इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Oct 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तराखंड Switch to English

पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना शामिल

चर्चा में क्यों?

25 अक्तूबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंज़ूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2028 तक 2,584.10 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली परियोजना को पूरा करने के लिये उत्तराखंड को 1,557.18 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता को मंज़ूरी दे दी है।
  • इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में राम गंगा नदी की सहायक नदी गोला नदी पर जमरानी गांव के पास एक बांध के निर्माण की परिकल्पना की गई है। यह बांध मौजूदा गोला बैराज को अपनी 40.5 किमी. लंबी नहर प्रणाली और 244 किमी. लंबी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी देगा, जो 1981 में पूरा हुआ था।
  • इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल और ऊधम सिंह नगर ज़िलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली ज़िलों में 57,065 हेक्टेयर (उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर) की अतिरिक्त सिंचाई की परिकल्पना की गई है।
  • दो नई फीडर नहरों के निर्माण के अलावा, 207 किमी. मौजूदा नहरों का नवीनीकरण किया जाना है और परियोजना के तहत 278 किमी. पक्के फील्ड चैनल भी क्रियान्वित किये जाने हैं।
  • इसके अलावा इस परियोजना में 14 मेगावाट के जल विद्युत उत्पादन के साथ-साथ हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पीने के पानी के प्रावधान की भी परिकल्पना की गई है, जिससे 10.65 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी।
  • इस परियोजना के सिंचाई लाभों का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को भी होगा और दोनों राज्यों के बीच लागत/लाभ साझाकरण 2017 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के अनुसार किया जाना है। हालाँकि, पीने का पानी और बिजली लाभ पूरी तरह से उत्तराखंड के लिये ही परिकल्पित है।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)-
    • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) वर्ष 2015-16 के दौरान शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य खेत पर पानी की पहुँच को बढ़ाना और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना, खेत में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना, स्थायी जल संरक्षण पद्धतियों को लागू करना आदि है।
    • भारत सरकार ने दिसंबर 2021 में 2021-26 के दौरान पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन को रुपए 93,068.56 करोड़ (37,454 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता) के समग्र परिव्यय के साथ मंज़ूरी दी थी।
    • पीएमकेएसवाई का त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) घटक प्रमुख और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई क्षमता के निर्माण से संबंधित है। पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत अब तक 53 परियोजनाएँ पूरी की जा चुकी हैं तथा 25.14 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित हुई है।
    • 2021-22 के बाद पीएमकेएसवाई के एआईबीपी घटक के अंतर्गत अब तक छह परियोजनाओं को शामिल किया गया था। जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना एआईबीपी के अंतर्गत शामिल होने वाली सातवीं परियोजना है।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2