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राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 : बिहार में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा जारी राष्ट्रीय पारिवारिक सर्वेक्षण-5 के अनुसार बिहार के लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह 2015-16 के सर्वेक्षण (NHFS-4) के 1062 से बढ़कर 1090 हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- बिहार में लिंगानुपात (प्रति हज़ार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या) बढ़कर 1090 हो गया है, जो पिछले सर्वेक्षण (NFHS-4 2016-16) में 1062 था।
- बिहार के शहरी क्षेत्रों का लिंगानुपात जहाँ केवल 982 है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों का लिंगानुपात 1111 है।
- सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार के 15-49 आयु वर्ग की महिलाओं में साक्षरता दर केवल 55 प्रतिशत है, जो चिंता का कारण बना हुआ है।
- बिहार में शिशु मृत्यु दर पिछले सर्वेक्षण के 48.1 से घटकर 46.8 (प्रति हज़ार) हो गया है।
- बिहार में परिवार नियोजन के मामले में जबरदस्त सुधार हुआ है। NFHS-4 के अनुसार बिहार के 15-49 वर्ष आयु श्रेणी की महिलाओं में केवल 24.1 प्रतिशत महिलाओं ने परिवार नियोजन किया था, जो NFHS-5 में बढ़कर 55.8 प्रतिशत हो गया है।
- वहीं बिहार के 15-49 वर्ष की 63.5 प्रतिशत महिलाएँ एनिमिया की शिकार हैं, जो पिछले सर्वेक्षण में 60.3 प्रतिशत थी।
- बिहार में कुल प्रजनन दर भी पिछले सर्वेक्षण के 3.4 से घटकर 3.0 (बच्चे/स्त्री) हो गई है।
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एस.डी.जी. शहरी सूचकांक, 2021 में पटना का खराब प्रदर्शन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ‘नीति आयोग’के द्वारा सतत् विकास लक्ष्य (SDG) शहरी सूचकांक जारी किया गया, जिसमें बिहार की राजधानी पटना का प्रदर्शन निराशाजनक है। पटना को 56 शहरों में 52वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। इसमें पटना को परफॉर्मर श्रेणी (50-64) में रखा गया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि नीति आयोग द्वारा प्रथम बार इस प्रकार के सतत् विकास लक्ष्य के अंतर्गत शहरी इंडेक्स जारी किया गया है।
- इंडेक्स में देश के 56 नगरीय क्षेत्रों को 77 सूचकांकों में प्राप्त की गई प्रगति के आधार पर रैंकिंग दी गई है, जिसमें सर्वाधिक 75.5 अंक प्राप्त कर शिमला प्रथम रैंक पर है। इस सूचकांक में पटना को कुल 57.29 स्कोर प्राप्त हुआ है।
- इस सूचकांक में शहरों को कुल 4 श्रेणियों में बाँटा गया है- (I) अचीवर (100 अंक), (II) फ्रंट रनर (65-99 अंक), (III) परफॉर्मर (50-64 अंक) तथा (IV) एसपीरेंट (0-49 अंक)।
- सतत विकास लक्ष्य (SDG) - 1 (शून्य गरीबी) की प्राप्ति के मामले में पटना को केवल 45 स्कोर प्राप्त हुआ है। जबकि एसडीजी लक्ष्य 8 को प्राप्त करने के मामले में पटना ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। इसमें पटना का स्कोर केवल 17 है।
- एसडीजी-12 (सतत् उपभोग एवं उत्पादन प्रतिरूप सुनिश्चित करना) को प्राप्त करने के मामले में पटना ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 100 स्कोर प्राप्त किया है।
- गौरतलब है कि संयुत्त राष्ट्र संघ द्वारा सतत् विकास को सुनिश्चित करने हेतु 17 एसडीजी लक्ष्य निर्धारित किये गए है। एसडीजी के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु देश तथा राज्य प्रतिबद्ध हैं।
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