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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Jul 2023
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मध्य प्रदेश Switch to English

स्टार्ट-अप, स्व-रोज़गार को बढ़ावा देने हेतु स्थापित होंगे 35 इंक्यूबेशन सेंटर

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में बताया गया कि शिक्षा गुणवत्ता, सूचना प्रौद्योगिकी और युवाओं को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिये अब तक कुल 35 इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिये कार्य-योजना बनाई गई है। 

प्रमुख बिंदु  

  • उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा गुणवत्ता, सूचना प्रौद्योगिकी और युवाओं को रोज़गारोन्मुखी बनाने के लिये यह निर्णय लिया गया था कि सभी महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाए।  
  • उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सात विश्वविद्यालयों में इंक्यूबेशन सेंटर संचालित किये जा रहे हैं, 9 विश्वविद्यालय एवं 19 स्वशासी महाविद्यालयों में इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है।  
  • उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में I-Technology Based Incubator के लिये 5 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है। 
  • प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के.सी. गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2020-21 की एआईएसएचई रिपोर्ट के अनुसार सकल पंजीयन अनुपात (जी.ई.आर.) 27.1 प्रतिशत है, जो देश के जी.ई.आर. 27.3 के निकट है।  
  • एआईएसएचई पोर्टल पर वर्ष 2021-22 के लिये प्रदेश के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं स्टैंड एलोन संस्थानों का कुल 88 प्रतिशत डाटा प्रविष्टि का कार्य पूर्ण किया गया है। वर्ष 2022-23 के लिये डाटा प्रविष्टि का कार्य सितंबर-2023 से प्रारंभ किया जाएगा।  
  • प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रत्येक संभाग में एक शासकीय महाविद्यालय का उत्कृष्ट महाविद्यालय के रूप में उन्नयन किया जा रहा है। प्रथम चरण में 4 संभाग इंदौर, उज्जैन, जबलपुर एवं ग्वालियर में उत्कृष्टता महाविद्यालय तथा 10 जिले मुरैना, दतिया, पन्ना, सतना, अनूपपुर, खंडवा, सीहोर, बैतूल, बालाघाट एवं नीमच में आदर्श महाविद्यालय की स्थापना के लिये अतिरिक्त बजट के लिये प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है।

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राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़-2023

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2023 को अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) छत्तीसगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार सड़क सुरक्षा जनजागरूकता में सहभागिता हेतु अनेक फिल्म निर्माताओं तथा नागरिकों के अनुरोध पर राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़ 2023 में पंजीकरण तथा फिल्म प्रविष्टि की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है।  

प्रमुख बिंदु  

  • जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़ 2023 में पंजीकरण की अंतिम तिथि 25 जुलाई, 2023 से बढ़ाकर 10 अगस्त, 2023 तथा फिल्म प्रविष्टि की अंतिम तिथि 26 जुलाई, 2023 से बढ़ाकर 12 अगस्त, 2023 की गई है।  
  • उल्लेखनीय है कि इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में अब तक देश के विभिन्न राज्यों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, असम, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, दिल्ली, उड़ीसा से कुल 64 तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों के 80 प्रतिभागियों के पंजीकरण हुए हैं।  
  • फिल्म एक डॉक्यूमेंट्री, प्रयोगात्मक, कथात्मक, काल्पनिक, गैर-काल्पनिक या एनीमेशन हो सकती है। मूल फिल्म यथासंभव उच्चतम गुणवत्ता (1920×1080 या उससे ऊपर) की सड़क सुरक्षा थीम पर आधारित होनी चाहिये।  
  • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव, छत्तीसगढ़ में भाग लेने के लिये कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और आयोजक टीम से कोई भी कभी भी किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं मांगेगा। प्रतिभागी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिये। एक प्रतिभागी के लिये अधिकतम तीन प्रविष्टियों की पात्रता है। फिल्म की कुल अवधि क्रेडिट सहित (फ्रंट और एंड) अधिकतम 140 सेकंड (2.20 मिनट) हो सकती है। 
  • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव, छत्तीसगढ़ 2023 में दो श्रेणियों में प्रस्तुतियाँ स्वीकार की जाएगी। इनमें (1) छत्तीसगढ़ी भाषा (छत्तीसगढ़ी, गोड़ी, धुर्वा, भतरी, दोरली, संबलपुरी, कुड़ख, सदरी, बैगानी, कमारी, औरिया, सरगुजिया, दंतेवाड़ा गोड़ी आदि) और (2) अन्य भारतीय भाषा, सभी प्रविष्टियों के लिये हिन्दी में उपशीर्षक अनिवार्य है।  
  • प्रस्तुत की जाने वाली लघु फिल्में प्रवेशकर्त्ताओं की मूल रचना होनी चाहिये एवं किसी भी कॉपीराइट या किसी तीसरे पक्ष के किसी अन्य अधिकार का उल्लंघन नहीं करना चाहिये। प्रतियोगी इस बात से सहमत हैं कि उन्होंने अपनी लघु फिल्मों में प्रस्तुत संगीत, ध्वनि और छवियों के संबंघ में सभी आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त कर ली हैं।  
  • किसी भी प्रकार के सामाजिक भेदभाव और अश्लील/वयस्क फिल्म को स्वीकार नहीं किया जाएगा और राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़ से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। 
  • छत्तीसगढ़ पुलिस एवं अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) छत्तीसगढ़ को अधिकार होगा कि महोत्सव के प्रचार उद्देश्यों के लिये प्रविष्टियों (प्रेषित चयनित/नामांकित फिल्में) एवं फिल्म की सामग्री का उपयोग छत्तीसगढ़ पुलिस एवं अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) छत्तीसगढ़ द्वारा किया जा सकेगा और प्रत्येक फिल्म की प्रतियों को अपने महोत्सव पुस्तकालय के हिस्से के रूप में रखा जा सकेगा। 
  • सभी प्रविष्टियाँ चाहे पुरस्कृत हों या नहीं, छत्तीसगढ़ पुलिस और संबंधित एजेंसियों द्वारा व्यावसायिक हित के बिना सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिये उपयोग की जा सकती है। एक बार चयनित और अंतिम स्क्रीनिंग के लिये प्रस्तुत की गई फिल्मों को महोत्सव समाप्त होने तक किसी भी परिस्थिति में वापस लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 
  • प्रवेश के साथ फिल्म का एक डिजिटल पोस्टर (सोशल मीडिया क्रिएटिव) संलग्न करना होगा। जमा की गई सामग्री आवेदक को वापस नहीं की जाएगी। (प्रथम, द्वितीय और तृतीय) के चयन के लिये जूरी का मूल्यांकन अंतिम होगा। कोई भी प्रतियोगी जूरी के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेगा। 
  • किसी भी फिल्म निर्माता, संस्था, संगठन को 'राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़’ नाम के उपयोग की अनुमति नहीं है। आयोजन समिति की अनुमति के बिना किसी भी व्यावसायिक, गैर-व्यावसायिक, सांस्कृतिक या व्यक्तिगत उपयोग के लिये ‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़’ नाम एवं आयोजन के प्रतीक चिन्ह के उपयोग की स्थिति में संबंधित व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

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