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नवजीवन योजना
चर्चा में क्यों?
26 अप्रैल, 2022 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने विभागीय अधिकारियों को नवजीवन योजना के अंतर्गत शामिल जातियों के सर्वे का कार्य तीन माह में पूरा कर अवैध शराब के व्यवसाय में लिप्त व्यक्तियों और उनके परिवारों को चिह्नित करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- नवजीवन योजना का उद्देश्य अवैध शराब के निर्माण, भंडारण एवं व्यवसाय में लिप्त व्यक्तियों तथा ऐसे परिवारों को योजना से लाभान्वित कर उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाना है। इसके लिये ऐसे व्यक्तियों एवं परिवारों को चिह्नित किया जाना आवश्यक है।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि इस योजना में पूर्व में 14 जातियाँ शामिल थीं, लेकिन बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में 16 और जातियों को इसमें शामिल किया गया है। पूर्व में इस योजना के अंतर्गत सभी ज़िलों में सर्वे करवा कर लगभग 97,827 व्यक्तियों को चिह्नित किया गया है।
- योजना के तहत 30 जातियों- कंजर, सांसी, भाट, भाण्ड, नट, राणा, डोम, ढोली, मोगिया (मोग्या), बावरिया, बेडिया, बागरिया, सिरकीवाला, चौबदार, गाडोलिया, बंजारा, कालबेलिया, भोपा, नायक, गाडिया लुहार, पारदी, भेड़कुट, रैबारी, सिकलीगर, सीगडीवाल, रंगास्वामी, नाथ, बाजीगर, गुजराती एवं जंगलिया को शामिल किया गया है।
- योजना के तहत अवैध शराब के व्यवसाय में लिप्त सभी 30 जातियों के व्यक्तियों और ऐसे परिवारों का डोर-टू-डोर सर्वे करवाया जाएगा तथा उनका डिजिटल डेटाबेस तैयार करवाया जायेगा।
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