हरियाणा में स्टेज होम पॉलिसी को मंज़ूरी | हरियाणा | 27 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2022 को हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में संस्कृति और पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिये होटल की बजाय विलेज टूरिज्म (ग्रामीण पर्यटन) को अधिक कारगर बनाने हेतु होम स्टे पॉलिसी को मंज़ूरी प्रदान की।
प्रमुख बिंदु:
- राज्य सरकार ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये गंभीर है। होम स्टे पॉलिसी के तहत देश-विदेश के पर्यटक राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों का दौरा करने आएंगे तो उन्हें महँगे होटलों की बजाय सादे-ग्रामीण परिवेश में रहने का मौका मिलेगा। वे ग्रामीण पर्यटन का आनंद ले सकेंगे।
- पर्यटन मंत्री ने बताया कि सबसे पहले पंचकूला में मोरनी की पहाड़ियों में यह पॉलिसी लागू की गई है, जहाँ अभी तक राज्य सरकार की ओर से 30 लाइसेंस प्रदान किये जा चुके हैं।
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राखीगढ़ी दौरे के दौरान पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सिंधुघाटी सभ्यता का स्थल रहे हिसार ज़िले के राखीगढ़ी में भी स्टे-होम पॉलिसी के तहत लाइसेंस देने की प्रक्रिया में जल्दी तेज़ी लाई जाए।
- हरियाणा में आदिबद्री, लोहगढ़, कलेसर, बौद्ध स्तूप, अरावली का वन क्षेत्र, कुरुक्षेत्र, शिवालिक और सरस्वती नदी जैसे स्थलों को विकसित करने की बेहद संभावनाएँ हैं। यहाँ पर विलेज टूरिज्म काफी विकसित हो सकता है। पर्यटकों के इन स्थानों पर रुकने के लिये संबंधित गाँव में लोग दो कमरे के सेट के हट बनाएंगे।
- हरियाणा सरकार की योजना ग्रामीणों को पर्यटकों से बातचीत करने के तरीके, दर्शनीय स्थलों के बारे में अच्छे से जानकारी देने के तरीके व देसी खाने के साथ दूसरे भोजन के बारे में प्रशिक्षित करने की है। इससे ग्रामीणों की आमदनी तो बढ़ेगी ही, साथ ही पर्यटकों को घर से दूर रहकर भी दूरी का अनुभव नहीं होगा।
- मुख्यमंत्री कार्यालय में टूरिज्म का काम देख रहे सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल ने बताया कि इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा और वहीं पर्यटक ग्रामीण जीवन-शैली व खानपान का आनंद ले सकेंगे।
ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल लॉन्च | हरियाणा | 27 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2022 को हरियाणा सरकार के विशेष गिरदावरी के आदेश के बाद राजस्व विभाग ने बेमौसमी बारिश से हुए फसल के नुकसान को जानने के लिये ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल लिंक लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर किसान अपने मोबाइल नंबर और परिवार पहचान-पत्र से लिंक कर सकते हैं और फसल खराब होने के 72 घंटे के अंदर खराब फसल की जानकारी और फोटो अपलोड कर सकते हैं।
- पोर्टल पर किसानों को ज़मीन का खसरा नंबर समेत फसल, फसल बीमा कवर है या नहीं और कितनी एकड़ में फसल, कितने प्रतिशत तक खराब हुई है,के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। इसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना और बीज विकास निगम प्रोग्राम में कवर होने वाले किसान शामिल नहीं होंगे।
- पोर्टल पर आई नुकसान की रिपोर्ट को पटवारियों को आगामी एक सप्ताह में फील्ड में जाकर भौतिक रूप से जाँचना होगा और इसके बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
- इस संबंध में वित्तायुक्त एवं हरियाणा राजस्व आपदा प्रबंधन के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से सभी डीसी को पत्र जारी कर निर्देश दिये गए हैं।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि पोर्टल पर आने वाली तमाम शिकायतों की फील्ड में पटवारियों व कानूनगो द्वारा भौतिक जाँच कराई जाए। किसानों द्वारा दी गई खराबी की जानकारी और फोटोग्राफ की पटवारियों को जाँच करनी होगी। आगामी सात दिनों में पटवारियों को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। इसके बाद सरकार फसल खराबी के नियमों के अनुसार प्रभावित किसानों को मुआवज़ा देगी।