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उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी की नई नीति
चर्चा में क्यों?
26 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में आग्जिलरी नर्स एंड मिडवाइफरी (एएनएम), जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) और पैरामेडिकल कोर्स में अब प्रदेश स्तरीय मेरिट से दाखिला होगा। इसके लिये उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी नई नीति बना रही है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी की नई नीति पर कॉलेज के प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों से सलाह मांगी गई है।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एएनएम की 19,220 व जीएनएम की 18,323 सीटें हैं। पैरामेडिकल के विभिन्न डिग्री एवं डिप्लोमा कोर्स में करीब 20 हजार से अधिक सीटें हैं। अभी तक इनमें दाखिला कॉलेज प्रबंधन करता था, परंतु अब कॉलेज अपनी मर्जी से दाखिला नहीं ले पाएंगे।
- दरअसल वर्ष 2023-24 से केंद्रीयकृत व्यवस्था बनाई जा रही है, जिसके तहत छात्रों को कोर्सवार आवेदन करना होगा, इसमें वरिष्ठता क्रम में कॉलेज का नाम भरना होगा।
- उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी में आने वाले आवेदनों में न्यूनतम योग्यता व इंटरमीडिएट में मिले नंबरों के हिसाब से राज्य स्तरीय मेरिट बनाई जाएगी, फिर काउंसिलिंग के जरिये कॉलेज अलॉट होंगे।
- फैकल्टी के सचिव प्रो. आलोक कुमार के मुताबिक अभी तक यह आरोप लगता था कि कॉलेजों की मिलीभगत से कम मेरिट वाले छात्रों को मनचाहे कोर्स और कॉलेज में दाखिला मिल जाता है। परंतु इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और मेधावी छात्रों के साथ न्याय होगा।
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