उत्तर प्रदेश Switch to English
यमुना किनारे बनेंगे हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
चर्चा में क्यों?
हाल ही में यमुना नदी में गिर रहे बड़े नालों के कारण बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- 583 करोड़ रुपए की लागत से यमुना नदी के किनारे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे, जो यमुना में गिर रहे 6 एमएलडी सीवर का ट्रीटमेंट (शोधन) करेंगे।
- इस संबंध में दिल्ली में एनएमसीजी उत्तर प्रदेश जल निगम और विश्वराज एनवायरमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किया गया है। करार पर जलनिगम के अधीक्षण अभियंता राजकुमार शर्मा, विश्वराज एनवायरमेंट के सत्यजीत राउत और एनएमसीजी प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनोद कुमार ने हस्ताक्षर किये।
- गौरतलब है कि यमुना में नाले के पानी के कारण उपजे दलदल से आगरा में ताज़महल पर गोल्डी काइरोनोमस कीड़ों का हमला हो रहा है। बीते चार साल से ताज़महल पर कीड़ों का हमला बढ़ा है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के स्वत: संज्ञान लेने के बाद भी यमुना नदी में सीवर गिरना बंद नहीं हुआ है।
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक जी. अशोक कुमार ने बताया कि नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण से यमुना में बिना ट्रीटमेंट के सीवर का गिरना बंद हो जाएगा।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीवर समस्याओं के समाधान के लिये तीन नए एसटीपी के निर्माण के साथ इंटरसेप्शन, डायवर्जन स्ट्रक्चर, आईएंडडी नेटवर्क बिछाने, 15 साल के लिये ऑपरेशन एंड मेंटीनेंस को भी शामिल किया।
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