उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में स्थापित होगा आपदा राहत प्रशिक्षण केंद्र
चर्चा में क्यों?
26 जुलाई, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपदा प्रबंधन कार्यों की समीक्षा के दौरान बताया कि प्रदेश में आपदा राहत प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा। साथ ही बरेली व झाँसी में क्षेत्रीय रेस्पांस सेंटर की स्थापना की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बीच परस्पर समन्वय के साथ प्रदेश में आपदा प्रबंधन के कार्यों को प्रभावी बनाने के लिये जारी प्रयासों की समीक्षा के दौरान जरूरी निर्देश दिये।
- उन्होंने निर्देश दिये कि आपदाकाल में राहत कार्यों के लिये योग्य व कुशल कार्मिकों की उपलब्धता पहली जरूरत है। जितने दक्ष कार्मिक होंगे, राहत कार्य उतना प्रभावी होगा। इसके लिये सेंटर स्थापित करना ज़रूरी है। इसमें एनडीआरएफ से भी सहयोग लिया जाना चाहिये। आकाशीय बिजली से होने वाली ऐसी जनहानि को कम करना बड़ी चुनौती है।
- विदित है कि वर्ष 2022-23 में 301 व 2023-24 में अब तक 36 ज़िलों में 174 मौतें हुई हैं।
- उन्होंने निर्देश दिये कि तीन माह में 75 ज़िलों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगा दिये जाएँ। इस तकनीक से आकाशीय बिजली गिरने के तीन से चार घंटे पहले पता लगाया जा सकता है, एक घंटे पहले सटीक स्थान की जानकारी मिल सकती है। समय से जानकारी मिलने पर जन व धन की हानि नहीं होगी।
- केंद्र सरकार द्वारा विकसित कराए गए दामिनी एप, मेघदूत जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रचार-प्रसार किया जाए।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी ज़िलों में इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर स्थापित किये गए हैं। इन्हें सेफ सिटी के तहत आईसीसीसी से इंटीग्रेट किया जाए।
- सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम को स्थापित कराएँ। इन्हें अर्ली वार्निंग सिस्टम से जोड़ा जाए। आपदाकाल में आपदा मित्रों की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण है। शेष ज़िलों में इनकी तैनाती की जाए।
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