उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश बजट 2022-23
चर्चा में क्यों?
26 मई, 2022 को उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा 6,15,518.97 करोड़ रुपए का बजट (उत्तर प्रदेश बजट 2022-23) पेश किया।
प्रमुख बिंदु
- यह उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट है, वहीं प्रदेश के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने दोनों कार्यकाल मिलाकर पाँचवी बार बजट पेश किया है।
- इस बजट में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले जारी लोक कल्याण संकल्प-पत्र के 130 संकल्पों में से 97 संकल्पों को शामिल किया गया है, जबकि 44 संकल्प नए हैं। इन संकल्पों को पूरा करने के लिये बजट में 54,883 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित है।
- बजट में 39,181.10 करोड़ रुपए की नई योजनाएँ शामिल की गई हैं।
- राज्य वस्तु एवं सेवा कर और मूल्य संवर्द्धित कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 1,24,477 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है।
- इस वित्तीय वर्ष में 5,90,951.71 करोड़ रुपए की प्राप्तियों का अनुमान है। इसमें 4,99,212.71 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियाँ, जबकि 91,739 करोड़ रुपए की पूँजीगत प्राप्तियाँ शामिल हैं।
- इस वित्तीय वर्ष में कुल 6,15,518.97 करोड़ रुपए खर्च अनुमानित है। इसमें 4,56,089.06 करोड़ रुपए राजस्व लेखे का खर्च है, जबकि 91,739 करोड़ रुपए पूँजी लेखे का व्यय है।
- सरकार के अनुसार 24,567.26 करोड़ का घाटा अनुमानित है। लोक लेखे से 6000 करोड़ रुपए की शुद्ध प्राप्तियाँ अनुमानित हैं। वहीं पूरे लेन-देन के बाद 18,567.26 करोड़ रुपए ऋणात्मक अनुमानित है।
- राजस्व बचत 43,123.65 करोड़ रुपए अनुमानित है। वहीं राजकोषीय घाटा 81,177.97 करोड़ रुपए अनुमानित है, जो वर्ष के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 96 प्रतिशत है।
- बजट घोषणा के कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदु-
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाभार्थी परिवार को वर्ष में 2 रसोई गैस सिलिंडर (होली एवं दीपावली पर) मुफ्त देने हेतु 3301.74 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- आलू, प्याज, टमाटर जैसी फसलों के लिये भामाशाह भाव स्थिरता कोष की स्थापना की घोषणा की गई है।
- किसानों की दुर्घटनावश मौत या दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रुपए दिये जाने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना हेतु 650 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15,000 सोलर पंपों की स्थापना का लक्ष्य।
- मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिये 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
- स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
- महिला पुलिस बटालियन के गठन व विकास के लिये बजट का प्रावधान है एवं प्रदेश के 8 मंडल में एंटी करप्शन यूनिट की स्थापना की व्यवस्था की गई है।
- पीडब्ल्यूडी की सड़कों के लिये 18,500 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
- काशी विश्वनाथ राजघाट पुल के लिये 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
- प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के लिये 897 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
- बाढ़ नियंत्रण के लिये 2700 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।
- नमामि गंगे में जल जीवन मिशन के लिये 19,500 करोड़ रुपए से अधिक का बजट प्रस्तावित है।
- ग्रीन फील्ड और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिये 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
- मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे के लिये 695.34 करोड़ रुपए का तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लिये 511.93 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
बिहार Switch to English
बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (वस्त्र व चर्म), 2022
चर्चा में क्यों?
26 मई, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (वस्त्र व चर्म), 2022 को लागू करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति सहित कुल 18 प्रस्ताव स्वीकृत किये गए।
- प्रदेश के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इस नीति के माध्यम से बिहार वस्त्र व चर्म उद्योग के क्षेत्र में एक हब के रूप में स्थापित होगा।
- बिहार में वस्त्र व चर्म उद्योग में निवेश करने के इच्छुक उद्यमियों और निवेशकों को राज्य सरकार 10 करोड़ रुपए तक का अनुदान देगी।
- इसके अलावा इन उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों को सरकार प्रत्येक महीने तीन हज़ार से लेकर पाँच हज़ार रुपए तक का वेतन सहयोग भी देगी।
राजस्थान Switch to English
कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति, 2019 में संशोधन
चर्चा में क्यों?
26 मई, 2022 को राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति, 2019 में लोकहित में संशोधन करते हुए नए प्रावधान शामिल किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- अधिसूचना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में घोषित राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत स्थापित होने वाली प्रथम 100 मिलेट्स प्रसंस्करण इकाईयों को पात्र परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 40 लाख रुपए प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा, लेकिन ऐसी परियोजना जिनमें 40 लाख रुपए की अधिकतम सीमा से अधिक अनुदान देय है, उनमें निर्धारित अनुदान दर 25 प्रतिशत पर अनुदान देय होगा।
- अनुदान के लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिये 23 फरवरी, 2022 के बाद आयोजित सभी डीएलएससी एवं एसएलएससी में स्वीकृत होने वाली सभी परियोजनाओं पर यह प्रावधान लागू होगा।
- राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत स्थापित होने वाली इकाइयों पर अनुदान मिशन अवधि अथवा वर्ष 2023-24 या 100 इकाईयाँ स्थापित होने की अवधि, जो भी पहले हो, तक देय होगा। मिशन में निर्धारित इकाइयों का लक्ष्य प्राप्त होने के बाद सभी लंबित आवेदनों पर अनुदान की दर नीति, 2019 के प्रावधानों के अनुसार देय होगी।
- इसी प्रकार सभी श्रेणी (कृषक, उनके संगठन एवं इनके अतिरिक्त अन्य पात्र व्यक्ति) के आवेदकों को बजट 2022-23 में घोषित राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन के तहत स्थापित होने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिये अनुदान 50 प्रतिशत अधिकतम एक करोड़ रुपए तक देय होगा।
- यह अनुदान लहसुन के लिये प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा, बाराँ, अनार के लिये बाड़मेर एवं जालौर, संतरे के लिये झालावाड़ एवं भीलवाड़ा, टमाटर और आँवले के लिये जयपुर, सरसों के लिये अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली तथा सवाई-माधोपुर ज़िलों में स्थापित होने वाली इकाइयों को देय होगा। यह अनुदान मिशन अवधि अथवा वर्ष 2023-24, जो भी पहले हो तक के लिये देय होगा।
- जोधपुर संभाग में ज़ीरा व ईसबगोल के निर्यात आधारित प्रथम दस प्रसंस्करण इकाइयों को पूँजीगत अनुदान लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 2 करोड़ रुपए का अनुदान देय होगा। यह अनुदान भी मिशन अवधि अथवा वर्ष 2023-24, जो भी पहले हो, तक के लिये देय होगा।
- मिशन के तहत स्थापित होने वाली ज़ीरा एवं ईसबगोल की इन इकाइयों के लिये अनुदान की प्रक्रिया का निर्धारण अलग से किया जाएगा। मिशन में निर्धारित इकाइयों का लक्ष्य प्राप्त होने के बाद सभी लंबित आवेदनों पर अनुदान की दर नीति, 2019 के प्रावधानों के अनुसार देय होगी।
राजस्थान Switch to English
राज्यपाल ने किया ‘शिखर पर्व’ का शुभारंभ एवं ‘हेरिटेज आर्किटेक्ट चित्र प्रदर्शनी’ का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
25 मई, 2022 को राज्यपाल कलराज मिश्र ने माउंट आबू स्थित राजभवन में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘शिखर पर्व’ का शुभारंभ और ‘शिखर पर्व’ के अंतर्गत लगाई गई ‘हेरिटेज आर्किटेक्ट चित्र प्रदर्शनी’ का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘हेरिटेज आर्किटेक्ट चित्र प्रदर्शनी’ में 20 कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया है।
- पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि धरोहर संरक्षण के साथ उससे जुड़े कला सरोकारों के तहत इन चित्रों का प्रदर्शन किया गया है।
- उन्होंने बताया कि ‘धरोहर आर्ट कैंप’ और कोविड के दौर मेंघर पर रहते हुए इन कलाकृतियों का देश के विभिन्न राज्यों के चित्रकारों द्वारा सृजन किया गया था। इनका इससे पहले भी विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि प्रदर्शित कलाकृतियों में कलाकारों ने स्थान विशेष के रंग-स्थापत्य के साथ रेखाओं से सौंदर्य का विरल संसार सिरजा है। इनमें मंदिर, महल, मस्जिद, बावड़ियों, पहाड़ी क्षेत्र में बनी इमारतों के स्थापत्य, उनके सौंदर्य को कलाकारों ने अपनी कला-दृष्टि से जीवंत किया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
राज्यपाल ने मध्य प्रदेश नगरपालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश, 2022 को दी मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
26 मई, 2022 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित मध्य प्रदेश नगरपालिक विधि (संशोधन) अध्यादेश, 2022 को अपनी मंज़ूरी दे दी।
प्रमुख बिंदु
- यह अध्यादेश राज्य में नगर परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्षों तथा उपाध्यक्षों के अप्रत्यक्ष चुनाव को भी निर्धारित करता है।
- अध्यादेश को मंज़ूरी मिलने के बाद अब नगर निगमों एवं (बड़े शहरों) के महापौर सीधे लोगों द्वारा चुने जाएंगे, जबकि नगर परिषदों और नगर पंचायतों (छोटे शहरों) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्वाचित नगरसेवकों द्वारा चुने जाएंगे।
- गजट अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद यह प्रस्ताव कार्यान्वयन के लिये राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को भेजा जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य में कुल 413 शहरी स्थानीय निकाय हैं, जिनमें 16 नगर निगम, 99 नगर परिषद और 298 नगर पंचायत शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिये आरक्षण की अनुमति दी थी, जिससे 23,000 से अधिक ऐसे निकायों में चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हुआ, जो पिछले दो वर्षों से निर्वाचित प्रतिनिधियों के बिना काम कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ का पहला फीफा एप्रूव्ड सिंथेटिक फुटबाल ग्राउंड
चर्चा में क्यों?
26 मई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर में छत्तीसगढ़ के पहले फीफा एप्रूव्ड सिंथेटिक फुटबाल ग्राउंड और रनिंग ट्रैक का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- जगदलपुर प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम के फुटबाल मैदान को फीफा ने अंतर्राष्ट्रीय मानक का प्रमाण-पत्र जारी किया है।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रियदर्शिनी स्टेडियम में 44 करोड़ 54 लाख रुपए से अधिक राशि के 19 विकास कार्यों का लोकार्पण और 11 करोड़ 88 लाख रुपए से अधिक राशि के 8 विकास कार्यों का शिलान्यास किया।
- बस्तर में ग्रास रूट लेबल पर सामुदायिक फुटबॉल को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिये ओडिशा भुवनेश्वर की आर्डोर फुटबाल अकादमी, बस्तर ज़िला फुटबाल संघ तथा बस्तर ज़िला प्रशासन के बीच एमओयू किया गया। इससे बस्तर के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे।
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