टैंक भरने पर उसे नालियों में बहाने या टैंकर के माध्यम से दूसरे स्थानों पर नालों में फेंका जाता है। अब इसका सुरक्षित तरीके से निस्तारण हो सकेगा। इससे भूगर्भ जल प्रदूषण से निजात मिलेगी। साथ ही जैविक खाद और बेकार पानी से खेतों की सिंचाई भी हो सकेगी।

राजस्थान Switch to English

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को राजस्थान विधानसभा, जयपुर में राज्य विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में बताया गया कि लोकसभा और देश की विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों व सचिवों का सम्मेलन 10 से 13 जनवरी तक राजस्थान विधानसभा में होगा।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने बताया कि यह 83वाँ अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मलेन है, जो 11 और 12 जनवरी को राजस्थान विधानसभा में होगा। विधानसभाओं के सचिवों की 59वीं कॉन्फ्रेंस भी 10 जनवरी को होगी।
  • उन्होंने बताया कि इस सम्मलेन में विभिन्न बिन्दुओं पर सार्थक चर्चा होगी तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्षों, पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों और पूर्व विधानसभा सचिवों को भी इस सम्मलेन में विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा।
  • मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बताया कि सम्मलेन की सभी व्यवस्थाएँ पुख्ता रहेंगी और सभी अधिकारियों को इस संबंध में सौंपे गए दायित्वों को निष्ठा से किये जाने के निर्देश दिये।
  • विधानसभा के प्रमुख सचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि राजस्थान को इस सम्मलेन का मौका 11 वर्ष बाद मिला है। इससे पहले राजस्थान में पीठासीन अधिकारियों का सम्मलेन वर्ष 2011 में आयोजित हुआ था।

राजस्थान Switch to English

16 राज्यमार्गों के निर्माण के लिये 4279.70 करोड़ रुपए के संशोधित वित्तीय प्रस्ताव को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में मज़बूत सड़क तंत्र विकसित करने की दिशा के क्रम में प्रदेश के 16 राज्यमार्गों (14 राज्य राजमार्ग एवं 02 एम.डी.आर. सड़क) के निर्माण के लिये 70 करोड़ रुपए के संशोधित वित्तीय प्रस्ताव को मंज़ूरी प्रदान की।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा बाह्य सहायता जैसे विश्व बैंक एवं एशियन डेवलपमेंट बैंक की वित्तीय सहायता द्वारा राज्य राजमार्गों का विकास करवाया जा रहा है। इसी क्रम में एशियन डेवलपमेंट बैंक ट्रेंच-प्रथम के अंतर्गत 16 राज्य राजमार्गों के निर्माण हेतु पूर्व में 36 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी, जिसको संशोधित करते हुए अब 4279.70 करोड़ रुपए की संशोधित स्वीकृति जारी की गई है।
  • उन्होंने बताया कि उक्त कार्यों पर अब तक 40 करोड़ रुपए का व्यय किया जा चुका है। इसमें 4 सड़कों का निर्माण इंजीनियरिंग-प्रोक्यूरमेंट-कंस्ट्रक्शन मोड (ईपीसी) के द्वारा तथा 12 सड़कों का निर्माण वार्षिकी आधार पर करवाया गया है, जिसमें निर्माण कार्य के दौरान ईपीसी कार्यों हेतु 100 प्रतिशत राशि तथा वार्षिकी आधारित कार्यों हेतु 50 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाता है।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य के राज्यमार्गों के विकास हेतु सार्वजनिक निर्माण विभाग के अंतर्गत पीपीपी खंड गठित किया हुआ है, जिसके द्वारा पीपीपी/ई.पी.सी. मोड पर स्टेट हाईवे के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। अब तक 3577 किमी. लंबाई के 58 स्टेट हाईवे के विकास के कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिनकी स्वीकृत लागत 11604 करोड़ रुपए है।
  • प्रदेश के स्वीकृत 58 स्टेट हाईवे में से अब तक 24 स्टेट हाईवे का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है, 14 सड़कों के कार्य प्रगतिरत है, 5 सड़कों के अनुबंध संपादित किये जा चुके हैं, 7 सड़कों के एल.ओ.ए. जारी/प्रक्रियाधीन हैं एवं 8 सड़कों के निविदा प्रक्रियाधीन हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

अंतर्राष्ट्रीय वन मेला: वन मंत्री डॉ. शाह ने वन मेले में वितरित किये पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वन मेला के समापन कार्यक्रम में पुरस्कार वितरित किये।

प्रमुख बिंदु 

  • वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने प्रदर्शनी के क्षेत्र में एम.पी.एम.एफ.पी. पार्क भोपाल को प्रथम, सामाजिक वानिकी को द्वितीय और मध्य प्रदेश मत्स्य महासंघ को तृतीय पुरस्कार स्वरूप शील्ड प्रदान की।
  • वन मंत्री ने प्रधानमंत्री वन धन योजना में पूर्व छिंदवाड़ा वन धन केंद्र को प्रथम, पूर्व मंडला वन धन केंद्र को द्वितीय, उत्तर सिवनी वन धन केंद्र को तृतीय एवं दक्षिण पन्ना वन धन केंद्र और उमरिया वन धन केंद्र को सांत्वना पुरस्कार से पुरस्कृत किया।
  • प्रदेश में संचालित विभिन्न ज़िला यूनियनों में से सीहोर ज़िला यूनियन को प्रथम, औब्दुलागंज यूनियन को द्वितीय, पश्चिम बैतूल ज़िला यूनियन को तृतीय और गुना एवं छतरपुर यूनियन को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
  • वन मंत्री डॉ. शाह ने मेले में शामिल हुई निजी संस्थाओं में से विशाल जवारिया, पचमढ़ी को प्रथम, त्रिशटा टी को द्वितीय और आदिवासी आयुर्वेदिक पचमढ़ी को तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
  • अन्य राज्यों की संस्थाओं में छत्तीसगढ़ राज्य (लघु वनोपज) को प्रथम, दीपू मिश्रा प्रतापगढ़ को द्वितीय, सुखदेव समत मेदनीपुर को तृतीय पुरस्कार से नवाज़ा गया। अंतर्राष्ट्रीय स्टॉलों की श्रेणी में नेपाल को पुरस्कृत किया गया। राज्य बाँस मिशन एवं विंध्य हर्बल को विशेष पुरस्कार से नवाज़ा गया।
  • शहद संग्रहण में सामुदायिक प्रयास के लिये पश्चिम बैतूल की नांदा समिति को विशेष सम्मान, नर्मदापुरम वन मंडल में स्थापित वन धन विकास केंद्र को महुआ का ब्रिटेन में सफल निर्यात करने और छिंदवाड़ा के मैनावाड़ी वन धन केंद्र के अंतर्गत ‘वनभोज रसोई’ को सफल सामुदायिक उपक्रम के विशेष सम्मान से नवाज़ा गया।
  • गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय वन मेला का आयोजन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में 20 से 26 दिसंबर तक हुआ।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा अनुसूचित जाति (एससी) आयोग का गठन

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को हरियाणा सरकार ने हरियाणा अनुसूचित जाति (एससी) आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की।

प्रमुख बिंदु 

  • हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग का चेयरमैन फतेहाबाद ज़िले के रतिया के पूर्व विधायक प्रो. रविंद्र बलियाला को नियुक्त किया गया है।
  • आयोग के वाइस चेयरमैन भिवानी के विजय बदबुजार को बनाया गया है तथा कैथल के रावी तारांवाली, सोनीपत की मीना नरवाल और सिरसा के रतन लाल को सदस्य नियुक्त किया गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

अंतर्राष्ट्रीय वन मेला: छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ को अंतर्राज्यीय वर्ग में प्रथम पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को भोपाल में संपन्न हुए अंतर्राष्ट्रीय वन मेला में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करते हुए अंतर्राज्यीय वर्ग में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ को अंतर्राज्यीय वर्ग में स्टॉल को डिस्प्ले एवं विक्रय में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये प्रथम पुरस्कार प्रदान किया।
  • गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय वन मेला का आयोजन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 20 से 26 दिसंबर तक हुआ।
  • छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक एस.एस. बजाज ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वन मेला में राज्य लघु वनोपज द्वारा 140 से अधिक उत्पादों के प्रदर्शन सह-विक्रय के लिये स्टॉल लगाया गया था।
  • उन्होंने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय वन मेला में छत्तीसगढ़ राज्य को बहुत ही अच्छा प्रतिसाद मिला है। छत्तीसगढ़ के लघु वनोपज की खरीदी के लिये कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने रुचि दिखाई है। 8 व्यापारी संस्थानों ने 200 टन कोदो, कुटकी, रागी, हर्रा, नागरमोथा, बहेड़ा, काचरिया चरोटा बीज, गिलोय और अन्य लघु वनोपज खरीदी चर्चा की और अपनी सहमति भी दी है।
  • अंतर्राष्ट्रीय वन मेला में लघु वनोपज आधारित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ और मध्य प्रदेश लघु वनोपज संघ के मध्य 6 करोड़ रुपए का व्यावसायिक अनुबंध हुआ।
  • छत्तीसगढ़ वनोपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक एस.एस. बजाज और विंध हर्बल्स की ओर से एमपीएमएफपी के सीईओ डॉ. दिलीप कुमार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
  • इसके अलावा 28 करोड़ 50 लाख रुपए का एमएफपीपीएआरसी और विभिन्न संस्थाओं के बीच व्यापारिक अनुबंध भी किये गए। इस प्रकार कुल 50 करोड़ रुपए का एमओयू हुआ।
  • लघु वनोपज आधारित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में बस्तर फूड छत्तीसगढ़ से महुआ एक्सपोर्ट के लिये एमओयू हुआ। इससे आने वाले समय में जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में शामिल प्राथमिक संग्राहक और उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि में मददगार साबित होंगे।
  • क्रेता-विक्रेता सम्मेलन मध्य प्रदेश के सेवा निवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख ह्वी.आर. खरे के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इसमें प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से 140 सहभागी ने प्रत्यक्ष रूप से और 300 प्रतिभागी वीडियो कॉन्फ्रेंस से संवाद किया गया।
  • छत्तीसगढ़ लघु वन उपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक एस.एस. बजाज ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिक संस्था मैसूर के साथ मिलकर महुआ से गुड़ बनाने पर अनुसंधान कर रहा है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ वन अधिकार क्रियान्वयन में देश में अग्रणी

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य देश में वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में अग्रणी राज्य है।

प्रमुख बिंदु 

  • जानकारी के अनुसार राज्य में विगत चार वर्षों में 54 हज़ार 518 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किये गए, जिसका कुल रकबा 30 हज़ार 46 हेक्टेयर है। इसी प्रकार सामुदायिक वन अधिकार के 23 हज़ार 982 वन अधिकार-पत्र वितरित किये गए हैं, जिसका कुल रकबा 11 लाख 77 हज़ार 212 हेक्टेयर है।
  • देश में नगरीय क्षेत्र में वन अधिकारों की मान्यता दिए जाने में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। अब तक 266 व्यक्तिगत वन अधिकार-पत्र, 7 सामुदायिक वन अधिकार-पत्र और 4 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार-पत्र राज्य के नगरीय क्षेत्रों में प्रदाय किये गए हैं।
  • राज्य शासन द्वारा सामुदायिक वन संसाधन अधिकारों के क्रियान्वयन में भी पहल की गई है। अब तक ज़िलों में 3 हज़ार 845 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्य किये गए हैं। इसके अंतर्गत 16 लाख 60 हज़ार 301 हेक्टेयर भूमि के संरक्षण, प्रबंधन का अधिकार ग्राम सभाओं को प्रदाय किया गया है।
  • राज्य शासन द्वारा स्थानीय वन निवासी समुदायों के विभिन्न वनाधिकारों को मान्यता दिये जाने की दिशा में प्रतिबद्धतापूर्वक सतत् प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि वन अधिकार अधिनियम, 2006 में वर्णित विभिन्न प्रकार के वनाधिकार उन्हें प्राप्त हो सके।
  • अधिनियम के अनुसार वनभूमि पर अनुसूचित जाति और अन्य परंपरागत वन निवासी आवेदक द्वारा कब्ज़े का दावा करने के लिये 13 दिसंबर, 2005 कट ऑफ डेट निर्धारित है। अन्य परंपरागत वन निवासी आवेदक के मामले में कट ऑफ डेट पूर्व से ही तीन पीढ़ियों (75 वर्ष) से संबंधित ग्राम, वन भूमि में निवासरत होना आवश्यक है।
  • राज्य शासन की पहल से स्थानीय वन निवासी समुदायों के लिये संबंधित ग्राम सभाओं को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार को मान्यता दी जा रही है। राज्य के शहरी क्षेत्रों में विभिन्न वन अधिकार पत्रों का वितरण किया जा रहा है।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य में विभिन्न कारणों से निरस्त वन अधिकार के दावों पर पुनर्विचार की कार्यवाही की जा रही है। वन अधिकार अधिनियम के तहत वितरित भूमि का रिकॉर्ड समय-समय पर दुरुस्त करने की कार्यवाही की जा रही है।
  • वन अधिकार प्राप्त लाभार्थी को पोस्ट क्लेम सपोर्ट के रूप में उनकी कृषि को विकसित करने के साथ ही आजीविका के विभिन्न उपायों, जैसे- कुकून, टसरक्राप्स, लाख उत्पादन इत्यादि के माध्यम से लाभान्वित करने की दिशा में कार्य हो रहा है।
  • छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातियों को पर्यावास के अधिकार प्रदाय करने की कार्यवाही धमतरी ज़िले में शुरू की गई है। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्य करने की शुरुआत धमतरी ज़िले के जबर्रा गाँव से की गई। ग्राम सभा जबर्रा को 5352 हेक्टेयर वनभूमि पर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की मान्यता दी गई, जो देश में किसी एक गाँव को मान्य किये जाने वाला सर्वाधिक क्षेत्र है। इसी प्रकार कांकेर ज़िले के खैरखेड़ा ग्राम में 1861 हेक्टेयर वन भूमि पर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की मान्यता दी गई है।
  • वन अधिकार कानून के तहत प्रबंधन का बेहतर क्रियान्वयन करते हुए सामुदायिक वन संसाधन के तहत विभिन्न गतिविधियाँ की जा रही हैं। जंगल के प्रबंधन के साथ-साथ बाँस का शेड एवं मचान बनाकर देशी बकरीपालन, मुर्गीपालन, खरगोशपालन, सुअरपालन, मछलीपालन आदि कार्य किया जा रहा है। साथ ही खरीफ फसल जैविक जिमीकंद, हल्दी बीज का उपचार कर तकनीकी विधि इंटरक्रॉपिंग से बुआई की जा रही है और बीज बैंक की स्थापना भी की गई है। इसके उपरांत वन संसाधन के संरक्षण, प्रबंधन पर विशेष बल दिया जा रहा है।
  • वन अधिकार प्राप्त हितग्राहियों को आजीविका के लिये मत्स्य एवं जलाशयों के अन्य उत्पाद, चारागाह के उपयोग के लिये वन अधिकार दिये जाने हेतु विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। शासकीय योजनाओं के अभिसरण से व्यक्तिगत वन अधिकार-पत्र धारकों को दावा पश्चात् सहायता यथा भूमि समतलीकरण, मेड़-बंधान, खाद-बीज, सिंचाई उपकरण संबंधी सहायता भी प्रदान की जा रही है। साथ ही इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं किसान सम्मान निधि योजना से भी लाभान्वित किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्यपाल ने वीर बाल दिवस के अवसर पर साहसी वीर बालक और बालिकाओं को किया सम्मानित

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने वीर बाल दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के साहसी वीर बालक और बालिकाओं को सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के तत्त्वावधान में वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन राजभवन में किया गया। इस दौरान राज्यपाल ने सम्मानित चार बहादुर बालक-बालिकाओं को स्वेच्छा अनुदान मद से आर्थिक सहायता राशि प्रदाय करने की बात कही।
  • वीर बाल दिवस के अवसर पर राजभवन में सम्मानित हुए चार बच्चों ने जो साहसिक कार्य किये हैं, वो अत्यंत प्रेरणादायी हैं। इन चार बच्चों में शामिल हैं- रायपुर ज़िले के टिकरापारा की रहने वाली 12 वर्षीय उन्नति शर्मा, दुर्ग ज़िले के 11 वर्षीय दुर्गेश सोनकर, बेमेतरा ज़िले के खमरिया क्षेत्र के बालक सीताराम यादव और कांकेर ज़िले के भानुप्रतापपुर की रहने वाली जंबावती भूआर्य।
  • उल्लेखनीय है कि सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेहसिंह जी के द्वारा 26 दिसंबर को सिक्ख धर्म के गौरव की रक्षा के लिये क्रमश: 09 और 06 वर्ष की आयु में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया गया। गुरु गोविंद सिंह के पुत्र जुझार सिंह और अजित सिंह ने भी धर्म की रक्षा में अपनी शहादत दी थी।
  • छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी द्वारा गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के बलिदानी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्र सरकार के साथ सतत् पत्राचार किया गया। फलस्वरूप सिक्ख समुदाय के सम्मान स्वरूप वीर बाल दिवस मनाये जाने की घोषणा की गई थी।

उत्तराखंड Switch to English

आचार्य पं. इंदु प्रकाश को मिला ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान’

चर्चा में क्यों?

26 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में पाँचवें अमर उजाला-ग्राफिक एरा ज्योतिष महाकुंभ-2022 के समापन पर ज्योतिषियों को सम्मानित किया। इसके अंतर्गत आचार्य पं. इंदु प्रकाश को विधाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान’ प्रदान किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि इससे पहले यह सम्मान सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर बेजन दारूवाला, पं. के.ए. दुबे पद्मेश, वास्तुविद् पं. सतीश शर्मा और आचार्य अजय भांबी को दिया जा चुका है।
  • विदित है कि दो-दिवसीय अमर उजाला-ग्राफिक एरा ज्योतिष महाकुंभ-2022 का शुभारंभ 25 दिसंबर को हुआ था।

उत्तराखंड Switch to English

हेलीकॉप्टर से पर्यटक कर सकेंगे अब हिमालय दर्शन

चर्चा में क्यों?

25 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये तथा साहसिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये राज्य में एयरो पर्यटन को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। एयरो पर्यटन से पर्यटक अब हेलीकॉप्टर से हिमालय के दर्शन कर सकेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि पर्यटन विभाग ने एयरो पर्यटन को बढ़ावा देने को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट से हिमालय दर्शन सेवा शुरू की है, जिसमें पर्यटक हेलीकॉप्टर से हिमालय की सुंदरता को निहार सकते हैं।
  • इसी तर्ज पर पिथौरागढ़ के टनकपुर और बैरागी कैंप ऋषिकेश से हिमालय दर्शन सेवा शुरू करने की तैयारी है। इसके लिये बैरागी कैंप और टनकपुर का चयन किया गया है, जहाँ पर पर्यटक हेलीकॉप्टर के माध्यम से हिमालय के दर्शन कर सकेंगे।
  • उन्होंने बताया कि हिमालय दर्शन सेवा के लिये 40 मिनट के टूर पैकेज में प्रति यात्री पाँच हज़ार और डेढ़ घंटे के टूर पैकेज में 10 हज़ार प्रति यात्री किराया निर्धारित किया जा रहा है। इसके लिये हेलीकॉप्टर कंपनियों के साथ वार्ता चल रही है और जल्द ही योजना को शुरू किया जाएगा।

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एसएमएस अलर्ट
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