उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनपद सिद्धार्थनगर में 2329 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों- सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, देवरिया, गाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, फतेहपुर तथा जौनपुर का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इन मेडिकल कॉलेजों के नाम इस प्रकार हैं- सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज, देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, गाज़ीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज, मिर्ज़ापुर में माँ विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज, प्रतापगढ़ में डॉ. सोनेलाल पटेल मेडिकल कॉलेज, एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर में अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियांव सिंह मेडिकल कॉलेज, जौनपुर में उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज और हरदोई में हरदोई मेडिकल कॉलेज।
- इन 9 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से लगभग ढाई हज़ार नए बेड्स तैयार हुए हैं। साथ ही 5 हज़ार से अधिक डॉ. और पैरामेडिकल कार्यरत् होंगे।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत खुल रहे हैं। इनमें से 7 में 2019 से एमबीबीएस की कक्षाएँ प्रारंभ हो चुकी हैं। 9 मेडिकल कॉलेज आज शुरू हो गए हैं तथा 14 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है।
- इन 30 मेडिकल कॉलेजों का कार्य भारत सरकार के सहयोग और कुछ जनपदों में राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से आगे बढ़ाया है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य भारत योजना’ का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के जनपद वाराणसी में 64 हज़ार करोड़ रुपए की ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य भारत योजना’ का शुभारंभ तथा 5189 करोड़ रुपए लागत की 28 परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश सहित देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को ताकत देने, महामारी से बचाव के लिये, हेल्थ सिस्टम में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता लाने के लिये 64 हज़ार करोड़ रुपए से ‘आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन’ का शुभारंभ किया।
- प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा तथा 730
- ज़िलों में इंटीग्रेटेड सिस्टम डेवलप होगा।
राजस्थान Switch to English
कृमिनाशक दवा कार्यक्रम का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2021 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने अजमेर के केकड़ी कस्बे से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत कृमिनाशक दवा बच्चों को खिलाकर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को आगामी 25 से 30 अक्तूबर तक कृमिनाशक एल्बेंडाजॉल दवा खिलाई जाएगी।
- यह कार्यक्रम चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश भर में 25 से 30 अक्तूबर तक संचालित होगा।
- उल्लेखनीय है कि कृमि संक्रमण से बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण स्तर और बौद्धिक विकास पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। यह कृमि बच्चों के पेट में पलने वाले कीड़े होते हैं। ये बच्चों के विकास को हर प्रकार से प्रभावित करते हैं।
- कृमि के पैलाव को निश्चित समयांतराल पर कृमि मुक्त (डिवार्म़िग) कर रोका जा सकता है। इसके लिये कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जाएगी।
- एल्बेंडाजॉल की गोली बच्चों और किशोर-किशोरियों को कृमिमुक्त रखने के लिये राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम के दौरान राज्य के सभी उप-स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर खिलाई जाएगी। इसमें एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं की अहम भूमिका होगी।
- इस दौरान चिकित्सा मंत्री ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन किया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी इस पोस्टर के माध्यम से आमजन को पेट के कीड़ों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इनसे बचने के उपाय की जानकारी दी जाएगी। साथ ही नियमित अंतराल पर एल्बेंडाजॉल की खुराक लेकर कृमियों के जीवन चक्र को तोड़ने का आह्वान किया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
घर-घर औषधि योजना
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2021 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुनीश कुमार गर्ग ने बताया कि राज्य सरकार एवं वन विभाग की महत्त्वपूर्ण घर-घर औषधि योजना के प्रथम वर्ष के पौधे वितरण कार्य में उदयपुर संभाग अव्वल रहा है। इसने शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण करते हुए यह उपलब्धि हासिल की।
प्रमुख बिंदु
- मुनीश कुमार गर्ग ने बताया कि घर-घर औषधि योजना के पौध वितरण में उदयपुर संभाग के सभी ज़िलों में 100 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि दर्ज की गई है।
- बाँसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूँगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर और उदयपुर नॉर्थ ने आवंटित लक्ष्य के अनुरूप औषधीय वितरित किये हैं।
- भरतपुर संभाग ने 81 प्रतिशत और अजमेर संभाग ने 80 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य अर्जित किया। जयपुर संभाग ने 76 प्रतिशत और कोटा संभाग द्वारा 74 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया। कुल मिलाकर राज्य में 50 लाख किट्स वितरित की गई हैं। यह वर्तमान वर्ष के कुल लक्ष्य का लगभग 80 प्रतिशत है।
- उल्लेखनीय है कि घर-घर औषधि योजना की घोषणा राजस्थान बजट 2021-22 में की गई थी। इस योजना के तहत 5 जुलाई, 2021 से पौधों का वितरण प्रारंभ हुआ। राजस्थान वन-विभाग द्वारा इस योजना का संचालन किया जा रहा है।
हरियाणा Switch to English
दिव्यांगों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार की घोषणा
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2021 को हरियाणा वाणी एवं श्रवण नि:शक्तजन कल्याण सोसायटी, पंचकूला को दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण हेतु वर्ष 2021 के लिये सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में चुना गया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही भारतीय सांकेतिक भाषा की शिक्षिका स्वाति जांगिड़, जो सितंबर 2019 से इस सोसायटी में कार्यरत् हैं, को आईएसएल में उनके उत्कृष्ट योगदान तथा अंतर्राष्ट्रीय शतरंज टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिये दिव्यांगता के साथ सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी/स्व-रोज़गार (बधिर/सुनने में कठिनाई) श्रेणी में चुना गया है।
- गुरुग्राम केंद्र के पूर्व छात्र आकाश सिंह को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप में उनकी उपलब्धियों के लिये दिव्यांगता के साथ सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी/स्व-रोज़गार (बधिर/सुनने में कठिनाई) श्रेणी में चुना गया है।
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारी/स्वनियोजित में गतिविषयक दिव्यांगता, बहुदुरुपोषण दिव्यांगता, बौनापन, तेजाब हमला पीड़ित, कुष्ठ रोग उपचारित, प्रमस्तिष्क घात श्रेणी के तहत हिसार (हरियाणा) के प्यारेलाल को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
- इन पुरस्कारों की घोषणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग) द्वारा की गई है। ये पुरस्कार विश्व दिव्यांग दिवस पर 3 दिसंबर, 2021 को दिल्ली में प्रदान किये जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि दिव्यांगों के सशक्तीकरण प्रक्रिया में शामिल व्यक्तियों एवं संस्थाओं के समर्पित प्रयासों को सराहने के लिये और अन्य लोगों को इस क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिये, सर्वाधिक कुशल/उत्कृष्ट दिव्यांग कर्मचारियों, सर्वश्रेष्ठ नियोक्ताओं, सर्वश्रेष्ठ उत्कृष्ट प्रौद्योगिकीय नव उत्पाद और लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिये पृथक् पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।
- दिव्यांग व्यक्तियों के लिये बाधारहित परिवेश सृजित करने हेतु सरकारी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और निजी उद्यमों को, दिव्यांगता पुनर्वास के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ ज़िला, राष्ट्रीय न्यास का सर्वश्रेष्ठ स्थानीय स्तर समिति और राष्ट्रीय दिव्यांग व्यक्ति वित्त एवं विकास निगम के सर्वश्रेष्ठ राज्य चेनलाइजिंग एजेंसी (एससीए) को भी पुरस्कार दिये जाते हैं।
झारखंड Switch to English
रोहन सरकार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड के रोहन सरकार को यूनाइटेड किंगडम के विश्व प्रसिद्ध लॉफबोरो स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में खेल प्रबंधन, प्रशासन और विश्लेषण पाठ्यक्रम में परास्नातक के लिये भारत से चुना गया है।
प्रमुख बिंदु
- लंदन में लॉफबोरो स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (यूनाइटेड किंगडम) को खेल से संबंधित सभी उच्च शैक्षिक अध्ययन, अनुसंधान और विश्लेषण के लिये वर्ष 2020 में दुनिया में प्रथम स्थान प्रदान किया गया है। रोहन का सत्र 2022 से शुरू होगा।
- रोहन को उनकी योग्यता और संवादात्मक प्रदर्शन के आधार पर चुना गया है।
- रोहन सीबीएसई स्कूल चैंपियन एथलीट (स्प्रिंटर) भी रह चुके हैं। रोहन ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोकारो से पूरी की और खेल प्रबंधन तथा खेल विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
- साथ ही, इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी और स्विट्ज़रलैंड की लुसाने यूनिवर्सिटी से खेल से जुड़े कई कोर्स भी पूरे किये हैं।
उत्तराखंड Switch to English
चारधाम के पुराने मार्गों को खोजने के लिये अभियान शुरू
चर्चा में क्यों?
25 अक्तूबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम के पुराने मार्गों को खोजने के लिये 25 सदस्यों के दल को हरी झंडी दिखाकर अभियान शुरू किया।
प्रमुख बिंदु
- यह अभियान उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने ट्रैक द हिमालय के साथ मिलकर शुरू किया है।
- इसके तहत विशेषज्ञों के 25 सदस्यों का दल चारधाम ट्रैक पर पुराने मार्गों को खोजने के लिये 1200 किमी. से अधिक का सफर तय करेगा। इस दल द्वारा यह अभियान लगभग 50 दिनों तक चलाया जाएगा।
- 25 सदस्यीय दल पुराने चारधाम मार्ग और शीतकालीन चारधाम मार्ग को खोजने का काम करेगा।
- उल्लेखनीय है कि यह पहल हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस अभियान से उत्तराखंड में साहसिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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