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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Jul 2023
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बिहार सरकार ने किया कई राज्य आयोगों का पुनर्गठन

चर्चा में क्यों?

26 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने कई राज्य आयोगों का पुनर्गठन किया है। 

प्रमुख बिंदु  

  • बिहार राज्य महिला आयोग : पूर्व सांसद अश्वमेध देवी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनाई गई हैं, जबकि जहानाबाद की प्रभावती मांझी, सीवान की सुजाता सुम्ब्रई, भागलपुर की रबिया खातून, गोपालगंज की सुनीता कुशवाहा, पटना के पालीगंज की श्वेता विश्वास सदस्य, पूर्णिया की सुलोचना देवी और सहरसा की प्रो. गीता यादव को राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है। 
    • आयोग में समाज कल्याण विभाग, गृह विभाग और बिहार राज्य महिला एवं बाल विकास निगम एक-एक पदेन सदस्य मनोनीत किये गए हैं।  
    • समाज कल्याण विभाग की अधिसूचना के मुताबिक आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य मनोनयन तिथि से अधिकतम तीन वर्ष या 65 साल की आयु तक पूरी करने, जो पहले होगा। उस वक्त तक पद पर बने रहेंगे। 
    • समस्तीपुर को दूसरी बार राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद मिला है। इससे पहले पूर्व विधायक मंजू प्रकाश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। 
    • अश्वमेध देवी कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुकी हैं। वह समता पार्टी के समय से ही पार्टी से जुड़ी हुई हैं। उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद पहली बार वह सांसद बनीं। इसके बाद कई लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। 
  • बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग : सरकार ने बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग का भी पुर्नगठन किया है। विभागीय अधिसूचना के मुताबिक पूर्व विधान पार्षद रियाजुल हक उर्फ राजू को अध्यक्ष और किशनगंज के नौशाद आलम को उपाध्यक्ष बनाया गया है।  
    • जहानाबाद के मुजफ्फर हुसैन राही, रोहतास के महताब आलम उर्फ काबुल अहमद, पश्चिम चंपारण के इफ्तेखार अहमद उर्फ मुन्ना त्यागी, मुजफ्फरपुर के डॉ. इकबाल समी, नवादा की अफरोज़ा खातून, सीवान के मुर्तजा अली कैसर और बेगूसराय के मुकेश जैन यानी कुल सात सदस्य भी मनोनीत किये गए हैं।  
    • आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों के रुप में मनोनीत पदधारकों की कार्य अवधि 25 जुलाई से अगले तीन वर्षों के लिये होगी। 
  • बिहार राज्य मदरसा बोर्ड : इस बोर्ड का तीन साल के लिये पुनर्गठन कर दिया गया है। बोर्ड के अध्यक्ष पूर्व विधान पार्षद सलीम परवेज बनाये गए हैं। कुल 13 सदस्यीय बोर्ड में पाँच पदेन सदस्य और शेष सात सदस्य बनाये गए हैं।  
    • मदरसा बोर्ड के विशेष सदस्यों में विधानसभा के सदस्य महबूब आलम, सैयद रुकनुद्दीन अहमद, विधान परिषद सदस्य खालिद अनवर, मदरसा शिक्षक हूमायूँ अख्तर तारिक, मधुबनी के अब्दुल करीम अंसारी, पूर्वी चंपारण के रियाजुल अंसारी और मुजफ्फरपुर के शब्बीर अहमद शामिल हैं।  
    • इसके अलावा पदेन सदस्यों में प्राच्य शिक्षा के प्रभारी शिक्षा निदेशक, निदेशक अरबी एवं फारसी स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान पटना, मदरसा इस्लामिया शमशुल होदा के प्राचार्य, बिहार सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शामिल किये गए हैं।
  • बिहार संस्कृत बोर्ड : इस बोर्ड का अध्यक्ष राजद के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक भोला यादव को बनाया गया है। 
    • तीन साल के लिये गठित इस बोर्ड में कुल बारह सदस्य मनोनीत किये गए हैं। इसमें दो पदेन सदस्य और नौ मनोनीत सदस्य होंगे। पदेन सदस्यों में संस्कृत शिक्षा के शिक्षा निदेशक और संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि शामिल हैं।  
    • नामांकित सदस्यों में विधायक विनय कुमार चौधरी, ललित नारायण मंडल, विधान पार्षद प्रेम चंद्र मिश्रा, राजद नेता और वैशाली के चित्तरंजन गगन, मोकामा के मदन शर्मा, मधुबनी के रामशीष यादव, विश्वविद्यालय के संस्कृत शिक्षक आचार्य सियाराम प्रसाद यादव, मधुबनी के नारायण महतो और पटना की प्रतिमा कुमारी शामिल हैं।

  


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