उत्तर प्रदेश Switch to English
रक्षा मंत्री ने लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई की आधारशिला रखी
चर्चा में क्यों?
26 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस क्रूज मिसाइल निर्माण इकाई और डीआरडीओ की रक्षा प्रौद्योगिकी परीक्षण केंद्र की आधारशिला रखी।
प्रमुख बिंदु
- ब्रह्मोस भारतीय सेना के लिये अगली पीढ़ी की सुपरसोनिक मिसाइल विकसित करने हेतु भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा एनपीओएम, रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
- ब्रह्मोस परियोजना से 5,500 नए रोज़गार के अवसर पैदा होने का अनुमान है, जबकि सहायक आपूर्ति श्रृंखला अतिरिक्त 10,000 रोजगार पैदा करेगी।
- उल्लेखनीय है कि भारतीय रक्षा बलों के तीनों अंगों-थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने पहले ही ब्रह्मोस उन्नत हथियार प्रणाली को शामिल कर लिया है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री ने किया छात्रों को स्मार्टफोन, टैबलेट वितरण कार्य का शुभारंभमुख्यमंत्री ने किया छात्रों को स्मार्टफोन, टैबलेट वितरण कार्य का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के युवाओं को सशक्त बनाने की एक अन्य पहल में, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर एक करोड़ मुफ्त स्मार्टफोन और टैबलेट के वितरण कार्य का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने लखनऊ के भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में अंतिम वर्ष के छात्रों को एक लाख स्मार्टफोन और टैबलेट प्रदान किये।
- इस कार्यक्रम में राज्य के हर ज़िले से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इन स्मार्टफोन और टैबलेट के ज़रिये उन्हें न सिर्फ पढ़ाई का कंटेंट मिलेगा, बल्कि रोज़गार से जुड़ी जानकारियाँ भी मिलेंगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई घोषणा के अनुसार राज्य के एक करोड़ युवाओं को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिये उन्हें मुफ्त स्मार्टफोन और टैबलेट दिये जाएंगे। इसी के तहत उन्होंने पहले चरण में युवाओं को 60,000 स्मार्टफोन और 40,000 टैबलेट बाँटे।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘डिजी शक्ति पोर्टल’और ‘डिजी शक्ति अध्ययन ऐप’का भी शुभारंभ किया। डिजी शक्ति अध्ययन ऐप सभी स्मार्टफोन और टैबलेट पर इंस्टॉल किया गया है।
- डिजी शक्ति अध्ययन ऐप के माध्यम से संबंधित विश्वविद्यालय या विभाग छात्रों को अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराएगा। इसके साथ ही बूट लोगो और वॉलपेपर के माध्यम से सरकार की ओर से रोज़गार संबंधी योजनाओं और ऐसी ही अन्य युवा कल्याण योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।
- विशेष सचिव (आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स) कुमार विनीत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के युवाओं को सशक्त बनाने के लिये विस्तृत योजनाएँ बनाई हैं। स्मार्टफोन और टैबलेट के माध्यम से युवाओं को पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षाओं और रोज़गार के लिये उत्कृष्ट सामग्री प्रदान की जाएगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
- उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में अंतिम वर्ष में पढ़ने वाले राज्य के युवाओं को मुफ्त स्मार्टफोन और टैबलेट दिये जाएंगे। इसके बाद कार्यक्रमों का आयोजन कर ज़िलों में स्थानीय स्तर पर स्मार्टफोन व टैबलेट का वितरण किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश Switch to English
सुशासन सूचकांक, 2021 में उत्तर प्रदेशसुशासन सूचकांक, 2021 में उत्तर प्रदेश
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को सुशासन दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा सुशासन सूचकांक जारी किया गया, जिसमें ग्रुप ‘बी’में उत्तर प्रदेश को 5वीं रैंक प्राप्त हुई है।
प्रमुख बिंदु
- जीजीआई-2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार श्रेणियों- समूह ए, समूह बी, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बाँटकर रैंकिंग दी गई है। जीजीआई-2021 तैयार करने के लिये 10 क्षेत्रों के 58 संकेतकों पर विचार किया गया है।
- उत्तर प्रदेश ने सुशासन सूचकांक की समग्र रैंकिंग में 4.628 स्कोर के साथ ग्रुप ‘बी’में 5वीं रैंक प्राप्त की है, वहीं मध्य प्रदेश को ग्रुप ‘बी’में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। तथा गुजरात ने ग्रुप ‘ए’में प्रथम रैंक प्राप्त की है।
- उत्तर प्रदेश ने पिछले सूचकांक (2019) की तुलना में अपने स्कोर में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि की है। पिछली बार इसका स्कोर 4.25 था, जो अब बढ़कर 4.63 हो गया है।
- उत्तर प्रदेश ने मूलत: समाज कल्याण एवं विकास तथा न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा क्षेत्र में सुधार किया है।
- सुशासन सूचकांक 10 क्षेत्रों पर आधारित है, जिसमें उत्तर प्रदेश की रैंकिंग तथा स्कोर निम्नलिखित हैं-
क्षेत्र |
उत्तर प्रदेश की रैंकिंग |
स्कोर |
1. कृषि और संबद्ध क्षेत्र |
7वीं |
0.435 |
2. वाणिज्य एवं उद्योग क्षेत्र |
प्रथम |
0.680 |
3. मानव संसाधन विकास क्षेत्र |
द्वितीय |
0.568 |
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र |
8वीं |
0.167 |
5. सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र |
7वीं |
0.537 |
6. आर्थिक शासन क्षेत्र |
7वीं |
0.337 |
7. समाज कल्याण एवं विकास |
7वीं |
0.448 |
8. न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा |
तृतीय |
0.322 |
9. पर्यावरण क्षेत्र |
चतुर्थ |
0.333 |
10. नागरिक केंद्रित शासन |
द्वितीय |
0.802 |
बिहार Switch to English
सुशासन सूचकांक, 2021 में बिहार
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को सुशासन दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा सुशासन सूचकांक जारी किया गया, जिसमें ग्रुप ‘बी’में बिहार को 6वीं रैंक प्राप्त हुई है।
प्रमुख बिंदु
- जीजीआई-2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार श्रेणियों- समूह ए, समूह बी, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बाँटकर रैंकिंग दी गई है। जीजीआई-2021 तैयार करने के लिये 10 क्षेत्रों के 58 संकेतकों पर विचार किया गया है।
- बिहार ने सुशासन सूचकांक की समग्र रैंकिंग में 4.624 स्कोर के साथ ग्रुप ‘बी’में 6वीं रैंक प्राप्त किया है, वहीं मध्य प्रदेश ने इस ग्रुप में प्रथम रैंक प्राप्त किया है तथा गुजरात ने ग्रुप ‘ए’में प्रथम रैंक प्राप्त की है।
- बिहार ने पिछले सूचकांक (2019) की तुलना में अपने स्कोर में 5 प्रतिशत की वृद्धि की है। पिछली बार इसका स्कोर 4.40 था, जो अब बढ़कर 4.624 हो गया है।
- बिहार ने मूलत: सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता, समाज कल्याण एवं विकास क्षेत्र तथा न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा क्षेत्र में सुधार किया है।
- सुशासन सूचकांक 10 क्षेत्रों पर आधारित है, जिसमें बिहार की रैंकिंग तथा स्कोर निम्नलिखित हैं-
क्षेत्र |
बिहार की रैंकिंग |
स्कोर |
1. कृषि और संबद्ध क्षेत्र |
6वीं |
0.442 |
2. वाणिज्य एवं उद्योग क्षेत्र |
7वीं |
0.626 |
3. मानव संसाधन विकास क्षेत्र |
तृतीय |
0.507 |
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र |
तृतीय |
0.287 |
5. सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र |
प्रथम |
0.754 |
6. आर्थिक शासन क्षेत्र |
5वीं |
0.417 |
7. समाज कल्याण एवं विकास |
8वीं |
0.385 |
8. न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा |
7वीं |
0.227 |
9. पर्यावरण क्षेत्र |
7वीं |
0.330 |
10. नागरिक केंद्रित शासन |
चतुर्थ |
0.469 |
राजस्थान Switch to English
सुशासन सूचकांक, 2021 में राजस्थान
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को सुशासन दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा सुशासन सूचकांक जारी किया गया, जिसमें ग्रुप ‘बी’में राजस्थान को द्वितीय रैंक प्राप्त हुई है।
प्रमुख बिंदु
- जीजीआई-2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार श्रेणियों- समूह ए, समूह बी, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बाँटकर रैंकिंग दी गई है। जीजीआई-2021 तैयार करने के लिये 10 क्षेत्रों के 58 संकेतकों पर विचार किया गया है।
- राजस्थान ने सुशासन सूचकांक की समग्र रैंकिंग में 4.884 स्कोर के साथ ग्रुप ‘बी’में द्वितीय रैंक प्राप्त किया है, वहीं मध्य प्रदेश ने इस ग्रुप में प्रथम रैंक प्राप्त किया है तथा गुजरात ने ग्रुप ‘ए’में प्रथम रैंक प्राप्त की है।
- राजस्थान ने पिछले सूचकांक (2019) की तुलना में अपने स्कोर में 1.7 प्रतिशत की वृद्धि की है। पिछली बार इसका स्कोर 4.80 था, जो अब बढ़कर 4.88 हो गया है।
- सुशासन सूचकांक 10 क्षेत्रों पर आधारित है, जिसमें राजस्थान की रैंकिंग तथा स्कोर निम्नलिखित हैं-
क्षेत्र |
राजस्थान की रैंकिंग |
स्कोर |
1. कृषि और संबद्ध क्षेत्र |
चतुर्थ |
0.501 |
2. वाणिज्य एवं उद्योग क्षेत्र |
5वीं |
0.638 |
3. मानव संसाधन विकास क्षेत्र |
7वीं |
0.398 |
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र |
6वीं |
0.249 |
5. सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र |
8वीं |
0.525 |
6. आर्थिक शासन क्षेत्र |
8वीं |
0.290 |
7. समाज कल्याण एवं विकास |
तृतीय |
0.606 |
8. न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा |
प्रथम |
0.417 |
9. पर्यावरण क्षेत्र |
प्रथम |
0.377 |
10. नागरिक केंद्रित शासन |
प्रथम |
0.883 |
मध्य प्रदेश Switch to English
‘तानसेन समारोह’
चर्चा में क्यों?
26 दिसंबर, 2021 को भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव विश्व संगीत समागम ‘तानसेन समारोह’का संगीतधानी ग्वालियर में भव्य एवं रंगारंग शुभारंभ हुआ।
प्रमुख बिंदु
- ग्वालियर के हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन की समाधि के समीप सिद्धेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर अतिथियों ने कन्या पूजन कर तानसेन समारोह का विधिवत शुभारंभ किया गया।
- समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में देश के सुप्रतिष्ठित सितार वादक पं. कार्तिक कुमार (मुंबई) और सुविख्यात घट्म वादक पँभूषण पं. विक्कू विनायकरम (चेन्नई) को क्रमश: वर्ष 2013 और 2014 के ‘राष्ट्रीय कालिदास सम्मान’से अलंकृत किया गया।
- दोनों मूर्धन्य संगीत साधकों को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान के रूप में 2 लाख रुपए की आयकर मुक्त सम्मान राशि, प्रशस्ति पटिेका एवं शॉल-श्रीफल भेंट किये गए।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तानसेन अलंकरण एवं कालिदास अलंकरण की सम्मान राशि को बढ़ाकर 5-5 लाख रुपए करने तथा तानसेन समारोह की तर्ज़ पर संगीत सम्राट तानसेन के समकालीन महान संगीत मनीषी बैजू बावरा की स्मृति में ‘बैजू बावरा समारोह’का आयोजन भी शुरू करने की घोषणा की।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि महान संगीत मनीषी तानसेन की याद में आयोजित होने वाले तानसेन समारोह का शताब्दीवाँ समारोह वर्ष 2024 में धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाएगा।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय नागरिक उडन्न्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य अतिथियों ने पं. रविशंकर पर केंद्रित एक पुस्तक का विमोचन भी पर किया।
- गौरतलब है कि सिंधिया राज्यकाल में ही सन् 1924 में तानसेन समारोह का शुभारंभ हुआ था। यह 97वाँ तानसेन समारोह है।
मध्य प्रदेश Switch to English
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022-23 भोपाल में होंगे
चर्चा में क्यों?
26 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में वर्ष 2022-23 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेज़बानी भोपाल शहर में किये जाने तथा खेलो इंडिया योजना के प्रथम चरण में ग्राम नाथू बरखेड़ा में 20.42 हेक्टेयर भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश के खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि ग्राम नाथू बरखेड़ा भोपाल में निर्मित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण एवं उपकरण पर लगभग 176.59 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।
- यह कार्य तीन चरणों में किया जाएगा, जिसमें पहले चरण में भोपाल में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022-23 के आयोजन शामिल हैं।
- द्वितीय चरण में ग्राम नाथू बरखेड़ा भोपाल में इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तथा तृतीय चरण में क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।
- स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लगभग 10 हज़ार लोगों की क्षमता वाले फुटबॉल स्टेडियम, 4 हज़ार क्षमता के दो हॉकी स्टेडियम, पार्किंग, इंटर्नल एवं सर्विस मार्ग, लैंडस्केपिंग, हॉर्टिकल्चर, सोलर पैनल, बाउंड्री वाल, गेट, गॉर्डरूम, सीवेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइट आदि से लैस होगा।
मध्य प्रदेश Switch to English
जैव-विविधता संरक्षण के लिये 9 ज़िलों में विकसित होंगे आयुष वन
चर्चा में क्यों?
26 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव को चिर-स्थाई बनाने के लिये प्रदेश के 9 ज़िलों में आयुष वन विकसित किये जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- वन मंत्री ने बताया कि अगले साल पन्ना, भोपाल, गुना, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, अलीराजपुर, शहडोल और अनूपपुर ज़िले में 450 हेक्टेयर क्षेत्र में आयुष वन विकसित किये जाएंगे। इसी तरह वर्ष 2023-24 में स्थानीय प्रजातियों और जड़ी-बूटी वाले पौधों का रोपण कराया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि नर्मदा उद्गम स्थल के पास 50 हेक्टेयर क्षेत्र में आयुष वन की स्थापना की जा चुकी है। इस व्यवस्था से औषधीय पौधे लगने से पर्यटकों के लिये प्रकृति दर्शन का आकर्षण केंद्र बनेगा।
- वन मंत्री ने बताया कि जैव-विविधता संरक्षण के लिये विभाग द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने की दिशा में जैव-विविधता को बचाना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने विश्वास दिलाया। कि आयुष वन जैसे स्थल पर्यावरण ज्ञान केंद्र के रूप में उपयोगी होंगे।
मध्य प्रदेश Switch to English
सुशासन सूचकांक, 2021 में मध्य प्रदेश
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को सुशासन दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा सुशासन सूचकांक जारी किया गया, जिसमें ग्रुप ‘बी’में मध्य प्रदेश को प्रथम रैंक प्राप्त हुई है।
प्रमुख बिंदु
- जीजीआई-2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार श्रेणियों- समूह ए, समूह बी, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बाँटकर रैंकिंग दी गई है। जीजीआई-2021 तैयार करने के लिये 10 क्षेत्रों के 58 संकेतकों पर विचार किया गया है।
- मध्य प्रदेश ने सुशासन सूचकांक की समग्र रैंकिंग में 4.887 स्कोर के साथ ग्रुप ‘बी’में प्रथम रैंक प्राप्त किया है, वहीं गुजरात ने ग्रुप ‘ए’में प्रथम रैंक प्राप्त की है।
- मध्य प्रदेश ने पिछले सूचकांक (2019) की तुलना में अपने स्कोर में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि की है। पिछली बार इसका स्कोर 4.85 था, जो अब बढ़कर 4.89 हो गया है।
- मध्य प्रदेश ने मूलत: सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र तथा समाज कल्याण एवं विकास क्षेत्र में सुधार किया है।
- सुशासन सूचकांक 10 क्षेत्रों पर आधारित है, जिसमें मध्य प्रदेश की रैंकिंग तथा स्कोर निम्नलिखित हैं-
क्षेत्र |
मध्यप्रदेश की रैंकिंग |
स्कोर |
1. कृषि और संबद्ध क्षेत्र |
प्रथम |
0.652 |
2. वाणिज्य एवं उद्योग क्षेत्र |
चतुर्थ |
0.646 |
3. मानव संसाधन विकास क्षेत्र |
8वीं |
0.380 |
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र |
7वीं |
0.185 |
5. सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र |
द्वितीय |
0.662 |
6. आर्थिक शासन क्षेत्र |
द्वितीय |
0.477 |
7. समाज कल्याण एवं विकास |
द्वितीय |
0.666 |
8. न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा |
5वीं |
0.282 |
9. पर्यावरण क्षेत्र |
6वीं |
0.308 |
10. नागरिक केंद्रित शासन |
5वीं |
0.627 |
हरियाणा Switch to English
हरियाणा कौशल रोज़गार निगम पोर्टल लॉन्च
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य स्तरीय सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हरियाणा कौशल रोज़गार निगम का पोर्टल लॉन्च किया व व्यवस्था परिवर्तन से सुशासन पत्रिका तथा वर्ष-2022 के कैलेंडर का भी विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने अनेक घोषणाएँ भी की।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने कहा कि वर्ष-2022 को सुशासन अंत्योदय उत्थान वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। इसी प्रकार, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली डायल-112 को मूक-बधिर दिव्यांगजन के लिये सुगम बनाया जाएगा। वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उनकी समस्या को साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट के माध्यम से समझकर उन्हें तुरंत पुलिस सहायता मुहैया करवाई जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्म्स लाइसेंस बनवाने के लिये रोहतक और पंचकूला में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें पुलिस वेरिफिकेशन का कार्य सेवा के अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के बाद प्रदेश स्तर पर सभी ज़िलों में आर्म्स लाइसेंस की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आर्म्स लाइसेंस को सुरक्षा की दृष्टि से जारी किया जाएगा, न कि प्रतिष्ठा के लिये।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जन-वितरण प्रणाली को परिवार पहचान-पत्र से जोड़ दिया गया है। जनवरी-2022 से राशन डिपो पर राशनकार्ड ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि परिवार पहचान-पत्र से ही राशन मिलना संभव होगा। परिवार के सदस्यों की संख्या जुड़ने या घटने का हिसाब भी परिवार पहचान-पत्र के माध्यम से होगा।
- परिवार पहचान-पत्र के साथ जन्म-मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य किया गया है और भविष्य में विवाह पंजीकरण को भी इसके साथ जोड़ दिया जाएगा।
- उन्होंने इस अवसर पर गुरुग्राम में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में अटल पार्क एवं स्मृति केंद्र बनाने की घोषणा की। इस पार्क में आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
हरियाणा Switch to English
सुशासन सूचकांक, 2021 में हरियाणा
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को सुशासन दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा सुशासन सूचकांक जारी किया गया, जिसमें ग्रुप ‘ए’में हरियाणा को चतुर्थ रैंक प्राप्त हुआ है। वहीं गुजरात को प्रथम रैंक प्राप्त हुई है।
प्रमुख बिंदु
- जीजीआई-2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार श्रेणियों- समूह ए, समूह बी, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बाँटकर रैंकिंग दी गई है। जीजीआई-2021 तैयार करने के लिये 10 क्षेत्रों के 58 संकेतकों पर विचार किया गया है।
- हरियाणा ने सुशासन सूचकांक की समग्र रैंकिंग में 5.327 स्कोर के साथ ग्रुप ‘ए’में चतुर्थ रैंक प्राप्त की है।
- हरियाणा के पिछले सूचकांक (2019) की तुलना में इस वर्ष के स्कोर में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछली बार इसका स्कोर 5.00 था, जो अब बढ़कर 5.33 हो गया है।
- हरियाणा ने मूलत: कृषि और संबद्ध क्षेत्र, सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र, आर्थिक शासन क्षेत्र तथा समाज कल्याण एवं विकास क्षेत्र में सुधार किया है।
- सुशासन सूचकांक 10 क्षेत्रों पर आधारित है, जिसमें हरियाणा की रैंकिंग तथा स्कोर निम्नलिखित हैं-
क्षेत्र |
हरियाणा की रैंकिंग |
स्कोर |
1. कृषि और संबद्ध क्षेत्र |
द्वितीय |
0.507 |
2. वाणिज्य एवं उद्योग क्षेत्र |
चतुर्थ |
0.657 |
3. मानव संसाधन विकास क्षेत्र |
द्वितीय |
0.696 |
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र |
10वीं |
0.431 |
5. सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र |
तृतीय |
0.791 |
6. आर्थिक शासन क्षेत्र |
6वीं |
0.570 |
7. समाज कल्याण एवं विकास |
10वीं |
0.392 |
8. न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा |
9वीं |
0.213 |
9. पर्यावरण क्षेत्र |
9वीं |
0.153 |
10. नागरिक केंद्रित शासन |
प्रथम |
0.914 |
झारखंड Switch to English
बिरसा मुंडा संगीत और नृत्य महोत्सव
चर्चा में क्यों?
25-26 दिसंबर, 2021 को झारखंडवासियों के बीच कला और संस्कृति के महत्त्व को बढ़ावा देने के लिये, एमिटी विश्वविद्यालय, झारखंड द्वारा पंडित चंद्र कुमार मलिक मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से दोदिवसीय बिरसा मुंडा संगीत और नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राज्यपाल ने पद्मश्री से सम्मानित मधु मंसूरी हसमुख, कलाकार नीलेश मलिक, पंडित राजकुमार झा, प्रो. मोहम्मद, मंजूषा रंजन, सचिन कुमार, गार्गी मलखानी, श्रीजीत चटर्जी और अशोक दास को सम्मानित किया।
- इसके साथ ही राज्यपाल ने एमिटी विश्वविद्यालय, झारखंड के शैक्षणिक उपलब्धि पुरस्कार 2021 संकाय सदस्य डॉ. जयता चटेोपाध्याय और डॉ. सुमीरा मलिक को प्रदान किया।
झारखंड Switch to English
एकीकृत कृषि क्लस्टर
चर्चा में क्यों?
24 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव एनएन सिन्हा ने राज्य की राजधानी राँची में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत एकीकृत कृषि क्लस्टर पहल का अनावरण किया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि इस एकीकृत कृषि क्लस्टर पहल का अनावरण झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
- कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिन्हा ने राज्य में सखी मंडलों के माध्यम से आजीविका सशक्तिकरण के लिये किये जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने राज्यों में आजीविका संसाधन केंद्र और दीदी बगिया योजना सहित अन्य गतिविधियों को लागू करें।
- उन्होंने कहा कि दूर-दराज के गाँवों के अंतिम परिवारों को मज़बूत आजीविका से जोड़ने के लिये राज्य स्तर से सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करें, ताकि लाभार्थियों को सभी योजनाओं का लाभ एकीकृत तरीके से मिल सके।
- एकीकृत कृषि क्लस्टर के शुभारंभ पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सचिव ने सभी एनआरईटीपी राज्यों को सूक्ष्म नियोजन को प्रभावी तरीके से करने की सलाह दी, ताकि ग्रामीण समुदाय इस पहल से लाभान्वित हो सके।
- उन्होंने कहा कि सखी मंडलों के संगठनों को क्लस्टर स्तर के महासंघ को और मज़बूत करना चाहिये, ताकि आने वाले दिनों में यह एक मॉडल के रूप में विकसित हो सके और इससे आजीविका एवं सामाजिक समावेश को गति मिल सके। उन्होंने सभी राज्यों से प्रोड्यूसर इंटरप्राइज के काम में तेज़ी लाने को कहा।
- राज्य ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन ने कहा कि ड्रिप सिंचाई से महिलाओं की आय दोगुनी हो गई है और लोगों की आय बहुफसलों तथा पशुपालन से बढ़ रही है। प्रशिक्षण के माध्यम से विभिन्न संवर्गों की क्षमता निर्माण, पीवीटीजी परिवारों के वित्तीय समावेशन को सशक्त बनाना, विभिन्न कौशल गतिविधियों में महिलाओं को शामिल करना राज्य की प्राथमिकता है, जिससे ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा मिलेगा।
- भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव चरणजीत सिंह ने एकीकृत कृषि क्लस्टर के बारे में बताते हुए कहा कि इस पहल का उद्देश्य किसानों को ‘अंत से अंत तक समाधान’ प्रदान करना है। उन्होंने झारखंड के पलाश ब्रांड और आदिवा ब्रांड की प्रशंसा की तथा अन्य राज्यों को झारखंड की इस पहल से सीखने को कहा।
झारखंड Switch to English
सुशासन सूचकांक, 2021 में झारखंड
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को सुशासन दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा सुशासन सूचकांक जारी किया गया, जिसमें ग्रुप ‘बी’में झारखंड को चतुर्थ रैंक प्राप्त हुई है।
प्रमुख बिंदु
- जीजीआई-2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार श्रेणियों- समूह ए, समूह बी, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बाँटकर रैंकिंग दी गई है। जीजीआई-2021 तैयार करने के लिये 10 क्षेत्रों के 58 संकेतकों पर विचार किया गया है।
- झारखंड ने सुशासन सूचकांक की समग्र रैंकिंग में 4.763 स्कोर के साथ ग्रुप ‘बी’में चतुर्थ रैंक प्राप्त किया है, वहीं मध्य प्रदेश को ग्रुप ‘बी’में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। गुजरात ने ग्रुप ‘ए’में प्रथम रैंक प्राप्त की है।
- झारखंड ने पिछले सूचकांक (2019) की तुलना में अपने स्कोर में 12.6 प्रतिशत की वृद्धि की है। पिछली बार इसका स्कोर 4.23 था, जो अब बढ़कर 4.76 हो गया है।
- झारखंड ने मूलत: कृषि और संबद्ध क्षेत्र, सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र, सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र तथा समाज कल्याण एवं विकास क्षेत्र में सुधार किया है।
- सुशासन सूचकांक 10 क्षेत्रों पर आधारित है, जिसमें झारखंड की रैंकिंग तथा स्कोर निम्नलिखित हैं-
क्षेत्र |
झारखंड की रैंकिंग |
स्कोर |
1. कृषि और संबद्ध क्षेत्र |
तृतीय |
0.509 |
2. वाणिज्य एवं उद्योग क्षेत्र |
6वीं |
0.629 |
3. मानव संसाधन विकास क्षेत्र |
6वीं |
0.417 |
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र |
द्वितीय |
0.481 |
5. सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र |
तृतीय |
0.636 |
6. आर्थिक शासन क्षेत्र |
तृतीय |
0.442 |
7. समाज कल्याण एवं विकास |
5वीं |
0.516 |
8. न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा |
चतुर्थ |
0.287 |
9. पर्यावरण क्षेत्र |
तृतीय |
0.335 |
10. नागरिक केंद्रित शासन |
8वीं |
0.510 |
छत्तीसगढ़ Switch to English
‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’के स्टॉल को अंतर्राष्ट्रीय हर्बल मेला में मिला प्रथम स्थान
चर्चा में क्यों?
22 से 26 दिसंबर, 2021 तक मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित 8वें अंतर्राष्ट्रीय हर्बल मेला में ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’के स्टॉल को प्रथम स्थान हासिल हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इस मेले में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’का स्टॉल लगाया गया था। मेले में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के 120 से अधिक उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। ये उत्पाद राज्य के नैसर्गिक वनों पर उत्पन्न होने वाली ऐसी लघु वनोपजों से तैयार किये जाते हैं, जो जैविक-प्रमाणित होती हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय हर्बल मेला में छत्तीसगढ़ के हर्बल उत्पादों के स्टॉल को प्रथम स्थान प्राप्त होने के साथ ही राज्य को एक और विशेष उपलब्धि हासिल हुई है। मध्य प्रदेश के वन मंत्री ने भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स के स्टॉल का अवलोकन कर छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के कार्यों और इनके उत्पादों की सराहना की।
- मेले में 23 दिसंबर को आयोजित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में राज्य के कच्चे लघु वनोपज के थोक विक्रय हेतु लगभग एक करोड़ रुपए की राशि के अनुबंध किये गए, जिसमें हर्रा कचरिया, बहेड़ा कचरिया, साबुत हर्रा, साबुत बहेड़ा तथा कालमेघ जैसी वनोपज सम्मिलित हैं।
- मेले में छत्तीसगढ़ हर्बल्स विक्रय श्रृंखला का मध्य प्रदेश राज्य में विस्तार करने के प्रयासों को भी अच्छी सफलता प्राप्त हो रही है तथा निकट भविष्य में ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’के उत्पादों का विक्रय मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में होने की संभावना बढ़ गई है।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने बताया कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों के निर्माण में लगने वाली लघु वनोपजों का संग्रहण राज्य के वनों तथा उसके आसपास रहने वाले आदिवासी एवं अन्य ग्रामीण समुदायों द्वारा किया जाता है। इन संग्राहकों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है।
- वनों से संग्रहित इन वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण के उपरांत उसे वन-धन केंद्रों में लाया जाता है, जहाँ उनका प्रसंस्करण तथा मूल्यवर्धन कर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद निर्मित किये जाते हैं। इन उत्पादों का विक्रय ‘संजीवनी विक्रय केंद्र’के माध्यम से तथा अमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॅार्म से किया जाता है।
- छत्तीसगढ़ में लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन के इस कार्य में 7000 से अधिक महिला स्वसहायता समूह कार्यरत् हैं, जिनमें से अधिकांश अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
सुशासन सूचकांक 2021 में छत्तीसगढ़
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को सुशासन दिवस पर केंद्र सरकार द्वारा जारी सुशासन सूचकांक (गुड गवर्नेंस इंडेक्स), 2021 में ग्रुप बी के राज्यों में ‘सामाजिक कल्याण और विकास’में छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की ओर से तैयार इस इंडेक्स को राज्यों को सुशासन की कसौटी पर कसने के लिये जारी किया गया है।
- इस सूचकांक में गुजरात शीर्ष पर है, जबकि दूसरे व तीसरे स्थान पर क्रमश: महाराष्ट्र और गोवा हैं। सूचकांक के मुताबिक, 20 राज्यों ने वर्ष 2021 के समग्र जीजीआई अंकों में सुधार किया है।
- जीजीआई-2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार श्रेणियों- समूह ए, समूह बी, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बाँटकर रैंकिंग दी गई है। जीजीआई-2021 तैयार करने के लिये 10 क्षेत्रों के 58 संकेतकों पर विचार किया गया है।
- छत्तीसगढ़ में पिछले तीन सालों में योजनाओं के माध्यम से सभी क्षेत्रों में बेहतर कार्य किया गया है। इन विकास कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना भी मिल रही है। यही वजह है कि सामाजिक कल्याण और विकास के मापदंडों में छत्तीसगढ़ ग्रुप बी के राज्यों में टॉप पर है।
उत्तराखंड Switch to English
सुशासन सूचकांक, 2021 में उत्तराखंड
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2021 को सुशासन दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा सुशासन सूचकांक जारी किया गया, जिसमें उत्तर-पूर्व एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड को तृतीय रैंक प्राप्त हुई है।
प्रमुख बिंदु
- जीजीआई-2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार श्रेणियों- समूह ए, समूह बी, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बाँटकर रैंकिंग दी गई है। जीजीआई-2021 तैयार करने के लिये 10 क्षेत्रों के 58 संकेतकों पर विचार किया गया है।
- उत्तराखंड ने सुशासन सूचकांक की समग्र रैंकिंग में 4.842 स्कोर के साथ उत्तर-पूर्व एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में तृतीय रैंक प्राप्त की है।
- उत्तराखंड के पिछले सूचकांक (2019) की तुलना में इस वर्ष के स्कोर में 0.5 प्रतिशत की कमी हुई है। पिछली बार इसका स्कोर 4.87 था, जो अब घटकर 4.84 हो गया है।
- उत्तराखंड ने मूलत: कृषि और संबद्ध क्षेत्र, सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र तथा न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा क्षेत्र में सुधार किया है।
- सुशासन सूचकांक 10 क्षेत्रों पर आधारित है, जिसमें उत्तराखंड की रैंकिंग तथा स्कोर निम्नलिखित हैं-
क्षेत्र |
उत्तराखंड की रैंकिंग |
स्कोर |
1. कृषि और संबद्ध क्षेत्र |
7वीं |
0.386 |
2. वाणिज्य एवं उद्योग क्षेत्र |
तृतीय |
0.650 |
3. मानव संसाधन विकास क्षेत्र |
द्वितीय |
0.607 |
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र |
7वीं |
0.451 |
5. सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिता क्षेत्र |
8वीं |
0.627 |
6. आर्थिक शासन क्षेत्र |
तृतीय |
0.447 |
7. समाज कल्याण एवं विकास |
6वीं |
0.484 |
8. न्यायिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा |
द्वितीय |
0.493 |
9. पर्यावरण क्षेत्र |
8वीं |
0.138 |
10. नागरिक केंद्रित शासन |
प्रथम |
0.560 |
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