उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिये बनेंगे अत्याधुनिक चार्जिंग स्टेशन
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिये अत्याधुनिक चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। इसके लिये बैटरी स्वैपिंग व्यवस्था युक्त सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- यमुना, आगरा-लखनऊ, बुंदेलखंड, पूर्वांचल व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर बैटरी स्वैपिंग व्यवस्था युक्त सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये जाएंगे।
- उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) इन चार्जिंग स्टेशन को पीपीपी मोड पर विकसित करेगा।
- चार्जिंग स्टेशनों के लिये चयनित आवेदनकर्ताओं को साधारण लीज पर 10 वर्षों के लिये यूपीडा ज़मीन देगा। साथ ही यूपीडा 100 प्रतिशत वित्तीय सहयोग करेगा। निविदा के ज़रिये चार्ज प्वाइंट ऑपरेटर का चयन होगा, जो सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन का विकास करेगा।
- इसके अतिरिक्त सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये 2000 चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करेगी। इसमें आगरा, लखनऊ, प्रयागराज समेत नगर पालिका युक्त शहरों में 1300, राम मंदिर, ताजमहल जैसी हेरिटेज साइट्स में 100, मथुरा-वृंदावन व वाराणसी-अयोध्या जैसे पर्यटक स्थलों पर 200 और प्रदेश के नेशनल व स्टेट हाईवे पर 400 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे।
बिहार Switch to English
बिहार के 15 शिल्प कलाकार वर्ष 2021 के राज्य पुरस्कार और 14 मेधा पुरस्कार से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2023 को बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने अधिवेशन भवन में हुए समारोह में राज्य के 15 शिल्प कलाकार को वर्ष 2021 के राज्य पुरस्कार और 14 को मेधा पुरस्कार से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले कलाकारों को 50 हज़ार रुपए और मेधा पुरस्कार प्राप्त करने वालों को 25 हज़ार रुपए और प्रशस्ति पत्र दिये गए।
- इन कलाकारों का चयन राज्य पुरस्कार प्रतियोगिता के माध्यम से हुआ है। 15 नवंबर, 2021 से 24 दिसंबर, 2021 तक विभिन्न शिल्पों के लिये उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान की ओर से प्रतियोगिता कराई गई थी। इसमें कुल 322 कलाकारों ने भाग लिया था।
- राज्य पुरस्कार (2021) से सम्मानित कलाकार:
- अर्चना कुमारी (मधुबनी पेंटिंग), भगवान ठाकुर (मधुबनी पेंटिंग), अंबिका देवी (पेपर मेशी शिल्प), दीपेश सोनी (काष्ठ कला), स्वाति राज (मेटल शिल्प), राधा कुमारी (सिक्की कला), अभिषेक कुमार (चर्म कला), हिना कुमारी (मंजूषा पेंटिंग), चंद्रकांती देवी (एप्लिक शिल्प), सुमन सिंह (सुजनी कला), अनीता पांडेय (भोजपुरी आर्ट), ज्ञांति देवी (क्रोशिया), पूजा (टिकुली पेंटिंग), नमिता आज़ाद (अन्यान्य में कपड़े की गुड़िया शिल्प) एवं यशवंत कुमार झा (अन्यान्य में सिक्की कला)।
- मेधा पुरस्कार से सम्मानित कलाकार:
- आभा दास (मधुबनी पेंटिंग), मंजू करण (मधुबनी पेंटिंग), अमरेश कुमार लाल दास (मधुबनी पेंटिंग), रूबी देवी (मधुबनी पेंटिंग), रमा देवी (मधुबनी पेंटिंग), सुनील कुमार चौधरी (मंजूषा पेंटिंग), झना रानी (पेपरमेशी शिल्प), रूपा कुमारी (जूट शिल्प), मीना देवी (एप्लिक शिल्प), सुजाता कुमारी (सुजनी शिल्प), कौशिकी श्रीवास्तव (ब्लॉक पेटिंग), निक्की कुमारी (भोजपुरी आर्ट), सोनी (टिकुली पेंटिंग), एवं जितेंद्र राय (अन्यान्य में सिक्की कला)।
राजस्थान Switch to English
सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान - ‘असुरक्षित स्पर्श’पर जागरूकता का दूसरा चरण 28 अक्तूबर को
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2023 को राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि प्रदेश के 65 हज़ार से अधिक सरकारी स्कूलों में ‘सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान’ (एसएसएसआर-सेफ स्कूल सेफ राजस्थान) अभियान के तहत ‘नो बैग डे’पर 28 अक्तूबर को असुरक्षित स्पर्श (गुड टच बैड टच) के बारे में जागरूकता का दूसरा चरण आयोजित होगा।
प्रमुख बिंदु
- शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि इसके तहत एक ही दिन में एक निश्चित समयावधि (प्रात: 8 बजे से 12 बजे के दौरान) में सभी बच्चों को स्कूलों के स्तर पर तैयार किये गए मास्टर ट्रेनर्स विशेष प्रशिक्षण देंगे।
- विशेष रूप से तैयार इस ट्रेनिंग मॉड्यूल के तहत बच्चों को बैड टच की स्थिति में चिल्लाते हुए ‘नो’ बोलकर उस स्थान या व्यक्ति से सावधानी के साथ दूर भागने (गो) और इसके बारे में बिना किसी डर या घबराहट के किसी बड़े या जिस पर उनको सबसे ज़्यादा भरोसा हो, को इसके बारे में बताने (टैल) की ‘नो-गो-टैल’ की थ्योरी सिखाई जाती है।
- मनोवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित अंतराल पर यदि तीन चरणों में बच्चों को इस संवेदनशील विषय पर प्रशिक्षित किया जाए तो ये स्थाई रूप से उनकी समझ और व्यवहार का हिस्सा बन जाता है।
- वे ‘असुरक्षित स्पर्श’का सजगता और सतर्कता से सामना करते हुए खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। इसी उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चरणबद्ध रूप से प्रशिक्षणों की रूपरेखा तैयार की गई है। इस माह दूसरे चरण के बाद नए साल में जनवरी माह में प्रशिक्षण का तीसरा चरण आयोजित होगा।
- इस अभियान के पहले चरण में गत 26 अगस्त (शनिवार) को प्रदेश की 65 हज़ार 122 सरकारी स्कूलों में ‘नो बैग डे’की गतिविधि के तहत एक लाख से अधिक सेशंस में 58 लाख से अधिक बच्चों को ‘असुरक्षित स्पर्श’के बारे में जागरूक और प्रशिक्षित किया गया था।
- शासन सचिव ने बताया कि विभाग की इस अभिनव पहल के तहत राज्य स्तर पर 1200 मास्टर ट्रेनर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इनके माध्यम से जिलों में आयोजित ट्रेनिंग सेशंस में संबंधित ज़िले के सभी स्कूलों से एक शिक्षक को ‘मास्टर ट्रेनर’बनाया गया है।
- प्रथम चरण में स्कूलों के स्तर पर तैयार इन ‘मास्टर ट्रेनर्स’द्वारा अपने-अपने विद्यालयों में समस्त बच्चों को असुरक्षित स्पर्श (गुड टच बैड टच) की ट्रेनिंग दी गई थी। इसी तर्ज पर ‘नो बैग डे’के तहत आगामी 28 अक्तूबर को प्रदेश के 65 हज़ार से अधिक विद्यालयों में दूसरा चरण आयोजित होगा।
हरियाणा Switch to English
राज्य स्तरीय सांझी उत्सव-2023 संपन्न
चर्चा में क्यों?
24 अक्तूबर, 2023 को हरियाणवी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के ठोस प्रयास के तहत हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा हरियाणा लोक कला संघ, रोहतक के सहयोग से संयुक्त रूप से राज्य स्तरीय सांझी उत्सव-2023 कार्यक्रम का आयोजन रोहतक में संपन्न हुआ।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि यह कार्यक्रम युवा पीढ़ी को समृद्ध हरियाणवी संस्कृति से परिचित कराने के साथ-साथ उसे संरक्षित करने की एक पहल है। इसके तहत 15 से 24 अक्तूबर तक विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिसमें राज्य के कोने-कोने से ग्रामीण महिलाओं के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज के छात्रों की भागीदारी देखी गई।
- राज्य स्तरीय सांझी उत्सव एवं प्रतियोगिता में विजेताओं को क्रमश: प्रथम पुरस्कार 51,000 रुपए, दूसरा पुरस्कार 31,000 रुपए तथा तृतीय पुरस्कार 21,000, रुपए और दो सांत्वना पुरस्कार 11,000 रुपए प्रत्येक को दिये गए।
- सांझी प्रतियोगिता में महिला प्रतिभागियों के समर्पण और प्रतिभा को पहचानते हुए, विभाग ने छह प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिनमें से प्रत्येक को 5100 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
- इसके अलावा, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाली प्रत्येक महिला और छात्रा को एक प्रशस्ति पत्र और 1100 रुपए का पुरस्कार मिलेगा। इस प्रतियोगिता में राज्य भर से लगभग 200 महिलाओं की भागीदारी रही।
- राज्य स्तरीय सांझी महोत्सव एवं प्रतियोगिता में रोहतक की मंजू को प्रथम पुरस्कार, संगीता को दूसरा, स्नेह ढुल को तीसरा, जींद की रेखा को चौथा और सुनीता रानी को पाँचवाँ पुरस्कार दिया गया।
- प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में झज्जर की अंजलि और शीलम, रोहतक की इंदु भावना, पंचकूला की अमिता ढांडा और सोनीपत की सीता और सुमन शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि देश में नवरात्रि का उत्सव अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नाम और अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत के राज्य जैसे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के ज़्यादातर इलाकों में सांझी उत्सव मनाया जाता है। यहाँ माँ दुर्गा को साँझी माता के रूप में पूजा जाता है।
- सांझी उत्सव में घर की महिलाएँ और लड़कियाँ गाँव-देहात में तालाब या नदी से मिटेी लाकर घर में ही दीवार पर साँझी माता की आकृति उकेरती हैं और फिर 10 दिनों तक उनकी पूजा की जाती है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राजभवन में आयोजित होगा ‘मेरी माटी मेरा देश-अमृत कलश यात्रा’
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सी.आर.पी.एफ. एवं नेहरू युवा केंद्र के समन्वय से ‘मेरी माटी मेरा देश-अमृत कलश यात्रा’का राज्यस्तरीय कार्यक्रम राजभवन में आयोजित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत सभी ग्राम पंचायतों से भारत के शहीदों के सम्मान में घर-घर जाकर कलश में मिट्टी एकत्रित की गई है। प्रदेश के 33 ज़िलों के 146 विकासखंडों के अंतर्गत हर गाँव से संग्रहित मिट्टी, राजभवन लाई जाएगी।
- आज़ादी के 75वें वर्ष का जश्न मनाते हुए अमृत कलशों को राजधानी नई दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर पहुँचाया जाएगा। जहाँ विभिन्न राज्यों से लाई गई मिट्टी से शहीदों के सम्मान में अमृत वाटिका का निर्माण किया जाएगा।
- इस अवसर पर राजभवन में 27 अक्तूबर, 2023 को राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। सी.आर.पी.एफ. के अधिकारियों ने राजभवन में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से भेंट कर उन्हें कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया था। राज्यपाल ने भव्यतापूर्ण कार्यक्रम करने के निर्देश दिये।
उत्तराखंड Switch to English
पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना शामिल
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2028 तक 2,584.10 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली परियोजना को पूरा करने के लिये उत्तराखंड को 1,557.18 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता को मंज़ूरी दे दी है।
- इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में राम गंगा नदी की सहायक नदी गोला नदी पर जमरानी गांव के पास एक बांध के निर्माण की परिकल्पना की गई है। यह बांध मौजूदा गोला बैराज को अपनी 40.5 किमी. लंबी नहर प्रणाली और 244 किमी. लंबी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी देगा, जो 1981 में पूरा हुआ था।
- इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल और ऊधम सिंह नगर ज़िलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली ज़िलों में 57,065 हेक्टेयर (उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर) की अतिरिक्त सिंचाई की परिकल्पना की गई है।
- दो नई फीडर नहरों के निर्माण के अलावा, 207 किमी. मौजूदा नहरों का नवीनीकरण किया जाना है और परियोजना के तहत 278 किमी. पक्के फील्ड चैनल भी क्रियान्वित किये जाने हैं।
- इसके अलावा इस परियोजना में 14 मेगावाट के जल विद्युत उत्पादन के साथ-साथ हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पीने के पानी के प्रावधान की भी परिकल्पना की गई है, जिससे 10.65 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी।
- इस परियोजना के सिंचाई लाभों का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को भी होगा और दोनों राज्यों के बीच लागत/लाभ साझाकरण 2017 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के अनुसार किया जाना है। हालाँकि, पीने का पानी और बिजली लाभ पूरी तरह से उत्तराखंड के लिये ही परिकल्पित है।
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)-
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) वर्ष 2015-16 के दौरान शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य खेत पर पानी की पहुँच को बढ़ाना और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना, खेत में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना, स्थायी जल संरक्षण पद्धतियों को लागू करना आदि है।
- भारत सरकार ने दिसंबर 2021 में 2021-26 के दौरान पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन को रुपए 93,068.56 करोड़ (37,454 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता) के समग्र परिव्यय के साथ मंज़ूरी दी थी।
- पीएमकेएसवाई का त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) घटक प्रमुख और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई क्षमता के निर्माण से संबंधित है। पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत अब तक 53 परियोजनाएँ पूरी की जा चुकी हैं तथा 25.14 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित हुई है।
- 2021-22 के बाद पीएमकेएसवाई के एआईबीपी घटक के अंतर्गत अब तक छह परियोजनाओं को शामिल किया गया था। जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना एआईबीपी के अंतर्गत शामिल होने वाली सातवीं परियोजना है।
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