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उत्तर प्रदेश के पाँच युवा कवियों को गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
26 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान ने प्रदेश के पाँच युवा कवियों को गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- पुरस्कृत होने वाल कवियों में राजधानी लखनऊ के व्यंग्यकार-कवि पंकज प्रसून व युवा कवयित्री निशा सिंह, प्रयागराज के डॉ. प्रभांशु कुमार, फिरोजाबाद के कृष्ण कुमार कनक और बहराइच के वेद मित्र शुक्ला शामिल हैं।
- इन सभी कवियों को उनकी रचनाओं के लिये एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
- 4 जनवरी, 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा में जन्मे विख्यात कवि एवं गीतकार पद्मभूषण गोपाल दास ‘नीरज’की शैली समझने में आसान और उच्च गुणवत्ता वाली रही है। उन्होंने एसडी बर्मन द्वारा कंपोज किये गए और राजकपूर, धर्मेंद्र, राजेश खन्ना जैसे नायकों पर फिल्माए गए कई सदाबहार गीत भी लिखे हैं।
- जन समाज की दृष्टि में वे मानव प्रेम के अन्यतम गायक थे। उन्होंने अपनी मर्मस्पर्शी काव्यानुभूति और सरल भाषा द्वारा हिन्दी कविता को एक नया मोड़ दिया है।
- विदित है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने वर्ष 2018 में गोपाल दास ‘नीरज’के निधन पर उनकी स्मृति में हर वर्ष पाँच नवोदित कवियों को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की थी।
- गोपाल दास ‘नीरज’स्मृति पुरस्कार के लिये चयनित कवि एवं उनकी रचनाएँ-
- पंकज प्रसून - तब गीतों ने साथ निभाया।
- निशा सिंह नवल - मैं निशा हूँ।
- डॉ. प्रभांशु कुमार - डॉ. प्रभांशु की कलम से काव्य संग्रह।
- कृष्ण कुमार कनक - उलझाता छविजाल तुम्हारा।
- वेद मित्र शुक्ला - एक समंदर गहरा भीतर।
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