छत्तीसगढ़ Switch to English
रायपुर में सुशासन सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रायपुर में सुशासन पर दो दिवसीय सम्मेलन में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रधानमंत्री के तहत शुरू किये गए शासन सुधारों में "ईज़ ऑफ लिविंग" और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है ।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम विवरण:
- प्रशासनिक सुधार एवं शिकायत निवारण विभाग (DARPG) और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया ।
- सार्वजनिक सेवा वितरण सुधारों पर चर्चा करने के लिये नीति निर्माताओं, नौकरशाहों और विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया।
- विकेंद्रीकृत शासन पर चर्चा:
- शासन संबंधी चर्चाओं को सत्ता के केंद्रीय कक्षों से आगे ले जाने के महत्त्व पर बल दिया गया।
- राज्यों में आयोजित सम्मेलनों से क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप समाधान सुनिश्चित होते हैं तथा केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
- इसी प्रकार के कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु तथा अन्य राज्यों में भी आयोजित किये गए, जो राष्ट्रव्यापी पहुँच को दर्शाते हैं।
- ऐतिहासिक प्रशासनिक सुधार:
- नौकरशाही की लालफीताशाही को कम करने के लिये 2,000 से अधिक अप्रचलित नियमों को हटा दिया गया है।
- सत्यापित दस्तावेज़ों की आवश्यकता को समाप्त करके प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया, जिससे नागरिकों में विश्वास मज़बूत हुआ।
- पेंशनभोगियों के लिये चेहरा पहचानने वाली तकनीक शुरू की गई, जिससे भौतिक सत्यापन की आवश्यकता समाप्त हो गई।
- समय पर भुगतान के लिये पेंशन और परिवार पात्रता प्रणालियों का डिजिटलीकरण बढ़ाया गया।
- ग्रुप B और C के पदों के लिये साक्षात्कार समाप्त कर दिया गया, जिससे भर्ती प्रक्रियाओं में पक्षपात और भ्रष्टाचार कम हो गया।
- सुधारों का प्रभाव:
- शासन सुधारों का उद्देश्य विलंब को कम करना, भ्रष्टाचार से निपटना और नागरिकों के लिये प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।
- कार्यकुशलता बढ़ाने के लिये प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया गया, जिससे विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और ग्रामीण आबादी को लाभ मिला।
Switch to English