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प्रधानमंत्री ने किया एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का शिलान्यास
चर्चा में क्यों?
25 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जेवर में एशिया के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- यह एयरपोर्ट विश्व का चौथा सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और उत्तर प्रदेश का 5वाँ इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। वहीं दिल्ली एनसीआर में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) के बाद यह दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा।
- नोएडा एयरपोर्ट को ज्यूरिख एअरपोर्ट इंटरनेशनल (Zurich Airport International AG) द्वारा तैयार किया जा रहा है।
- पहले चरण में नोएडा एयरपोर्ट को 1300 हेक्टेयर ज़मीन पर 10,050 करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2024 तक तैयार किया जाएगा। पहला चरण पूरा होने पर नोएडा एयरपोर्ट की क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी।
- नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अडन्न की सीओओ किरण जैन ने कहा कि हवाई अड्डे को एक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन हवाई अड्डा बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है और सितंबर/अक्टूबर 2024 तक परिचालन शुरू करने का लक्ष्य है।
- नोएडा एयरपोर्ट पर ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर भी होगा जिसमें मल्टीमाडल ट्रांजिट हब, हाउसिंग मेट्रो, हाई स्पीड रेल स्टेशन, टैक्सी, बस सर्विस और प्राइवेट पार्किंग जैसी सुविधाएँ मौजूद होंगी। इन सुविधाओं के चलते सड़क, रेल और मेट्रो के जरिये एयरपोर्ट तक बिना रोक-टोक कनेक्टिविटी की सुविधा होगी। मेट्रो सेवा के जरिये नोएडा और दिल्ली एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा।
- इस एयरपोर्ट पर स्टेट ऑफ आर्ट MRO (Maintenance, Repair & Overhauling) सर्विस भी उपलब्ध होगी। एयरपोर्ट को इस प्रकार से डिजाइन किया गया कि इससे ऑपरेटिंग खर्चों को कम रखा जा सकेगा एवं यात्रियों के ट्रांसफर प्रोसेस को शीघ्रता से किया जा सकेगा।
- आसपास की सड़कों, हाईवे जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्व फेरिफेरल, ईस्टर्न फेरिफेरल, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और दूसरे हाईवे को भी एयरपोर्ट से सीधा कनेक्ट किया जाएगा। एयरपोर्ट को दिल्ली-वाराणसी के बीच प्रस्तावित हाई स्पीड रेल से भी जोड़ा जाएगा, जिससे दिल्ली और नोएडा एयरपोर्ट की दूरी 21 मिनट में पूरी की जा सकेगी.
- यह एयरपोर्ट स्विंग एयरक्राफ्ट स्टैंड कांसेप्ट के तहत तैयार किया जाएगा जिससे एयरलाइंस उसी contact stand से विमान की पोजीशन को बदले बिना घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट्स को ऑपरेट कर सकेंगे। इससे एयरक्रॉफ्ट के टर्नअराउंड को जल्दी और आसानी से तथा यात्रियों के ट्रांसफर प्रोसेस को जल्दी से पूरा किया जा सकेगा।
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर्यावरण के लिहाज से देश का पहला नेट जीरो एमिसन एअरपोर्ट होगा। पास की जमीन पर पेड़ों को लगाकर फारेस्ट पार्क तैयार किया जाएगा।
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निर्यात नीति उत्तर प्रदेश 2020-25
चर्चा में क्यों?
25 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने निर्यात नीति उत्तर प्रदेश 2020-25 के प्रख्यापन का निर्णय लिया है। पहली बार इतनी विस्तृत निर्यात नीति का प्रख्यापन किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति का उद्देश्य निर्यात के क्षेत्र में विकास एवं प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, निर्यात सहायक संस्थाओं को निर्यात संबंधी आवश्यक सहायता व सेवा प्रदान करना, राज्य से निर्यात में वृद्धि हेतु तकनीकी एवं भौतिक अवसंरचनाओं की स्थापना एवं विकास, निर्यात को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उद्योगों के निर्यात सामर्थ्य के विकास हेतु आवश्यक समर्थन प्रदान करना, स्थानीय/देश में निर्मित उत्पादों हेतु वैश्विक बाज़ार में उपलब्ध अवसरों का चिन्हांकन करना तथा निर्यात संबंधी सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अंगीकृत करते हुए क्षमता विकास को प्रोत्साहित करना है।
- निर्यात नीति उत्तर प्रदेश 2020-25 के फोकस क्षेत्र हस्तशिल्प, कृषि एवं प्रसस्कृत खाद्य उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स एंड टेक्सटाइल, चर्म उत्पाद, कालीन एवं दरियाँ, ग्लास एवं सिरेमिक उत्पाद, काष्ठ उत्पाद, स्पोर्ट्स गुड्स, रक्षा उत्पाद, सेवा क्षेत्र, शिक्षा पर्यटन, आई.टी. एवं आई.टी.ई.एस., मेडिकल वेल्यू ट्रेवल्स तथा लॉजिस्टिक्स हैं।
- निर्यात नीति 2020-25 के अंतर्गत पात्र इकाइयों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं तथा अन्य आनुषंगिक क्रिया-कलापों पर होने वाला व्यय बजट में प्रावधानित धनराशि की सीमा के अंतर्गत रखा जाएगा।
- प्रदेश के प्रत्येक जनपद में क्लस्टर आधारित विशेष आर्थिक परिक्षेत्र में विकसित की जाने वाली अवस्थापना सुविधाओं का विकास कार्य उत्तर प्रदेश निर्यात अवस्थापना विकास योजना हेतु प्रावधानित धनराशि से वित्त पोषित किया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2020-25 कृषकों की आय को दोगुना करने तथा कृषि क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से उन सभी अवयवों को अंगीकृत कर सकेगी, जो उत्तर प्रदेश कृषि प्रोत्साहन नीति -2019 से अनाच्छादित हैं।
- नीति के अनुसार पशु क्रय-विक्रय हेतु ई-हाट पोर्टल विकसित किया जाएगा। खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित निर्यातक इकायों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु विशेष सेवाओं के हायर किये जाने पर वित्तीय सहायता का प्रावधान नीति में किया गया है।
- प्रदेश में प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों की उपलब्धता तथा अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उपलब्ध अवसरों, प्रदेश में विद्यमान संभावनाओं का उपयोग, युवाओं के लिये रोज़गार सृजन, निर्यात की दिशा में त्वरित वृद्धि, प्रदेश में निर्यात-परक, प्रोत्साहन वातावरण का सृजन इत्यादि के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश निर्यात नीति 2020-25 के प्रख्यापन का निर्णय लिया गया है।
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