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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Jul 2023
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दून में 13 साल बाद होगी अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कॉन्ग्रेस

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार अक्तूबर में होने वाली अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कॉन्ग्रेस की मेजबानी इस बार उत्तराखंड को मिली है। हालाँकि फिलहाल इसकी तिथि की घोषणा नहीं हुई है।  

प्रमुख बिंदु  

  • गौरतलब है कि गृह मंत्रालय से इसके लिये पुलिस विभाग को पत्र मिल चुका है। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शिरकत करेंगे। उत्तराखंड को 13 साल पहले 2010 में पुलिस विज्ञान कॉन्ग्रेस की ज़िम्मेदारी मिली थी। 
  • विदित है कि पुलिस को आधुनिक अपराधों से लड़ने के लिये किस तरह से सक्षम बनाया जाए, इस पर मंथन के लिये देश में हर साल विज्ञान कॉन्ग्रेस आयोजित होती है। इसमें सभी राज्यों के आईजी और डीजीपी शिरकत करते हैं। पिछले साल यह विज्ञान कॉन्ग्रेस मध्य प्रदेश के भोपाल में हुई थी।  
  • उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस विज्ञान कॉन्ग्रेस के लिये अभी तक प्रदेश के देहरादून स्थित एफआरआई को आयोजन स्थल के लिये प्रस्तावित किया गया है। विज्ञान कांग्रेस में पैनल के लिये वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। 
  • डीजीपी ने बताया कि इस बार विज्ञान कॉन्ग्रेस का मुख्य बिंदु ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर क्राइम, ड्रग्स तस्करी की रोकथाम होंगे। वर्तमान में साइबर क्राइम बड़ा अपराध है। इसमें अपराधी नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में इस पर विस्तार से चर्चा करना बेहद ज़रूरी है।

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मुख्यमंत्री ने उत्तराखंडी फीचर फिल्म ‘पहाड़ी रत्न श्रीदेव सुमन’ का प्रोमो तथा पोस्टर का विमोचन किया

चर्चा में क्यों? 

25 जुलाई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में उत्तराखंडी फीचर फिल्म ‘पहाड़ी रत्न श्रीदेव सुमन’ का प्रोमो तथा पोस्टर का विमोचन किया।  

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महान क्रांतिकारी श्रीदेव सुमन की पुण्य तिथि पर उनका स्मरण करते हुए कहा कि लोग श्रीदेव सुमन के जीवन एवं कार्यों पर आधारित इस फिल्म के माध्यम से श्रीदेव सुमन को अनुभव करेंगे।  
  • श्रीदेव सुमन ने हमेशा अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाई और तानाशाही के खिलाफ जनआंदोलन चलाए। अनेक अमानवीय यातनाओं को झेला, लेकिन सच्चाई के मार्ग से विचलित नहीं हुए।  
  • श्रीदेव सुमन केवल एक जननायक ही नहीं थे बल्कि उनके भीतर एक अटल देशभक्ति थी। वे एक क्रांतिकारी, बुद्धिजीवी, रचनाकार, पत्रकार एवं दूरदृष्टि की सोच रखने वाले महापुरुष थे।  
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भारत में अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन चल रहा था तभी एक आंदोलन टिहरी प्रजामंडल के द्वारा चलाया जा रहा था, जिसका नेतृत्व श्रीदेव सुमन कर रहे थे। इस लड़ाई को लड़ते-लड़ते उन्होंने कई बार शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किये, बहुत प्रताड़ना सहनी पड़ी, कई बार आमरण अनशन भी किया।  
  • उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और वर्षों तक जेल में रहे, जेल में उनके ऊपर अनेक अमानवीय अत्याचार हुये। इसके बावजूद भी उनका संघर्ष जारी रहा। 
  • उन्होंने 3 मई, 1944 को अपना ऐतिहासिक अनशन शुरू किया और 25 जुलाई, 1944 के शाम को उन्होंने प्राणोत्सर्ग कर दिया।

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