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जल प्रबंधन परियोजना के लिये विश्व बैंक ऋण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने बिहार एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन परियोजना (BIWRMP) के लिये विश्व बैंक से ऋण हेतु राज्य सरकार के अनुरोध को अपनी स्वीकृति दे दी है।
मुख्य बिंदु:
- राज्य सरकार की चल रही पहल 'हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय' और 'जल-जीवन-हरियाली अभियान' के साथ संरेखित BIWRMP को छह वर्ष की अवधि में लागू किया जाएगा।
- इसकी अनुमानित लागत 4,415 करोड़ रुपए है, जिसमें से 30% बिहार वहन करेगा, जबकि शेष 70% के लिये विश्व बैंक ऋण प्रदान करेगा।
- यह लंबे समय से लंबित पश्चिमी कोसी नहर प्रमुख सिंचाई परियोजना को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, लेकिन बिहार में सदियों पुराने बाँधों की बहाली में भी सहायता करेगा।
- इसमें नदियों को जोड़ने, बाढ़ को कम करने के लिये प्रमुख नदियों से अतिरिक्त जल प्रवाह को नियंत्रित करने और नदी तटबंधों की दीर्घकालिक सुरक्षा के लिये नई तकनीकों को नियोजित करने की महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ शामिल हैं।
- गंगा, गंडक, कोसी, महानंदा, बूढ़ी गंडक, कमला, बागमती आदि नदियों के किनारे संवेदनशील क्षेत्रों को लंबे समय तक कटाव से बचाने के लिये उन्नत उपाय लागू किये जाएंगे।
विश्व बैंक
- इसे वर्ष 1944 में IMF के साथ मिलकर पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (IBRD) के रूप में स्थापित किया गया था। बाद में IBRD विश्व बैंक बन गया।
- विश्व बैंक समूह पाँच संस्थानों की एक अनूठी वैश्विक साझेदारी है जो विकासशील देशों में गरीबी को कम करने और साझा समृद्धि का निर्माण करने वाले स्थायी समाधानों के लिये कार्य कर रहा है।
- विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसियों में से एक है।
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प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व मध्य रेलवे (ECR) क्षेत्र के तहत बिहार में 33 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और 72 अन्य परियोजनाओं के निर्माण की वस्तुतः आधारशिला रखी।
मुख्य बिंदु:
- अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत, परियोजना का लक्ष्य पूरे देश में कनेक्टिविटी, व्यापार और व्यवसाय को बढ़ाना है।
- आधिकारिक बयान के अनुसार, बिहार में अब जिन तैंतीस रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा उनमें शामिल हैं: बरौनी, सीवान, मुंगेर, थावे, सबौर, अररिया, शिवनारायणपुर, दौरम मधेपुरा, डेहरी ऑन सोन, गुरारू, करागोला रोड, चौसा, लहेरिया सराय, बांका, सिमरी बख्तियारपुर, सुपौल, नवादा, रक्सौल, मोतीपुर, लक्खीसराय, मसरख, रफीगंज, मैरवा, पीरो, बिक्रमगंज, लाभा, जनकपुर रोड, चकिया, नबीनगर रोड, घोड़ासहन, सालमारी, एकमा और शाहपुर पटोरी।
- परियोजना के तहत, स्टेशनों को शॉपिंग जोन, फूड कोर्ट, बच्चों के खेल क्षेत्र आदि जैसी सुविधाओं के प्रावधान के साथ सिटी सेंटर के रूप में पुनर्विकास किया जाएगा।
- पुनर्विकसित स्टेशनों पर अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार, मल्टी-लेवल पार्किंग, लिफ्ट एस्केलेटर, एक्जीक्यूटिव लाउंज, वेटिंग एरिया तथा ट्रैवलेटर का प्रावधान होगा।
अमृत भारत स्टेशन योजना
- अमृत भारत स्टेशन योजना का लक्ष्य देश भर में 1309 स्टेशनों का पुनर्विकास करना है।
- यह पुनर्विकास आधुनिक यात्री सुविधाएँ प्रदान करने के साथ-साथ इंटर-मोडल एकीकरण तथा यात्रियों के लिये सुव्यवस्थित दिशा-निर्देश की सुविधा प्रदान करने के लिये साइनेज़ (संकेतों के माध्यम से) सुविधा भी सुनिश्चित करेगा।
- यह योजना रेल मंत्रालय द्वारा फरवरी 2023 में शुरू की गई थी।
पूर्व मध्य रेलवे (ECR) क्षेत्र
- इसका मुख्यालय हाजीपुर (बिहार) में है, इसकी स्थापना 1 अक्तूबर 2002 को हुई थी।
- इसकी स्थापना पूर्वोत्तर रेलवे के सोनपुर और समस्तीपुर मंडल तथा पूर्वी रेलवे के धनबाद, दानापुर एवं मुगलसराय मंडल को अलग करके की गई थी।
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