हरियाणा Switch to English
हरियाणा में मिलीं 400 वर्ष पुरानी मूर्तियाँ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मानेसर के पास बाघनकी गाँव में एक प्लाॅट की नींव खुदाई के दौरान लगभग 400 वर्ष पुरानी तीन धातु की मूर्तियाँ निकलीं।
मुख्य बिंदु:
- पुलिस ने प्राचीन मूर्तियों को ज़ब्त कर लिया है और मालिक को निर्माण गतिविधियाँ रोकने का निर्देश दिया है।
- पुरातत्त्व विभाग साइट पर किसी अतिरिक्त मूर्ति की खोज के लिये अतिरिक्त खुदाई करेगा।
- बरामद मूर्तियों में भगवान विष्णु की एक खड़ी मूर्ति, देवी लक्ष्मी की एक मूर्ति और देवी लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु की एक संयुक्त मूर्ति शामिल है।
हरियाणा के महत्त्वपूर्ण पुरातत्त्व स्थल
- भिर्राना: फतेहाबाद ज़िले का एक छोटा-सा गाँव नई दिल्ली से लगभग 220 किमी. उत्तर पश्चिम में स्थित है। यह स्थल प्राचीन सरस्वती नदी प्रणालियों के किनारे स्थित है जो अब आधुनिक हरियाणा में मौसमी घग्गर प्रवाह द्वारा दर्शाया जाता है। 8वीं-7वीं सहस्राब्दी ईसा पूर्व के हकरा बर्तन भिर्राना में पाए गए हैं जो इसे प्रारंभिक हड़प्पा रावी चरण की संस्कृति के समकालीन बनाते हैं। भिर्राना की अनुमानित प्राचीनता चारकोल के नमूनों पर आधारित है जो 7570-7180 ईसा पूर्व और 6689-6201 ईसा पूर्व की तारीखें बताती हैं।
- बनावली: यह हरियाणा के फतेहाबाद ज़िले में सिंधु घाटी सभ्यता का एक पुरातात्त्विक स्थल है। यह कालीबंगन से 120 किमी. उत्तर पूर्व और फतेहाबाद से 16 किमी. दूर सूखी हुई सरस्वती नदी के बाएँ किनारे पर स्थित है। खुदाई में 4.5 मीटर ऊँची और 6 मीटर मोटी एक सुरक्षा दीवार के साथ-साथ कमरे, शौचालय तथा सड़कों वाले सुनियोजित घर भी मिले। किलेबंदी के पास की सीढ़ियों को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा एक महत्त्वपूर्ण गठन माना जाता है।
- राखीगढ़ी: यह भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल है जो हरियाणा के हिसार ज़िले में स्थित है। यह स्थल मौसमी घग्गर नदी से लगभग 27 किमी. दूर सरस्वती नदी के मैदानी इलाके में स्थित है। 6000 ईसा पूर्व (पूर्व-हड़प्पा चरण) से 2500 ईसा पूर्व तक इसके विकास का अध्ययन करने के लिये, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) के पुरातत्त्वविद अमरेंद्र नाथ के नेतृत्व में राखीगढ़ी में खुदाई की गई थी
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