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स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Dec 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

336 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा काशी इंटर मॉडल स्टेशन

चर्चा में क्यों?

25 दिसंबर, 2022 को उत्तर रेलवे मंडल के मंडल रेल प्रबंधक सुरेश कुमार सपरा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी के काशी रेलवे स्टेशन को मेजर अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट के लिये टेंडर जारी किया गया है। करीब 336 करोड़ रुपए की इस परियोजना से काशी इंटर मॉडल स्टेशन बन जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • सुरेश कुमार सपरा ने बताया कि इस परियोजना से काशी इंटर मॉडल स्टेशन बनने के साथ-साथ यहाँ यार्ड रीमॉडलिंग, कॉम्प्लेक्स और होटल निर्माण समेत कई कार्य किये जाएंगे। यहाँ टेक्नो फिजिबिलिटी सर्वे का काम पहले ही पूरा हो गया है। अगले साल दिसंबर तक डीपीआर का काम भी हो जाएगा।
  • इस परियोजना के पहले और दूसरे प्रवेश द्वार को जोड़ते हुए कॉनकोर्स (सिटी सेंटर) भी बनाने का उद्देश्य है। काशी स्टेशन में रोज़ाना करीब 10 जोड़ी ट्रेनें रुकती हैं। इस कायाकल्प से स्टेशन की छवि पूरे तरीके से बदल जाएगी तथा इस रेलवे स्टेशन का कायाकल्प करने में ढाई साल का समय लग जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि इसके अलावा कैंट स्टेशन पर चार्ज़िग सेंटर का टेंडर जारी होने से वाराणसी कैंट स्टेशन पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की सुविधा मिलेगी। यहाँ जनवरी से इलेक्ट्रिक ह्वीकल चार्ज़िग फैसिलिटी पॉइंट बनना शुरू हो जाएगा। मार्च तक यहाँ इलेक्ट्रिक दोपहिया और ई-रिक्शा समेत सभी छोटे-बड़े वाहनों को चार्ज करने की सुविधा मिलने लगेगी।
  • ई-वाहनों को चार्ज करने के लिये फिलहाल वाराणसी में सरकारी या गैर-सरकारी स्तर पर कोई सुविधा नहीं है। मिर्ज़ामुराद में बना चार्ज़िग स्टेशन सिर्फ ई-बसों के लिये ही है। ऐसे में कैंट स्टेशन पर बनने वाला ई-ह्वीकल चार्ज़िग फैसिलिटी पॉइंट ऐसे वाहनों के लिये फायदेमंद साबित होगा।

बिहार Switch to English

बिहार की कोसी-मेची लिंक परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ

चर्चा में क्यों?

25 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार की अति महत्त्वाकांक्षी कोसी-मेची लिंक परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस परियोजना का डीपीआर बनाने के लिये जल संसाधन विभाग और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के तहत जल संसाधन विभाग की नेशनल वाटर डेवलपमेंट एजेंसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • कोसी-मेची लिंक परियोजना के पूरा होने पर राज्य के सीमांचल के चार ज़िलों में करीब 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा और बाढ़ से राहत मिलेगी। इनमें पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया ज़िला शामिल हैं।
  • इस परियोजना से अररिया ज़िले में करीब 69 हज़ार हेक्टेयर, पूर्णिया ज़िले में करीब 69 हज़ार हेक्टेयर, किशनगंज ज़िले में 39 हज़ार हेक्टेयर और कटिहार ज़िले में 35 हज़ार हेक्टेयर ज़मीन की सिंचाई होगी।
  • कोसी-मेची लिंक परियोजना से अररिया ज़िले के अंतर्गत फारबिसगंज, कुर्साकाटा, सिकटी, पलासी, जोकीहाट एवं अररिया प्रखंड को लाभ होगा। वहीं, किशनगंज ज़िले के अंतर्गत टेढ़ागाछ, दिघलबैंक, बहादुरगंज एवं कोचाधामन प्रखंड को लाभ होगा।
  • इसके अलावा पूर्णिया ज़िले के अंतर्गत बैसा, अमौर एवं बायसी प्रखंड तथा कटिहार ज़िले के अंतर्गत कदवा, डंडखोड़ा, प्राणपुर, मनिहारी एवं अमदाबाद प्रखंड लाभान्वित होंगे।
  • विदित है कि कोसी-मेची लिंक परियोजना का काम शुरू करने के लिये पहले ही राज्य कैबिनेट से मंज़ूरी मिल चुकी है। मई 2022 में ही राज्य सरकार ने डीपीआर गठन, सर्वेक्षण और अन्वेषण कार्य के लिये करीब दो करोड़ 78 लाख रुपए की प्रशासनिक और खर्च की स्वीकृति दे दी थी।
  • राज्य सरकार द्वारा 90 फीसदी केंद्रांश की हो रही मांग तथा केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करते हुए, इसके लिये केंद्रांश 60 फीसदी और राज्यांश 40 फीसदी के रूप में बजटीय प्रावधान की मंज़ूरी दी गई है।
  • हालांकि, राज्य सरकार की ओर से कोसी-मेची लिंक परियोजना के लिये भी मध्य प्रदेश की केन-बेतवा लिंक परियोजना की तर्ज़ पर केंद्रांश 90 फीसदी और राज्यांश 10 फीसदी बजटीय प्रावधान की मांग जारी है।
  • इस परियोजना के अंतर्गत कुल लगभग 1397 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें से 632 हेक्टेयर भूमि पूर्व से अधिगृहीत है, जबकि 765 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।

राजस्थान Switch to English

बाड़मेर-जैसलमेर के 486.39 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में गेल इंडिया करेगी खनिज तेल व प्राकृतिक गैस का एक्सप्लोरेशन

चर्चा में क्यों?

25 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के बाड़मेर-जैसलमेर के 486.39 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस का एक्सप्लोरेशन भारत सरकार के उपक्रम गेल इंडिया द्वारा किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बाड़मेर-जैसलमेर के क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस के एक्सप्लोरेशन के लिये गेल इंडिया को 3 साल प्लस 9 माह के लिये ब्लॉक आवंटित किया गया है। गेल इंडिया को ओपन एक्रेज लाइसेंसिंग पॉलिसी के तहत सप्तम चक्र में यह ब्लॉक आवंटित किया गया है।
  • उन्होंने बताया कि यह पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस केंद्र सरकार के पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय की अनुशंसा पर जारी किया गया है। गेल इंडिया द्वारा इस क्षेत्र में खनिज तेल और प्राकृतिक गैस की खोज की जाएगी।
  • विदित है कि देश में ऑनलैंड क्षेत्र में खनिज तेल उत्पादन में राजस्थान पहले स्थान पर है। वर्तमान में प्रदेश में ओएनजीसी व ऑयल इंडिया द्वारा बाड़मेर और जैसलमेर क्षेत्र में पेट्रोलियम व गैस का उत्पादन किया जा रहा है। इसके लिये ओएनजीसी को 9 व ऑयल इंडिया को 2 लाइसेंस दिये हुए हैं।
  • इसके अलावा राज्य में 16 पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी कर एक्सप्लोरेशन कार्य किया जा रहा है, जिसमें वेदांता को 9 लाइसेंस, ऑयल इंडिया को 5, ओएनजीसी और गेल इंडिया को 1-1 पीईएल जारी है। एक्सप्लोरेशन का कार्य बाड़मेर-जैसलमेर के साथ ही बीकानेर और श्रीगंगानगर क्षेत्र में भी हो रहा है।
  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि गेल गैस को बाड़मेर व जैसलमेर में आरजे-ओएनएचपी-2021/1 ब्लॉक का आवंटन किया गया है। इस क्षेत्र में गेल इंडिया द्वारा खनिज क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, कोल बेड मिथेन सीबीएम और शैल गैस की खोज व उत्पादन किया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि गेल द्वारा प्रति छह माह में ऑपरेशन, बोरिंग व प्रोडक्शन की जानकारी आवश्यक रूप से दी जाएगी। इसी तरह से एक्सप्लोरेशन के दौरान अगर अन्य खनिज मिलता है तो उससे भी तत्काल अवगत कराएगी। गेल द्वारा एक्सप्लोरेशन के दौरान आर्मी से जुड़े क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन, सर्वे और डिगिंग गतिविधियाँ नहीं की जा सकेंगी।
  • खनिज तेल और गैस की उत्पादकता बढ़ने से प्रदेश में निवेश, रोज़गार व राजस्व की भी बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में प्रदेश में लगभग एक लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल व करीब 41 से 44 लाख घनमीटर गैस का उत्पादन हो रहा है।

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री ने सीहोर ज़िले में किया सिंचाई योजनाओं का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

25 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सीहोर ज़िले के ग्राम सेमरी में लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित सिंचाई परियोजना का लोकार्पण और 3 करोड़ 61 लाख रुपए की लागत के विकास कार्यों का शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सीहोर ज़िले के ग्राम सेमरी में लोकार्पित हुई रतनपुर उद्वहन सिंचाई योजना से पूरे क्षेत्र में सुख-समृद्धि आएगी। यह योजना शुरू होने से अब ग्राम बोरी, रतनपुर, सेमरी, डोंगरी और खनपुरा के 600 किसानों की 1084 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होने लगेगी।
  • मुख्यमंत्री ने परियोजना से शेष रहे 7 गाँवों की सिंचाई सुविधा के लिये 20 करोड़ रुपए स्वीकृत करने की घोषणा भी की।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस उद्वहन सिंचाई योजना से 40 फीट नीची नहर से पानी ऊपर लाया गया है। इसके अलावा 600 किसानों के खेतों तक पानी पहुँचाने के लिये 9 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन खेतों में डाली गई है। हर 6 हेक्टेयर पर एमओएक्स बॉक्स लगाकर खेतों को सींचा जाएगा।

झारखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने राज्य में दी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बनाने की मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

24 दिसंबर, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के राँची में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बनाने की योजना को मंज़ूरी प्रदान कर दी है। इससे पहले भारत सरकार द्वारा यहाँ बन रहे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का प्रोजेक्ट रद्द कर दिया गया था।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसी साल 29 जुलाई को राँची के कोर कैपिटल एरिया में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखी थी, लेकिन शिलान्यास के एक महीने बाद ही भारत सरकार ने प्रोजेक्ट शुरू होने में विलंब की बात करते हुए इसे रद्द कर दिया था।
  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि राँची के धुर्वा क्षेत्र स्थित 3.45 एकड़ में प्रस्तावित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बनाने पर करीब 44 करोड़ 60 लाख रुपए खर्च होना है तथा यहाँ ‘जी प्लस फाइव भवन’ का निर्माण किया जाना है।
  • उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में भारत सरकार ने अनुदान की पहली किस्त 9.80 करोड़ रुपए झारखंड को आवंटित की थी, लेकिन उसके बाद कोविड संक्रमण की आशंका के कारण दो वर्ष लॉकडाउन की स्थिति रही। इसके अलावा अन्य कारणों से भी राशि होने के बावजूद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी। हालाँकि, केंद्र ने इसे नज़रअंदाज करते हुए पूर्व में दिया गया अनुदान वापस मांग लिया है।
  • वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण का उद्देश्य देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करते हुए निर्यात को बढ़ावा देना है तथा हर तरह की सुविधा को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराना है। इसके ज़रिये लोकल उत्पादों को विदेशी बाज़ार उपलब्ध कराने का रोडमैप तैयार किया गया है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के पाँच अफसरों को मिला उत्कृष्ट ज़िलाधिकारी सम्मान

चर्चा में क्यों?

25 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के देहरादून में सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने चारधाम यात्रा के सफल प्रबंधन सहित विभिन्न उल्लेखनीय कार्यों के लिये प्रदेश के पाँच ज़िलाधिकारियों को उत्कृष्ट ज़िलाधिकारी पुरस्कार 2022 से पुरस्कृत किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस कार्यक्रम में हरिद्वार के ज़िलाधिकारी विनय शंकर पांडे को कोविड लॉकडाउन के बाद शुरू हुई काँवड़ यात्रा के सुचारु प्रबंधन के लिये, नैनीताल के ज़िलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को पर्यटन के क्षेत्र में रोज़गारपरक योजनाओं, पौड़ी के ज़िलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान को बेडू के उत्पादों, रुद्रप्रयाग के ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित को पर्यटन को बढ़ावा देने एवं चमोली के ज़िलाधिकारी हिमांशु खुराना को चारधाम यात्रा के सफल प्रबंधन के लिये पुरस्कृत किया गया।
  • राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बताया कि ज़िला प्रशासन सरकार की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के लिये सबसे अहम सीढ़ी है। पुरस्कृत होने वाले ज़िलाधिकारियों ने जनता की समस्याओं को सजग होकर एवं ईमानदारी के साथ दूर करने में अहम भूमिका निभाई है।
  • राज्यपाल ने बताया कि सुशासन का उद्देश्य समावेशी और सर्वांगीण विकास तय करना है। टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप शासन प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये प्रशासन और जनता के बीच प्रत्यक्ष, भावनात्मक जुड़ाव की आवश्यकता है।
  • राज्यपाल के सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि ज़िलाधिकारियों को अलग से पुरस्कृत करने की पूर्व में कोई व्यवस्था नहीं थी। राज्यपाल ने ज़िलाधिकारियों के उत्कृष्ट प्रयासों के लिये उन्हें पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है।
  • प्रशासन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्कृष्ट ज़िलाधिकारी पुरस्कार-2022 के लिये ज़िलों से आवेदन मांगे गए थे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति के सामने ज़िलाधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण दिया। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद पुरस्कार के लिये ज़िलाधिकारियों का चयन किया गया।
  • इन उपलब्धियों की वजह से ज़िलाधिकारियों को किया गया पुरस्कृत-
  • हरिद्वार के ज़िलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कोविड लॉकडाउन के बाद शुरू हुई काँवड़ यात्रा का सुचारु प्रबंधन किया। घाटों की सफाई के लिये चलाए गए अभियान की वजह से हरिद्वार को गंगा टाउन में सर्वश्रेष्ठ स्थान हेतु राष्ट्रपति ने भी पुरस्कृत किया था।
  • नैनीताल के ज़िलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने सामूहिक जनभागिता के साथ नए प्रयोग करते हुए कई क्षेत्रों में उपलब्धियाँ हासिल कीं। सेब उत्पादन को लेकर उनके प्रयास एवं पर्यटन के क्षेत्र में रोज़गारपरक योजनाओं को ज़िले में लागू करने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।
  • पौड़ी के ज़िलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान पूर्व में जब पिथौरागढ़ ज़िले में तैनात थे, तब उनके बेडू के उत्पादों के लिये महिला स्वयं सहायता समूह के साथ किये गए प्रयासों की प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सराहना की थी।
  • रुद्रप्रयाग के ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित को पर्यटन को बढ़ावा देने, दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार एवं वर्तमान में भव्य केदारपुरी के पुनर्निर्माण को सही गति से संचालित करने के लिये सराहा जा रहा है।
  • चमोली के ज़िलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बद्रीनाथ धाम एवं हेमकुंड साहिब की यात्रा का सफल प्रबंधन किया। बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान के निर्माण कार्यों को समय पर व सुचारु रूप से पूरा करवाने में भी उनकी अहम भूमिका रही।

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