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उत्तराखंड में ड्रोन ट्रैफिक सँभालने के लिये बनेंगे कॉरिडोर
चर्चा में क्यों?
25 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के सूचना प्रौद्योगिकी एवं विकास एजेंसी (आईटीडीए) के निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि ड्रोन तकनीक में नए प्रयोगों के साथ प्रदेश में ड्रोन ट्रैफिक सँभालने के लिये सभी ज़िलों में कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। हवाई सेवाओं की तर्ज पर ये ऐसे रास्ते होंगे, जिनसे सरकारी और निजी ड्रोन उड़ान भर सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि ड्रोन के भविष्य में उपयोग को देखते हुए इसके लिये रास्ते तैयार करने की ज़रूरत महसूस की जा रही है। इसके लिये सूचना प्रौद्योगिकी एवं विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने ड्रोन कॉरिडोर बनाने काम शुरू किया है।
- आईटीडीए के निदेशक ने बताया कि प्रदेश के सभी ज़िलों में ड्रोन संचालन के लिये जो कॉरिडोर बनेंगे, उन्हें आपस में लिंक किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश में ड्रोन के समर्पित रास्तों का पूरा नेटवर्क तैयार हो जाएगा। नियम को तोड़ने वालों पर भविष्य में कार्रवाई भी हो सकेगी।
- उन्होंने बताया कि ड्रोन कॉरिडोर बनाने का एक उद्देश्य यह भी है कि इससे ऐसे रास्ते तैयार किये जाएंगे, जो हवाई सेवाओं को बाधित न करें। इसके अलावा सीमांत प्रदेश होने के नाते तमाम प्रतिबंधित क्षेत्रों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
- ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश में उत्तरकाशी से दून या अन्य जगहों पर ड्रोन संचालन का कोई समर्पित कॉरिडोर नहीं है, जिससे कई ड्रोन को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इससे अधिक समय लगने और ड्रोन की बैटरी भी जल्द खत्म होने का खतरा है। ड्रोन कॉरिडोर के बन जाने से उड़ान का समय तो कम होगा ही, उसकी बैटरी भी लंबी दूरी की उड़ान में मदद करेगी।
- ड्रोन के क्षेत्र में तेज़ी से हो रहे विकास के मद्देनज़र उत्तराखंड सरकार जल्द ही ड्रोन नीति लाने जा रही है। आईटीडीए ने इसका ड्राफ्ट शासन को भेजा है। इसके तहत ड्रोन संचालन से लेकर ड्रोन की खरीद तक के सभी प्रावधान किये जाएंगे। जल्द ही यह नीति कैबिनेट में आने का अनुमान है।
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उत्तराखंड और अमेरिकी कंपनी के बीच हुआ दो साल का करार
चर्चा में क्यों?
25 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड की नियोजन सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि राज्य सरकार ने अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय परामर्शदाता अमेरिकी कंपनी मैकेंजी ग्लोबल को उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में सुधार का जिम्मा देते हुए कंपनी के साथ दो साल का करार किया है।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि राज्य सरकार का मैकेंजी ग्लोबल के साथ करार होने से राज्य अगले पाँच साल में आर्थिक विकास दर (जीडीपी) दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करेगा। वर्तमान में राज्य में 05 प्रतिशत जीडीपी का अनुमान है।
- छह महीने में कंपनी विकास की संभावनाओं वाले उन क्षेत्रों का चयन करेगी, जिनमें वह देश और दुनिया के नामी विशेषज्ञ कंपनियों से निवेश करा सकती है। डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक, मैकेंजी ग्लोबल कंपनी किसी राज्य में पहली बार काम करेगी।
- इस करार के तहत कंपनी छह महीने राज्य में उन सेक्टरों का चयन करेगी, जिनमें नए निवेश और सुधारों के जरिये तरक्की की जा सकती है। बाकी के डेढ़ साल में चिह्नित क्षेत्रों में निवेश के लिये नामी कंपनियों को लाएगी।
- एजेंसी फसलों और उत्पादों की पैदावार में वृद्धि और उनकी गुणवत्ता में सुधार के लिये निवेश कराएगी। उत्पादों को निर्यात बाज़ार दिलाने का भी काम करेगी। यदि कंपनी बेहतर परिणाम देगी, तो उसके करार को आगे बढ़ाया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मैकेंजी ग्लोबल को अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त है। वियतनाम में कंपनी ने चुनिंदा उत्पादों चावल, कॉफी, केला, मशरूम पर काम किया है। उनकी गुणवत्ता सुधारी, पैदावार बढ़ाई और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार उपलब्ध कराया। इससे वहाँ की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।
- राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये, न्यू टाउनशिप, पर्यटन, उद्यान, ऊर्जा, आयुष, योग, वेलनेस टूरिज्म, आईटी इंडस्ट्री, होटल इंडस्ट्री समेत कई अन्य क्षेत्रों में कंपनी काम कर सकती है।
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