दून में खुले देश के पहले तीन पॉलिथीन कचरा बैंक | उत्तराखंड | 26 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 25 सितंबर, 2023 को पॉलिथीन कचरे के निस्तारण के लिये उत्तराखंड के देहरादून कैंट बोर्ड की ओर से देश के पहले तीन पॉलिथीन कचरा बैंक की स्थापना की गई है, जिनमें से एक गढ़ी स्थित कचरा बैंक का राज्य के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- दो पॉलिथीन कचरा बैंक देहरादून के गढ़ी में और तीसरा प्रेमनगर में खोला गया है।
- यह देश का प्रथम ऐसा बैंक है, जो घरों, सड़कों से गंदगी को साफ करेगा, साथ ही आमदनी का माध्यम भी बनेगा। इस बैंक से पॉलिथीन एकत्र कर आगे भेजा जाएगा, जिससे टाइल्स, बोर्ड, गमले आदि सज़ावटी सामान बनाए जाएंगे।
- इन संग्रहण केंद्रों में पॉलिथीन अपशिष्ट, जैसे- बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे, ब्रेड के रैपर आदि तीन रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदे जाएंगे।
- गढ़ी में बिंदाल चौकी, डेयरी फार्म और प्रेमनगर में स्पेशल विंग में पॉलिथीन कचरा बैंक का संचालन इसी सप्ताह प्रारंभ कर दिया जाएगा। इस बैंक में हर माह न्यूनतम 70 टन और अधिकतम 100 टन तक पॉलिथीन कचरा खरीदने का लक्ष्य है।
- कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह ने कहा कि वर्तमान में पॉलिथीन बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे आदि को लो वैल्यू प्लास्टिक की श्रेणी में रखा जाता है। इनका न कोई खरीदार है और न बाज़ार। कूड़ा बीनने वाले भी प्लास्टिक की बोतलें, काँच आदि को उठा लेते हैं पर पॉलिथीन बैग, चिप्स रैपर आदि नहीं लेते। पॉलिथीन कचरा बैंक इसी समस्या को सुलझाएगा।
- कैंट बोर्ड की ओर से छावनी परिषद ने सैन्य क्षेत्र की आरडब्ल्यूए (रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन) के बीच में पॉलिथीन और ई-वेस्ट कलेक्शन कंपटीशन करवाया था, जिसके विजेताओं को भी शहरी विकास मंत्री ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
संविदा महिला व एकल पुरुष कर्मचारियों को मिलेगा बाल्य देखभाल और बाल दत्तक ग्रहण अवकाश | उत्तराखंड | 26 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड सरकार ने विभागों और आउटसोर्स माध्यम से संविदा, तदर्थ और नियत वेतन पर तैनात महिला और एकल पुरुष (अविवाहित, विधुर या तलाकशुदा) कर्मचारियों को 15 दिन की बाल्य देखभाल और 120 दिनों की सीमा में बाल दत्तक ग्रहण अवकाश की सौगात दी। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने इस संबंध में आदेश जारी किये।
प्रमुख बिंदु
- साथ ही, ऐसे सभी एकल पुरुष कर्मचारियों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा, जिनके दो से कम जीवित बच्चे हैं।
- वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सरकार के इस निर्णय से 40-45 हज़ार कर्मचारियों को फायदा होगा। अस्थायी कर्मचारियों को पहली बार ये अवकाश दिये गए हैं।
- विदित है कि राज्य सरकार की नियमित महिला और एकल पुरुष कर्मचारियों को यह छुट्टियाँ पहले से मिल रही हैं।
- पितृत्व अवकाश ऐसे एकल पुरुष कर्मचारी, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हों, उसकी पत्नी के प्रसवकाल के दौरान बच्चा पैदा होने की संभावित तिथि से 15 दिन पूर्व या बच्चा पैदा होने के छह माह तक 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा।
- यह किसी अन्य अवकाश के साथ लिया जा सकेगा। सामान्यत: इस अवकाश को किसी भी दशा में अस्वीकृत नहीं किया जा सकेगा।
- बाल्य देखभाल अवकाश ऐसी महिला कर्मचारी और एकल पुरुष कर्मचारी को विशिष्ट परिस्थितियों, जैसे- संतान की बीमारी अथवा परीक्षा के समय 18 वर्ष की आयु तक देखभाल के लिये एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 15 दिन का अवकाश मिलेगा।
- एक बार में पाँच दिनों से कम का अवकाश मंज़ूर नहीं होगा। एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम तीन बार अवकाश मिलेगा।
- बाल दत्तक देखभाल अवकाश ऐसी महिला और एकल पुरुष कर्मचारी, जो कम-से-कम तीन वर्ष से विभाग में तैनात हों और जिन्होंने एक वर्ष की आयु तक का शिशु गोद लिया हो, को मिलेगा। गोद लेने के समय अधिकतम 120 दिन का अवकाश मिलेगा।