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बिहार के तीन विभूतियाँ पद्म श्री सम्मान के लिये चयनित
चर्चा में क्यों?
25 जनवरी, 2023 को राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वर्ष 2023 के लिये देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों ‘पद्म पुरस्कारों’की घोषणा की। इनमें बिहार के तीन विभूतियों को पद्म श्री अवार्ड के लिये चुना गया है।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2023 के लिये राष्ट्रपति ने तीन द्वय मामलों (एक द्वय मामले में, पुरस्कार को एक के रूप में गिना जाता है) सहित 106 पद्म पुरस्कार प्रदान करने की मंजूरी दी है।
- सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों की सूची में 19 महिलाएँ हैं और विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 2 व्यक्ति और 7 मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं।
- पद्म श्री पुरस्कार के लिये चयनित बिहार के तीन विभूतियों में सुभद्रा देवी, आनंद कुमार और कपिल देव प्रसाद शामिल हैं।
- सुभद्रा देवी और कपिल देव प्रसाद को कला के क्षेत्र में जबकि आनंद कुमार को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिये पद्म श्री अवार्ड हेतु चुना गया है।
- मधुबनी की सुभद्रा देवी पेपरमेसी आर्टिस्ट हैं। उन्होंने इस कला को लोगों तक पहुँचाया। वहीं नालंदा के कपिलदेव प्रसाद ने बावन बूटी कला को एक पहचान दी है, उनके द्वारा इस कला से निर्मित साड़ियाँ काफी पसंद की जाती हैं। सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार एक गणितज्ञ होने के साथ-साथ कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं।
- गौरतलब है कि देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में पद्म पुरस्कार शामिल है। पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री के रूप में प्रदान किये जाते हैं। प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।
- यह पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि जैसे विभिन्न विषयों/गतिविधियों के क्षेत्रों में दिये जाते हैं।
- असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिये ‘पद्म विभूषण’, उच्च स्तर की विशिष्ट सेवा के लिये ‘पद्म भूषण’और किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिये ‘पद्म श्री’से सम्मानित किया जाता है।
- ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक समारोहों में प्रदान किये जाते हैं जो आमतौर पर हर साल मार्च/अप्रैल के आसपास राष्ट्रपति भवन में आयोजित किये जाते हैं।
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बिहार पुलिस के दो जवानों को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक और 17 को सराहनीय पुलिस सेवा पदक
चर्चा में क्यों?
26 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार पुलिस के दो जवानों को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक और 17 को सराहनीय पुलिस सेवा पदक मिला है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- यह लगातार तीसरा वर्ष है, जब यहाँ से किसी को पुलिस वीरता पदक नहीं मिला है।
- विशिष्ट सेवा पदक पाने वालों में गया ज़िला के नीमचक बथानी के एसडीपीओ विनय कुमार शर्मा और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के इंस्पेक्टर विनय कृष्ण शामिल हैं।
- इसके अलावा आईजी से लेकर हवलदार तक के 17 कर्मियों को सराहनीय पुलिस सेवा पदक से नवाजा गया है। इनमें आईजी (मुख्यालय) विनय कुमार समेत अन्य शामिल हैं।
- इस पदक पाने वालों की सूची में सबसे ज्यादा संख्या सीआईडी और डुमरांव स्थित बीसैप (बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस) के कर्मी शामिल हैं।
- इन 17 को मिला सराहनीय पुलिस सेवा पदक-
- विनय कुमार, आईजी (मुख्यालय), पुलिस मुख्यालय, बिहार
- आलमनाथ भुईया, हवलदार, किशनगंज
- अवधेश कुमार सिंह, हवलदार, बी-सैप - 4, डुमरांव, बक्सर
- अक्षयबर नाथ पांडेय, कॉस्टेबल, बीसैप मुख्यालय, पटना
- संजय कुमार शेखर, एएसआई, एटीएस, पटना
- संतोष कुमार दीक्षित, एएसआई, सीआईडी, पटना
- आलोक कुमार, कांस्टेबल, एससीआरबी, पटना
- देवेंद्र कुमार, एएसआई, सीआईडी, पटना
- धर्मराज शर्मा, कांस्टेबल, पुलिस मुख्यालय
- धनंजय कुमार, कांस्टेबल - 107, सीआईडी, पटना
- बैजनाथ कुमार, कांस्टेबल, किशनगंज
- संजय कुमार, कांस्टेबल - 69, सीआईडी, पटना
- मुख्तार अली, कांस्टेबल - 217, सीआईडी, पटना
- बोअस एइंद, हवलदार, बीसैप - 4, डुमरांव, बक्सर
- पंचरत्न प्रसाद गोंड, हवलदार, बीसैप - 4 डुमरांव
- सिकंदर कुमार, हवलदार, बीसैप - 4, डुमरांव
- सत्येंद्र कुमार, हवलदार, बीसैप - 4 डुमरांव
- विदित है कि विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित विनय कुमार शर्मा वर्तमान में गया ज़िले के नीमचक बथानी अनुमंडल में एसडीपीओ के पद पर तैनात हैं। इन्हें अपनी 28 साल की सेवा के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के कारण इस पदक से सम्मानित किया गया है। इससे पहले 2017 में सराहनीय पुलिस सेवा पदक, 2018 में वीरता पुरस्कार और नक्सल के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिये 2019 में आंतरिक सुरक्षा पदक प्रदान किया जा चुका है।