एशियाई जलपक्षी जनगणना | उत्तराखंड | 27 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के देहरादून ज़िले के आसन आर्द्रभूमि में स्वयंसेवकों ने पक्षी गणना अभियान के दौरान 117 विभिन्न प्रजातियों के 5,225 पक्षियों की पहचान की।
प्रमुख बिंदु
- आयोजन के बारे में:
- पक्षी गणना अभियान का आयोजन 35 प्रतिभागियों की एक टीम द्वारा किया गया था, जिन्हें पाँच समूहों में विभाजित किया गया था।
- इसका उद्देश्य आसन आर्द्रभूमि में घरेलू और प्रवासी दोनों पक्षियों की आबादी की निगरानी करना था।
- टीमों ने आसन झील, यमुना और आसन नदियों, शिवालिक पर्वत शृंखला और आसपास के संरक्षित वनों सहित स्थानों पर व्यापक पक्षी गणना की।
- सर्वेक्षण और कार्यप्रणाली:
- 150 से अधिक स्वयंसेवकों और वन कर्मचारियों ने जलपक्षियों की गणना और अन्य पक्षी प्रजातियों का दस्तावेज़ीकरण करने के लिये पूर्व-निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 23 स्थलों का सर्वेक्षण किया।
- पर्यवेक्षकों ने दलदलों और आर्द्रभूमियों के आसपास पक्षियों के व्यवहार और गतिविधियों को भी रिकॉर्ड किया।
- नागरिक विज्ञान पहल:
आसन संरक्षण रिज़र्व
- परिचय:
- आसन संरक्षण रिज़र्व आसन नदी के किनारे 444 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है, जो देहरादून ज़िले में यमुना नदी के साथ संगम तक फैला हुआ है।
- वर्ष 1967 में निर्मित आसन बैराज के कारण बाँध के ऊपर गाद जमा हो गई, जिससे पक्षियों के लिये अनुकूल आवास निर्मित हो गए।
- जैवविविधता और प्रजातियाँ:
- यह रिज़र्व पक्षियों की 330 प्रजातियों का आवास है, जिनमें गंभीर रूप से लुप्तप्राय लाल सिर वाला गिद्ध, सफेद पूंछ वाला गिद्ध और बेयर पोचर्ड शामिल हैं।
- इस स्थल पर लाल कलगी वाले पोचार्ड और रूडी शेल्डक की जैवभौगोलिक आबादी का 1% से अधिक हिस्सा दर्ज है।
- गैर-पक्षी प्रजातियों में 49 मछली प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें लुप्तप्राय पुटिट्टर महाशीर भी शामिल है।