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एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार एक एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति (Integrated Clean Energy Policy) शुरू करने के लिये तैयार है, जिसमें ऊर्जा क्षेत्र में कई नए प्रोत्साहन शामिल हैं, जिनमें पंप भंडारण, हरित हाइड्रोजन, बैटरी भंडारण और जैव-ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्र शामिल हैं।
- जयपुर में राज्य सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों के साथ 6.57 लाख करोड़ रुपए के समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
मुख्य बिंदु
- ऊर्जा पूर्व शिखर सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य राजस्थान को एक ऊर्जा-अधिशेष राज्य बनाना है, जो अपनी ऊर्जा मांगों को पूर्ण करने में सक्षम हो तथा दूसरों की सहायता कर सके।
- नवीकरणीय ऊर्जा की ओर परिवर्तन:
- मुख्यमंत्री ने नई स्वच्छ ऊर्जा नीति के महत्व पर चर्चा की और राजस्थान में नवीकरणीय ऊर्जा के विकास की दिशा में ध्यान केंद्रित किया। इस नीति के अंतर्गत 2,245 मेगावाट क्षमता वाले विश्वस्तरीय सौर पार्क की स्थापना की जाएगी, जिससे 325 दिनों से अधिक की वार्षिक धूप का उपयोग किया जा सकेगा।
- नीति का उद्देश्य सौर, पवन और हाइब्रिड प्रौद्योगिकियों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में राजस्थान की क्षमता का लाभ उठाना है।
- शिखर सम्मेलन पूर्व एवं निवेश प्रस्ताव:
- ऊर्जा प्री-शिखर सम्मेलन का आयोजन दिसंबर में होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 से पहले किया गया।
- हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों (MoU) में सौर, पवन, हरित हाइड्रोजन, हाइब्रिड सिस्टम, पंप भंडारण, बैटरी भंडारण और हरित अमोनिया से संबंधित प्रस्तावित परियोजनाएँ शामिल हैं।
- रोज़गार सृजन और आर्थिक प्रभाव:
- निवेश प्रस्तावों से जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के माध्यम से राजस्थान में लगभग 70,000 नए रोजगार सृजित होने की आशा है।
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