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प्रधानमंत्री की ‘मन की बात’ में शामिल होगा गुमला का नवरत्नगढ़
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को पुरातत्त्व विभाग, राँची से मिली जानकारी के अनुसार 30 अप्रैल, 2023 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुमला के वर्ल्ड हैरिटेज में शामिल नागवंशी राजा दुर्जनशाल की राजधानी नवरत्नगढ़ का जिक्र करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिये देश के 12 लोकेशन का चयन किया है, जिसमें गुमला ज़िला का नवरत्नगढ़ भी शामिल है।
- 30 अप्रैल को ‘मन की बात’ का 100वाँ एपिसोड है। ‘मन की बात’ से पहले देश के सभी 12 ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों पर 29 अप्रैल को रंगारंग कार्यक्रम होगा। साथ ही सभी ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों का वीडियो रिकॉर्ड़िग कर पीएमओ को भेजा जाएगा, ताकि 30 अप्रैल को होने वाली ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री इन ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों की विशेषताओं का जिक्र कर सकें।
- गुमला के नवरत्नगढ़ में 29 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस दिन आम पब्लिक के लिये नवरत्नगढ़ का दरवाजा खुला रहेगा, ताकि लोग यहाँ आकर नवरत्नगढ़ की सुंदरता को देख सकेंगे और ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड के गवाह भी बनेंगे।
- गौरतलब है कि नवरत्नगढ़, जिसे डोइसागढ़ भी कहते हैं, एक विश्व धरोहर है। यह राँची और गुमला मार्ग पर स्थित सिसई प्रखंड के नगर गाँव में हैं। यहाँ मुगल साम्राज्य व नागवंशी राजाओं का इतिहास छिपा है। यह छोटानागपुर के नागवंशी राजाओं की ऐतिहासिक धरोहर है।
- इतिहास के अनुसार मुगल साम्राज्य से बचने के लिये राजा दुर्जनशाल ने इसे बनवाया था। नवरत्नगढ़ के चारों तरफ खाई थी और यहाँ घुसने का एकमात्र पहाड़ी रास्ता हुआ करता था। इसलिये सुरक्षा के दृष्टिकोण से राजा दुर्जनशाल ने नवरत्नगढ़ को अपनी राजधानी बनाया था।
- खुदाई से मिले हैं, खुफिया भवन पुरातत्त्व विभाग ने एक साल पहले नवरत्नगढ़ की खुदाई की है। यहाँ ज़मीन के अंदर कई खुफिया भवन व महल मिले हैं, जिसे देखने दूर-दूर से लोग पहुँच रहे हैं। वहीं जो पुराने भवन खंडहर हो गए थे, उसे पुरानी तकनीक से ही हल्की मरम्मत की जा रही है ताकि भवनों को गिरने से बचाया जा सके।
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युवा कवयित्री डॉ. पार्वती तिर्की को मिला ‘प्रलेक नवलेखन सम्मान’
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्रलेक न्यास द्वारा वर्ष 2023 का ‘प्रलेक नवलेखन सम्मान’ सर्वसम्मति से युवा कवयित्री डॉ. पार्वती तिर्की को दिये जाने की घोषणा की गई है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार प्रलेक नवलेखन सम्मान पार्वती तिर्की के प्रथम काव्य संग्रह ‘फिर उगाना’ के लिये दिया जा रहा है।
- पार्वती तिर्की ने सम्मान मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का पहला सम्मान है। उनका पहला काव्य संग्रह आदिवासी जीवन, संस्कृति, लोककथाओं और लोक जीवन से जुड़ा है।
- सम्मान दिये जाने की सूचना के साथ ही न्यास की ओर से यह भी कहा गया है कि पार्वती तिर्की की कविताएँ समाज का यथार्थ तो बताती ही हैं साथ-ही-साथ भविष्य की संभावनाओं को भी दर्शाती हैं।
- 29 साल की डॉ. पार्वती तिर्की मूलत: झारखंड के गुमला ज़िले की रहने वाली हैं। वे वर्तमान में राँची के राम लखन सिंह यादव कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
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