प्रदेश को मिला नया कर्माझिरी अभयारण्य | मध्य प्रदेश | 27 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
26 जुलाई, 2022 को राज्य शासन द्वारा पेंच टाइगर रिज़र्व के सीमावर्ती वन क्षेत्र को शामिल करते हुए नवीन कर्माझिरी अभयारण्य का गठन किये जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) जसबीर सिंह चौहान ने बताया कि नवगठित कर्माझिरी अभयारण्य में सिवनी ज़िले के 420 हेक्टेयर वन क्षेत्र को शामिल किया गया है।
- इसके गठन से टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन को मज़बूती मिलेगी और शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्य-प्राणियों को अतिरिक्त रहवास स्थल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही, प्रदेश में वन्य-प्राणी बहुल क्षेत्र को शामिल करते हुए संरक्षित क्षेत्र के रकबे में वृद्धि होगी।
- उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्रदेश में 24 अभयारण्य हैं। शिवपुरी के करेरा अभयारण्य को डिनोटिफाई किया गया है। इस प्रकार कर्माझिरी अभयारण्य के गठन के बाद संख्या कुल 24 ही रहेगी।
- राज्य शासन ने भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति के बाद एक और महत्त्वपूर्ण अधिसूचना जारी करते हुए शिवपुरी ज़िले के करेरा में 21 वर्ग किमी. क्षेत्र में बने वन्य-प्राणी अभयारण्य को समाप्त कर दिया है। इससे इस क्षेत्र की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है।
- उल्लेखनीय है कि करेरा वन्य प्राणी अभयारण्य का गठन 1981 में सोन चिड़िया के संरक्षण के लिये किया गया था। इसमें केवल राजस्व और निजी भूमि शामिल थी। अभयारण्य की अधिसूचना के बाद से अधिसूचना में शामिल भूमि के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
शिवपुरी की सांख्य सागर झील रामसर साइट में शामिल | मध्य प्रदेश | 27 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
26 जुलाई, 2022 को देश में नई घोषित पाँच रामसर साइट्स में मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित सांख्य सागर झील को भी शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश को दो दशक बाद दूसरी रामसर साइट मिली है। इससे पहले भोपाल के बड़ा तालाब (भोजताल) को रामसर साइट का दर्जा मिल चुका है।
- गौरतलब है कि प्रदेश की 3 आर्द्रभूमि इंदौर के सिरपुर आर्द्रभूमि और यशवंत सागर तथा सांख्य सागर को रामसर साइट के रूप में घोषित करने के लिये भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था।
- केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय ने रामसर संधि के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के पाँच नए आर्द्रभूमि स्थल नामित किये हैं, जिनमें तमिलनाडु में तीन आर्द्रभूमि स्थल (करीकिली पक्षी अभयारण्य, पल्लिकरनई मार्श रिज़र्व फॉरेस्ट और पिचवरम मैंग्रोव), मिज़ोरम में एक (पाला आर्द्रभूमि) और मध्य प्रदेश में एक आर्द्रभूमि स्थल (सांख्य सागर) शामिल हैं। इस प्रकार, देश में रामसर स्थलों की कुल संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गई है।
- उल्लेखनीय है कि झील संरक्षण के संबंध में ईरान के रामसर नगर में वर्ष 1971 में हुई एक अंतर्राष्ट्रीय संधि के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की वेटलैंड साइट्स की सूची संधारित की जाती है।
मुख्यमंत्री सारथी-योजना | झारखंड | 27 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
26 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिविल सेवा परीक्षा-2021 में सफल हुए झारखंड के उम्मीदवारों के लिये आयोजित बधाई समारोह में कहा कि राज्य में जल्द ही ‘मुख्यमंत्री सारथी-योजना’की शुरुआत की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में झारखंड सरकार द्वारा झारखंड मुख्यमंत्री सारथी योजना आरंभ करने की घोषणा की गई थी।
- इस योजना के तहत राज्य सरकार सभी वर्ग/समुदाय के वैसे अभ्यर्थी, जो यूपीएससी, जेपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये कोचिंग के खर्च का वहन नहीं कर पा रहे हैं, को अपने खर्चे से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करवाएगी।
- गौरतलब है कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2021 में झारखंड के 26 उम्मीदवार सफल हुए हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहाँ विदेशों में पढ़ने वाले बच्चों को उच्च शिक्षा के लिये छात्रवृत्ति दी जा रही है। आने वाले समय में राज्य सरकार बच्चों के विदेश जाने का यह दायरा बढ़ाएगी।
हसदेव अरण्य में आवंटित कोल ब्लॉक रद्द करने हेतु विधानसभा में अशासकीय संकल्प पारित | छत्तीसगढ़ | 27 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
26 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा ने जनता कॉन्ग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक धर्मजीत सिंह द्वारा प्रस्तुत हसदेव अरण्य क्षेत्र में आवंटित कोल ब्लॉक रद्द करने के अशासकीय संकल्प को सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- विधानसभा में विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 57 हज़ार मिलियन टन का कोयला भंडार है। 50 साल में भी 25 फीसदी ही खनन किया जा सकता है।
- गौरतलब है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन के लिये वर्तमान में स्वीकृत परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोयला खदान के लिये लगभग 2,22,921 वृक्ष एवं परसा कोयला खदान के लिये लगभग 99,107 वृक्षों की कटाई होनी है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 1995 वर्ग किमी. क्षेत्र में लेमरु एलिफेंट रिज़र्व घोषित किया है। उससे जुड़े कोल ब्लॉक में रोक लगाने की मांग केंद्र से की गई है।
- गौरतलब है कि हसदेव अरण्य में कोल ब्लॉक एक्सटेंशन किया जा रहा है। राजस्थान की विद्युत कंपनी को कोल ब्लॉक का आवंटन किया गया है। कोल ब्लॉक की एनओसी लंबे समय तक अटकी थी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के छत्तीसगढ़ आगमन के बाद छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा एनओसी जारी की गई थी।
- वहीं राजस्थान की बिजली कंपनी के एमडी विगत दिनों छत्तीसगढ़ आये थे। उन्होंने मुख्य सचिव और कलेक्टरों से मिलकर खनन का कम शीघ्र शुरू कराने का आग्रह किया था। हसदेव अरण्य का मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुँच चुका है। वहीं हसदेव के जंगलों को बचाने के लिये ‘हसदेव बचाओ अभियान’भी चलाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में वेतन संशोधन विधेयक पास | छत्तीसगढ़ | 27 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
26 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा ने विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष एवं विधायकों के वेतन एवं भत्ता संशोधन विधेयक, 2022 और छत्तीसगढ़ के मंत्री (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम, 1972 में संशोधन विधेयक, 2022 के प्रस्ताव को पास किया।
प्रमुख बिंदु
- विधानसभा में वेतन-भत्ता संबंधित संशोधन अधिनियम पारित होने के बाद अब विधायकों और मंत्रियों को बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। वेतन और भत्तों में वृद्धि से राज्य के खजाने पर सालाना लगभग 81 करोड़ रुपए का बोझ पड़ने की संभावना है।
- विधेयक के अनुसार, मुख्यमंत्री का वेतन वृद्धि के बाद मौजूदा 35 लाख रुपए से 2.05 लाख रुपए प्रतिमाह होगा, जबकि मंत्रियों को मौजूदा 1.30 लाख रुपए से 1.90 लाख रुपए मिलेंगे। मुख्यमंत्री का मूल वेतन 35,000 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 50,000 रुपए प्रतिमाह किया गया है।
- छत्तीसगढ़ कैबिनेट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 13 मंत्री हैं। विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 32 लाख रुपए प्रतिमाह से बढ़कर 1.95 लाख रुपए होगा, जबकि उपाध्यक्ष का वेतन 1.28 लाख रुपए से बढ़कर 1.80 लाख रुपए होगा।
- नेता प्रतिपक्ष को 1.30 लाख रुपए की जगह 1.90 लाख रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। 15 संसदीय सचिवों को 1.21 लाख रुपए की जगह प्रति माह 1.75 लाख रुपए मिलेंगे। विधायक का वेतन अब 1.10 लाख रुपए से बढ़कर 1.60 लाख रुपए प्रतिमाह होगा।
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार | उत्तराखंड | 27 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि ‘स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार’में राज्य स्तर पर 26 स्कूलों का चयन किया गया है। चुने गए स्कूलों में से आठ को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये भेजा जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य स्तर पर चयनित 26 स्कूलों में 20 स्कूल ओवरआल कैटेगरी में आए हैं, जबकि छह स्कूलों का चयन सब कैटेगरी में हुआ है। राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले सभी 26 स्कूलों को इस महीने के भीतर ही सम्मानित किया जाएगा।
- बंशीधर तिवारी ने बताया कि राज्यस्तरीय ओवरआल कैटेगरी में गढ़वाल मंडल से 11 तथा कुमाऊं मंडल से 9 स्कूल चुने गए हैं।
- राज्यस्तरीय सब कैटेगरी में पीएस बासोट, भिकियासैंण (अल्मोड़ा), केंद्रीय विद्यालय हल्द्वानी (नैनीताल), जवाहर नवोदय विद्यालय जयहरीखाल (पौड़ी), केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी रायपुर और केंद्रीय विद्यालय अपर कैंप, सहसपुर (देहरादून) तथा स्काईवार्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कृष्ण नगर, रुड़की (हरिद्वार) चुने गए हैं।
- उल्लेखनीय है कि स्वच्छता के प्रति प्रोत्साहित करने के लिये केंद्र सरकार ने वर्ष 2016-17 से ‘स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार’शुरू किया था।
- राज्य स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 के लिये ओवरऑल कैटेगरी में 100 और सब कैटेगरी में 73 स्कूलों का चयन किया गया था। स्कूलों की रैंकिंग के आधार पर अंतिम 26 स्कूलों को चुना गया है।