प्रयागराज में देश का दूसरा नैनो खाद प्लांट तैयार | उत्तर प्रदेश | 26 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्रयागराज के फूलपुर में देश का दूसरा नैनो खाद प्लांट तैयार हो गया है। सरकार की मंजूरी मिलते ही इससे उत्पादन आरंभ हो जाएगा। नवंबर में इस प्लांट के चालू होने की उम्मीद है।
प्रमुख बिंदु
- देश में इफको का फूलपुर स्थित यह दूसरा प्लांट होगा। इफको की देश में पहली नैनो खाद की इकाई गुजरात स्थित कलोल में लगी थी। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी ने किया था।
- दूसरे चरण में आँवला (बरेली) और फूलपुर (प्रयागराज) में इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। फूलपुर प्लांट की उत्पादन क्षमता सात करोड़ और आँवला की क्षमता 11 करोड़ बोतल प्रतिवर्ष है।
- फूलपुर में नवंबर से अगले वर्ष मार्च के बीच 70 लाख बोतल खाद उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। तीनों प्लांटों से इफको ने सालाना 32 करोड़ बोतल नैनो यूरिया के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो 37 करोड़ मीट्रिक टन सब्सिडी वाले यूरिया की जगह लेगा।
- फूलपुर यूनिट के हेड संजय कुदेशिया ने बताया कि प्लांट में नैनो फर्टिलाइजर लिक्विड तैयार किया गया है जिसका नवंबर से उत्पादन आरंभ हो जाएगा। इस खाद से मौजूदा समय में यूरिया के अत्यधिक इस्तेमाल से नष्ट होती उर्वराशक्ति को बचाने में तो मदद मिलेगी ही, साथ ही किसानों का पैसा, परिश्रम और समय भी बचेगा।
- फूलपुर प्लांट में तैयार आधा लीटर नैनो खाद की उर्वरक क्षमता यूरिया की 45 किग्रा. वजनी एक बोरी के बराबर होगी। इसकी आपूर्ति के लिये अर्जेंटीना और ब्राज़ील ने भी इफको से करार किया है।
- फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिये यूरिया के अत्यधिक इस्तेमाल से कृषि भूमि की उर्वरा शत्ति नष्ट होने की शिकायतें लंबे समय से आती रही हैं। इस चिंता को दूर करने के लिये के लिये इफको ने न सिर्फ नैनो फर्टिलाइजर लिक्विड तैयार किया, बल्कि इसका पेटेंट भी कराया है। इफको प्रबंधन का दावा है कि नैनो फर्टिलाइजर से भूमि की उर्वरा शक्ति ही नहीं, उत्पादन भी बढ़ेगा।
- किसानों के लिये यह खाद यूरिया से सस्ती होगी। 45 किग्रा. वाली एक बोरी यूरिया जहाँ 267 रुपए में मिलती है, वहीं इसी ज़रूरत की पूर्ति वाली आधा लीटर लिक्विड नैनो खाद की बोतल 240 रुपए में ही मिल जाएगी। यही नहीं, सरकारी कोष से किसानों को सब्सिडी के रूप में प्रतिवर्ष दिये जाने वाले 24 हज़ार करोड़ रुपए भी बचाए जा सकेंगे।
- गौरतलब है कि नैनो यूरिया पर्यावरण के अनुकूल तो है ही साथ ही यह यूरिया के मुकाबले अधिक लाभदायक भी है। यूरिया से जहाँ फसल को 30 फीसदी लाभ होता है वहीं नैनो यूरिया (नैनो खाद) से फसल को 80 फीसदी लाभ मिलता है। इसके अलावा यूरिया की अपेक्षा नैनो यूरिया का खर्च भी कम है। ड्रोन से भी नैनो खाद का छिड़काव किया जा सकता है।
‘राजस्थान महिला निधि’ की स्थापना हेतु 25 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट प्रावधान | राजस्थान | 26 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के स्वयं सहायता समूहों के वित्तीय प्रबंधन के लिये ‘राजस्थान महिला निधि’की स्थापना हेतु 25 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट 2022-23 में महिला निधि की स्थापना के लिये आगामी 2 वर्षों में 50 करोड़ रुपए का अंशदान उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। उक्त घोषणा की अनुपालना में यह वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
- उल्लेखनीय है कि राजस्थान उत्तर भारत का पहला राज्य है, जहाँ महिला निधि की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 26 अगस्त, 2022 को महिला समानता दिवस के अवसर पर ‘राजस्थान महिला निधि’की शुरूआत की थी।
- ‘राजस्थान महिला निधि’का गठन राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) के माध्यम से किया गया है।
- इस निधि के माध्यम से समूह की महिलाओं को सुगमता से रोजमर्रा की आवश्यकता, स्वरोज़गार व आय अर्जन गतिविधि हेतु सुलभ व पर्याप्त मात्रा में ऋण उपलब्ध हो सकेगा। इससे प्रदेश की महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगी।
- इस योजना में 40 हज़ार रुपए तक के ऋण 48 घंटे में व 40 हज़ार रुपए से अधिक के ऋण 15 दिवस की समय सीमा में आवेदित सदस्यों के समूह के बैंक खाते में जमा हो जाएंगे। वर्तमान में राज्य के 33 जिलों में 70 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिसमें 30 लाख परिवार जुड़े हुए हैं।
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में 50 हज़ार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाना प्रस्तावित है, जिनमें लगभग 6 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा। राज्य में कुल 36 लाख परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार चरणबद्ध तरीके से राजस्थान महिला निधि से लाभ मिलेगा।
‘लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना’ के लिये 100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान | राजस्थान | 26 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना’के लिये 100 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति दी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद अब योजना के सुगम संचालन में सहायता मिलेगी तथा लाभार्थियों का दायरा बढ़ेगा।
- उल्लेखनीय है कि बजट 2022-23 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन देने तथा छोटे व्यवसायिओं एवं निवेशकर्त्ताओं को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिये लाई गई ‘मुख्यमंत्री लघु प्रोत्साहन योजना’के लिये 150 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति दी थी।
- इस योजना के लिये पूर्व में ही लगभग 58 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। उक्त घोषणा की अनुपालना में मुख्यमंत्री ने 100 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है। योजना की लोकप्रियता को देखते हुए इसके लिये प्रावधित बजट में वृद्धि की गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने एनएससी के जैविक बीज फार्म का किया शिलान्यास | मध्य प्रदेश | 26 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2022 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना में राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) के जैविक बीज फार्म का शिलान्यास किया। इसके प्रारंभ होने पर मध्य प्रदेश के किसानों को तिलहन के नए जैविक बीज उपलब्ध होंगे।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने मुरैना में जैविक बीजों के उत्पादन के लिये बीहड़ क्षेत्र में भूमि सुधार कर फार्म स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिये मध्य प्रदेश सरकार द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्रालय को मुरैना के 4 गाँवों गडोरा, जाखौना, रिठौरा खुर्द और गोरखा में 34 हेक्टे. जमीन आवंटित की गई है।
- केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मुरैना में जैविक बीजों के उत्पादन के लिये फार्म विकसित करने की जिम्मेदारी एनएसपी को सौंपी है। इस फार्म से किसान आधुनिक पद्धतियों से अवगत होंगे। उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलेंगे।
- मुरैना में रेवाइंस क्षेत्र में बीज उत्पादन से भूमि में सुधार होगा व भूमि उपजाऊ होगी। स्थानीय किसान भूमि सुधार से प्रेरित होकर अपने खेतों में भी भूमि सुधार कर नवीनतम वैज्ञानिक पद्धति से बीज उत्पादन कर खेती में कम लागत से उच्च आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
- एनएससी के विशेषज्ञों द्वारा स्थानीय और प्रदेश के किसानों को ट्रेनिंग के जरिये नवीनतम बीज उत्पादन तकनीक सिखाई जाएगी। स्थानीय श्रमिकों को फार्म में भूमि सुधार एवं बीज उत्पादन से रोज़गार प्राप्त होगा। किसानों को नवीनतम एवं आनुवंशिक व भौतिक रूप से शुद्ध जैविक तिलहन बीज प्राप्त होने से अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा, जिससे न केवल प्रदेश के कृषकों के सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार होगा, बल्कि कृषकों को पोषण सुरक्षा भी प्राप्त होगी।
- केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मुरैना का बीज फार्म किसानों की प्रगति के लिये विज्ञान व अनुसंधान का पूरा उपयोग करेगा। बीज कृषि का आधार व प्रमुख आदान है। उन्होंने कहा कि खेती के लिये अच्छे बीजों की उपलब्धता से उत्पादकता में वृद्धि और किसानों के लिये उच्च आय के अलावा एग्री इको-सिस्टम व अर्थ-व्यवस्था को समग्र रूप से लाभ होता है।
- केंद्र सरकार, राज्यों में बीज उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही विविध योजनाओं द्वारा बीज वितरण में सहायता करती है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने फसलों के गुणवता वाले बीज उत्पादन और गुणन बढ़ाने के लिये 2014-15 से बीज और रोपण सामग्री सब मिशन लागू किया है, ताकि किसानों को पर्याप्त बीज मिलें।
- बीज संबंधी विभिन्न गतिविधियों के जरिये राज्यों व सार्वजनिक क्षेत्र के बीज संगठनों को, बीज गुणवत्ता नियंत्रण को मजबूत किया जा रहा है। बीते 8 साल में व्यावसायिक खेती के लिये 304 किस्में अधिसूचित की गई हैं।
- केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय चंबल वन्य जीव अभयारण्य की 207 हेक्टेयर भूमि को डी-नोटिफिकेशन करने की अनुशंसा का बड़ा फैसला लिया है। इस अभयारण्य क्षेत्र के राजस्व भूमि होने से रेत की उपलब्धता के कारण स्थानीय स्तर पर रोज़गार भी बढ़ेंगे।
दंतेश्वरी मंदिर में बनेगा मध्य भारत का सबसे बड़ा ज्योति कलश भवन | छत्तीसगढ़ | 26 Sep 2022
चर्चा में क्यों
25 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन संपर्क विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दंतेवाड़ा के ऐतिहासिक दंतेश्वरी मंदिर परिसर में मध्य भारत का सबसे बड़ा ज्योति कलश भवन का निर्माण किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन व दिशा-निर्देशन में ज़िले में ज्योतिकलश भवन का निर्माण किया जाएगा। धार्मिक, सांस्कृतिक और कलात्मक आधुनिकीकरण की रूपरेखा के साथ तैयार भवन श्रद्धालुओं को प्राचीन के साथ नवीन दंतेवाड़ा का एहसास कराएगा।
- चंदखुरी के तर्ज़ पर भवन का निर्माण कर दंतेश्वरी माता की भव्यता वृहद् स्तर पर साकार करने का प्रयास किया जाएगा। स्तंभ अलंकरण, गेट डिजाइन जैसे विभिन्न तत्त्व मुख्य रूप से माँ दंतेश्वरी मंदिर से प्रेरित हैं।
- नवनिर्मित ज्योतिकलश भवन को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा जिससे दंतेश्वरी माँ का दर्शन करने वाले श्रद्धालु अब माता के दर्शन के साथ ही उनकी महिमा को भी जान सकेंगे। नव ज्योतिकलश भवन की दीवारें यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को माता की कहानी बताएंगी। पौराणिक कथाओं, जिया बाबा एवं सेवादारों द्वारा बताई गई जानकारियाँ दीवारों पर उकेरी जाएंगी।
- माँ दंतेश्वरी मंदिर की वास्तुकला को प्रतिबिंबित करने के लिये सामग्री के रूप में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग भवन निर्माण के लिये किया जाएगा। तलघर में पूजा एवं हवन सामग्री को व्यवस्थित एवं सहेज कर रखने हेतु भंडार गृह का निर्माण किया जा रहा है।
- भूतल में यज्ञशाला का निर्माण किया जा रहा है। इस यज्ञशाला में नौ ग्रह के स्थान को ध्यान में रखते हुए उस ग्रह के हवन कुंड का निर्माण पुराणों में उल्लेखित विवरण के आधार पर किया जा रहा है। प्रशासनिक भवन का निर्माण भी भूतल में किया जा रहा है जिसमें ज्योति कलश स्थापना से संबंधित कार्यों का संचालन किया जाएगा।
- उस भवन में पुजारी एवं कर्मचारी वर्ग के लिये प्रसाधन की सुविधा एवं प्रशासनिक भवन में सहायता कक्ष का भी निर्माण किया जा रहा है। भवन के चारों दिशाओं में भक्तों के विश्राम करने हेतु पगोडा-नुमा स्थान का निर्माण किया जा रहा है, जिसमे श्रद्धालु भक्तिमय वातावरण का आनंद ले पाएंगे। भविष्य में यह स्थान वृहद् स्तर पर पर्यटन के रुप मे विकसित होगा जिससे अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा पूर्व में ज्योतिकलश भवन हेतु मांग की गई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मंदिर परिसर मेढ़का डोबरा में ज्योतिकलश भवन के लिये आधारशिला रखी।
- गौरतलब है कि दंतेश्वरी मंदिर अपनी पौराणिक कथाओं को लेकर प्रसिद्ध है। माँ दंतेश्वरी के दरबार में प्रति वर्ष शारदीय और चैत्र नवरात्रि पर हजारों श्रद्धालु मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करवाते हैं। परंतु भवन छोटा होने के कारण सीमित संख्या में ही ज्योति कलश की स्थापना हो पाती थी। नए भवन में 11100 ज्योति कलश की स्थापना की जा सकेगी।