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स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Aug 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

यमुना किनारे बनेंगे हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यमुना नदी में गिर रहे बड़े नालों के कारण बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • 583 करोड़ रुपए की लागत से यमुना नदी के किनारे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे, जो यमुना में गिर रहे 6 एमएलडी सीवर का ट्रीटमेंट (शोधन) करेंगे।
  • इस संबंध में दिल्ली में एनएमसीजी उत्तर प्रदेश जल निगम और विश्वराज एनवायरमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किया गया है। करार पर जलनिगम के अधीक्षण अभियंता राजकुमार शर्मा, विश्वराज एनवायरमेंट के सत्यजीत राउत और एनएमसीजी प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनोद कुमार ने हस्ताक्षर किये।
  • गौरतलब है कि यमुना में नाले के पानी के कारण उपजे दलदल से आगरा में ताज़महल पर गोल्डी काइरोनोमस कीड़ों का हमला हो रहा है। बीते चार साल से ताज़महल पर कीड़ों का हमला बढ़ा है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के स्वत: संज्ञान लेने के बाद भी यमुना नदी में सीवर गिरना बंद नहीं हुआ है।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक जी. अशोक कुमार ने बताया कि नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण से यमुना में बिना ट्रीटमेंट के सीवर का गिरना बंद हो जाएगा।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीवर समस्याओं के समाधान के लिये तीन नए एसटीपी के निर्माण के साथ इंटरसेप्शन, डायवर्जन स्ट्रक्चर, आईएंडडी नेटवर्क बिछाने, 15 साल के लिये ऑपरेशन एंड मेंटीनेंस को भी शामिल किया।    

बिहार Switch to English

अवध बिहारी चौधरी बने बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष

चर्चा में क्यों?

26 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता अवध बिहारी चौधरी को सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया।

प्रमुख बिंदु 

  • अवध बिहारी चौधरी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के स्थान पर बिहार विधानसभा के 17वें अध्यक्ष बने हैं। गौरतलब है कि 24 अगस्त को बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
  • महागठबंधन ने राजद के अवध बिहारी चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष के लिये अपना प्रत्याशी बनाया था। उनके विरोध में कोई और नामांकन नहीं हुआ, इसलिये वे सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने गए।
  • विधानसभा के अध्यक्ष के आसन पर बैठे महेश्वर हज़ारी ने अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ कराई। इसके बाद ‘हम’ के जीतन राम मांझी ने अवध बिहारी चौधरी के नाम का प्रस्ताव रखा। इसके बाद संपूर्ण सदन की सहमति से विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हज़ारी ने अवध बिहारी चौधरी के अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की।
  • नए अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को परंपरा के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष के आसन पर जाकर बिठाया।
  • 76 वर्षीय अवध बिहारी चौधरी सिवान से 1985, 1990, 1995, 2000 और फरवरी, 2005 तथा 2020 में विधायक चुने गए। उन्होंने 2020 में स्पीकर पद के लिये चुनाव लड़ा था, लेकिन विजय कुमार सिन्हा से मुकाबले में पिछड़ गए थे। अवध बिहारी चौधरी राबड़ी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।   

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया राजस्थान ‘महिला निधि’ का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

26 अगस्त, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में आयोजित राज्यस्तरीय महिला समानता दिवस समारोह में महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिये स्थापित प्रथम ‘महिला निधि’(राजस्थान महिला निधि कोऑपरेटिव क्रेडिट फेडरेशन) का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस निधि से महिलाओं को रोज़मर्रा की आवश्यकताओं के अलावा व्यवसाय को बढ़ाने व उद्यमिता के लिये सुलभ ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 6 ज़िलों के 386 स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को 1 करोड़ 42 लाख रुपए की राशि राजस्थान महिला निधि से ऋण के रूप में प्रदान की। उन्होंने सामुदायिक स्तर पर विशिष्ट कार्य करने के लिये राजीविका कम्यूनिटी कैडर की 8 महिलाओं को भी पुरस्कृत किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट 2022-23 में महिला निधि की स्थापना राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के माध्यम से करने की घोषणा की गई थी। तेलंगाना के बाद राजस्थान देश का दूसरा राज्य है, जहाँ महिला निधि की स्थापना की गई है।
  • महिला स्वयं सहायता समूह को मज़बूत बनाने, बैंकों से ऋण दिलाने, गरीब, सम्पत्तिहीन और सीमान्त महिलाओं की आय बढ़ाने व कौशल विकास कर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिये महिला निधि की स्थापना की गई है।
  • इस योजना के अंतर्गत 40,000 रुपए तक के ऋण 48 घंटे में व 40,000 रुपए से अधिक के ऋण 15 दिवस की समय-सीमा में आवेदित सदस्यों के समूह के बैंक खाते में जमा हो जाएंगे।
  • वर्तमान में राज्य के 33 ज़िलों में 2 लाख 70 हज़ार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिसमें 30 लाख परिवार जुड़े हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 50 हज़ार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाना प्रस्तावित है, जिनमें लगभग 6 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा। राज्य में कुल 36 लाख परिवारों को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर चरणबद्ध तरीके से राजस्थान महिला निधि से लाभ मिलेगा।
  • कार्यक्रम में अमेजॉन के साथ उत्पादों के ऑनलाइन विक्रय के लिये एमओयू करार किया गया। इससे 15,000 से अधिक महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर सूचीबद्ध किया जाएगा और देश भर के लाखों अमेजॉन ग्राहकों को उपलब्ध कराया जाएगा।
  • इसके द्वारा कारीगरों और बुनकर समुदाय को सशक्त बनाने व उन्हें अमेजॉन विक्रेता बनाकर डिजिटल समावेश हेतु प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क योजना व पोर्टल का भी शुभारंभ किया गया।
  • इस मौके पर टीएसपी क्षेत्र के 5 ज़िलों में पूर्व में लागू ‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना’ का दायरा बढ़ाकर इसे सभी ज़िलों में लागू कर दिया गया। इस योजना के अंतर्गत दूसरे बच्चे के जन्म पर कुल 6000 रुपए 5 किश्तों में दिये जाते हैं। अब इस योजना का लाभ 1 अप्रैल, 2022 से पूरे 33 ज़िले की महिलाओं को मिल सकेगा।
  • इसके अलावा कार्यक्रम में ‘उड़ान योजना’के द्वितीय चरण का भी शुभारंभ किया गया, जिसमें 1 करोड़ 45 लाख किशोरियों एवं महिलाओं के लिये 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के प्रथम चरण से 29 लाख किशोरियाँ और महिलाएँ लाभान्वित हुई हैं।

राजस्थान Switch to English

डिजिटल माध्यम से सर्विस डिलीवरी में राजस्थान अव्वल

चर्चा में क्यों?

26 अगस्त, 2022 को राजस्थान के सूचना एवं प्रौद्योगिकी आयुक्त आशीष गुप्ता ने कहा कि डिजिटल माध्यम से योजनाओं की सर्विस डिलीवरी में राजस्थान देश में अब सिरमौर राज्य बन गया है। राज्य में कुल एक लाख ई-मित्र संचालित हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य में 85 हज़ार ई-मित्र एवं 15 हज़ार ई-मित्र प्लस सहित कुल एक लाख ई-मित्र संचालित हैं, जबकि देश में यह आँकड़ा 3 लाख है। इस प्रकार राजस्थान में पूरे देश के एक-तिहाई ई-मित्र संचालित हैं।
  • सूचना एवं प्रौद्योगिकी आयुक्त आशीष गुप्ता ने झालाना डूंगरी स्थित भामाशाह टेक्नो हब में ‘आधार उपयोग को सरल बनाने के लिये हालिया पहल’पर एक राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
  • उन्होंने कहा कि राज्य में पहले सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिये या अन्य कार्यों के लिये आमजन को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन डिजिटल क्रांति के इस युग में अब सरकार की सारी योजनाएँ मोबाइल फोन पर उपलब्ध हैं तथा डिजिटल सर्विस डिलीवरी से सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ी है।
  • सर्विस डिलीवरी में सबसे मुख्य भूमिका डाटा की प्रामाणिकता की होती है। राज्य में यह काम आधार कार्ड अथवा जन आधार कार्ड द्वारा संचालित किया जा रहा है। आगामी समय में राज्य में आधार पंजीकरण सौ प्रतिशत करने पर काम किया जा रहा है।

राजस्थान Switch to English

स्मार्ट वाटर सप्लाई मॉनिटरिंग सिस्टम के लिये राजस्थान को मिला अवार्ड

चर्चा में क्यों?

25 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित तीसरे डिजिटेक कॉन्क्लेव-2022 में राजस्थान को आईओटी आधारित स्मार्ट वाटर सप्लाई मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने में उल्लेखनीय कार्य करने के लिये अवार्ड प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल मंत्री डॉ. महेश जोशी ने यह अवार्ड ग्रहण किया।
  • डॉ. जोशी ने कहा कि राजस्थान ने डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए पायलट प्रोजेक्ट के तहत सर्वाधिक गाँवों में आईओटी आधारित स्मार्ट वाटर सप्लाई मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किये हैं।
  • जल जीवन मिशन में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित जयपुर ज़िले के 15 गाँवों में नलों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की रियल टाइम मॉनिटरिंग हेतु आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) आधारित स्मार्ट वाटर सप्लाई मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए गए हैं।
  • इस सिस्टम में पेयजल आपूर्ति की लाइन की शुरुआत, पाइप लाइन के ब्रांच नोड एवं टेल नोड पर सेंसर्स लगाए गए हैं। इन सेंसर्स को इंटरनेट से जोड़ा गया है। इंटरनेट के माध्यम से सेंसर्स द्वारा एकत्र डाटा का आदान-प्रदान एवं मॉनिटरिंग की जाती है।
  • सेंसर्स के माध्यम से यह भी जानकारी मिलती है कि टंकी का पानी शुद्ध है एवं उसमें किसी तरह का कंटेमिनेशन नहीं है। साथ ही, टेल एंड के उपभोक्ता को जो पानी मिल रहा है, उसका प्रेशर कितना है, फ्लो कैसा है, पीएच वैल्यू, टीडीएस, क्लोरीन एवं फ्लोराइड कितनी मात्रा में है, इसका डाटा भी सेंसर्स से प्राप्त होता है।   

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने दिये 1320 मेगावाट के नए बिजली संयंत्र लगाने के निर्देश

चर्चा में क्यों?

25 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में 1320 मेगावाट के नए बिजली संयंत्र की स्थापना के निर्देश दिये। राज्य स्थापना के बाद पहली बार इतनी क्षमता का विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • यह छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक संयंत्र होगा। इस संयंत्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ स्टेट जनरेशन कंपनी की स्वयं की विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़कर 4300 मेगावाट हो जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने अपने निवास में पावर कंपनियों की समीक्षा बैठक में भविष्य में विद्युत की मांग की आपूर्ति के लिये आवश्यक विद्युत उपलब्धता की समीक्षा की। वर्ष 2030-31 तक अपेक्षित विद्युत मांग में वृद्धि की आपूर्ति हेतु नवीन विद्युत संयंत्र की आवश्यकता होगी।
  • मुख्यमंत्री ने राज्य की विद्युत उत्पादन कंपनी को कोरबा पश्चिम में उपलब्ध भूमि पर 2×660 मेगावॉट सुपर क्रिटिकल नवीन विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना हेतु समुचित कार्रवाई के निर्देश दिये।
  • विद्युत उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक एनके बिजौरा ने बताया कि यह सुपर क्रिटिकल संयंत्र अत्याधुनिक तकनीक से स्थापित किया जाएगा। इससे एक ओर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, वहीं रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे।
  • उन्होंने बताया कि कोरबा पश्चिम में संयंत्र स्थापना हेतु स्वयं की भूमि उपलब्ध है। साथ ही, अपेक्षित परियोजना स्थल पर कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये वर्तमान चलित उत्पादन संयंत्रों हेतु कन्वेयर बेल्ट की सुविधा भी उपलब्ध है।
  • कन्वेयर बेल्ट से कोयला उपलब्धता, स्वयं की भूमि उपलब्धता तथा सुपर क्रिटिकल प्लांट होने के कारण नवीन प्रस्तावित प्लांट से उत्पादित विद्युत की दर सस्ती होना अपेक्षित है। नवीन उत्पादन संयंत्र की स्थापना से स्थानीय रोज़गार का विकास भी संभव होगा।
  • मुख्यमंत्री के निर्देश उपरांत संयंत्र स्थापना के लिये आवश्यक स्वीकृतियाँ, कोयला आबंटन, जल आबंटन सहित विस्तृत डी.पी.आर. इत्यादि तैयार करने का कार्य विद्युत उत्पादन कंपनी द्वारा त्वरित गति से किया जाएगा, जिससे वर्ष 2030-31 तक अपेक्षित विद्युत आपूर्ति संभव हो सके। 

उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया देहरादून-अल्मोड़ा हेली सेवा का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

26 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ‘उड़ान योजना’के तहत देहरादून-अल्मोड़ा हेली सेवा का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी. रवि शंकर ने कहा कि देहरादून से अल्मोड़ा के लिये हवाई सेवा शुरू होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोग भी कम समय में सफर कर सकेंगे।
  • उन्होंने बताया कि अभी डीजीसीए की ओर से हेली सेवा को सप्ताह में एक दिन चलाने की अनुमति दी गई है। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर इसे प्रतिदिन भी किया जा सकता है।
  • गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से देहरादून से अल्मोड़ा के लिये हेली सेवा संचालित करने की अनुमति देने की मांग की थी।
  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पवन हंस को देहरादून से अल्मोड़ा के बीच हेली सेवा संचालित करने की अनुमति दी है।
  • इससे डेढ़ घंटे में दून से अल्मोड़ा पहुँच सकेंगे। सड़क मार्ग से 12 से 13 घंटे का सफर तय करना पड़ता है। हेली सेवा का किराया प्रति यात्री 7700 रुपए तय किया गया है।
  • हेली सेवा जौलीग्रांट एयरपोर्ट से पंतनगर, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ तक चलेगी। यही रूट वापसी का भी रहेगा।

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एसएमएस अलर्ट
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