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राज्यस्तरीय तकनीकी समिति पुनर्गठित
चर्चा में क्यों?
26 नवंबर, 2021 को नगरीय विकास के कार्यों में तेज़ी लाने के उद्देश्य से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के निर्देश पर नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा राज्यस्तरीय तकनीकी समिति का पुनर्गठन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यस्तरीय तकनीकी समिति के अध्यक्ष प्रमुख अभियंता/मुख्य अभियंता संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास होंगे। इस समिति के सदस्य सचिव अधीक्षण यंत्री/कार्यपालन यंत्री संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास होंगे।
- इस समिति में प्रमुख अभियंता मध्य प्रदेश अर्बन डेवहलपमेंट कंपनी लिमिटेड अथवा नामांकित तकनीकी अधिकारी, परियोजना निदेशक मध्य प्रदेश जल निगम अथवा नामांकित तकनीकी अधिकारी, मुख्य अभियंता लोक निर्माण अथवा नामांकित तकनीकी अधिकारी, संबंधित नगरीय निकाय के संभाग के अधीक्षण यंत्री/कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास, संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी और विशेष आमंत्रित विषय विशेषज्ञ सदस्य होंगे।
- राज्यस्तरीय तकनीकी समिति के कार्यक्षेत्र में यूआईडीएसएसएमटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, राज्य आपदा शमन मद (SMDF), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना और केंद्र एवं राज्य सहायतित अन्य योजनाएँ जैसा कि राज्य शासन द्वारा विहित किया जाए, शामिल होंगी।
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मिंटो हॉल का नाम बदलने की घोषणा
चर्चा में क्यों?
26 नवंबर, 2021 को आयोजित हुई भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित चर्चित ऐतिहासिक भवन मिंटो हॉल का नाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इससे पूर्व मिंटो हॉल का नाम बदलकर डॉक्टर हरिसिंह गौर करने की मांग उठी थी। भारत की आज़ादी के बाद और मध्य प्रदेश के बनने के बाद इस बिल्डिंग का इस्तेमाल राज्य विधानसभा हॉल के तौर पर होता था। वर्ष 2018 में इस हॉल को कन्वेंशन सेंटर के रूप में बदल दिया गया था। इसमें रेस्टोरेंट और बार भी हैं।
- ज्ञातव्य है कि मिंटो हॉल को साल 1909 में नवाब सुल्तान जहान बेगम ने बनवाया था। बताया जाता है कि जहान बेगम भोपाल की अंतिम बेगम थीं। उन्होंने इस हॉल का नाम ‘मिंटो हॉल’लॉर्ड मिंटो को सम्मान देने के लिये रखा था।
- कुशाभाऊ ठाकरे का जन्म 15 अगस्त, 1922 में मध्य प्रदेश के धार ज़िले में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा भी ग्वालियर और धार में हुई थी।
- सन् 1942 से कुशाभाऊ ठाकरे संघ से जुड़े। वह 1942 में नीमच के प्रचारक बने थे और 1956 में जनसंघ के गठन के बाद संगठन सचिव बने। वर्ष 1977 में ठाकरे मध्य प्रदेश जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे तथा वर्ष 1998 से 2000 तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। 28 दिसंबर, 2003 को कुशाभाऊ ठाकरे का निधन हो गया।
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