घरौनी योजना | उत्तर प्रदेश | 27 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
25 जून, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश के गाँवों में रहने वाले लगभग 2.5 करोड़ लोगों को अक्टूबर 2023 तक घरौनी प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने यह घोषणा 11 लाख ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण-पत्र वितरित करने के लिये आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान की।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से पहले ही 34 लाख लोग लाभान्वित हो चुके हैं।
- उन्होंने यह भी बताया कि लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरण में तेज़ी लाने के लिये राज्य के 1,10,300 राजस्व गाँवों में ड्रोन द्वारा भूमि का सर्वेक्षण इस वर्ष अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा।
- घरौनी प्रमाण-पत्र ग्रामीणों को आसानी से ऋण प्राप्त करने में सक्षम बनाने के साथ ही उन्हें अपने व्यवसाय को स्थापित करने तथा इसका विस्तार करने में भी सुविधा प्रदान करता है।
- इसके अतिरिक्त घरौनी योजना पैतृक भूमि और संपत्तियों को उनके सही मालिकों को हस्तांतरित करने की सुविधा प्रदान करती है।
यूरेनियम खनन के क्षेत्र में राजस्थान का प्रवेश | राजस्थान | 27 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
26 जून, 2022 को राज्य में यूरेनियम उत्खनन के लिये लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) जारी करने के साथ ही राजस्थान यूरेनियम खनन के क्षेत्र में प्रवेश कर गया है।
प्रमुख बिंदु
- यह एलओआई सीकर के पास खंडेला तहसील के रोहिल में यूरेनियम अयस्क के खनन के लिये यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को खनन पट्टा हेतु ज़ारी किया गया है।
- गौरतलब है कि सीकर ज़िले की खंडेला तहसील के रोहिल में 1086.46 हेक्टेयर क्षेत्र में यूरेनियम के विपुल भंडार मिले हैं। आरंभिक अनुमानों के अनुसार इस क्षेत्र में करीब 12 मिलियन टन यूरेनियम के भंडार संभावित हैं।
- देश में अभी झारखंड के सिंहभूमि के जादूगोडा और आंध्र प्रदेश में यूरेनियम का उत्खनन किया जा रहा है।
- वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक यूरेनियम का उत्पादन कज़ाखस्तान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में होता है। इसके अलावा रूस, नामीबिया, उज़्बेकिस्तान, यूएसए व यूक्रेन में भी यूरेनियम खनिज मिला है।
- यूरेनियम का उपयोग मुख्यत: बिजली बनाने में किया जाता है। हालाँकि, परमाणु ऊर्जा के अलावा दवा, रक्षा उपकरणों, फोटोग्राफी सहित अन्य में भी यूरेनियम का उपयोग किया जाता है।
मध्य प्रदेश बना रणजी ट्रॉफी, 2022 का विजेता | मध्य प्रदेश | 27 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
26 जून, 2022 को मध्य प्रदेश ने बंगलुरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में फाइनल मुकाबले में मुंबई को छह विकेट से हराकर अपना पहला रणजी ट्रॉफी खिताब जीता।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश ने पिछली बार रणजी ट्रॉफी का फाइनल वर्ष 1988-1989 में बंगलुरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में ही खेला था।
- फाइनल मुकाबले की पहली पारी में 116 और दूसरी पारी में 30 रन बनाने के लिये मध्य प्रदेश के शुभम शर्मा को फाइनल मुकाबले में ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया, जबकि पूरे टूर्नामेंट में सर्वाधिक 982 रन बनाने वाले मुंबई के सरफराज खान को ‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया।
- रणजी ट्रॉफी में मध्य प्रदेश की टीम के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव थे, जो इस जीत के साथ ही रणजी ट्रॉफी जीतने वाले मध्य प्रदेश के पहले कप्तान बन गए।
- वहीं चंद्रकांत पंडित मध्य प्रदेश के कोच हैं, जिन्होंने 1988-1989 में मध्य प्रदेश का रणजी ट्रॉफी में नेतृत्व किया था। उनका कोच के रूप में यह छठा रणजी खिताब है।
नशामुक्त अभियान की कार्ययोजना लॉन्च करने वाला पहला राज्य बना हरियाणा | हरियाणा | 27 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
26 जून, 2022 को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य को नशामुक्त करने के लिये करनाल की मधुबन पुलिस अकादमी स्थित हर्षवर्धन ऑडीटोरियम में हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में नशामुक्त अभियान की कार्ययोजना को सार्वजनिक कर एक पुस्तिका का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे में लिप्त हो रहे युवाओं के स्वास्थ्यवर्धन और उनके पुनर्वास के लिये ब्यूरो की यह पहल अनूठी साबित होगी। इस प्लान में नशे से ग्रस्त व्यक्ति की पहचान करके उसे उचित परामर्श और चिकित्सा देकर उसका पुनर्वास किया जाना शामिल है।
- प्लान में ‘प्रयास’ और ‘साथी’ नाम से दो ऐप विकसित किये गए हैं, जो प्रतिबंधित दवाइयों पर अंकुश लगाने का काम करेंगे। साथ ही इसमें ट्रेनिंग का विषय भी जोड़ा गया है।
- उन्होंने बताया कि युवाओं को नशे से दूर रखने और उन्हें रचनात्मक कार्यों, विशेषकर खेलों से जोड़ने के लिये प्रदेश में 1100 खेल नर्सरियाँ बनाई जा रही हैं, इनसे युवाओं में खेलों का रुझान बढ़ेगा और उनमें खेल भावना का सृजन होगा।
- प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिये उक्त एक्शन प्लान के तहत स्कूल, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में धाकड़ कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। धाकड़ का अर्थ है- हिम्मत वाला व्यक्ति। इस कार्यक्रम के तहत क्लास के पाँच बच्चों का एक ग्रुप बनाया जाएगा, जो सुस्त, एकाकी रहने वाले व चोरी-छिपे नशा करने वाले बच्चे की पहचान करेंगे और उसकी सूचना क्लास टीचर, यानी सीनियर धाकड़ को देंगे। सीनियर धाकड़ सूचना प्राप्त करने के बाद संबंधित प्रिंसिपल/हैड मास्टर को रिपोर्ट करेंगे, जो नोडल धाकड़ कहलाएगा।
- इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन और सुपरविज़न के लिये राज्य, ज़िला, उपमंडल, क्लस्टर और गाँव/वार्ड स्तर पर मिशन टीमें नशे से ग्रस्त व्यक्ति की काउंसिलिंग, उपचार व पुनर्वास के लिये काम करेंगी।
रायगढ़ में खुलेगा संगीत और नृत्य महाविद्यालय | छत्तीसगढ़ | 27 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
24 जून, 2022 को छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायगढ़ में संगीत और नृत्य महाविद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- इस महाविद्यालय की स्थापना इंदिरा संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के अंतर्गत की जाएगी।
- गौरतलब है कि रायगढ़ को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक नगरी के रूप में जाना जाता है।
- रायगढ़ घराना अपनी कथक नृत्य विधा और शास्त्रीय संगीत के लिये प्रसिद्ध है।
- रायगढ़ में राजा चक्रधर सिंह ने गणेश पूजा के दौरान विभिन्न प्रकार के संगीत, साहित्य एवं खेलों का आयोजन कराया था, जो अभी भी जारी हैं। इसे ‘चक्रधर समारोह’ के नाम से जाना जाता है।
बद्री-केदार की तर्ज़ पर विकसित होगा बागनाथ | उत्तराखंड | 27 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
25 जून, 2022 को उत्तराखंड पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत बागेश्वर में बागनाथ मंदिर का विकास बद्रीनाथ और केदारनाथ की तर्ज़ पर किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- योजना के तहत मंदिर परिसर की सभी दुकानों को पारंपरिक पर्वतीय शैली में एक समान तरीके से विकसित किया जाएगा।
- सरयू नदी के तट पर घाटों का निर्माण होगा, जबकि मंदिर परिसर में लाइट एंड साउंड शो और संग्रहालय के निर्माण की भी सुविधा होगी।
- मंदिर के चारों ओर एक अग्रभित्ति और भित्ति चित्रों का उपयोग मंदिर को एक नया रूप देने के लिये किया जाएगा।
- चंडिका मंदिर से नीलेश्वर मंदिर तक रोपवे का निर्माण, पुलों का सौंदर्यीकरण व प्रसाद के लिये स्मारिका दुकान की भी सुविधा होगी।
- गौरतलब है कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में चिह्नित तीर्थस्थलों के समग्र विकास के उद्देश्य से ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन पर राष्ट्रीय मिशन’ शुरू किया गया था, जिसका नाम बदलकर अक्टूबर 2017 में ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्द्धन अभियान’ (यानी ‘प्रसाद’) राष्ट्रीय मिशन कर दिया गया।