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स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Apr 2022
  • 2 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के सभी थानों में स्थापित किये जाएँगे साइबर हेल्पडेस्क

चर्चा में क्यों? 

26 अप्रैल, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि गृह विभाग ने साइबर अपराध की जाँच के लिये एक बड़ी कार्य योजना तैयार की है और सभी थानों में साइबर हेल्पडेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • प्रवक्ता ने यह भी बताया कि लखनऊ में एक डिजिटल फोरेंसिक लैब और हर ज़ोन स्तर पर एक साइबर फोरेंसिक लैब स्थापित की जाएगी। 
  • इसके अतिरिक्त साइबर अपराध मुख्यालय में उच्च गुणवत्ता वाला उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। लंबित प्रकरणों के त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिये साइबर अपराध मुख्यालय में कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।  
  • साथ ही हर ज़िले में प्रमाणित अपराध रोकथाम विशेषज्ञ (Certified Crime Prevention Specialists – CCPS) नियुक्त किये जाएंगे।  
  • गौरतलब है कि पिछले पाँच वर्षों में प्रदेश में 18 रेंज-स्तरीय साइबर अपराध पुलिस स्टेशन स्थापित किये गए हैं, वहीं प्रत्येक क्षेत्रीय साइबर अपराध थाने में महिला साइबर अपराध प्रकोष्ठ भी स्थापित किये गए हैं।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में लॉन्च होगा सामुदायिक रेडियो स्टेशन

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में संस्कृति विभाग ने बताया कि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में ‘जय घोष’ नामक सामुदायिक रेडियो स्टेशन लॉन्च किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस रेडियो स्टेशन का उद्देश्य उत्तर प्रदेश की अनूठी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखना, बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना है।  
  • संस्कृति विभाग अमृत महोत्सव के अवसर पर राज्य के 75 ज़िलों के समृद्ध इतिहास को दर्शाने वाली 75 पुस्तकों का प्रकाशन के साथ देशभक्ति पर आधारित 75 लघु फिल्मों का निर्माण और प्रदर्शन भी करेगा।  
  • इसके अतिरिक्त संस्कृति विभाग द्वारा अपनी छह महीने की कार्ययोजना के तहत हर ज़िले में ‘एक ज़िला-एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम’ आयोजित करने की योजना है।  
  • साथ ही सरकारी अभिलेखागार, लखनऊ में स्वतंत्रता की गाथा पर आधारित एक गैलरी के निर्माण के साथ संत कबीर, संत रविदास और बाबा गोरखनाथ को समर्पित एक ‘त्रिधारा’ राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 

बिहार Switch to English

बिहार संग्रहालय समिति की नवगठित शासी निकाय की पहली बैठक

चर्चा में क्यों? 

26 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार संग्रहालय समिति की नवगठित शासी निकाय की प्रथम बैठक संपन्न हुई।  

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को बिहार संग्रहालय का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस दिन राज्य के बच्चे/बच्चियों को विशेष रूप से आमंत्रित कर संग्रहालय का भ्रमण कराया जाएगा।  
  • साथ ही बैठक में महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं को, बाल दिवस के अवसर पर बच्चों को एवं बिहार दिवस के अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों को बिहार म्यूजियम (संग्रहालय) में नि:शुल्क भ्रमण करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।  
  • बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना म्यूजियम (संग्रहालय) का भी विस्तार करने के साथ ही पटना म्यूजियम (संग्रहालय) और बिहार म्यूजियम (संग्रहालय) को आपस में कनेक्ट किया जा रहा है, ताकि बाहर से आने वाले लोग दोनों संग्रहालयों का एक साथ अवलोकन कर सकें।   
  • गौरतलब है कि इस वर्ष जनवरी में बिहार संग्रहालय के शासी निकाय की संरचना में परिवर्तन करते हुए इसके अध्यक्ष पद का दायित्व मुख्यमंत्री को सौंपा गया था, जो कि पूर्व में विकास आयुक्त के पास था। साथ ही, संग्रहालय के निदेशक के पदनाम को परिवर्तित कर महानिदेशक किया गया था। 

राजस्थान Switch to English

नवजीवन योजना

चर्चा में क्यों? 

26 अप्रैल, 2022 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने विभागीय अधिकारियों को नवजीवन योजना के अंतर्गत शामिल जातियों के सर्वे का कार्य तीन माह में पूरा कर अवैध शराब के व्यवसाय में लिप्त व्यक्तियों और उनके परिवारों को चिह्नित करने के निर्देश दिये। 

प्रमुख बिंदु 

  • नवजीवन योजना का उद्देश्य अवैध शराब के निर्माण, भंडारण एवं व्यवसाय में लिप्त व्यक्तियों तथा ऐसे परिवारों को योजना से लाभान्वित कर उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाना है। इसके लिये ऐसे व्यक्तियों एवं परिवारों को चिह्नित किया जाना आवश्यक है।  
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि इस योजना में पूर्व में 14 जातियाँ शामिल थीं, लेकिन बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में 16 और जातियों को इसमें शामिल किया गया है। पूर्व में इस योजना के अंतर्गत सभी ज़िलों में सर्वे करवा कर लगभग 97,827 व्यक्तियों को चिह्नित किया गया है।  
  • योजना के तहत 30 जातियों- कंजर, सांसी, भाट, भाण्ड, नट, राणा, डोम, ढोली, मोगिया (मोग्या), बावरिया, बेडिया, बागरिया, सिरकीवाला, चौबदार, गाडोलिया, बंजारा, कालबेलिया, भोपा, नायक, गाडिया लुहार, पारदी, भेड़कुट, रैबारी, सिकलीगर, सीगडीवाल, रंगास्वामी, नाथ, बाजीगर, गुजराती एवं जंगलिया को शामिल किया गया है। 
  • योजना के तहत अवैध शराब के व्यवसाय में लिप्त सभी 30 जातियों के व्यक्तियों और ऐसे परिवारों का डोर-टू-डोर सर्वे करवाया जाएगा तथा उनका डिजिटल डेटाबेस तैयार करवाया जायेगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक के महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों? 

26 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्य प्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड के गठन सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए। 

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में प्राकृतिक कृषि के प्रसार को बढ़ाने के लिये एवं सतत् मार्गदर्शन से किसानों को प्रोत्साहन तथा सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से एक स्वतंत्र संगठन के रूप में ‘मध्य प्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड’ गठन किये जाने का निर्णय लिया गया।   
  • बोर्ड में निगरानी एवं समीक्षा के लिये राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शीर्ष निकाय और  मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।   
  • बोर्ड के राज्य परियोजना संचालक अपर मुख्य सचिव, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और कार्यकारी संचालक, संचालक कृषि होंगे। बोर्ड का मुख्यालय भोपाल में होगा।
  • ज़िला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में आत्मा गवर्ऩिग बोर्ड के निर्देशन में ज़िला परियोजना संचालक आत्मा द्वारा योजना क्रियान्वित की जाएगी।   
  • मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में गेहूँ एवं धान के रकबे तथा उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि होने, समर्थन मूल्य पर उपार्जन के खर्च में वृद्धि और इन फसलों के कारण प्रदेश में पर्यावरण असंतुलन की स्थिति निर्मित होने के मद्देनज़र मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण हेतु प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया।   
  • योजना के प्रस्ताव अनुसार आवेदक कंपनी/संस्था से प्राप्त प्रस्तावों को संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा परीक्षण कर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा के बाद निवेश संवर्धन पर मंत्रिपरिषद समिति (CCIP) द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाएगी।   
  • योजना में स्वीकृत प्रस्तावों का क्रियान्वयन, मॉनिटरिंग संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा किया जाएगा।   
  • योजना में गेहूँ और धान के स्थान पर बोई जाने वाली गैर एम.एस.पी. फसलों को कवर किया जाएगा।   
  • इससे प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण-संरक्षण, जैव विविधता एवं टिकाऊ खेती संभव होगी। साथ ही, समर्थन मूल्य पर उपार्जन में कमी और दलहन-तिलहन के आयात पर निर्भरता कम होगी।  
  • मंत्रिपरिषद ने ‘घुमंतू और अर्द्धघुमंतू जनजाति विभाग’ का नाम बदलकर ‘विमुक्त, घुमंतू और अर्द्धघुमंतू कल्याण विभाग’ करने हेतु मध्य प्रदेश कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन किये जाने का निर्णय लिया।  
  • इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने दतिया ज़िले में मोटर ट्रांसपोर्ट स्कूल की स्थापना किये जाने तथा नवीन पदों के सृजन की मंज़ूरी दी।

हरियाणा Switch to English

पुलिस अलंकरण समारोह

चर्चा में क्यों? 

26 अप्रैल, 2022 को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पंचकूला के इंद्रधनुष सभागार में आयोजित पुलिस अलंकरण समारोह के दौरान हरियाणा पुलिस के 92 अधिकारियों और कर्मचारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक व पुलिस पदक से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • राज्यपाल ने गत 4 वर्षों के दौरान उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाले पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को यह मेडल दिये।   
  • इनमें हरियाणा पुलिस के 11 अधिकारियों व कर्मचारियों को विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक तथा 81 अन्य को सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक से अंलकृत किया गया।  
  • विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक प्राप्त करने वालों में डीजीपी (सेवानिवृत्त) डॉ. बी.के. सिन्हा, एडीजीपी (प्रशासन और आईटी) हरियाणा डॉ. अरशिंदर सिंह चावला, एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क, एडीजीपी (सेवानिवृत्त) अनिल कुमार राव, एडीजीपी (कानून व्यवस्था) संदीप खिरवार, डीआईजी डॉ. अरुण सिंह, निरीक्षक (सेवानिवृत्त) लखविंदर सिंह, निरीक्षक (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, निरीक्षक रामकुमार व प्रमोद चंद तथा सब-इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र शामिल हैं।  
  • सराहनीय सेवाओं के लिये आईजीपी सुरक्षा सौरभ सिंह, आईजीपी (सेवानिवृत्त) भारती अरोड़ा, पुलिस अधीक्षक विकास धनखड़, डीआईजी कृष्ण मुरारी, शिव चरण और बलवान सिंह, पुलिस अधीक्षक (सेवानिवृत्त) ओमबीर सिंह, एसपी मनबीर सिंह, राज कुमार, सुमेर सिंह, डीसीपी मुकेश मल्होत्रा, एसपी (सेवानिवृत्त) कृष्ण कुमार, डीसीपी जयबीर सिंह और रविंदर कुमार, डीएसपी राजीव कुमार, वीर सिंह, गुरमेल सिंह, ओम प्रकाश, राम कुमार, अंगरेज सिंह, बलजीत सिंह, नरेश यादव और नरेंद्र कुमार को पुलिस पदक से अलंकृत किया गया।  
  • इसी प्रकार निरीक्षक दीपक सिंह, श्रवण कुमार, विकास, अनिल कुमार, लाली वर्गीश, रामलाल, अरविंद कुमार, जलधीर सिंह, रमेश कुमार (सेवानिवृत्त), नयन पाल, प्रकाश चंद, राजपाल, रविंदर सिंह, निहाल सिंह, राम कुमार और कर्ण सिंह (सेवानिवृत्त) ने सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक प्राप्त किये।   
  • इनके अलावा पुलिस पदक से सम्मानित किये गए उपनिरीक्षकों में सत्य देव (सेवानिवृत्त), राम किशन, सत्यवान, वरिंदर कुमार, राकेश मणि, जगदीश प्रसाद, महा सिंह (सेवानिवृत्त), अरुण देसवाल, सुरेश कुमार, हरीश कुमार, डॉ. अशोक कुमार, रवींद्र कुमार, रविंदर कुमार, सुमन कुमार, अशोक कुमार, रमेश कुमार, राम पाल, परवीन कुमार, महेंद्र सिंह (ओआरपी/एसआई) और कुलविंदर कौर शामिल हैं।   
  • इसी प्रकार ई-एसआई राम प्रताप, सुरेश कुमार, राकेश कुमार, सतपाल, रमेश चंद, मीना शर्मा, सुशीला कौशिक, रणवीर कौर, अनुराधा, हरदेव सिंह (सेवानिवृत्त) और जोगिंदर सिंह को पुलिस पदक से अलंकृत किया गया।   
  • सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) वीरेंद्र सिंह, करमबीर सिंह, राजेश कुमार, मनोज कुमार, परवीन कुमार, जोगिंदर सिंह, अमित कुमार, दीपक कुमार, दीदार सिंह, रामफल (ईएएसआई) और शिव कुमार (ईएएसआई) को भी पुलिस पदक से अलंकृत किया गया। 

झारखंड Switch to English

पश्चिमी सिंहभूम में खुला राज्य का दूसरा एसआरएमसी केंद्र

चर्चा में क्यों? 

26 अप्रैल, 2022 को पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के श्रम अधीक्षक ने प्रवासी श्रमिकों के सुरक्षित और ज़िम्मेदार प्रवासन के लिये ज़िले में राज्य के दूसरे सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन केंद्र (एसआरएमसी) की शुरुआत की। 

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि गुमला में 20 अप्रैल, 2022 को राज्य के पहले एसआरएमसी केंद्र का शुभारंभ हुआ था। गुमला और पश्चिमी सिंहभूम ज़िलों के अलावा जल्द ही दुमका में भी एसआरएमआई (सेफ एंड रिस्पॉंन्सिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव) केंद्र की स्थापना की जाएगी। 
  • पश्चिमी सिंहभूम ज़िले का यह केंद्र ज़िला श्रम एवं रोज़गार कार्यालय के तत्वावधान में ज़िलास्तरीय सहायता प्रकोष्ठ के रूप में ज़िले के श्रम अधीक्षक एवं रोज़गार अधिकारी के पर्यवेक्षण में कार्य करेगा।   
  • इसके ज़रिये पश्चिमी सिंहभूम में अंतर्राज्यीय प्रवासियों और उनके परिवारों की पहचान करने की दिशा में काम होगा, ताकि ऐसे श्रमिकों एवं कामगारों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।   
  • साथ ही, श्रमिकों और कामगारों के पंजीकरण की भी सुविधा केंद्र में दी जाएगी। इनके लिये शिविर का आयोजन भी समय-समय पर करने की योजना है।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिसंबर 2021 में सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव (एसआरएमआई) का शुभारंभ किया था। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्यपाल ने किया छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2022 पर हस्ताक्षर

चर्चा में क्यों? 

26 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 में संशोधन के लिये प्रस्तुत विधेयक छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2022 पर हस्ताक्षर किये। 

प्रमुख बिंदु 

  • छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2022 के अनुसार भू-राजस्व संहिता के मूल अधिनियम की 12 धाराओं, अध्याय 7 की 48 धाराओं एवं अध्याय 14 की 16 धाराओं में संशोधन किया गया है।  
  • संशोधित विधेयक में मूल अधिनियम की धारा 50 की उपधारा 01 में बंदोबस्त आयुक्त के स्थान पर ‘आयुक्त भू-अभिलेख’ प्रतिस्थापित किया गया है। इसी प्रकार बंदोबस्त अधिकारी के स्थान पर ‘ज़िला सर्वेक्षण अधिकारी’ प्रतिस्थापित किया गया है।   
  • मूल अधिनियम के अध्याय 7 में शीर्षक ‘नगरेतर क्षेत्रों में राजस्व सर्वेक्षण तथा बंदोबस्त’ के स्थान पर ‘भू-सर्वेक्षण तथा भू-राजस्व निर्धारण’ शब्द प्रतिस्थापित किया गया है।  
  • संशोधित विधेयक में नवीन धारा 178 ख का अंत:स्थापन किया गया है। इसके अनुसार तहसीलदार, खाता विभाजन हेतु प्राप्त आवेदनों को सर्वप्रथम ई-नामांतरण पोर्टल में प्रविष्ट कर हितबद्ध पक्षकारों को सूचना जारी करेगा एवं आम सूचना या इश्तहार का प्रकाशन करेगा।   
  • किसी प्रकरण में आपत्ति प्राप्त होने पर या तहसीलदार को प्रकरण, किसी कारण से विवादित प्रतीत होने पर, वह ऑनलाइन ई-नामांतरण पोर्टल से प्रकरण को अपने ई-राजस्व न्यायालय में स्थानांतरित कर पंजीकृत करेगा, अन्यथा प्रकरण में समस्त कार्यवाही ऑनलाइन ई-नामांतरण पोर्टल में की जाएगी।  

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ पुलिस के 11 जवान शूरवीर सम्मान से सम्मानित

चर्चा में क्यों? 

26 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने राज्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जांबाज पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने के लिये आयोजित कार्यक्रम में आरक्षक से लेकर टीआई रैंक तक के 11 पुलिसकर्मियों को शूरवीर सम्मान से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • सम्मान पाने वालों में उपनिरीक्षक जाकिर अली, महिला आरक्षक मनीषा यादव, सहायक उपनिरीक्षक भूपेश सिंह, प्रधान आरक्षक संदीप दीक्षित, प्रधान आरक्षक सरफराज चिश्ती, निरीक्षक रमन उसेंडी, उपनिरीक्षक दीपिका निर्मलकर, सहायक उपनिरीक्षक मनोज राठौर, प्रधान आरक्षक सुशील पांडे, निरीक्षक विजय चेलक तथा निरीक्षक सुमतराम साहू शामिल हैं।   
  • गृहमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पुलिस को ईमानदारी से अपना काम करना चाहिये, ताकि आम जनता में उसके प्रति सम्मान दिखे और अपराधियों के मन में पुलिस का भय हो।
  • गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा नक्सली इलाकों के लिये दिये गए सूत्र वाक्य ‘विश्वास, विकास, सुरक्षा’ की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर विगत 3 वर्षों में लगभग 2 हज़ार माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होना स्वीकार किया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

हैबियस कॉर्पस रिट मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षी मामले में कहा कि लापता व्यक्तियों के मामलों को बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) याचिका के प्रावधान के तहत नहीं लाया जा सकता है। 

प्रमुख बिंदु 

  • जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एन.के. चद्रवंशी ने ऐसे मामलों के संदर्भ में कहा कि ‘‘लापता व्यक्तियों के मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के नियमित प्रावधानों के तहत दर्ज़ किये जाने हैं और संबंधित पुलिस अधिकारी आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत निर्धारित तरीके से इसकी जाँच करने के लिये बाध्य हैं।’’ 
  • उच्च न्यायालय ने कहा कि जो चीज सुसंगत रहती है वह यह है कि ‘अवैध निरोध’ का आधार स्थापित करना और इस तरह की किसी भी ‘अवैध हिरासत’ के बारे में एक मज़बूत संदेह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्थानांतरित करने के लिये एक शर्त है और संवैधानिक न्यायालय बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर विचार नहीं करेंगे, जहाँ ‘अवैध हिरासत’ के बारे में संदेह का कोई आरोप नहीं है।  
  • यूनियन ऑफ इंडिया बनाम युमनाम आनंद एम और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि ‘‘संविधान के अनुच्छेद 21 में यह घोषित है कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार किसी भी व्यक्ति को जीवन और स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, अत्यधिक तत्परता के साथ अवैध हिरासत के प्रश्न की जाँच करने के लिये एक मशीनरी की निश्चित रूप से आवश्यकता है। बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट इस प्रकृति का एक उपकरण है।’’  
  • गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 32 में वर्णित संवैधानिक उपचारों के अधिकार के तहत 5 रिट- बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण एवं अधिकार पृच्छा का उल्लेख है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के लिये 13,707 करोड़ रुपए की मेगा निर्माण परियोजना का प्रस्ताव

चर्चा में क्यों? 

26 अप्रैल, 2022 को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों ने उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों के लिये 13,707 करोड़ रुपए के मेगा निर्माण पैकेज के तहत प्रस्तावित परियोजनाओं का उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह को प्रेजेंटेशन दिया। 

प्रमुख बिंदु 

  • प्रेजेंटेशन में बताया गया कि बीआरओ द्वारा उत्तराखंड में 9,250 करोड़ रुपए की लागत से 14 नई सड़कों एवं 77.50 करोड़ रुपए की लागत से पाँच हेलीपोर्ट का निर्माण, 12 करोड़ रुपए के बजट से गौचर और नैनी सैनी हवाई पट्टी का विस्तार तथा 4,260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से दो सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। 
  • इसके अतिरिक्त उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने 26 अप्रैल को ही राजभवन में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के ‘बहुआयामी अभियान’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।  
  • बीआरओ ने इस अभियान का शुभारंभ अपने 63वें स्थापना दिवस और देश की आज़ादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में किया है। इस अभियान का विषय ‘राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र निर्माण’ है।

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