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उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये निर्यात पर ज़ोर
चर्चा में क्यों?
24 जुलाई, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में निर्यात बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है तथा इसके तहत कार्ययोजना बनाकर काम शुरू कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रवक्ता ने बताया कि निर्यात पिछले साल के21 लाख करोड़ रुपए से 30 प्रतिशत बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपए हो गया है। सरकार का लक्ष्य अगले तीन साल में इस आँकड़े को 2 लाख करोड़ रुपए करने का है।
- उन्होंने कहा कि यह पहचानने का प्रयास किया गया है कि किन उत्पादों में निर्यात की संभावनाएँ हैं, किस ज़िले में कौन-से प्रमुख उत्पाद हैं आदि। राज्य स्तर पर ऐसे 15 सेक्टरों का चयन किया गया है। जिन उत्पादों का निर्यात किया गया है, उनके अलावा उन उत्पादों की भी पहचान की गई है, जिन्हें थोड़े और प्रयास से निर्यात योग्य बनाया जा सकता है।
- हर ज़िले में ज़िला निर्यात योजना पर काम किया जा रहा है। इसके साथ ही डीएम की अध्यक्षता में ज़िला निर्यात समितियों का भी गठन किया गया है। हर महीने एक बैठक होगी और विभाग को स्थानीय स्तर पर निर्यातकों के सामने आने वाली समस्याओं से अवगत कराया जाएगा।
- एमएसएमई (MSME) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि निर्यातकों को विदेशी खरीदारों के साथ सीधे जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा विदेशों में आयोजित होने वाले मेलों और प्रदर्शनियों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। प्रदेश के निर्यातकों को विदेश में लगने वाले मेलों और प्रदर्शनियों में भेजने की भी योजना बनाई गई है।
- एमएसएमई विभाग इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मशीनरी, वाहन और वाहन उपकरण, रत्न और आभूषण, कार्बनिक रसायन, लोहा और इस्पात लेख, परिधान (साड़ी सहित), फर्नीचर, चमड़े और चमड़े के उत्पाद, खेल के सामान, काँच और काँच के बने पदार्थ, इत्र, सिरेमिक, कालीन और हस्तशिल्प क्षेत्र से संबंधित है।
- प्रवक्ता ने कहा कि प्रोजेक्ट ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी)’ निर्यात में बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। अन्य देशों के दूतावासों में भी सरकार द्वारा ओडीओपी की ब्रांडिंग की जाएगी। ओडीओपी उत्पादों को दूतावासों में भी प्रदर्शित किया जाएगा। निर्यात बढ़ाने के लिये उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये इस वर्ष ‘उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम’के बजट को दोगुना कर दिया है। इस योजना के लिये 7 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। इसी तरह ‘त्वरित निर्यात विकास प्रोत्साहन योजना’के तहत सब्सिडी देने के लिये इस वर्ष बजट को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 25 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
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बुंदेलखंड में 31 प्राचीन किलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा
चर्चा में क्यों?
23 जुलाई, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित 31 प्राचीन किलों को नए पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिये कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड का पूरा क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से संपन्न है। नई पीढ़ी को इसके महत्त्व से अवगत कराने की ज़रूरत है। इस क्षेत्र के कई किलों में विशाल परिसर हैं और ये बेहतरीन होटलों में तब्दील हो सकते हैं।
- मुख्यमंत्री ने कालिंजर किला का जिक्र करते हुए कहा कि 542 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में कालिंजर किला स्थित है। उन्होंने अधिकारियों से निजी भागीदारी के साथ लाइट एंड साउंड शो, कैंपिंग, ट्रेकिंग, रॉक-क्लाइंबिंग और मुखौटा प्रकाश व्यवस्था की व्यवस्था करने के लिये कहा।
- उन्होंने जीर्ण-शीर्ण स्थिति में आ चुके किलों को पुनर्जीवित करने और तालबेहट दुर्ग एवं बरुआ सागर सरोवर में स्थित सरोवर के लिये जल क्रीड़ा एवं साहसिक पर्यटन गतिविधियों को शुरू करने की योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
- उन्होंने अधिकारियों से बहाली कार्य के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) फंडिंग मॉडल अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) मॉडल भी उपयोगी हो सकता है और राज्य सरकार जरूरत के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के लिये फंड भी देगी।
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