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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Aug 2022
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मुख्यमंत्री ने किया राजस्थान ‘महिला निधि’ का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

26 अगस्त, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में आयोजित राज्यस्तरीय महिला समानता दिवस समारोह में महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिये स्थापित प्रथम ‘महिला निधि’(राजस्थान महिला निधि कोऑपरेटिव क्रेडिट फेडरेशन) का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस निधि से महिलाओं को रोज़मर्रा की आवश्यकताओं के अलावा व्यवसाय को बढ़ाने व उद्यमिता के लिये सुलभ ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 6 ज़िलों के 386 स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को 1 करोड़ 42 लाख रुपए की राशि राजस्थान महिला निधि से ऋण के रूप में प्रदान की। उन्होंने सामुदायिक स्तर पर विशिष्ट कार्य करने के लिये राजीविका कम्यूनिटी कैडर की 8 महिलाओं को भी पुरस्कृत किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट 2022-23 में महिला निधि की स्थापना राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के माध्यम से करने की घोषणा की गई थी। तेलंगाना के बाद राजस्थान देश का दूसरा राज्य है, जहाँ महिला निधि की स्थापना की गई है।
  • महिला स्वयं सहायता समूह को मज़बूत बनाने, बैंकों से ऋण दिलाने, गरीब, सम्पत्तिहीन और सीमान्त महिलाओं की आय बढ़ाने व कौशल विकास कर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिये महिला निधि की स्थापना की गई है।
  • इस योजना के अंतर्गत 40,000 रुपए तक के ऋण 48 घंटे में व 40,000 रुपए से अधिक के ऋण 15 दिवस की समय-सीमा में आवेदित सदस्यों के समूह के बैंक खाते में जमा हो जाएंगे।
  • वर्तमान में राज्य के 33 ज़िलों में 2 लाख 70 हज़ार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिसमें 30 लाख परिवार जुड़े हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 50 हज़ार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाना प्रस्तावित है, जिनमें लगभग 6 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा। राज्य में कुल 36 लाख परिवारों को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर चरणबद्ध तरीके से राजस्थान महिला निधि से लाभ मिलेगा।
  • कार्यक्रम में अमेजॉन के साथ उत्पादों के ऑनलाइन विक्रय के लिये एमओयू करार किया गया। इससे 15,000 से अधिक महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर सूचीबद्ध किया जाएगा और देश भर के लाखों अमेजॉन ग्राहकों को उपलब्ध कराया जाएगा।
  • इसके द्वारा कारीगरों और बुनकर समुदाय को सशक्त बनाने व उन्हें अमेजॉन विक्रेता बनाकर डिजिटल समावेश हेतु प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क योजना व पोर्टल का भी शुभारंभ किया गया।
  • इस मौके पर टीएसपी क्षेत्र के 5 ज़िलों में पूर्व में लागू ‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना’ का दायरा बढ़ाकर इसे सभी ज़िलों में लागू कर दिया गया। इस योजना के अंतर्गत दूसरे बच्चे के जन्म पर कुल 6000 रुपए 5 किश्तों में दिये जाते हैं। अब इस योजना का लाभ 1 अप्रैल, 2022 से पूरे 33 ज़िले की महिलाओं को मिल सकेगा।
  • इसके अलावा कार्यक्रम में ‘उड़ान योजना’के द्वितीय चरण का भी शुभारंभ किया गया, जिसमें 1 करोड़ 45 लाख किशोरियों एवं महिलाओं के लिये 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के प्रथम चरण से 29 लाख किशोरियाँ और महिलाएँ लाभान्वित हुई हैं।

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डिजिटल माध्यम से सर्विस डिलीवरी में राजस्थान अव्वल

चर्चा में क्यों?

26 अगस्त, 2022 को राजस्थान के सूचना एवं प्रौद्योगिकी आयुक्त आशीष गुप्ता ने कहा कि डिजिटल माध्यम से योजनाओं की सर्विस डिलीवरी में राजस्थान देश में अब सिरमौर राज्य बन गया है। राज्य में कुल एक लाख ई-मित्र संचालित हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य में 85 हज़ार ई-मित्र एवं 15 हज़ार ई-मित्र प्लस सहित कुल एक लाख ई-मित्र संचालित हैं, जबकि देश में यह आँकड़ा 3 लाख है। इस प्रकार राजस्थान में पूरे देश के एक-तिहाई ई-मित्र संचालित हैं।
  • सूचना एवं प्रौद्योगिकी आयुक्त आशीष गुप्ता ने झालाना डूंगरी स्थित भामाशाह टेक्नो हब में ‘आधार उपयोग को सरल बनाने के लिये हालिया पहल’पर एक राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
  • उन्होंने कहा कि राज्य में पहले सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिये या अन्य कार्यों के लिये आमजन को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन डिजिटल क्रांति के इस युग में अब सरकार की सारी योजनाएँ मोबाइल फोन पर उपलब्ध हैं तथा डिजिटल सर्विस डिलीवरी से सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ी है।
  • सर्विस डिलीवरी में सबसे मुख्य भूमिका डाटा की प्रामाणिकता की होती है। राज्य में यह काम आधार कार्ड अथवा जन आधार कार्ड द्वारा संचालित किया जा रहा है। आगामी समय में राज्य में आधार पंजीकरण सौ प्रतिशत करने पर काम किया जा रहा है।

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स्मार्ट वाटर सप्लाई मॉनिटरिंग सिस्टम के लिये राजस्थान को मिला अवार्ड

चर्चा में क्यों?

25 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित तीसरे डिजिटेक कॉन्क्लेव-2022 में राजस्थान को आईओटी आधारित स्मार्ट वाटर सप्लाई मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने में उल्लेखनीय कार्य करने के लिये अवार्ड प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल मंत्री डॉ. महेश जोशी ने यह अवार्ड ग्रहण किया।
  • डॉ. जोशी ने कहा कि राजस्थान ने डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए पायलट प्रोजेक्ट के तहत सर्वाधिक गाँवों में आईओटी आधारित स्मार्ट वाटर सप्लाई मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किये हैं।
  • जल जीवन मिशन में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित जयपुर ज़िले के 15 गाँवों में नलों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की रियल टाइम मॉनिटरिंग हेतु आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) आधारित स्मार्ट वाटर सप्लाई मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए गए हैं।
  • इस सिस्टम में पेयजल आपूर्ति की लाइन की शुरुआत, पाइप लाइन के ब्रांच नोड एवं टेल नोड पर सेंसर्स लगाए गए हैं। इन सेंसर्स को इंटरनेट से जोड़ा गया है। इंटरनेट के माध्यम से सेंसर्स द्वारा एकत्र डाटा का आदान-प्रदान एवं मॉनिटरिंग की जाती है।
  • सेंसर्स के माध्यम से यह भी जानकारी मिलती है कि टंकी का पानी शुद्ध है एवं उसमें किसी तरह का कंटेमिनेशन नहीं है। साथ ही, टेल एंड के उपभोक्ता को जो पानी मिल रहा है, उसका प्रेशर कितना है, फ्लो कैसा है, पीएच वैल्यू, टीडीएस, क्लोरीन एवं फ्लोराइड कितनी मात्रा में है, इसका डाटा भी सेंसर्स से प्राप्त होता है।   

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