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मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का सातवाँ चरण 1 दिसंबर से
चर्चा में क्यों?
25 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’के सातवें चरण की शुरूआत 1 दिसंबर से होगी। राज्य के चार मलेरिया संवेदी ज़िलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा में एक माह तक यह अभियान संचालित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि मलेरिया के मामलों को निम्नतम स्तर तक ले जाकर पूर्ण मलेरिया मुक्त राज्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिये प्रदेश में लगातार यह अभियान चलाया जा रहा है।
- प्रदेश में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पिछले छह चरणों के अच्छे नतीजे आए हैं। प्रदेश में वर्ष 2018 में वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई दर) 63 था, जो अभी घटकर 0.92 पर आ गया है। बस्तर के साथ-साथ समूचे छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण की दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर तक पहुँच चुकी है।
- मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के छटवें चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सात लाख छह हज़ार घरों में जाकर 33 लाख 96 हज़ार 998 लोगों की मलेरिया जाँच की थी। इस दौरान मलेरियाग्रस्त पाए गए लोगों का तत्काल उपचार भी किया गया।
- 1 दिसंबर से शुरू हो रहे सातवें चरण में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम बस्तर संभाग के चार ज़िलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा के घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे दुर्गम एवं दूरस्थ इलाकों में घर-घर पहुँचकर सभी लोगों में मलेरिया की जाँच करेगी। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए लोगों को तत्काल मलेरिया की दवाई खिलाई जाएगी।
- मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत मलेरिया की जाँच और इलाज के साथ ही इससे बचाव के लिये जन-जागरूकता संबंधी गतिविधियाँ भी चलाई जाएंगी। इस दौरान लोगों को रोज मच्छरदानी के प्रयोग के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही घरों के आसपास एकत्रित पानी और नालियों में डीडीटी या जले हुए तेल का छिड़काव किया जाएगा। घर के आसपास स्वच्छता बनाए रखने और मच्छरों को पनपने से रोकने के उपाय भी लोगों को बताए जाएंगे।
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