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राज्य में प्रथम महिला निधि वित्तीय संस्थान के लिये एमओयू
चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2022 को राजस्थान में प्रदेश का पहला और देश का तीसरा ‘महिला वित्तीय संस्थान’स्थापित करने के लिये ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा की उपस्थिति में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद एवं स्त्रीनिधि तेलंगाना के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में हुए इस एमओयू पर राजीविका की ओर से राज्य मिशन निदेशक मंजू राजपाल एवं तेलंगाना की ओर से स्त्रीनिधि के एमडी जी. विद्यासागर रेड्डी ने हस्ताक्षर किये।
- राज्य में ‘राजस्थान महिला निधि’की स्थापना तेलंगाना राज्य में सफलतापूर्वक संचालित स्त्री निधि मॉडल की तर्ज पर राज्य स्तरीय सहकारी वित्तीय संस्था के रूप में राजीविका के माध्यम से की जा रही है। राजीविका के क्लस्टर लेवल फेडरेशन इसके सदस्य होंगे।
- राजस्थान महिला निधि की स्थापना के लिये राज्य सरकार द्वारा दो वर्षों में कुल 50 करोड़ रुपए (प्रथम वर्ष में 25 करोड़ रुपए) का अनुदान दिया जाएगा एवं भारत सरकार से 110 करोड़ रुपए के अनुदान हेतु प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रेषित किये गए हैं।
- इस निधि के संचालन के लिये चरणबद्ध तरीके से राजीविका द्वारा 561 प्रोन्नत संकुल स्तरीय संघ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) से 10 लाख रुपए प्रति संकुल स्तरीय संघ शेयर कैपिटल के रूप में योगदान दिया जा रहा है।
- महिला निधि के माध्यम से 40,000 रुपए तक के ऋण 48 घंटे में एवं इससे अधिक राशि के ऋण 15 दिवस की समय सीमा में वितरित हो सकेंगे।
- इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री रमेश चंद मीना ने कहा कि महिला निधि की स्थापना के बाद राजीविका के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के आर्थिक सशत्तीकरण को बल मिलेगा और उन्हें अपने उद्यम के लिये ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी। बैंकों में लंबित ऋण आवेदनों की संख्या में भी कमी आएगी।
- राजस्थान महिला निधि औपचारिक बैंकों के साथ एक पूरक वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करेगा। इस निधि का संचालन एसएचजी की महिलाओं के द्वारा एसएचजी की महिलाओं के लिये ही किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में महिलाओं द्वारा संचालित बैंक स्थापित किये जाने के संबंध में घोषणा की गई थी।
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‘घर-घर औषधि योजना’का होगा विस्तार
चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘घर-घर औषधि योजना’ का विस्तार कर नए रूप में लागू करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। इससे ‘हरित राजस्थान-स्वस्थ राजस्थान’की संकल्पना के तहत प्रदेशभर में सघन वृक्षारोपण अभियान चलाए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- वृक्षारोपण कार्यक्रम में वर्ष 2022-23 के लिये 42 करोड़ रुपए की लागत से 5 करोड़ पौधे तैयार किये जाएंगे। इनमें से 3 करोड़ पौधे आमजन को मांग अनुसार उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है।
- प्रदेशवासियों को जनाधार कार्ड के आधार पर सरकार द्वारा निर्धारित दर पर पौधे वितरित किये जाएंगे। आमजन को पौधे सरकारी नर्सरियों से मिलेंगे तथा दूरी की समस्या होने पर अन्य स्थानों से भी वितरण किया जा सकेगा।
- सामुदायिक स्तर पर वृक्षारोपण के लिये राज्य की 10 हज़ार ग्राम पंचायतों को गोचर/ओरण/चारागाह हेतु तैयार किये गए एक करोड़ पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे।
- प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में प्रतिवर्ष एक हज़ार पौधे उपलब्ध कराएगी। इसी प्रकार 200 बड़े नगरीय क्षेत्रों में लगभग एक करोड़ पौधे प्रतिवर्ष लगाए जाएंगे।
- नवीन योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 के लिये भी 42 करोड़ रुपए की लागत से 5 करोड़ पौधे तैयार किये जाएंगे तथा वर्ष 2022-23 में लगाए गए पौधों के लिये 21 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रकार इस योजना में कुल 105 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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‘राजस्थान आउट ऑफ टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मैडल विनर्स रूल्स, 2017’ में संशोधन को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘राजस्थान आउट ऑफ टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मैडल विनर्स रूल्स, 2017’ में संशोधन को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- इस संशोधन के बाद केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य में नियुक्त अधिकारी-कर्मचारी, जो राजस्थान के मूल निवासी हों, को पदक जीतने पर पे प्रोटेक्ट करते हुए समान वेतन पर राज्य में नियुक्ति दी जा सकेगी।
- राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में खेल एवं खिलाड़ियों के उन्नयन की दिशा में किये गए इस निर्णय से पदक विजेता खिलाड़ी समान वेतन पर अपने गृह राज्य में नौकरी करते हुए बेहतर रूप से अभ्यास कर सकेंगे तथा अपनी खेल प्रतिभा को और निखार सकेंगे।
- गौरतलब है कि मई 2022 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता 65 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी। इन पदक विजेताओं को ‘राजस्थान आउट ऑफ टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मैडल विनर्स रूल्स, 2017’ के तहत उनकी प्रथम वरीयता अनुसार आनुपातिक रूप से विभागों का आवंटन किया गया था।
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राज्य में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का किया जाएगा गठन
चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2022 को राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में नशे पर नियंत्रण के लिये शीघ्र ही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन किया जाएगा। यह टास्क फोर्स विशेष रूप से नशे के कारोबार पर नियंत्रण करने का कार्य करेगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य सचिव ने शासन सचिवालय में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित चौथी राज्यस्तरीय एनकोर्ड (नारको कोऑर्डिनेशन) बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
- बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा ने गृह विभाग को नशे के प्रति जागरूकता लाने के लिये शीघ्र ही राज्य स्तरीय जागरूकता रणनीति तैयार करने तथा युवाओं में बढ़ते मेडिसिनल नशे पर नियंत्रण के लिये प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये।
- उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रदेश में 12 से 15 अगस्त तक स्कूली बच्चों के लिये आयोजित कार्यक्रमों में नशा नहीं करने की शपथ दिलवाई जाए और इस शपथ को प्रदेश में अगस्त माह के अंत में प्रस्तावित ग्रामीण ओलंपिक्स का हिस्सा बनाया जाए, जिसमें बड़ी संख्या में युवा भाग लेंगे।
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