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मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत केंद्रीकृत भुगतान पोर्टल
चर्चा में क्यों?
25 अगस्त, 2021 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत देय सहायता राशि का त्वरित एवं ऑनलाइन भुगतान करने हेतु केंद्रीकृत भुगतान पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
प्रमुख बिंदु
- अब तक कोरोना महामारी से चिह्नित अनाथ बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को ज़िला कलेक्टर के स्तर पर ऑफलाइन स्वीकृति जारी कर देय सहायता राशि का भुगतान सीधे ही किया जाता था। अब विभाग द्वारा ऐसे पीड़ित बच्चों एवं विधवा महिलाओं को त्वरित स्वीकृति एवं सीधे ही उनके बैंक खाते के माध्यम से नियमित भुगतान करने हेतु मुख्यमंत्री कोरोना सहायता पोर्टल विकसित किया गया है।
- अब विभाग द्वारा ऑफलाइन भुगतान किये गए समस्त लाभार्थियों को पोर्टल पर फीड कर मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्राप्त राशि का ऑनलाइन प्रक्रिया से एकमुश्त एवं मासिक देय सहायता राशि का निरंतर निदेशालय स्तर से राजस्थान पेमेंट प्लेटफॉर्म (आरपीपी) के माध्यम से केंद्रीकृत भुगतान समय पर किया जाएगा।
- इससे सभी लाभार्थियों को नियमित रूप से राशि उनके बैंक खातों में प्रतिमाह प्राप्त हो सकेगी। राशि खाते में जाते ही संबंधित लाभार्थी के मोबाइल पर राशि हस्तांतरित होने का एसएमएस भी पोर्टल द्वारा भेजा जाएगा।
- गौरतलब है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा कोरोना वैश्विक महामारी से अनाथ बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक संबल प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना लागू की गई है।
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11 ज़िलों के 85 गाँव अभावग्रस्त घोषित
चर्चा में क्यों?
25 अगस्त, को 2021 राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 में ओलावृष्टि से खराब होने की नियमित गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर 11 ज़िलों के 85 गाँवों को अभावग्रस्त घोषित किया है।
प्रमुख बिंदु
- आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार ने बताया कि अलवर ज़िले का एक, बाड़मेर के 2, बीकानेर के 4, भरतपुर के 9, चित्तौड़गढ़ के 2, चूरू के 2, हनुमानगढ़ के 19, झुंझुनूं के 28, कोटा के 8, सवाई माधोपुर के 6 एवं टोंक ज़िले के 4 गाँवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि अलवर, बाड़मेर, बीकानेर, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, चूरू, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, कोटा, सवाई माधोपुर तथा टोंक से प्राप्त रबी फसल 2020-21 में ओलावृष्टि से खराब होने की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार द्वारा ज़िलों के 85 गाँवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है।
- यह प्रावधान ऐसे प्रभावित गाँवों में इस अधिसूचना के प्रकाशित होने से 30 सितंबर, 2021 तक लागू रहेंगे।
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