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स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Jun 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के पाँच युवा कवियों को गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

26 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान ने प्रदेश के पाँच युवा कवियों को गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की है।  

प्रमुख बिंदु

  • पुरस्कृत होने वाल कवियों में राजधानी लखनऊ के व्यंग्यकार-कवि पंकज प्रसून व युवा कवयित्री निशा सिंह, प्रयागराज के डॉ. प्रभांशु कुमार, फिरोजाबाद के कृष्ण कुमार कनक और बहराइच के वेद मित्र शुक्ला शामिल हैं।
  • इन सभी कवियों को उनकी रचनाओं के लिये एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
  • 4 जनवरी, 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा में जन्मे विख्यात कवि एवं गीतकार पद्मभूषण गोपाल दास ‘नीरज’की शैली समझने में आसान और उच्च गुणवत्ता वाली रही है। उन्होंने एसडी बर्मन द्वारा कंपोज किये गए और राजकपूर, धर्मेंद्र, राजेश खन्ना जैसे नायकों पर फिल्माए गए कई सदाबहार गीत भी लिखे हैं।
  • जन समाज की दृष्टि में वे मानव प्रेम के अन्यतम गायक थे। उन्होंने अपनी मर्मस्पर्शी काव्यानुभूति और सरल भाषा द्वारा हिन्दी कविता को एक नया मोड़ दिया है।
  • विदित है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने वर्ष 2018 में गोपाल दास ‘नीरज’के निधन पर उनकी स्मृति में हर वर्ष पाँच नवोदित कवियों को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की थी।
  • गोपाल दास ‘नीरज’स्मृति पुरस्कार के लिये चयनित कवि एवं उनकी रचनाएँ-
    • पंकज प्रसून - तब गीतों ने साथ निभाया।
    • निशा सिंह नवल - मैं निशा हूँ।
    • डॉ. प्रभांशु कुमार - डॉ. प्रभांशु की कलम से काव्य संग्रह।
    • कृष्ण कुमार कनक - उलझाता छविजाल तुम्हारा।
    • वेद मित्र शुक्ला - एक समंदर गहरा भीतर।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान को मिला जैम एक्सीलेंसी अवार्ड

चर्चा में क्यों?

26 जून, 2023 को नई दिल्ली के वाणिज्य भवन में आयोजित क्रेता विक्रेता गौरव सम्मान समारोह में राजस्थान को जैम एक्सीलेंसी अवार्ड दिया गया। प्रदेश को जैम पोर्टल के माध्यम से एससी-एसटी उपक्रमियों को उनके उत्पादों के क्रय आदेश दिलाने के बेहतर कार्य के लिये सिल्वर पुरस्कार प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • सम्मान समारोह में केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने राजस्थान को सिल्वर पुरस्कार दिया। राजस्थान उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ओर से अतिरिक्त निदेशक एस एस शाह ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
  • राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने पुरस्कार मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस पोर्टल पर सराहनीय कार्य के लिये यह पुरस्कार मिलना प्रदेश के लिये गौरव की बात है।
  • विभाग के आयुक्त ओम कसेरा ने कहा कि प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातावरण विकसित करना विभाग की प्राथमिकता है एवं इस दिशा में विभाग निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि नव उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग नीति से सुगमता से उद्योग स्थापित करने एवं संचालित करने के लिये विभाग की ओर से हरसंभव मदद उपलब्ध करवाई जा रही है।


मध्य प्रदेश Switch to English

लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि 25 हज़ार से बढ़कर 30 हज़ार रुपए प्रतिमाह होगी

चर्चा में क्यों?

26 जून, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में उनके निवास परिसर में आयोजित लोकतंत्र सेनानियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में लोकतंत्र सेनानियों को प्रदान की जा रही 25 हज़ार रुपए की सम्मान निधि को बढ़ाकर 30 हज़ार रुपए प्रतिमाह किये जाने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जो लोकतंत्र सेनानी एक माह से कम अवधि के लिये बंदी रहे हैं, उनकी सम्मान निधि 8 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 10 हज़ार रुपए की जाएगी।
  • दिवंगतों के परिवारों को दी जाने वाली निधि भी 5 हज़ार से बढ़ाकर 8 हज़ार रुपए की जाएगी।
  • लोकतंत्र सेनानियों को दिल्ली प्रवास के दौरान मध्य प्रदेश भवन में ठहरने की सुविधा होगी। जिलों के विश्राम गृह और रेस्ट हाऊस में वे 2 दिन तक 50 प्रतिशत शुल्क देकर रह सकेंगे। साथ ही सभी तरह की बीमारियों का संपूर्ण इलाज राज्य शासन द्वारा कराया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय कार्यालयों में उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार हो, इसके लिये विशेष निर्देश जारी किये जा रहे हैं।
  • लोकतंत्र सेनानियों को राज्य शासन की ओर से ताम्रपत्र प्रदान किये गए थे, जिन्हें ताम्रपत्र मिलना शेष है, उन्हें भी तत्काल ताम्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने आपातकाल की कटु स्मृतियों पर आधारित रमेश गुप्ता की पुस्तक ‘मैं मीसाबंदी-आपातकाल व्यथा-कथा-19 महीने’का विमोचन भी किया।


मध्य प्रदेश Switch to English

जल्द घोषित और लागू होगी मध्य प्रदेश की आई. टी. पॉलिसी

चर्चा में क्यों?

26 जून, 2023 को मध्य प्रदेश के एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने बताया कि मध्य प्रदेश की आईटी-आईटीईएस और ईएसडीएम नीति शीघ्र ही घोषित और लागू की जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • एमएसएमई मंत्री ने बताया कि इस नीति का लक्ष्य सभी कारकों का समावेश कर आईटी क्षेत्र की वृद्धि और विकास के लिये एक जीवंत तथा समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर मध्य प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाना है।
  • राज्य में अनुसंधान एवं विकास, निवेश, रोज़गार, नवाचार और उद्योगों के लिये आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान करने पर इस नीति में विशेष ध्यान दिया गया है।
  • उन्होंने बताया कि 2023 के लिये मध्य प्रदेश की आईटी, आईटीईएस, ईएसडीएम नीति उद्योग जगत से विचार-विमर्श के विभिन्न सत्रों और विभिन्न राज्य की नीतियों की बेंचमार्किंग के पश्चात् बनाई गई है।
  • नीति का प्रमुख उद्देश्य प्रोत्साहन प्रदान कर और नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाकर आईटी, आईटीईएस, ईएसडीएम क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करना है। यह नीति व्यवसाय-अनुकूल वातावरण बनाने और उद्योगों के विकास के लिये आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान करने पर केंद्रित है।
  • मंत्री सखलेचा ने बताया कि नीति का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में मध्य प्रदेश में आईटी, आईटीईएस, ईएसडीएम क्षेत्र में 10 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित कर 2 लाख नई नौकरियाँ सृजित करना है।
  • इसमें 10 मिलियन वर्गफुट आईटी, ईएसडीएम इंफ्रास्ट्रक्चर स्पेस का निर्माण, राज्य भर में अत्याधुनिक आईटी पार्क, भवन, प्लग एंड प्ले स्पेस को आईटी, आईटीईएस, ईएसडीएम के लिये प्लग एंड प्ले और रेडी टू बिल्ड फैक्टरियाँ शामिल कर बुनियादी ढाँचा खड़ा करने पर ज़ोर दिया गया है।
  • एमएसएमई मंत्री ने बताया कि ड्राफ्ट नीति नवीन विशेषताएँ प्रस्तुत करती है, जो उद्योग के समक्ष आने वाली महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान भी सुझाएगी। ड्राफ्ट नीति में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स के लिये CAPEX सहायता का विशेष प्रावधान प्रदान करके विश्व स्तरीय आईटी बुनियादी ढाँचा विकसित करने के प्रावधान शामिल हैं।
  • नीति में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है और पूंजी सब्सिडी कैपिंग को बढ़ाकर उनका समर्थन किया गया है।
  • प्रारूप नीति में ईएसडीएम इकाइयों में निवेश आकर्षित करना, स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देना और एक मज़बूत आपूर्ति श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना शामिल है।
  • नीति व्यवसायों को अपना संचालन स्थापित करने में मदद करने के लिये किराये में सहायता और रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने के लिये रोज़गार सृजन सहायता प्रदान करती है।
  • यह नीति टेस्टिंग, कैलिब्रेशन प्रयोगशालाओं, गुणवत्ता प्रमाणन, पेटेंटिंग और स्टैंड अलोन शोध और विकास इकाइयों का समर्थन करने के लिये विभिन्न प्रोत्साहन के माध्यम से प्रतिष्ठानों को सहायता प्रदान करके अनुसंधान और विकास  गतिविधियों को प्रोत्साहित करती है।
  • ड्राफ्ट नीति राज्य में विभिन्न प्रकार के डेटा सेंटर्स को आकर्षित करने पर ज़ोर देती है। नीति में डेटा सेंटर इकाइयों के लिये विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रावधान विशेष रूप से तैयार किये गए हैं। नीति में अनुकूलित पैकेज के माध्यम से क्षेत्र में मेगा परियोजनाओं का समर्थन करने का भी प्रावधान है।
  • नीति का लक्ष्य आईटी-ईएसडीएम क्षेत्र की वृद्धि और विकास के लिये एक जीवंत और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जिससे मध्य प्रदेश को आईटी के लिये एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित किया जा सके।

हरियाणा Switch to English

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की साहिबा को मिला सर्वश्रेष्ठ यूथ कॉर्डिनेशन पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

25 जून, 2023 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय की यूथ रेड क्रॉस वॉलंटियर साहिबा को सर्वश्रेष्ठ यूथ कॉर्डिनेशन के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।  

प्रमुख बिंदु

  • प्रवक्ता ने बताया कि इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, हरियाणा स्टेट ब्रांच, चंडीगढ़ द्वारा पाँच दिवसीय राज्य स्तरीय यूथ रेडक्रॉस एडवेंचर कैंप का आयोजन 19 से 23 जून, 2023 तक मनाली में किया गया था, जिसमें 10 विश्वविद्यालयों एवं सात महाविद्यालयों के 88 महिला विद्यार्थियों एवं यूथ रेड क्रॉस काउंसलर्स ने भाग लिया।
  • कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की टीम ने भी इस कैंप में भागीदारी की थी, जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र की यूथ रेड क्रॉस वॉलंटियर साहिबा को सर्वश्रेष्ठ यूथ कॉर्डिनेशन पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।


हरियाणा Switch to English

पीएम किसान सम्मान निधि के लिये अब घर बैठे ही कर सकते हैं ई-केवाईसी

चर्चा में क्यों?

25 जून, 2023 को हरियाणा सरकार के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना’के लाभार्थी किसानों को अब ई-केवाईसी कराने के लिये भटकना नहीं पड़ेगा। किसान अब घर बैठे ही इस काम को पूरा कर सकते हैं।  

प्रमुख बिंदु

  • प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इस पूरी प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए पीएमकिसान मोबाइल ऐप लांच किया गया है। इस ऐप के माध्यम से किसान अब घर बैठे ही पीएम किसान सम्मान निधि के लिये ई-केवाईसी कर सकते हैं।
  • उन्होंने बताया कि किसानों को इसके लिये अब ओटीपी या फिंगरप्रिंट की जरूरत नहीं रहेगी। फेस ऑथेंटिकेशन फीचर की मदद से ई-केवाईसी हो जाएगा, साथ ही इसकी मदद से सौ अन्य किसानों का भी ई-केवाईसी किया जा सकता है।
  • यह किसानों को योजना एवं पीएम किसान खातों से संबंधित कई जानकारियाँ देने में सक्षम है।
  • उन्होंने बताया कि नया ऐप उपयोग में बहुत सरल है। गूगल प्ले स्टोर पर आसानी से डाउनलोड के लिये उपलब्ध है।

झारखंड Switch to English

झारखंड कैबिनेट : निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने के लिये बनेगा डेडिकेटेड कमीशन, 43 प्रस्तावों पर लगी मुहर

चर्चा में क्यों?

26 जून, 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 43 प्रस्तावों पर सहमति दी गई। इसके तहत निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने के लिये डेडिकेटेड कमीशन बनेगा। पिछड़ा वर्ग आयोग ही डेडिकेटेड कमीशन के रूप में काम करेगा।

प्रमुख बिंदु

  • झारखंड कैबिनेट ने राज्य के स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ों के आरक्षण की पात्रता की जाँच के लिये ‘डेडिकेटेड कमीशन’बनाने का फैसला किया है। पिछड़ा वर्ग आयोग ही डेडिकेटेड कमीशन के रूप में काम करेगा। ‘विकास कृष्णा राव गवली बनाम महाराष्ट्र सरकार’के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए फैसले के मद्देनज़र कमीशन के गठन का फैसला किया गया है।
  • कैबिनेट ने राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाओं और महिला पर्यवेक्षिकाओं को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की। केंद्र प्रायोजित मिशन सक्षम आंगनबाड़ी व पोषण 20.0 के तहत पोषण अभियान योजना में कुल 29,100 सेविकाओं और पर्यवेक्षिकाओं को अधिकतम आठ हज़ार रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) का स्मार्ट फोन दिया जायेगा। इसके अलावा कुल 6,850 आंगनबाड़ी केंद्रों का भी उन्नयन किया जाएगा। इसके लिये प्रति आंगनबाड़ी केंद्र एक लाख रुपए खर्च किये जाएंगे।
  • कैबिनेट ने राज्य में महिलाओं से नाइट शिफ्ट में भी काम लेने के प्रस्ताव पर सहमति दी। इसके लिये ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’के तहत भारत सरकार द्वारा तैयार किये गए बिजनेस रिफॉर्मस एक्शन प्लान के अनुपालन कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन का फैसला किया तथा कारखाना संशोधन विधेयक 2023 को मंजूरी प्रदान की।
    • इसके पहले राज्य के औद्योगिक संस्थानों में महिलाओं से सुबह 10 बजे से शाम पाँच बजे तक ही काम लेने की अनुमति थी। अधिनियम में संशोधन के फैसले से महिलाओं से शाम पाँच बजे से सुबह 10 बजे तक यानी नाइट शिफ्ट में भी काम लिया जा सकेगा।
  • कैबिनेट ने झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक, 2023 के गठन को स्वीकृति प्रदान की। इसके तहत अब शपथपत्र व वकालतनामा आदि में इस्तेमाल किये जाने वाले स्टांप शुल्क की दर में वृद्धि कर दी गई है।
    • पूर्व में शपथपत्र व वकालतनामा में 15 रुपए का स्टांप लगाना होता था। अब 30 रुपए के स्टांप का इस्तेमाल किया जाएगा। स्टांप से विक्रय से प्राप्त होने वाली राशि अधिवक्ताओं के कल्याण पर खर्च की जाएगी।
  • कैबिनेट ने गोड्डा के महागामा में 500 बेड वाले अस्पताल के निर्माण से संबंधित प्रस्ताव पर मंजूरी दी। अस्पताल का निर्माण इसीएल सीएसआर से करेगा। कुल 307.44 करोड़ रुपए की लागत से अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। कैबिनेट ने इसे पीपीपी मोड पर चलाने की स्वीकृति प्रदान की।
  • कैबिनेट द्वारा ‘नमामि गंगे योजना’के तहत धनबाद में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने पर सहमति दी गई। इस पर 858.86 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। योजना का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा।


छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने बालवाड़ी योजना के दूसरे चरण में 4318 बालवाड़ियों का शुभारंभ किया

चर्चा में क्यों?

26 जून, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालवाड़ी योजना के दूसरे चरण में 4318 बालवाड़ियों का शुभारंभ किया। पहले चरण में प्रदेश में 5173 बालवाड़ी खुले थे।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि 5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई शिक्षा नीति के अनुसार खेल-खेल में बच्चों के सीखने और समझने की क्षमता को विकसित करने के लिये प्रदेश में ‘बालवाड़ी योजना’का शुभारंभ किया था।
  • ‘जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा की गाड़ी’की थीम के साथ मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना की शुरुआत की थी।
  • स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालवाड़ी योजना पाँच से छ: वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिये शुरू की गई है।
  • ‘बालवाड़ी योजना’के माध्यम से बच्चे को सीखने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है और उन्हें स्कूल के माहौल के लिये तैयार किया जाता है। बच्चों के लिये हर बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अतिरिक्त संबद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक की भी तैनाती की जाती है और इसके लिये सहायक शिक्षक को हर माह 500 रुपए का अतिरिक्त मानदेय भी प्रदान किया जाता है।
  • ‘बालवाड़ी योजना’के प्रथम चरण में राज्य की 5173 आंगनबाड़ियों को बालवाड़ियों में बदला गया था, जिनके माध्यम से शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में राज्य के 5-6 साल के 3 लाख 23 हज़ार 624 विद्यार्थियों में से 68 हज़ार 54 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया था।
  • बालवाड़ी के संचालन के लिये बच्चों की सामग्री ‘बाल वाटिका’तैयार की गई है। बालवाड़ी का संचालन स्कूल परिसर में भोजन अवकाश के 2 घंटे पहले किया जाता है।


उत्तराखंड Switch to English

नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन लिये बनेगा एक्ट, केंद्र सरकार ने दी अनुमति

चर्चा में क्यों?

26 जून, 2023 को उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार नशा मुक्ति केंद्रों को अब नियमों के दायरे में बांधने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में प्रदेश में जल्द ही ‘मेंटल हेल्थ केयर एक्ट’लागू किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद प्रदेश सरकार इसके प्रारूप को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है। इसे जल्द ही कैबिनेट में रखने की तैयारी है।
  • ‘मेंटल हेल्थ केयर एक्ट’के तहत मानसिक स्वास्थ्य केंद्र व संस्थानों को राज्य मेंटल हेल्थ केयर अथारिटी में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। एक्ट का उल्लंघन करने वालों पर 50 हज़ार से लेकर दो लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
  • विदित है कि प्रदेश में अभी नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन को लेकर कोई निश्चित मानक नहीं बने हैं। जिलाधिकारी अपने-अपने स्तर से इनके संचालन को गाइडलाइन जारी करते हैं। यद्यपि इस प्रकार की गाइडलाइन को नशा मुक्ति संचालक हाईकोर्ट में चुनौती दे देते हैं। उनका तर्क यह रहता है कि इस तरह की गाइडलाइन उन पर सीधे लागू नहीं होती।
  • दरअसल, प्रदेश में नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन को लेकर सवाल उठते रहे हैं। सही प्रकार के भवन न होने, चिकित्सकों की तैनाती और प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण भी मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं।
  • यहाँ मरीजों का सही प्रकार से इलाज न करने और उनको प्रताडि़त करने की बातें भी सामने आई हैं। यहाँ तक कि कई बार मरीजों के मौत की बात भी सामने आई है। इसे देखते हुए प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन को एक्ट के दायरे में लाने की बात चल रही है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर प्रदेश में अपना मेंटल हेल्थ केयर एक्ट लाने के लिये अनुमति देने का अनुरोध किया था, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

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