राजस्थान Switch to English
हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय गठन की अधिसूचना जारी
चर्चा में क्यों?
24 अगस्त, 2023 को उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि राजस्थान हस्तशिल्प नीति 2022 के क्रियान्वयन के लिये उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय के गठन की अधिसूचना जारी की गई है।
प्रमुख बिंदु
- हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय का मुख्यालय जोधपुर रहेगा।
- हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय के गठन से राज्य में विलुप्त होती परंपरागत हस्तकलाओं को पुनर्जीवित करना आसान होगा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
- उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप प्रदेश के हस्तशिल्पियों एवं हथकरघा बुनकरों के आर्थिक उत्थान एवं विकास हेतु सुनियोजित रूप से कार्य किया जाएगा।
- साथ ही उत्पादों के लिये बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था के साथ ही निर्यात योग्य बनाने के लिये भी हस्तशिल्पियों एवं बुनकरों की मदद की जाएगी।
- निदेशालय के सुचारू संचालन से उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी तथा इन उत्पादों के निर्यात में राज्य की भागीदारी में भी इज़ाफा होगा।
- राज्य में हस्तशिल्पियों एवं हथकरघा बुनकरों के उत्थान हेतु कार्य योजना के अनुरूप महत्त्वपूर्ण आयोजन, निर्णय एवं कार्य किये जाएंगे
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में लगेंगी 1772 सूक्ष्म खाद्य उद्यम इकाइयाँ
चर्चा में क्यों?
24 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में सूक्ष्म खाद्य उद्यम की 1772 इकाइयाँ लगने जा रही हैं। इन इकाइयों के लिये ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना’में ऋण स्वीकृत हो चुका है।
प्रमुख बिंदु
- सूक्ष्म खाद्य उद्यम की इन इकाइयों में सबसे ज्यादा 116 इकाइयाँ ग्वालियर में लगेंगी। दूसरे नंबर पर 100 इकाइयाँ खरगौन में, रीवा में 47, बालाघाट में 23, टीकमगढ़ में 27 और होशंगाबाद में 22 इकाइयाँ लगेंगी।
- उल्लेखनीय है कि योजना में उद्यमियों ने रुचि दिखाते हुए 10664 उद्यमियों ने ऋण के लिये आवेदन किया था। परीक्षण के बाद 1772 को ऋण देने योग्य पाया गया। बाकी आवेदनों पर विभिन्न स्तरों पर विचार किया जा रहा है।
- विदित है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार की भागीदारी के साथ सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के उन्नयन के लिये वित्तीय, तकनीकी एवं कारोबार में सहायता देने के लिये ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना’शुरू की है।
- इसमें कौशल प्रशिक्षण, खाद्य सुरक्षा मानकों एवं स्वच्छता के संबंध में तकनीकी जानकारी देने एवं गुणवत्ता सुधार के माध्यम से क्षमता निर्माण किया जा रहा है।
- इसके अंतर्गत इच्छुक लोगों को बैंक ऋण एवं डीपीआर तैयार करने के लिये मदद दी जाती है। पूंजी निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर तथा ब्रांडिंग एवं विपणन सहायता के लिये कृषक उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों को सहायता दी जा रही है।
- इसमें व्यक्तिगत रूप से स्थापित होने वाले उद्यम 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। अधिकतम सब्सिडी 10 लाख रुपए तक की हो सकती है। लाभार्थी का योगदान 10 प्रतिशत होना चाहिये।
- स्व-सहायता समूहों को वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है।
- एक ज़िला-एक उत्पाद में चुने जाने वाले उत्पादों पर आधारित इकाइयों को प्राथमिकता मिलेगी।
- केंद्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ सूक्ष्म खाद्य इकाइयों की सूची तैयार की है। इसमें मध्य प्रदेश के बैतूल ज़िले के जमुना स्व-सहायता समूह की सफलता का उल्लेख है। इस समूह के सदस्यों को खाद्य प्रसंस्करण में प्रशिक्षण मिला।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा को मिला 8 नए प्रोजेक्ट्स का तोहफा
चर्चा में क्यों?
23 अगस्त, 2023 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि नई दिल्ली में ‘नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड’(एनसीआरपीबी) के ‘प्रोजेक्ट सेक्शनिंग एंड मॉनिटरिंग ग्रुप -1’ की 63वीं बैठक हुई है, जिसमें हरियाणा को करीब 461 करोड़ रुपए के 8 नए प्रोजेक्ट्स का तोहफा दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- उपमुख्यमंत्री, जिनके पास पीडब्ल्यूडी विभाग का प्रभार भी है, ने नए प्रोजेक्ट्स की जानकारी देते हुए बताया कि इन 8 प्रोजेक्ट्स में 4 बड़े राजमार्गों का मजबूतीकरण, 2 नए फ्लाईओवर तथा 2 नए रेलवे ओवर ब्रिज शामिल हैं।
- विदित है कि किसी भी राज्य की प्रगति का रास्ता सड़क मार्ग और रेल मार्ग से होकर गुजरता है और प्रदेश सरकार इन दोनों ही मार्गों के बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिये कृतसंकल्प है।
- इन प्रोजेक्ट्स के तहत ‘महम से कलानौर एवं आगे बेरी गाँव’तक सड़क को मज़बूत किया जाएगा, जिस पर लगभग 51.62 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- इसी प्रकार झज्जर से कोसली रोड़ के मज़बूतीकरण पर 60.89 करोड़ रुपए, नूँह-पलवल रोड के सुधारीकरण पर 137.57 करोड़ रुपए तथा रोहतक-खरखौदा-दिल्ली बॉर्डर रोड के मज़बूतीकरण पर 19.46 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे।
- रोहतक में ओल्ड एनएच-71ए पर सुखपुरा चौक पर नया फ्लाईओवर बनाया जाएगा, जिस पर 65.88 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
- इसी प्रकार पानीपत में ‘पानीपत-सफीदों-जींद-भिवानी रोड’पर ‘कैरियर लाइन्ड चैनल’के साथ-साथ नए फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा, इस फ्लाईओवर पर 26.47 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- पानीपत में ‘जींद-पानीपत रेलवे सेंक्शन’पर 73.24 करोड़ रुपए की लागत से नया रेलवे ओवरब्रिज बनाया जाएगा। इसके अलावा, पानीपत ज़िले में वर्तमान रेलवे ओवरब्रिज के साथ-साथ ‘पानीपत जीटी रोड से डाहर’की ओर एक नया फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा।
- प्रदेश सरकार राज्य के लोगों की सुविधा के लिये आवश्यकता के अनुसार सड़क मार्ग को चौड़ा और मज़बूत कर रही है, जहाँ पर फ्लाईओवर या रेलवे ओवरब्रिज की ज़रूरत महसूस होगी, वहाँ पर प्राथमिकता से बनाए जाएंगे
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ की ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’को डिजिटल नवाचार के लिये उत्कृष्ट परियोजना हेतु उत्तर प्रदेश सरकार ने किया पुरस्कृत
चर्चा में क्यों?
24 अगस्त, 2023 को में छत्तीसगढ़ की ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ को उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश योजना एवं निवेश कॉन्क्लेव में डिजिटल नवाचार में उत्कृष्ट परियोजना श्रेणी में पुरस्कृत किया।
प्रमुख बिंदु
- इस कॉन्क्लेव का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार तथा इलेट्स ने किया था।
- ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’के लिये छत्तीसगढ़ को यह सम्मान डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हुए नगरीय सेवाओं को आसानी से आम जनता को उपलब्ध कराने के लिये दिया गया।
- कान्क्लेव में बताया गया कि डिजिटल माध्यम से लोगों को सुविधाओं तक पहुँच आसान होती है। साथ ही इसमें पारदर्शिता भी बढ़ती है। नगरीय निकायों में दी जाने वाली सुविधाओं के लिये डिजिटल माध्यम के उपयोग से नागरिकों को काफी राहत मिलती है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री मितान योजना का नवाचार लाखों नगरवासियों के लिये काफी राहत भरी योजना है।
- इससे भागदौड़ भरी ज़िंदगी में रह रही बड़ी नागरिक आबादी को निगम की सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नागरिक सेवाओं की गुणवत्तापूर्ण और समय पर डिलीवरी के लिये यह योजना तैयार की गई है। ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ के माध्यम से अब तक एक लाख बीस हजार सर्टिफिकेट दिये जा चुके हैं।
- ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ के माध्यम से नगरीय क्षेत्रों में 25 तरह की सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है। इसमें टोल फ्री नंबर 14545 पर कॉल करना होता है। इसके बाद मितान आपसे संपर्क करते हैं। निर्धारित दिन शेड्यूल कर दिया जाता है। सारे जरूरी प्रमाणपत्र मितान स्कैन कर लेते हैं और निगम कार्यालय जाए बगैर नागरिक का काम आसानी से हो जाता है।
- यह व्यवस्था पहले प्रदेश के 14 नगरीय निकायों में लागू थी, अब सभी नगरपालिकाओं में भी यह व्यवस्था लागू हो गई है।
- ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’के लागू हो जाने के बाद आय प्रमाण पत्र, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाणपत्र, भूमि के रिकॉर्ड की नकल, भूमि सूचना, दुकान और स्थापना पंजीकरण संबंधी दस्तावेज़ जैसी बुनियादी सुविधाएँ बहुत आसानी से मितान के माध्यम से लोगों को प्राप्त हो रही हैं।
उत्तराखंड Switch to English
राष्ट्रीय फलक पर छाई उत्तराखंड की बेटी सृष्टि, फिल्म ‘एक था गाँव’को मिला अवॉर्ड
चर्चा में क्यों?
24 अगस्त, 2023 को 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है, जिसमें उत्तराखंड के टिहरी ज़िले के कीर्तिनगर ब्लॉक के सेमला गांव निवासी सृष्टि लखेरा की फिल्म ‘एक था गाँव’ को बेस्ट नॉन फीचर फिल्म का अवॉर्ड मिला है।
प्रमुख बिंदु
- सृष्टि लखेरा करीब 13 साल से फिल्म लाइन के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। उन्होंने ‘एक था गाँव’ फिल्म का प्रोडक्शन और निर्देशन किया है।
- फिल्म ‘एक था गाँव’इससे पहले मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (मामी) फिल्म महोत्सव के इंडिया गोल्ड श्रेणी में जगह बना चुकी है।
- गढ़वाली और हिन्दी भाषा में बनी इस फिल्म में घोस्ट विलेज (पलायन से खाली हो चुके गाँव) की कहानी है।
- सृष्टि ने बताया कि उत्तराखंड में पलायन की पीड़ा को देखते हुए उन्होंने यह फिल्म बनाई। पहले उनके गाँव में 40 परिवार रहते थे और अब पाँच से सात लोग ही बचे हैं। लोगों को किसी न किसी मज़बूरी से गाँव छोड़ना पड़ा। इसी उलझन को उन्होंने एक घंटे की फिल्म के रूप में पेश किया है
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