उत्तर प्रदेश Switch to English
एएएन अवार्ड 2023 से सम्मानित हुए बीएचयू के दो न्यूरो डॉक्टर
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2023 को चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के दो चिकित्सकों को अमेरिकन एकेडमिक न्यूरोलॉजी द्वारा एएएन अवॉर्ड 2023 से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- आईएमएस बीएचयू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक पाठक और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आनंद को अमेरिकन एकेडमिक न्यूरोलॉजी की ओर से बोस्टन में आयोजित वार्षिक समारोह में एएएन अवॉर्ड 2023 से नवाजा गया।
- न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. विजय नाथ मिश्र ने बताया कि डॉ. अभिषेक पाठक ने लकवा के कारण, बचाव व सतर्कता पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया था।
- वहीं डॉ. आनंद कुमार को यह सम्मान उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, नेपाल सहित कई राज्यों से आने वाले मरीजों में सिरदर्द की समस्या पर शोध कार्य के लिये दिया गया।
राजस्थान Switch to English
अलवर में बाबा चूहड़सिद्ध लवकुश वाटिका का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत अलवर ज़िले में 2 करोड़ रुपए की लागत से बनी बाबा चूहड़सिद्ध लवकुश वाटिका का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार द्वारा ज़िले में पर्यटन को बढावा देने हेतु ऐतिहासिक धरोहरों एवं धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार का कार्य कराया गया है जिससे स्थानीय स्तर पर ही आमजन के लिये रोज़गार के अवसर सृजित हुए हैं।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि बाबा चूहड़सिद्ध के स्थान पर बनी यह लवकुश वाटिका ज़िले में पर्यटन को बढाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी। अलवर ज़िले में पर्यटन की अपार संभावना है तथा यहाँ पर्यटन स्थलों को विकसित कराकर वहाँ रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास है।
- विदित है कि बाबा चूहड़सिद्ध मंदिर को सोलर लाइट से विद्युतीकृत कराने की घोषणा भी की गई है।
- धार्मिक पर्यटन एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह वाटिका बहुपयोगी सिद्ध होगी। साथ ही, इससे स्थानीय स्तर पर आमजन को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। यह वाटिका आमजन के लिये स्वस्थ वातावरण प्रदान करने में बेहद लाभाकारी सिद्ध होगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
राज्यपाल द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी उद्घाटित
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कनवेंशन सेंटर में दो दिवसीय आईसेक्ट राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। संगोष्ठी का आयोजन आत्मनिर्भर भारत के लिये सामाजिक उद्यमिता और कौशल विकास विषय पर चर्चा के लिये किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर आईसेक्ट और माइक्रोसॉफ्ट के मध्य सामाजिक उद्यमिता पर पारस्परिक समझौता किया गया। साथ ही युवा उद्यमियों का सम्मान भी किया गया।
- रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने बताया कि मध्य भारत का पहला कौशल विकास विश्वविद्यालय आईसेक्ट द्वारा स्थापित किया जा रहा है। यह संस्थान का छठा विश्वविद्यालय होगा।
- उन्होंने बताया कि आईसेक्ट सामाजिक उद्यमिता पर आधारित 37 हज़ार केंद्रों का 27 राज्यों में संचालन कर रहा है। केंद्र का मॉडल भारतीय भाषाओं और सोशल कनेक्ट पर आधारित है। तकनीक के साथ कृषि के क्षेत्र में भी संस्थान द्वारा पहल की गई है।
- आईसेक्ट के सचिव डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने संगोष्ठी की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संगोष्ठी का आयोजन शृंखला में किया जा रहा है। इसी तरह की 15 कॉन्फ्रेंस का आईसेक्ट द्वारा आयोजन किया जाना है।
- संगोष्ठी में बताया गया कि देश में ज्ञान आधारित डिजिटल अर्थ-व्यवस्था भविष्य की प्रौद्योगिकी में नवाचार लॉजिस्टिक्स रक्षा अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप के लिये नये अवसर निर्मित हुए हैं।
- हरित हाइड्रोजन मिशन को 20 हज़ार करोड़ रुपए मिले हैं। पिछले वर्षों में रक्षा निर्यात 6 गुना बढ़ा है। कृषि बजट भी 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। औषधियों के क्षेत्र में अनुसंधान और नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिये उत्कृष्टता केंद्रों के जरिये नया कार्यक्रम शुरू किया गया है।
- सरकार, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में कौशल प्रशिक्षण के लिये देश में 30 स्किल इंडिया अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, तीन कृत्रिम मेधा उत्कृष्टता केंद्र और फाइव जी एप्लीकेशन विकास के लिये 100 प्रयोगशालाएँ खोल रही हैं।
झारखंड Switch to English
प्रधानमंत्री की ‘मन की बात’ में शामिल होगा गुमला का नवरत्नगढ़
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को पुरातत्त्व विभाग, राँची से मिली जानकारी के अनुसार 30 अप्रैल, 2023 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुमला के वर्ल्ड हैरिटेज में शामिल नागवंशी राजा दुर्जनशाल की राजधानी नवरत्नगढ़ का जिक्र करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिये देश के 12 लोकेशन का चयन किया है, जिसमें गुमला ज़िला का नवरत्नगढ़ भी शामिल है।
- 30 अप्रैल को ‘मन की बात’ का 100वाँ एपिसोड है। ‘मन की बात’ से पहले देश के सभी 12 ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों पर 29 अप्रैल को रंगारंग कार्यक्रम होगा। साथ ही सभी ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों का वीडियो रिकॉर्ड़िग कर पीएमओ को भेजा जाएगा, ताकि 30 अप्रैल को होने वाली ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री इन ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों की विशेषताओं का जिक्र कर सकें।
- गुमला के नवरत्नगढ़ में 29 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस दिन आम पब्लिक के लिये नवरत्नगढ़ का दरवाजा खुला रहेगा, ताकि लोग यहाँ आकर नवरत्नगढ़ की सुंदरता को देख सकेंगे और ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड के गवाह भी बनेंगे।
- गौरतलब है कि नवरत्नगढ़, जिसे डोइसागढ़ भी कहते हैं, एक विश्व धरोहर है। यह राँची और गुमला मार्ग पर स्थित सिसई प्रखंड के नगर गाँव में हैं। यहाँ मुगल साम्राज्य व नागवंशी राजाओं का इतिहास छिपा है। यह छोटानागपुर के नागवंशी राजाओं की ऐतिहासिक धरोहर है।
- इतिहास के अनुसार मुगल साम्राज्य से बचने के लिये राजा दुर्जनशाल ने इसे बनवाया था। नवरत्नगढ़ के चारों तरफ खाई थी और यहाँ घुसने का एकमात्र पहाड़ी रास्ता हुआ करता था। इसलिये सुरक्षा के दृष्टिकोण से राजा दुर्जनशाल ने नवरत्नगढ़ को अपनी राजधानी बनाया था।
- खुदाई से मिले हैं, खुफिया भवन पुरातत्त्व विभाग ने एक साल पहले नवरत्नगढ़ की खुदाई की है। यहाँ ज़मीन के अंदर कई खुफिया भवन व महल मिले हैं, जिसे देखने दूर-दूर से लोग पहुँच रहे हैं। वहीं जो पुराने भवन खंडहर हो गए थे, उसे पुरानी तकनीक से ही हल्की मरम्मत की जा रही है ताकि भवनों को गिरने से बचाया जा सके।
झारखंड Switch to English
युवा कवयित्री डॉ. पार्वती तिर्की को मिला ‘प्रलेक नवलेखन सम्मान’
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्रलेक न्यास द्वारा वर्ष 2023 का ‘प्रलेक नवलेखन सम्मान’ सर्वसम्मति से युवा कवयित्री डॉ. पार्वती तिर्की को दिये जाने की घोषणा की गई है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार प्रलेक नवलेखन सम्मान पार्वती तिर्की के प्रथम काव्य संग्रह ‘फिर उगाना’ के लिये दिया जा रहा है।
- पार्वती तिर्की ने सम्मान मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का पहला सम्मान है। उनका पहला काव्य संग्रह आदिवासी जीवन, संस्कृति, लोककथाओं और लोक जीवन से जुड़ा है।
- सम्मान दिये जाने की सूचना के साथ ही न्यास की ओर से यह भी कहा गया है कि पार्वती तिर्की की कविताएँ समाज का यथार्थ तो बताती ही हैं साथ-ही-साथ भविष्य की संभावनाओं को भी दर्शाती हैं।
- 29 साल की डॉ. पार्वती तिर्की मूलत: झारखंड के गुमला ज़िले की रहने वाली हैं। वे वर्तमान में राँची के राम लखन सिंह यादव कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
पीआरआई-सीबीओ कन्वर्जेंस परियोजना का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
24 अप्रैल, 2023 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान (SIRD) के संचालक पी.सी. मिश्रा ने छत्तीसगढ़ में पीआरआई-सीबीओ कन्वर्जेंस (Panchayati Raj Institutions-Community Based Organisation Convergence) परियोजना का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- परियोजना के तहत गाँवों में आजीविका के अवसर बढ़ाने और गरीबी कम करने के लिये राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के सामुदायिक संगठनों और ग्राम पंचायतों के अभिसरण (Convergence) से मिशन के अंतर्गत गठित स्वसहायता समूहों को उद्यमशील बनाया जाएगा।
- पीआरआई-सीबीओ कन्वर्जेंस परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण गरीबी को कम करने और आजीविका के अवसर पैदा करने के लिये संकुल संगठन, ग्राम संगठन तथा स्वसहायता समूह जैसे स्थायी समुदाय आधारित संगठनों को बढ़ावा देकर ग्राम पंचायतें और स्वसहायता समूहों के संघ अभिसरण से काम करेंगी।
- इसके तहत समुदाय के भीतर सेवा वितरण तंत्र को बढ़ाने के लिये स्थानीय सरकार और लाइन विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा। ग्राम पंचायतों और लाइन विभागों के साथ सीबीओ नेटवर्क भी बनाया जाएगा।
- यह परियोजना बस्तर ज़िले के बकावंड, बास्तानार, लोहंडीगुड़ा और तोकापाल विकासखंडों तथा रायपुर ज़िले के अभनपुर, आरंग, धरसीवा और तिल्दा विकासखंड के कुल 200 ग्राम पंचायतों में संचालित की जाएंगी।
- इसमें इन सभी विकासखंडों की 25-25 ग्राम पंचायतों के ‘बिहान’के कुल 32 संकुल संगठनों और 640 ग्राम संगठनों सहित इनसे जुड़ी स्वसहायता समूह हिस्सेदारी करेंगी।
- राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (CCO) श्रीमती एलिस लकड़ा ने कार्यशाला में बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं एवं ‘बिहान’के अंतर्गत गठित सामुदायिक संगठनों के बीच बेहतर सांमजस्य से गाँवों के विकास के लिये सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) के 17 संकेतकों का क्षेत्रीकरण कर उन्हें नौ थीमों में वर्गीकृत किया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ के पहले ज़ीरो वेस्ट, अत्याधुनिक वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर दक्षिण विधानसभा में भेंट-मुलाकात के दौरान भाठागाँव में 80 एमएलडी क्षमता का छत्तीसगढ़ का पहला ज़ीरो वेस्ट, अत्याधुनिक वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में उन्होंने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये नगर निगम रायपुर के 9 बैक हो लोडर गाड़ियों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
- अत्याधुनिक जल शोधन संयंत्र लगभग 15 करोड़ 86 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
- इस संयंत्र का संचालन लैमेला ट्यूब सेटलर पद्धति से किया जाएगा। यह पूरी तरह से स्वचलित प्रणाली पर आधारित है।
- मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित जल शोधन संयंत्र के संचालन की पूरी प्रक्रिया और तकनीकी जानकारियाँ ली और कंट्रोल रूम का अवलोकन भी किया। इस मौके पर भी उन्होंने भाठागाँव में ही दो पुराने जल शोधन संयंत्रों के उन्नयन के बाद इसे लोकार्पित किया। इन पुराने जल शोधन संयंत्रों की क्षमता बढ़ाई गई है।
- नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि नवनिर्मित जल शोधन संयंत्र से राजधानी रायपुर को टैंकरमुक्त कर पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही पुराने शोधन यंत्रों के आधुनिकीकरण और क्षमता विस्तार से भी राजधानी टैंकरमुक्त हो सकेगी।
- भाठागाँव में पहले से स्थापित 150 एमएलडी के फील्टर प्लांट में भी क्षमता बढ़ाने के लिये छह नये मोटर पंप लगाए गए है। इन नये मोटर पंपों से 1706 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा पानी देने वाले संयंत्र की क्षमता बढ़कर 2046 क्यूबिक मीटर प्रतिघंटा हो गई है। इसी तरह 80 एमएलडी के पुराने फील्टर प्लांट में भी छह नये मोटर स्थापित किये गए है। इस संयंत्र की क्षमता 954 से बढ़कर 995 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा हो गई है।
उत्तराखंड Switch to English
आयोग के प्रस्ताव को शासन ने लौटाया, अब उत्तराखंड में पुराने पैटर्न पर ही होगी PCS परीक्षा
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड शासन ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के यूपीएससी पैटर्न लागू करने के प्रस्ताव को ठुकराकर आयोग को वापस भेज दिया। पीसीएस परीक्षा का पैटर्न नहीं बदलेगा। आगामी पीसीएस परीक्षा पुराने पैटर्न से ही होगी।
प्रमुख बिंदु
- अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने इस संबंध में सचिव उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को शासनादेश भेज दिया है।
- गौरतलब है कि राज्य लोक सेवा आयोग ने पिछले दिनों एक प्रस्ताव पास किया था कि चूँकि युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के लिये अलग और उत्तराखंड पीसीएस के लिये अलग तैयारी करनी पड़ती है, इसलिए राज्य के युवाओं के हित में पीसीएस परीक्षा में यूपीएससी का सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न लागू कर दिया जाए।
- इस प्रस्ताव को लेकर प्रदेश भर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आईं थीं। कई लोगों का ये कहना था कि अगर राज्य में भी केंद्र का यूपीएससी पैटर्न लागू कर देंगे तो राज्य के युवाओं के लिये पीसीएस की राह मुश्किल हो जाएगी। यह भी मांग उठी थी कि अगर यूपीएससी पैटर्न लागू करें तो इसमें उत्तराखंड से जुड़े प्रश्नपत्र अलग रखे जाएँ।
- पीसीएस परीक्षा पैटर्न को लेकर आयोग और शासन के अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठक भी हुई। अब शासन ने तय किया है कि फिलहाल पुराना पैटर्न ही लागू रहेगा। आगामी पीसीएस परीक्षा उसी पैटर्न पर होगी। इसमें किसी तरह का बदलाव स्वीकार नहीं किया गया है।
- इस पुराने पैटर्न पर होगी परीक्षा-
- पीसीएस प्री परीक्षा: 150 अंकों का सामान्य अध्ययन और 150 अंकों का सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षा।
- पीसीएस मुख्य परीक्षा: सात पेपर होते हैं। पहला- भाषा (300 अंकों का), दूसरा- भारत का इतिहास, राष्ट्रीय आंदोलन, समाज एवं संस्कृति (200 अंकों का), तीसरा- भारतीय राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध (200 अंकों का), चौथा- भारत एवं विश्व भूगोल (200 अंकों का), पाँचवा- आर्थिक एवं सामाजिक विकास (200 अंकों का), छठा- सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (200 अंकों का) और सातवाँ- सामान्य अभिरुचि एवं आचार शास्त्र (200 अंकों का)। पीसीएस परीक्षा में भाषा के पेपर में कम-से-कम 35 अंक लाने जरूरी हैं।
- इंटरव्यू: 200 अंकों का।
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