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उत्तराखंड में दीन दयाल उपाध्याय होमस्टे विकास योजना
चर्चा में क्यों?
विश्व पर्यटन दिवस (27 सितंबर, 2024) के उपलक्ष्य में, उत्तराखंड सरकार अपने पर्यटन बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने के लिये महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है
मुख्य बिंदु
- राज्य सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के तहत उपलब्ध कमरों की संख्या बढ़ाने की योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य पर्यटकों के लिये किफायती और प्रामाणिक आवास विकल्पों को बढ़ावा देना है।
- दीन दयाल उपाध्याय गृह निवास विकास योजना:
- यह योजना लोकप्रिय और दूरस्थ पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को आकर्षित करने, स्थानीय आवास सुविधाओं को बढ़ाने, स्थानीय निवासियों के लिये रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और मकान मालिकों के लिये आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान करने के लिये तैयार की गई है।
- मुख्य उद्देश्य:
- इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों पर्यटकों को स्वच्छ और किफायती होम स्टे सुविधाएँँ प्रदान करना है।
- यह सुविधा यात्रियों को उत्तराखंड की संस्कृति के बारे में जानने और राज्य के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने का अनूठा अवसर भी प्रदान करती है ।
- सब्सिडी और सहायता:
- पहाड़ी क्षेत्रों के लिये: सरकार ऋण चुकौती के पहले पाँच वर्षों के लिये 33% या 10 लाख रुपए (जो भी कम हो) की पूंजी सब्सिडी और ब्याज का 50% या 1.50 लाख रुपए प्रति वर्ष (जो भी कम हो) की ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है।
- मैदानी क्षेत्रों के लिये: पूंजी सब्सिडी 25% या 7.50 लाख रुपए, जो भी कम हो, और ब्याज सब्सिडी ऋण चुकौती के पहले पाँच वर्षों के लिये ब्याज का 50% या 1 लाख रुपए प्रति वर्ष, जो भी कम हो, है।
- इस योजना का उद्देश्य स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देते हुए आवास की गुणवत्ता और उपलब्धता को बढ़ाकर उत्तराखंड को अधिक आकर्षक गंतव्य बनाना है।
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