बहुआयामी गरीबी सूचकांक : उत्तर प्रदेश तीसरा सर्वाधिक गरीब राज्य | उत्तर प्रदेश | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग के द्वारा बहुआयामी गरीबी सूचकांक जारी किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश सर्वाधिक गरीबी के मामले में तृतीय स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश की 37.79 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है, जो बिहार एवं झारखंड के बाद देश में सर्वाधिक है।
- उत्तर प्रदेश की 44.47 प्रतिशत जनसंख्या कुपोषण का शिकार है, जबकि सिक्किम देश का सबसे कम कुपोषित राज्य है।
- श्रावस्ती उत्तर प्रदेश का सबसे गरीब ज़िला है, जहाँ की 74.38 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है। वहीं बहराइच (71.88 प्रतिशत), बलरामपुर (69.45), लखीमपुर खीरी (59.95 प्रतिशत) एवं गोंडा (59.26 प्रतिशत) राज्य के सर्वाधिक गरीब ज़िले हैं।
- लखनऊ राज्य का सबसे कम गरीब ज़िला है, जहाँ के केवल 12.16 प्रतिशत लोग गरीब हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के सबसे कम गरीब ज़िले हैं- (1) लखनऊ (12.16 प्रतिशत), (2) कानपुर नगर (14.34 प्रतिशत), (3) गौतमबुद्ध नगर (17.08 प्रतिशत), (4) गाज़ियाबाद (17.47 प्रतिशत) एवं (5) झाँसी (20.27 प्रतिशत)।
- उत्तर प्रदेश को बहुआयामी गरीबी सूचकांक में 0.18 स्कोर प्राप्त हुआ है, जिसमें ग्रामीण एमपीआई स्कोर 0.21 एवं शहरी एमपीआई स्कोर 0.085 प्रतिशत है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस एसएन शुक्ला पर चलेगा अभियोग | उत्तर प्रदेश | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के एक मामले में भ्रष्टाचार व षडयंत्र के आरोपित लखनऊ पीठ के पूर्व न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला के खिलाफ अभियोग चलाने की मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- यह मामला लखनऊ में कानपुर रोड स्थित प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से जुड़ा है। 2017 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने प्रसाद इंस्टीट्यूट समेत देश के 46 मेडिकल कॉलेजों में मानक पूरे न करने पर नए प्रवेशों पर रोक लगा दी थी।
- जाँच एजेंसी की प्राथमिकी के अनुसार, 24 अगस्त, 2017 को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष एक और याचिका दायर की गई थी। याचिका पर 25 अगस्त, 2017 को न्यायमूर्ति शुक्ला की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई और उसी दिन संस्था के पक्ष में आदेश पारित किया गया। इसी मामले में न्यायमूर्ति शुक्ला पर भ्रष्टाचार का आरोप है।
- सीबीआई ने इस साल 16 अप्रैल को सेवानिवृत्त न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिये उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी थी।
- सीबीआई ने न्यायमूर्ति शुक्ला के अलावा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दूसी, प्रसाद शिक्षा न्यास के भगवान प्रसाद यादव और पलाश यादव, स्वयं ट्रस्ट और निजी व्यक्तियों भावना पांडे और सुधीर गिरि को भी FIR में नामजद किया था। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आपराधिक साज़िश) की धारा 120 बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत आरोप लगाए गए हैं।
बहुआयामी गरीबी सूचकांक, 2021 के अनुसार बिहार देश का सबसे गरीब राज्य | बिहार | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक, 2021 में बिहार को देश का सबसे गरीब राज्य बताया गया है।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है। वहीं केरल देश का न्यूनतम गरीब राज्य है, यहाँ की केवल 0.71 प्रतिशत जनसंख्या ही गरीब है।
- बिहार की 51.88 प्रतिशत जनसंख्या (देश में सर्वाधिक) कुपोषण की शिकार है, वहीं सिक्किम देश का सबसे कम कुपोषित राज्य है।
- रिपोर्ट के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (2015-16) के आँकड़ों के अनुसार बिहार की 39.86 प्रतिशत जनसंख्या बिजली की पहुँच से दूर थी, जबकि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-20) के अनंतिम आँकड़ों के अनुसार बिहार की मात्र 3.7 प्रतिशत जनसंख्या ही बिजली की पहुँच से दूर है, जो बिजली के क्षेत्र में बिहार की उल्लेखनीय प्रगति को प्रदर्शित करता है।
- इस बहुआयामी सूचकांक में बिहार को 0.265 स्कोर प्राप्त हुआ है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों का एमपीआई स्कोर 0.286 एवं शहरी क्षेत्रों का एमपीआई स्कोर 0.117 है, जो बताता है कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक गरीबी है।
- किशनगंज बिहार का सबसे गरीब ज़िला है, जहाँ की 64.75 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है। वहीं अररिया (64.65 प्रतिशत), मधेपुरा (64.35 प्रतिशत), पूर्वी चंपारण (64.13 प्रतिशत) एवं सुपौल (64.10 प्रतिशत) सर्वाधिक गरीब ज़िले हैं।
- पटना बिहार का सबसे कम गरीब ज़िला है जहाँ की सिर्फ 29.20 प्रतिशत जनसंख्या ही गरीब है। वहीं भोजपुर (40.50 प्रतिशत), सिवान (40.55 प्रतिशत), रोहतास (40.74 प्रतिशत) एवं मुंगेर (40.99 प्रतिशत) बिहार के सबसे कम गरीब ज़िले हैं।
राज्य में दिव्यांगों को भर्ती के साथ पदोन्नति में भी आरक्षण | राजस्थान | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने दिव्यांगजन अधिकार नियम संशोधन-2021 जारी कर सभी सरकारी विभागों में दिव्यांगों के सीधी भर्ती और पदोन्नतियों में दिये जाने वाले आरक्षण के प्रावधान के संबंध में प्रिपत्र जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत अब राज्य में सरकारी भर्तियों के साथ ही पदोन्नतियों में भी दिव्यांगों को चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।
- इसके साथ ही राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों को सीधी भर्ती में ऊपरी आयु सीमा में एक साल की छूट देने का भी प्रावधान किया है।
- दिव्यांगों की मदद के लिये सरकारी विभागों में नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा, जो दिव्यांगों से जुड़े विभिन्न मामलों को देखेंगे।
राज्यस्तरीय तकनीकी समिति पुनर्गठित | मध्य प्रदेश | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
26 नवंबर, 2021 को नगरीय विकास के कार्यों में तेज़ी लाने के उद्देश्य से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के निर्देश पर नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा राज्यस्तरीय तकनीकी समिति का पुनर्गठन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यस्तरीय तकनीकी समिति के अध्यक्ष प्रमुख अभियंता/मुख्य अभियंता संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास होंगे। इस समिति के सदस्य सचिव अधीक्षण यंत्री/कार्यपालन यंत्री संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास होंगे।
- इस समिति में प्रमुख अभियंता मध्य प्रदेश अर्बन डेवहलपमेंट कंपनी लिमिटेड अथवा नामांकित तकनीकी अधिकारी, परियोजना निदेशक मध्य प्रदेश जल निगम अथवा नामांकित तकनीकी अधिकारी, मुख्य अभियंता लोक निर्माण अथवा नामांकित तकनीकी अधिकारी, संबंधित नगरीय निकाय के संभाग के अधीक्षण यंत्री/कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास, संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी और विशेष आमंत्रित विषय विशेषज्ञ सदस्य होंगे।
- राज्यस्तरीय तकनीकी समिति के कार्यक्षेत्र में यूआईडीएसएसएमटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, राज्य आपदा शमन मद (SMDF), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना और केंद्र एवं राज्य सहायतित अन्य योजनाएँ जैसा कि राज्य शासन द्वारा विहित किया जाए, शामिल होंगी।
मिंटो हॉल का नाम बदलने की घोषणा | मध्य प्रदेश | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
26 नवंबर, 2021 को आयोजित हुई भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित चर्चित ऐतिहासिक भवन मिंटो हॉल का नाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इससे पूर्व मिंटो हॉल का नाम बदलकर डॉक्टर हरिसिंह गौर करने की मांग उठी थी। भारत की आज़ादी के बाद और मध्य प्रदेश के बनने के बाद इस बिल्डिंग का इस्तेमाल राज्य विधानसभा हॉल के तौर पर होता था। वर्ष 2018 में इस हॉल को कन्वेंशन सेंटर के रूप में बदल दिया गया था। इसमें रेस्टोरेंट और बार भी हैं।
- ज्ञातव्य है कि मिंटो हॉल को साल 1909 में नवाब सुल्तान जहान बेगम ने बनवाया था। बताया जाता है कि जहान बेगम भोपाल की अंतिम बेगम थीं। उन्होंने इस हॉल का नाम ‘मिंटो हॉल’लॉर्ड मिंटो को सम्मान देने के लिये रखा था।
- कुशाभाऊ ठाकरे का जन्म 15 अगस्त, 1922 में मध्य प्रदेश के धार ज़िले में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा भी ग्वालियर और धार में हुई थी।
- सन् 1942 से कुशाभाऊ ठाकरे संघ से जुड़े। वह 1942 में नीमच के प्रचारक बने थे और 1956 में जनसंघ के गठन के बाद संगठन सचिव बने। वर्ष 1977 में ठाकरे मध्य प्रदेश जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे तथा वर्ष 1998 से 2000 तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। 28 दिसंबर, 2003 को कुशाभाऊ ठाकरे का निधन हो गया।
गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिये हरियाणा के ज़िलों में लगाए जाएंगे अंत्योदय मेले | हरियाणा | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
26 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश के हर गरीब परिवार को आर्थिक व सामाजिक रूप से सुदृढ़ करने के मद्देनज़र प्रत्येक ज़िले में ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’के तहत अंत्योदय मेले लगाए जाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इन अंत्योदय मेलों की शुरुआत 29 नवंबर से होगी और इसे क्रमानुसार चलाकर सभी लाभपात्रों को कवर करते हुए विभिन्न योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित किया जाएगा।
- अंत्योदय मेलों के माध्यम से गरीब परिवारों को किसी-न-किसी योजना के साथ जोड़कर परिवार की आय 1.80 लाख रुपए तक पहुँचाने के लिये कार्य किया जाएगा।
- इन मेलों में लीड बैंक के साथ-साथ अन्य बैंकों को भी भागीदारी करने की सलाह दी गई और लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ लेने संबंधी पूरा विवरण समझाया जाएगा तथा प्रयास किया जाएगा कि उन्हें जल्द-से-जल्द योजना संबंधी ऋण स्वीकृति पत्र सुपुर्द किया जाए।
- इन मेलों में ऐसे लाभार्थी युवाओं की भी तलाश की जाएगी, जिन्हें हरियाणा कौशल रोज़गार निगम के माध्यम से प्रशिक्षण देकर स्वरोज़गार अपनाने या फिर किसी क्षेत्र में रोज़गार के लिये तैयार किया जा सके।
- मेलों के पहले चरण में लाभार्थियों से आवेदन प्राप्त कर उन्हें बैंक द्वारा अनुमति की कार्यवाही की जाएगी तथा दूसरे चरण में यह अनुमति-पत्र लाभार्थी को प्रदान कर स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
- मेले के आयोजन के बाद लाभार्थियों से फीडबैक भी प्राप्त किया जाएगा।
- इन मेलों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिला उपायुक्त स्वयं इसे मानीटर करेंगे।
बहुआयामी गरीबी सूचकांक, 2021 में झारखंड देश का द्वितीय सर्वाधिक गरीब राज्य | झारखंड | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग द्वारा बहुआयामी गरीबी सूचकांक, 2021 जारी किया गया है, जिसमें झारखंड को गरीबी के मामले में द्वितीय (बिहार को प्रथम) स्थान प्राप्त हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के 42.16 प्रतिशत लोग गरीब हैं, जो देश में बिहार (51.91 प्रतिशत) के बाद सर्वाधिक हैं। वहीं केरल देश का सबसे कम गरीब राज्य है।
- झारखंड के 47.99 प्रतिशत लोग कुपोषण का शिकार हैं।
- झारखंड को बहुआयामी गरीबी सूचकांक में 0.202 स्कोर प्राप्त हुआ है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र का स्कोर 0.246 एवं शहरी क्षेत्र का स्कोर 0.067 है।
- चतरा झारखंड का सबसे गरीब ज़िला है, जहाँ की 60.74 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है। वहीं पाकुड़ (60.66 प्रतिशत), पश्चिमी सिंहभूम (57.60 प्रतिशत), साहिबगंज (55.93 प्रतिशत) एवं गढ़वा (53.26 प्रतिशत) राज्य के सर्वाधिक गरीब ज़िले हैं।
- पूर्वी सिंहभूम झारखंड का सबसे कब गरीब ज़िला है, जहाँ की केवल 23.99 प्रतिशत जनसंख्या ही गरीब है। वहीं राँची इस मामले में द्वितीय स्थान पर है, यहाँ की 27.7 प्रतिशत जनसंख्या ही गरीब है।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर | छत्तीसगढ़ | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रकाशित इंडिया टुडे पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ वायु, जल प्रदूषण, ठोस कचरे के प्रबंधन और वनों के संरक्षण तथा संवर्धन की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए वर्ष 2021 में पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य वर्ष 2018 में 17वें, वर्ष 2019 में 6वें तथा वर्ष 2020 में दूसरे पायदान पर रहते हुए वर्ष 2021 में पहले पायदान पर है। इसी तरह इंडिया स्टेट ऑफ दी फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार राज्य के वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोहा, कोयला, डोलोमाइट जैसे खनिजों से परिपूर्ण है, जिसके कारण राज्य में खनिज आधारित उद्योगों का विस्तार हुआ है। इन उद्योगों की स्थापना से एक ओर जहाँ क्षेत्र के लोगों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है, वहीं इसके कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट की चुनौतियाँ भी मिल रही हैं।
- राज्य सरकार द्वारा वातावरण में वायु की गुणवत्ता जाँचने के लिये 18 वायु गुणवत्ता स्टेशन स्थापित किये गए हैं।
- वायु प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित तीन प्रमुख नगर निगमों-रायपुर, भिलाई, कोरबा में राष्ट्रीय साफ वायु प्रोग्राम के तहत माइक्रो एक्शन प्लान तैयार किये गए हैं। वायु में सल्फर की मात्रा 37 प्रतिशत तक कम हो गई है। यह 2016 में 26.02 माइक्रोग्राम थी, जो 2020 में घटकर 16.34 माइक्रोग्राम हो गई।
- इसी प्रकार दैनिक नाइट्रोजन डाईऑक्साइड संकेंद्रण में भी 17 प्रतिशत की कमी आई है। यह 24.11 माइक्रोग्राम से घटकर 19.88 माइक्रोग्राम रह गई है।
- इसी तरह राज्य सरकार ने वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत राज्य की 7 प्रमुख नदियों में पानी की गुणवत्ता जाँचने के लिये 27 स्टेशन स्थापित किये हैं। इनमें 5 प्रमुख नदियों-खारून, महानदी, हसदेव, केलो और शिवनाथ का पानी पीने योग्य पाया गया है। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता जाँचने के लिये 10 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
- छत्तीसगढ़ की लगभग 28.8 मिलियन आबादी में 6 मिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं। शहरी क्षेत्रों से लगभग एक हज़ार 650 टन ठोस कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है। राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में मिशन क्लीन सिटी प्रोग्राम चलाया जा रहा है।
- अंबिकापुर में विकेंद्रीकृत अपशिष्ट पृथक्करण और रिसाइकिलिंग मॉडल का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। बलौदाबाज़ार ज़िले में भी हानिकारक कचरे के निपटान के लिये अलग से सुविधाएँ विकसित की गई हैं। इसी प्रकार बायोमेडिकल कचरे के निपटान के लिये 4 यूनिट भी प्रस्तावित हैं।
- हाल ही में राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ को देश के सर्वश्रेष्ठ स्वच्छतम राज्य के रूप में सम्मानित किया है। छत्तीसगढ़ लगातार तीन सालों से देश में स्वच्छता के मामले में पहले स्थान पर है।
- छत्तीसगढ़ राज्य 44 प्रतिशत वनों से आच्छादित है, इससे ग्रीन हाउस के प्रभावों को भी कम करने में मदद मिल रही है, वहीं सरकार द्वारा इंडस्ट्रियल एरिया के 30 प्रतिशत क्षेत्र में वृक्षारोपण अनिवार्य किया गया है।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार | छत्तीसगढ़ | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
26 नवंबर, 2021 को केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने छत्तीसगढ़ की पशुपालक माधुरी जंघेल और पशुधन विकास विभाग में कार्यरत कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन दुलारु राम साहू को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- ये पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड और पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्रालय द्वारा भारत में श्वेत क्रांति के जनक स्वर्गीय वर्गीज कुरियन की जन्म शताब्दी व राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर गुजरात के आनंद में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किये गए।
- पशुपालन व पशुधन विकास में उत्कृष्ट कार्य के लिये भारत सरकार के पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्रालय द्वारा चयनित व्यक्तियों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
- गौरतलब है कि धमतरी ज़िले के कुरुद विकासखंड के ग्राम मुरा के कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन दुलारु राम साहू को श्रेष्ठ गर्भाधान तकनीशियन श्रेणी में तीन लाख रुपए का द्वितीय पुरस्कार मिला है। इसी प्रकार राजनांदगांव ज़िले के हुईखदान विकासखंड के ग्राम संडी की पशुपालक माधुरी जंघेल को श्रेष्ठ देशी नस्ल कृषक श्रेणी में दो लाख रुपए का तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
रक्षा इन्क्यूबेटर के लिये यूटीयू और एआरटीपार्क के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर | उत्तराखंड | 27 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
26 नवंबर, 2021 को वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क (ARTPARK) के बीच विश्वविद्यालय परिसर में एक रक्षाकेंद्रित इनक्यूबेटर स्थापित किये जाने हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया।
प्रमुख बिंदु
- यूटीयू के कुलपति (वीसी) पीपी ध्यानी और एआरटीपार्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुभाष बनर्जी ने इसके लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क (ARTPARK) केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित एक संगठन है।
- इस अवसर पर कुलपति ध्यानी ने कहा कि इनक्यूबेटर की स्थापना के बाद, प्रशासन राज्य में एआई और रोबोटिक्स संस्कृति को बढ़ावा दे सकता है।
- सुभाष बनर्जी ने कहा कि ARTPARK का उद्देश्य न केवल एक अच्छा उत्पाद स्थापित करना है, बल्कि एक ऐसी तकनीक बनाना है, जो भारतीय सेना को वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में आने वाली चुनौतियों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं को हल करने में मदद कर सकती है।
- उन्होंने कहा कि संगठन का उद्देश्य राज्य में उच्चस्तरीय अकादमिक शोध की सुविधा के लिये छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देना भी है।
- उत्तराखंड सरकार के रक्षा निर्माण के समन्वयक वीएस रावत ने कहा कि यहाँ की सरकार संबंधित मुद्दों के समाधान में सेना की सहायता के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और अकादमिक छात्रों के लिये एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र बनाना चाहती है।
- रावत ने बताया कि यह परियोजना करीब 43 करोड़ रुपए की है और सेना डिज़ाइन ब्यूरो ने विश्वविद्यालय को करीब आठ परियोजनाओं के लिये (प्रत्येक के लिये 1.50 करोड़ रुपए) राशि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया है।