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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Nov 2021
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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे -5 में मध्य प्रदेश की उल्लेखनीय प्रगति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के आँकड़ों में प्रदेश ने वर्ष 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के मुकाबले अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।

प्रमुख बिंदु

  • नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में शिशु लिंगानुपात बेहतर होकर वर्ष 2020-21 में 956 पर पहुँच गया है, जबकि वर्ष 2015-16 में यह 927 थी। वहीं कुल लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है। वर्ष 2015 -16 में यह 948 थीं जो बढ़कर अब 970 हो गया है।
  • एनएफएचएस-5 के आँकड़ों में प्रदेश में 5 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों में सभी प्रकार के कुपोषण की दरों में कमी आई है। प्रदेश में एनएफएचएस-4 वर्ष 2015-16 की तुलना में सर्वे-5 में राष्ट्रीय औसत से भी अधिक सुधार हुआ है।
  • प्रदेश में विभागीय योजनाओं के समन्वित एवं प्रभावी क्रियान्वयन से अति गंभीर कुपोषण दर में 29.3 प्रतिशत की कमी आई है। देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्य प्रदेश की स्थिति में 13 रैंक का सुधार हुआ है। इस सर्वे में मध्य प्रदेश 30वें स्थान से 17वें स्थान पर आ गया है। जहाँ देश में अति गंभीर कुपोषण दर 2.7 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं मध्य प्रदेश में 29.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ हुई है।
  • दुबलेपन (वेस्टिंग) में प्रदेश अन्य राज्यों में सुधार के क्रम में तीसरे स्थान पर है। देश में 8.1 प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि मध्य प्रदेश में 26.4 प्रतिशत का सुधार हुआ है। एनएफएचएस-4 में प्रदेश 32वें स्थान पर था, जो अब 24वें स्थान पर आ गया है। 
  • कम वज़न (अंडरवेट) श्रेणी में सुधार में प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है। देश में 10.3 प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि मध्य प्रदेश में 22.9 प्रतिशत का सुधार हुआ है। एनएफएचएस-4 में प्रदेश 33वें स्थान पर था, अब 31वें स्थान पर आ गया है।
  • ठिगनेपन (स्टंटिंग) में अधिकतम सुधार करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश छठवें नंबर पर है। देश में 7.8 प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि प्रदेश में 15 प्रतिशत का सुधार हुआ है। एनएफएचएस-4 में प्रदेश 32वें स्थान पर था, जो अब 30वें स्थान पर आ गया है।
  • बाल विवाह की दर में देश में 13.1 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि मध्य प्रदेश में 28.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। 
  • इसके अतिरिक्त जन्म के समय लिंगानुपात में देश में 1.1 प्रतिशत का सुधार हुआ, जबकि मध्य प्रदेश में 3.1 प्रतिशत का सुधार दर्ज़ हुआ है।

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मध्यप्रदेश में स्थापित होंगे 1500 मेगावाट के तीन सौर ऊर्जा प्लांट

चर्चा में क्यों?

25, नवंबर, 2021, को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने शाजापुर में 5250 करोड़ रुपए की लागत के 1500 मेगावाट क्षमता वाले आगर, शाजापुर और नीमच के सौर ऊर्जा पार्क के क्रय अनुबंध पर चयनित विकासकों के साथ हस्ताक्षर कर भूमि-पूजन किया।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) की संयुक्त कंपनी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा प्रदेश में आगर (550 मेगावाट), शाजापुर (450 मेगावाट) और नीमच (500 मेगावाट) में सौर परियोजनाएँ विकसित की जा रही हैं।
  • 1500 मेगावाट की इन सौर परियोजनाओं में आगर ज़िले में 550 मेगावाट की 2 यूनिट (350+200), शाजापुर ज़िले में 450 मेगावाट की 3 यूनिट (105+220+125) और नीमच ज़िले में 500 मेगावाट की क्षमता की 3 यूनिट (170+160+170 मेगावाट) स्थापित की जाएंगी। इन परियोजनाओं में मार्च 2023 से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा।
  • परियोजना स्थापना के दौरान तकरीबन 4500 और परियोजना संचालन में लगभग 450 व्यक्तियों को रोज़गार मिलेगा। सौर ऊर्जा से विद्युत प्रारंभ होने से राज्य डिस्काम कंपनी को 25 सालों में लगभग 7600 करोड़ रुपए की बचत होगी।
  • इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान योजना-‘अ’ (प्रधानमंत्री ‘कुसुम-अ’) योजना में किसानों और विकासकों का प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनी के साथ ऊर्जा क्रय अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किये गए।
  • किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने में सहायक हो रही इस योजना में किसान अपनी अनुपयोगी भूमि पर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की क्षमता के अक्षय ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकेंगे। किसान यह ऊर्जा प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनी को बेच भी सकेंगे। संयंत्र स्थापना के लिये पर्याप्त धनराशि न होने पर किसान अपनी भूमि को विकासकों को लीज पर देकर संयंत्र स्थापित कर सकेंगे।
  • इस योजना में केंद्र शासन द्वारा प्रदेश को कुल 300 मेगावाट का लक्ष्य आवंटित किया गया है। लक्ष्य के विरुद्ध प्रदेश में प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के माध्यम से अब तक 296 मेगावाट क्षमता के लिये 140 किसान और विकासकों का चयन सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के लिये किया गया है।
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऊर्जा के क्षेत्र में जन-जागरूकता के उद्देश्य से चलाए जाने वाले ऊर्जा साक्षरता अभियान ‘ऊषा’का शुभारंभ किया। इस अभियान में मध्य प्रदेश के छात्र-छात्राओं और नागरिकों को ऊर्जा और सौर ऊर्जा के प्रति जागरूक करने के साथ ही विभिन्न लाभों के बारे में बताया जाएगा। श्रेणीगत प्रशिक्षण के माध्यम से इसमें चरणबद्ध सर्टिफिकेशन का भी प्रावधान किया गया है।

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