छत्तीसगढ़ Switch to English
आयुष्मान भारत योजना में छत्तीसगढ़ को मिले तीन पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
- 25 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित आरोग्य मंथन-2023 कार्यक्रम में आयुष्मान भारत योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिये छत्तीसगढ़ को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने कार्यक्रम में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों को सम्मानित किया।
- संचालक, स्वास्थ्य सेवाएँ एवं स्टेट नोडल एजेंसी के सीईओ जयप्रकाश मौर्य ने नई दिल्ली में आयोजित आरोग्य मंथन कार्यक्रम में प्रदेश की ओर से ये पुरस्कार ग्रहण किये।
- छत्तीसगढ़ को यह तीनों राष्ट्रीय पुरस्कार बड़े राज्यों की श्रेणी में आयुष्मान भारत योजना के तहत सेवाएँ प्रदान करने में लैंगिक समानता, राज्य को आवंटित राशि का शत-प्रतिशत उपयोग और राज्य के 90 प्रतिशत से अधिक परिवारों में कम-से-कम एक आयुष्मान कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये दिये गए हैं।
- गौरतलब है कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत मरीज़ों को डिजिटल कार्ड के द्वारा सुविधा एवं डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड के लिये एम्स रायपुर को भी कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। डिजिटल हेल्थ मिशन के अंतर्गत आभा आईडी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे मरीज़ों को ओपीडी में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में सुविधा हो रही है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में बीते 5 सालों में आम जनता को सहजता से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ करने के लिये अनेक अभिनव योजनाएँ संचालित की गईं, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
- ‘मुख्यमंत्री हाट-बाज़ार क्लीनिक योजना’ के माध्यम से राज्य के सुदूर वनांचल इलाकों तक लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएँ सुलभ हुई हैं। इसके माध्यम से अब तक लगभग एक करोड़ 40 लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जाँच व उपचार के साथ-साथ उन्हें नि:शुल्क दवाएँ दी गई हैं। राज्य में 1814 हाट-बाज़ारों में नियमित रूप से मोबाइल मेडिकल यूनिट में डॉक्टरों की टीम पहुँचकर ज़रूरतमंद ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जाँच एवं इलाज कर रही हैं।
- इसी तरह ‘मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना’के माध्यम से नगरीय इलाकों में लोगों को घर में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो रही है।
- ‘दाई-दीदी क्लीनिक’छत्तीसगढ़ सरकार की एक अभिनव योजना है, जिसके माध्यम से महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य जाँच एवं उपचार की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। दाई-दीदी क्लीनिक में चिकित्सक से लेकर पैरामेडिकल टीम में महिलाएँ होती हैं, ताकि महिलाओं और किशोरी बालिकाओं का इलाज कराने में किसी भी तरह की झिझक न हो।
- छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है, जहाँ गंभीर बीमारियों के इलाज के लिये सर्वाधिक 25 लाख रुपए की मदद ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’के तहत दी जा रही है।
- ‘श्री धन्वंतरि जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना’के माध्यम से राज्य के लोगों को एमआरपी पर 50 से 72 प्रतिशत छूट पर गुणवत्तापूर्ण दवाईयाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस योजना के चलते दवा खरीदी पर लोगों को अब तक 129 करोड़ रुपए की छूट मिली है।
- ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’के अंतर्गत 64 लाख से अधिक बीपीएल राशन कार्डधारी परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक तथा अन्य कार्डधारी परिवारों को 50 हज़ार रुपए तक उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
- राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन कर 5233 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित किये जा रहे हैं, जहाँ मरीज़ों को 12 तरह की प्राथमिक सेवाएँ नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। 4 हज़ार से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टेली मेडिसिन ई-संजीवनी सेवाएँ संचालित हैं।
- ज़िला चिकित्सालयों में नि:शुल्क डायलिसिस सेवाएँ मरीज़ों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। ज़िला अस्पतालों और सामुदायिक केंद्रों में हमर लैब स्थापित होने से विभिन्नत तरह की जांच सुविधाएं मरीजों को सुलभ हुई हैं।
- ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’को बेहतर सफलता मिली है। इसके चलते बीते 5 सालों में वार्षिक परजीवी सूचकांक 2.63 से घटकर 0.94 हो गया है।
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