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कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विकसित की हल्दी व धनिया की नई प्रजाति
चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2021 को कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र रायगढ़ में आयोजित अखिल भारतीय मसाला अनुसंधान परियोजना की वार्षिक बैठक में रायगढ़ के वैज्ञानिकों के शोध से विकसित धनिया एवं हल्दी के नई प्रजातियों की राष्ट्रीय स्तर पर विमोचन हेतु पहचान की गई।
प्रमुख बिंदु
- इन प्रजातियों को केंद्रीय विमोचन समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के उपरांत दोनों प्रजातियों को बीज उत्पादन श्रृंखला में लाया जाएगा।
- धनिया की एक प्रविष्ठी को छत्तीसगढ़ राज्य धनिया-3 के नाम से शामिल किया जाएगा तथा देश के 10 प्रदेशों के लिये विमोचित किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ हल्दी की प्रविष्ठी को छत्तीसगढ़ राज्य हल्दी-3 के नाम से शामिल किया जाएगा और देश के 7 प्रदेशों के लिये विमोचित किया जाएगा। विमोचन के बाद इन प्रजातियों के बीज का विभिन्न वर्गों में उत्पादन भी किया जा सकेगा।
- इन प्रजातियों के प्रमुख प्रजनक वैज्ञानिक डॉ. श्रीकांत सांवरगावकर ने बताया कि धनिया एवं हल्दी की ये दोनों प्रजातियाँ किसानों के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक हैं, जो कि किसानों के बाज़ार के अनुरूप हैं। इनके उत्पादन से किसान ज़्यादा-से-ज़्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इन प्रजातियों का उत्पादन ज़्यादा एवं गुणवत्ता अच्छी है। इनकी फसल अवधि प्रचलित प्रजातियों से थोड़ा कम है।
- परियोजना के प्रमुख अन्वेषक एवं कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि इन दोनों प्रजातियों से छत्तीसगढ़ के ही नहीं, अपितु अन्य राज्यों के किसानों को भी इनका लाभ मिलेगा। इन प्रजातियों में रोगों एवं कीटों के प्रति प्रतिरोधकता अधिक है। इन प्रजातियों की उत्पादन लागत कम होने एवं उत्पादन अधिक होने से कृषकों को अधिक लाभ मिलेगा।
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ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण केंद्र
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने प्रदेश में संचालित ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण केंद्रों (RSETI) की वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट, 2020-21 का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप स्वतंत्र एजेंसी नेशनल एकेडमी ऑफ रूडसेटी, बंगलुरू द्वारा यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
- सिंहदेव ने रिपोर्ट का विमोचन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 18 ज़िलों में संचालित ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण केंद्रों में युवाओं को अनेक रोज़गारमूलक गतिविधियों का नि:शुल्क आवासीय प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया जा रहा है।
- वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश भर में 302 प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन कर 7003 युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार बैंक मित्र, सामान्य उद्यमिता विकास, मशरूम उत्पादन, पापड़ निर्माण, आचार निर्माण, मसाला निर्माण, अगरबत्ती निर्माण, मोमबत्ती निर्माण, वर्मी कंपोस्ट निर्माण, सिलाई तथा डेयरी फॉर्म़िग इत्यादि का स्वरोज़गार आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
- इन केंद्रों में प्रशिक्षित लोगों में 95 प्रतिशत महिलाएँ हैं। सामाजिक समावेश के आधार पर अनुसूचित जनजाति के 36 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के 46 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के चार प्रतिशत हितग्राहियों को इन केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।
- सिंहदेव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान मौजूद असेसमेंट एवं सर्टिफिकेशन शाखा के सहायक नियंत्रक अरुण कुमार सोनी को प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए ज़रूरतमंद ग्रामीण युवाओं के लिये उनकी रुचि की विधाओं में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये।
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प्रदेश में एक साथ 7 खेल अकादमियों की ऐतिहासिक शुरुआत
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के खिलाड़ियों के लिये एक साथ 7 खेल अकादमियों की ऐतिहासिक शुरुआत की। इनमें से बिलासपुर में 4 तथा रायपुर में 3 खेल अकादमी विधिवत प्रारंभ हुईं।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से बिलासपुर और रायपुर में लगभग 42 करोड़ 14 लाख रुपए की लागत वाली नई खेल सुविधाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें मुख्य रूप से फुटबाल, कबड्डी, तीरंदाज़ी और एथलेटिक्स की अकादमी, दो खेल छात्रावास, एक तीरंदाज़ी प्रशिक्षण उपकेंद्र और एथलेटिक्स के लिये सिंथेटिक ट्रैक एंड फील्ड शामिल हैं।
- मुख्यमंत्री ने बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाज़ी, एथलेटिक्स और कबड्डी अकादमी तथा रायपुर में तीरंदाज़ी, बालिका फुटबाल एवं बालक-बालिका एथलेटिक्स अकादमी का शुभारंभ किया।
- बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाज़ी, एथलेटिक्स की बोर्डिंग एवं कबड्डी (बालिका) अकादमी तथा रायपुर में तीरंदाज़ी की बोर्डिंग, फुटबाल (बालिका) एवं एथलेटिक्स (बालक-बालिका) की डे- बोर्डिंग अकादमी में कुल 370 सीटें हैं, जिसमें 180 बोर्ड़िग सीट एवं 190 डे- बोर्डिंग सीट शामिल हैं।
- इसी के साथ मुख्यमंत्री ने बिलासपुर के स्वर्गीय बी.आर. यादव राज्य खेल परिसर में 9.20 करोड़ रुपए की लागत से बने 400 मीटर सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक एंड फील्ड, 2.82 करोड़ की लागत से बालकों के लिये निर्मित 50 सीटर खेल छात्रावास, 4.75 करोड़ रुपए की लागत से बालिकाओं के लिये निर्मित 100 सीटर खेल छात्रावास तथा 4.47 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया।
- उन्होंने बिलासपुर में 4 करोड़ 94 लाख रुपए की लागत से बनने वाले कबड्डी इंडोर हॉल, 15 करोड़ 96 लाख रुपए की लागत से एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम की गैलरी एवं पैवेलियन के निर्माण सहित वहाँ फ्लड लाईट लगाए जाने के कार्य की आधारशिला रखी।
- मुख्यमंत्री ने रायपुर के सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम परिसर में स्वर्गीय कोदूराम वर्मा स्मृति तींरदाज़ी प्रशिक्षण अकादमी, स्वामी विवेकानंद स्टेडियम परिसर कोटा में बालिकाओं के लिये फुटबाल अकादमी तथा बालक-बालिकाओं के लिये एथलेटिक्स अकादमी का भी शुभारंभ किया।
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‘साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल’
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में इस साल आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल का नामकरण छत्तीसगढ़ के राजकीय वृक्ष एवं आदिवासी संस्कृति में देवतुल्य साल वृक्ष के नाम पर ‘साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल’ रखने का निर्णय लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में ट्राइबल फेस्टिवल के साथ ही राज्योत्सव की रूपरेखा तय की गई। राज्य शासन द्वारा ‘साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल एवं राज्योत्सव’ का संयुक्त रूप से पाँच दिवसीय आयोजन 28 अक्तूबर से लेकर एक नवंबर तक रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि साल छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है। आदिवासी संस्कृति में साल वृक्ष को देवतुल्य मानकर पूजा जाता है। आदिवासी अंचल में धूमधाम से मनाए जाने वाले सरहुल त्योहार में साल वृक्ष की पूजा की जाती है। इसलिये ट्राईबल फेस्टिवल का नामकरण ‘साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल’ किया गया है।
- बैठक में निर्णय लिया गया कि 28 अक्तूबर से 30 अक्तूबर तक साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल का आयोजन, 31 अक्तूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के शहादत दिवस पर उनके कर्त्तव्य तथा आदिवासी जनजीवन पर परिचर्चा एवं गोष्ठी का आयोजन होगा, जिसमें प्रसिद्ध वक्ता एवं विचारक शामिल होंगे।
- एक नवंबर को राज्य अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ख्यातिप्राप्त लोगों एवं संस्थाओं को राज्य अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा।
- साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल एवं राज्योत्सव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में ख्यातिप्राप्त लोगों से इंटरेक्शन, प्रदर्शनी, आदिवासी कला-संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन, ट्राईबल क्राफ्ट मेला, कौशल उन्नयन सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। देश-विदेश के कलाकार इस दौरान अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे।
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