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प्रदेश में 3 उपखंड, 7 तहसील और 20 नवीन उप तहसीलों का होगा गठन
चर्चा में क्यों?
24 जुलाई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासन की आमजन तक पहुँच आसान बनाने के लिये प्रदेश में 3 उपखंड, 7 तहसील और 20 उप तहसील कार्यालयों के गठन को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार प्रदेश में नवीन प्रशासनिक इकाइयों का गठन कर रही है। इससे आमजन को राजकीय कार्य कराने में आसानी होगी। साथ ही इकाइयों से प्रशासनिक विकेंद्रीकरण होगा और क्षेत्र विकास को गति मिलेगी।
- जोधपुर के बापिणी, जयपुर के किशनगढ़-रेनवाल तथा रामपुरा डाबड़ी में नवीन उपखंड कार्यालय खोले जाएंगे। इसके साथ ही विभिन्न ज़िलों की 6 उप तहसीलों को तहसीलों में क्रमोन्नत तथा 1 नवीन तहसील का गठन किया जा रहा है।
- इनमें दौसा के कुंडल, धौलपुर के बसई व नवाब, डूंगरपुर के ओबरी, जोधपुर के चामूं, कोटा के चेचट तथा उदयपुर के फलासियां उप तहसील को तहसील में क्रमोन्नत किया जाएगा। उदयपुर के घासा में नवीन तहसील कार्यालय भी खोला जाएगा।
- अलवर के हरसोरा, बाड़मेर के सवाउ पदमसिंह, पादरू, लीलसर व भियाड़, बांसवाड़ा के छोटी सरवा, बारां के रेलावन, बीकानेर के दामोलाई मय राणेर, भीलवाड़ा के अंटाली, डूंगरपुर के सरोदा, धौलपुर के कोलारी, जोधपुर के पीलवा, करौली के शेरपुर, जालौर के खासरवीर, नागौर के गोटन, पांचौड़ी व मिठड़ी, प्रतापगढ़ के धमोतर तथा उदयपुर के खेरोदा व कनबई में नवीन उप तहसील खोली जाएंगी।
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प्रदेश के 246 राजकीय विद्यालय होंगे अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालयों में रूपांतरित
चर्चा में क्यों?
24 जुलाई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 246 राजकीय विद्यालयों को महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में रूपांतरित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से अजमेर के 13, अलवर के 20, बारां के 7, बाड़मेर के 6, भरतपुर के 10, बीकानेर के 8, चित्तौड़गढ़ के 3, दौसा के 12, धौलपुर के 8, डूंगरपुर के 5, गंगानगर के 7, हनुमानगढ़ के 11, जयपुर के 32, जालौर का 1, झुंझुनूं के 12, जोधपुर के 20, करौली के 5, नागौर के 18, राजसमंद के 8, सवाई माधोपुर के 13, सीकर के 8, टोंक के 12 तथा उदयपुर के 7 राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में रूपांतरित किये जाएंगे।
- इन विद्यालयों में 57 प्राथमिक, 125 उच्च प्राथमिक तथा 64 उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं।
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्य में शिक्षा का स्तर ऊपर उठ सकेगा तथा क्षेत्र के विद्यार्थी स्थानीय स्तर पर ही अंग्रेजी माध्यम में नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
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राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड का गठन
चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद तेली समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक उन्नति के लिये ‘राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड’के गठन का आदेश जारी कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- यह बोर्ड तेली समुदाय के लोगों के उत्थान के लिये नवीन योजनाएँ बनाकर तथा समस्याओं की पहचान कर राज्य सरकार को सुझाव प्रस्तुत करेगा।
- बोर्ड तेली घाणी के संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ ही युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण, उद्यमिता संवर्द्धन, रोज़गार एवं स्वरोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देने, बोर्ड से संबंधित बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करने, अन्य राज्यों के उपयोगी अनुभवों की जानकारी साझा करने तथा विभिन्न विभागों के द्वारा संचालित बोर्ड से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों की मॉनिटरिंग सहित अन्य कार्य करेगा।
- बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 3 सदस्यों सहित कुल 5 गैर-सरकारी सदस्य होंगे।
- इसके साथ ही उद्योग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, श्रम एवं रोज़गार तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आदि विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख शासन, सचिव/शासन सचिव अथवा उनके प्रतिनिधि (संयुक्त निदेशक स्तर के विभागीय अधिकारी), कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी, राजस्थान स्वर्ण कला विकास बोर्ड सचिव इस बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे।
- राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। वहीं कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के संयुक्त निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
- कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग बोर्ड का प्रशासनिक विभाग होगा।
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वित्तीय वर्ष 2023-24 के ऋण आवेदन हेतु अनुजा निगम का ऑनलाइन पोर्टल प्रारंभ
चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने नेहरू सहकार भवन स्थित सभागार में राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड (अनुजा निगम) के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये ऋण आवेदन पत्र ऑनलाइन भरने हेतु पोर्टल का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने इस अवसर पर कहा कि ऋण के लिये अब सरकारी कार्मिकों की गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने से पारदर्शिता आएगी।
- उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल पर ज़रूरतमंद व्यत्तियों को 50 हज़ार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का ऋण स्वीकृत किया जाता है। निगम द्वारा 12 हज़ार से अधिक व्यक्तियों को लगभग 200 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण वितरित किये जाने का लक्ष्य है।
- उन्होंने कहा कि आज से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सफाई कर्मचारी, विशेष योग्यजन एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यत्ति ऋण हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। पोर्टल पर अब सारा डाटा जनाधार से फेच किया जाता है।
- इस अवसर पर राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास आयोग के अध्यक्ष पवन गोदारा ने कहा कि अनुजा निगम एक चैनेलाइजिंग एजेंसी है, जिसका प्रमुख कार्य राजस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, नि:शक्तजन एवं सफाई कर्मचारी, अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्यों का आर्थिक विकास एवं उनकी उन्नति में सहायता करना है, ताकि इन वर्गों के सदस्यों का जीविकोपार्जन सही ढंग से हो सके तथा उनके रहन-सहन के स्तर में सुधार हो सके।
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जेजेएम में अब तक 5.40 लाख एफएचटीसी जल कनेक्शन में चौथे एवं व्यय में दूसरे स्थान पर राजस्थान
चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2023 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) की समीक्षा बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभी तक कुल 5 लाख 40 हज़ार जल कनेक्शन जारी कर राजस्थान देश में चौथे स्थान पर पहुँच गया है। साथ ही, अभी तक जेजेएम में 17 हज़ार 578 करोड़ रुपए खर्च कर प्रदेश का देश में दूसरा स्थान है। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 2,902 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं।
प्रमुख बिंदु
- अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में जल भवन में हुई जेजेएम की समीक्षा बैठक में ये आँकड़े सामने आए। बैठक में बताया गया कि मिशन के तहत अभी तक 44 लाख 49 हज़ार जल कनेक्शन हो चुके हैं।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव ने विभिन्न रीजन की अलग से वीसी कर एफएचटीसी की प्रगति की समीक्षा करने एवं विशेषकर उदयपुर, बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर ज़िलों में एफएचटीसी की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये।
- उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में जनवरी से मार्च 2023 तक तीन महीनों में प्रदेश में 7 लाख 34 हज़ार 715 जल कनेक्शन किये गए थे। इस वित्तीय वर्ष में भी यही गति बरकरार रही तो राजस्थान जल कनेक्शन के मामले में काफी ऊपर आ जाएगा।
- बैठक में जल गुणवत्ता परीक्षणों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। डॉ. अग्रवाल ने जीवाणु प्रदूषित एवं रसायनिक स्रोतों के उपचारात्मक उपाय, आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों, घरेलू जन कनेक्शनों के साथ ही ग्रामवार जल स्रोतों के गुणवत्ता परीक्षण, महिलाओं ने एफटीके प्रशिक्षण आदि के बारे में जानकारी ली।
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राजस्थान स्टेट गैस ने लागू की स्वास्थ्य, सुरक्षा व पर्यावरण संरक्षण नीति
चर्चा में क्यों?
25 जुलाई, 2023 राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम राजस्थान स्टेट गैस (आरएसजीएल) के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह ने बताया कि आरएसजीएल ने अपने कार्यालय परिसरों, अधिकृत भौगालिक क्षेत्रों के सीएनजी स्टेशनों, शहरी गैस वितरण परियोजना क्षेत्र के साथ ही व्यवसाय कार्यान्वयन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, सुरक्षा व पर्यावरण संरक्षण के उच्चतम स्तर को बनाए रखने के लिये स्वास्थ्य, सुरक्षा व पर्यावरण (एचएसई) नीति का क्रियान्वयन शुरू किया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह ने बताया कि आरएसजीएल द्वारा जयपुर, कोटा, नीमराणा, कूकस, ग्वालियर और श्योपुर में व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। दो मदर स्टेशन सहित 11 सीएनजी स्टेशन संचालित किये जा रहे हैं।
- आरएसजीएल के सभी कार्मिकों को स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के संबंध में उपलब्ध सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके साथ ही नीति क्रियान्वयन की नियमित मॉनिटरिंग के साथ ही ऑडिट की व्यवस्था भी होगी।
- आरएसजीएल की एचएसई नीति के सफल क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी संस्थान के सभी स्तर के कार्मिकों को सौंपी गई है। इसके साथ ही नीति में आवश्यकतानुसार सुधार व समयानुकूल बदलाव की व्यवस्था की गई है।
- आरएसजीएल की एचएसई नीति के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सेवा क्षेत्र में हानि के स्तर को भी न्यूनतम स्तर पर रखा जाएगा।
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