उत्तर प्रदेश Switch to English
‘प्रयागराज कुंभ’
चर्चा में क्यों?
25 अगस्त, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर प्रयागराज कुंभ, 2019 पर केंद्रित पुस्तक ‘प्रयागराज कुंभ’ का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रयागराज कुंभ पर जनसाधारण को अर्पित इस पुस्तक के संपादक पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह हैं।
- इस पुस्तक का प्रकाशन भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) द्वारा किया गया है।
- गौरतलब है कि प्रयागराज कुंभ, 2019 का आयोजन 15 जनवरी से 4 मार्च, 2019 तक किया गया था।
- प्रयागराज कुंभ में 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इतनी बड़ी संख्या की निगरानी के लिये इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम स्थापित किया गया था। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग भी किया गया था।
- प्रदेश सरकार ने धार्मिक और आध्यात्मिक कलेवर के साथ कुंभ के दौरान वैश्विक स्तर पर स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है।
- प्रयागराज कुंभ सामाजिक सद्भावना का भी प्रतीक बना है। प्रदेश सरकार ने कुंभ की विरासत को ‘सर्व सिद्धिप्रद: कुंभ’ के ‘लोगो’ के माध्यम से प्रचारित किया।
- गौरतलब है कि 450 वर्षों में पहली बार प्रयागराज कुंभ, 2019 में किला स्थित अक्षयवट एवं सरस्वती कूप को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये खोला गया था।
उत्तर प्रदेश Switch to English
‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’
चर्चा में क्यों?
25 अगस्त, 2021 को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के द्वितीय चरण के अंतर्गत लाभार्थियों को निशुल्क एलपीजी कनेक्शन वितरित किया।
प्रमुख बिंदु
- ध्यातव्य है कि हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा 10 अगस्त, 2021 को ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के द्वितीय चरण का शुभारंभ प्रदेश के महोबा जनपद से किया गया है। इसके तहत देश में कुल 1 करोड़ निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन गरीब एवं ज़रूरतमंद परिवारों को प्रदान किये जाएंगे।
- ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के द्वितीय चरण हेतु प्रदेश के 10 जनपदों- सोनभद्र, बांदा, महोबा, चित्रकूट, रायबरेली, हरदोई, बदायूँ, अमेठी, फतेहपुर एवं फर्रुखाबाद का चयन किया गया है। इन जनपदों की 20 लाख लाभार्थियों को निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे।
- गौरतलब है कि ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के प्रथम चरण के तहत देश के 8 करोड़ से अधिक परिवारों को नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किये जा चुके हैं। प्रदेश में योजना से 1.47 करोड़ परिवार लाभान्वित हुए हैं। यह संख्या पूरे देश में सर्वाधिक है।
- ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के द्वितीय चरण में उन प्रवासी श्रमिकों के लिये विशेष प्रावधान किये गए हैं, जो ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के प्रथम चरण में पते के प्रमाण के अभाव में योजना का लाभ प्राप्त करने से वंचित रह गए थे।
- गौरतलब है कि ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत मार्च 2020 तक 8 करोड़ वंचित परिवारों को निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य था, जिसे 7 महीने पूर्व सितंबर, 2019 में प्राप्त कर लिया गया।
राजस्थान Switch to English
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत केंद्रीकृत भुगतान पोर्टल
चर्चा में क्यों?
25 अगस्त, 2021 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत देय सहायता राशि का त्वरित एवं ऑनलाइन भुगतान करने हेतु केंद्रीकृत भुगतान पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
प्रमुख बिंदु
- अब तक कोरोना महामारी से चिह्नित अनाथ बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को ज़िला कलेक्टर के स्तर पर ऑफलाइन स्वीकृति जारी कर देय सहायता राशि का भुगतान सीधे ही किया जाता था। अब विभाग द्वारा ऐसे पीड़ित बच्चों एवं विधवा महिलाओं को त्वरित स्वीकृति एवं सीधे ही उनके बैंक खाते के माध्यम से नियमित भुगतान करने हेतु मुख्यमंत्री कोरोना सहायता पोर्टल विकसित किया गया है।
- अब विभाग द्वारा ऑफलाइन भुगतान किये गए समस्त लाभार्थियों को पोर्टल पर फीड कर मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्राप्त राशि का ऑनलाइन प्रक्रिया से एकमुश्त एवं मासिक देय सहायता राशि का निरंतर निदेशालय स्तर से राजस्थान पेमेंट प्लेटफॉर्म (आरपीपी) के माध्यम से केंद्रीकृत भुगतान समय पर किया जाएगा।
- इससे सभी लाभार्थियों को नियमित रूप से राशि उनके बैंक खातों में प्रतिमाह प्राप्त हो सकेगी। राशि खाते में जाते ही संबंधित लाभार्थी के मोबाइल पर राशि हस्तांतरित होने का एसएमएस भी पोर्टल द्वारा भेजा जाएगा।
- गौरतलब है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा कोरोना वैश्विक महामारी से अनाथ बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक संबल प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना लागू की गई है।
राजस्थान Switch to English
11 ज़िलों के 85 गाँव अभावग्रस्त घोषित
चर्चा में क्यों?
25 अगस्त, को 2021 राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 में ओलावृष्टि से खराब होने की नियमित गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर 11 ज़िलों के 85 गाँवों को अभावग्रस्त घोषित किया है।
प्रमुख बिंदु
- आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार ने बताया कि अलवर ज़िले का एक, बाड़मेर के 2, बीकानेर के 4, भरतपुर के 9, चित्तौड़गढ़ के 2, चूरू के 2, हनुमानगढ़ के 19, झुंझुनूं के 28, कोटा के 8, सवाई माधोपुर के 6 एवं टोंक ज़िले के 4 गाँवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि अलवर, बाड़मेर, बीकानेर, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, चूरू, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, कोटा, सवाई माधोपुर तथा टोंक से प्राप्त रबी फसल 2020-21 में ओलावृष्टि से खराब होने की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार द्वारा ज़िलों के 85 गाँवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है।
- यह प्रावधान ऐसे प्रभावित गाँवों में इस अधिसूचना के प्रकाशित होने से 30 सितंबर, 2021 तक लागू रहेंगे।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश: एक दिन में सर्वाधिक टीके लगाने वाला देश का पहला राज्य
चर्चा में क्यों?
25 से 26 अगस्त, 2021 तक मध्य प्रदेश में सभी ज़िलों में चलने वाले एक साथ टीकाकरण महाअभियान-2 के पहले दिन प्रदेश 23 लाख 86 हज़ार व्यक्तियों को वैक्सीन की डोज लगाकर एक दिन में सर्वाधिक वैक्सीनेशन करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- ज्ञातव्य है कि 21 जून, 2021 को टीकाकरण महाअभियान-1 में मध्य प्रदेश में 18 लाख से अधिक वैक्सीन डोज दी गई थीं।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाहर चौक भोपाल स्थित जैन मंदिर में बनाए गए केंद्र में टीकाकरण महा-अभियान-2 का शुभारंभ किया।
- टीकाकरण महा-अभियान-2 के पहले दिन 21 लाख 30 हज़ार लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा गया था। निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के लिये प्रदेश के 52 ज़िलों में 8 हज़ार से अधिक टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे। निर्धारित लक्ष्य से लगभग 10 प्रतिशत अधिक की उपलब्धि हासिल कर मध्य प्रदेश ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा।
- टीकाकरण महा-अभियान में लक्षित समूह को वैक्सीन लगाने की सभी केंद्रों पर माकूल व्यवस्थाएँ की गई हैं। इसके साथ ही विशेष रूप से बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिये स्थानीय प्रशासन द्वारा केंद्र पर लाने और ले जाने हेतु वाहन की व्यवस्था भी की गई।
- कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने के लिये प्रदेश में बनाई गई ज़िला, ब्लॉक एवं ग्राम और वार्डस्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों के सदस्यों ने भी महा-अभियान-2 में सक्रिय भूमिका निभाई। समिति के सदस्यों ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जागरूकता का काम करते हुए टीकाकरण केंद्रों पर प्रेरक की भूमिका का निर्वहन भी किया।
- महा-अभियान-2 के पहले दिन प्रदेश में सबसे अधिक वैक्सीन शिवपुरी ज़िले में लगाई गई। दूसरे स्थान पर मंदसौर और तीसरे स्थान पर सिवनी रहा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
गणित ऑलम्पियाड
चर्चा में क्यों?
25 अगस्त, 2021 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश भर में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों की उपलब्धियों का ऑनलाइन आंकलन करने हेतु गणित विषय के ऑलम्पियाड का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस ऑलम्पियाड में 10 हज़ार 466 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें प्राथमिक स्तर के 2411, माध्यमिक स्तर के 3860, हाईस्कूल स्तर के 3045 और हायर सेकेंडरी स्तर के 1149 विद्यार्थी शामिल हुए।
- उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 19 अगस्त को विज्ञान विषय के ऑलम्पियाड में 7 हज़ार 232 विद्यार्थी शामिल हुए थे।
- आंकलन को चार स्तर- प्राथमिक स्तर कक्षा तीसरी से पाँचवीं तक, माध्यमिक स्तर कक्षा 6वीं से 8वीं तक, हाई स्कूल स्तर कक्षा 9वीं एवं 10वीं और हायर सेकेंडरी स्तर कक्षा 11 एवं 12वीं में विभाजित किया गया है।
- इसमें आंकलन कार्य पूर्ण होते ही विद्यार्थियों के प्राप्तांक के आधार पर विद्यालय, ज़िला एवं राज्य स्तर पर विद्यार्थियों की रैंकिग कर विद्यार्थियों का प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश भर में इन अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूलों के बच्चों की उपलब्धियों का आंकलन विज्ञान, गणित और अंग्रेज़ी विषय के ऑलम्पियाड के माध्यम से किया जा रहा है।
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