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देवरिया के खुर्शीद अहमद राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चयनित
चर्चा में क्यों?
25 अगस्त, 2022 को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिये चयनित देश के विभिन्न राज्यों के 46 शिक्षकों के नाम की अंतिम सूची जारी की। इसमें उत्तर प्रदेश के खुर्शीद अहमद का नाम भी शामिल है।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर वर्ष 2022 के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगी। पुरस्कार के तौर पर शिक्षक-शिक्षिकाओं को 50 हज़ार रुपए की राशि और सिल्वर मेडल दिया जाएगा।
- खुर्शीद अहमद को यह पुरस्कार विज्ञान शिक्षा में नवाचार के लिये दिया जाएगा। वह देवरिया में कंपोजिट स्कूल सहवा में शिक्षक हैं। प्रदेश के बेसिक व माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों में अकेले इनका चयन हुआ है।
- गौरतलब है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रतिवर्ष 5 सितंबर को एक राष्ट्रीय समारोह का आयोजन करता है, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
- पुरस्कारों के लिये शिक्षकों का चयन ऑनलाइन तीनस्तरीय चयन प्रक्रिया के ज़रिये पारदर्शी तरीके से किया जाता है।
- शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य देश के शिक्षकों के अनूठे योगदान को रेखांकित करना और ऐसे शिक्षकों का सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता व परिश्रम से न सिर्फ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।
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काशी की तरह प्रयाग में भी चलेंगे क्रूज, संगम पर बनेगा हेलीपोर्ट
चर्चा में क्यों ?
25 अगस्त, 2022 को प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री और प्रयागराज मंडल के प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि प्रयागराज महाकुंभ के पूर्व ही वाराणसी की तर्ज़ पर यहाँ भी क्रूज की सेवाएँ और जलमार्ग से यातायात का परिवहन शुरू होगा।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कुंभ से पहले संगम पर जो हेलीपोर्ट बनाया जाएगा, उसके ज़रिये प्रयागराज से जल परिवहन भी शुरू होगा। गंगा एक्सप्रेस-वे दिल्ली सहित अन्य ज़िलों से प्रयागराज की पहुँच को और सुगम बनाएगा।
- राज्य सरकार की योजना प्रयागराज से वाराणसी तक क्रूज परिवहन प्रारंभ करने की है। गौरतलब है कि प्रदेश में अवस्थित पौराणिक शहर वाराणसी में पहले से ही क्रूज सेवा प्रारंभ की जा चुकी है।
- यह राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 (प्रयागराज से हल्दिया तक) का भी मार्ग है, अत: भविष्य में मालवहन के अतिरिक्त यहाँ से जलमार्ग का प्रयोग आमजन के परिवहन के लिये भी किया जा सकेगा।
- मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि रेलवे द्वारा निष्प्रयोज्य घोषित किये जा चुके कर्ज़न ब्रिज को धरोहर के रूप में पर्यटकों के लिये विकसित किया जाएगा।
- गौरतलब है कि प्रयागराज से अयोध्या व लखनऊ रेलमार्ग पर गंगा नदी पर बने कर्ज़न ब्रिज की आयु 117 वर्ष है। रेल यातायात के लिये यह पुल 15 जून, 1905 को खोला गया था। तब इस रेलखंड का संचालन अवध व रुहेलखंड रेलवे करती थी। इस पुल से सड़क यातायात 20 दिसंबर, 1905 को शुरू हुआ था। वर्ष 1998 में इस पुल से सड़क और रेल यातायात बंद कर दिया गया था।
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