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स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Jul 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

बीएचयू के डॉ. अमिय कुमार समल राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

24 जुलाई, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक भव्य समारोह में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के भूविज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. अमिय कुमार समल को खान मंत्रालय के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार- 2022 (एनजीए) से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2022 (एनजीए) में देश भर के कामकाजी पेशेवरों और शिक्षाविदों सहित 22 भूवैज्ञानिकों ने तीन श्रेणियों-लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिये एक राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार, एक राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार और भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में आठ राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार के तहत सम्मान हासिल किया। 
  • लाइफटाइम अचीवमेंट के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार डॉ. ओम नारायण भार्गव (मानद प्रोफेसर, भूविज्ञान विभाग पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़) को दिया गया। वह पिछले चार दशकों में हिमालय में अपने उल्लेखनीय कार्य के लिये जाने जाते हैं। 
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमिय कुमार समल को भारतीय सतह के विभिन्न आर्कियन क्रेटन के नीचे उप-महाद्वीपीय लिथोस्फेरिक मेंटल (एससीएलएम) की विविधता को समझने में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किया गया है। 
  • उल्लेखनीय है कि 1966 में शुरू हुए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (एनजीए) उन असाधारण लोगों और संगठनों के लिये सम्मान और प्रशंसा का प्रतीक है, जिन्होंने भूविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता, समर्पण और नवाचार का प्रदर्शन किया है। ये पुरस्कार खनिजों की खोज और अन्वेषण, बुनियादी भूविज्ञान, अनुप्रयुक्त भूविज्ञान और खनन, खनिज अधिशोधन और सतत् खनिज विकास के क्षेत्र में प्रदान किये जाते हैं। 
  • राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022 के लिये कुल 173 नामांकन प्राप्त हुये थे। तीन पुरस्कार श्रेणियों के तहत वैध नामांकनों की संख्या 168 है। कुल 12 पुरस्कारों में से, एएमए ने अंतत: 10 पुरस्कारों का चयन किया है, जिनमें 4 व्यक्तिगत पुरस्कार, 3 टीम पुरस्कार और 3 संयुक्त पुरस्कार शामिल हैं। 4 व्यक्तिगत पुरस्कारों में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार के वास्ते एक पुरस्कार और राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार के लिये एक अन्य पुरस्कार भी शामिल हैA 

क्र. सं.

पुरस्कार की श्रेणी

पुरस्कारों की संख्या 

1.

लाइफटाइम अचीवमेंट के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 

1 पुरस्कार 

2.

राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक पुरस्कार

8 पुरस्कार (3 टीम पुरस्कार+3 संयुक्त पुरस्कार + 2 व्यक्तिगत पुरस्कार = 20 पुरस्कार विजेता)

3.

राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार

1 पुरस्कार 

कुल

10 पुरस्कार (22 पुरस्कार विजेता)

 


बिहार Switch to English

गंगा नदी में रिवर क्रूज पर्यटन हेतु भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) और बिहार पर्यटन विभाग के बीच समझौता

चर्चा में क्यों?

24 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में गंगा नदी में रिवर क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और बिहार पर्यटन विभाग के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुये हैं। इसके तहत 300-300 पर्यटकों की क्षमता वाले रो पैक्स वैसेल नाम के दो जलयान पटना और भागलपुर में चलेंगे।

प्रमुख बिंदु  

  • पर्यटन निदेशालय सभागार में हुए एक कार्यक्रम में इस एमओयू पर पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह की उपस्थिति में बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक नंद किशोर और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक के. एल. रजक ने हस्ताक्षर किये। 
  • एमओयू के अनुसार इस जलयान (रो पैक्स वैसेल) पर पर्यटक परिभ्रमण, मांगलिक कार्यक्रमों और सामाजिक समारोह के साथ अन्य मीटिंग्स आदि के भी आयोजन किये जा सकेंगे।  
  • पटना में जनार्दन घाट, दीघा, पटना से कंगन घाट, पटना सिटी के बीच पहला और भागलपुर के कहलगांव, सुल्तानगंज, बटेश्वर स्थान होते हुए विक्रमशिला के डॉल्फिन सेंचुरी के बीच दूसरा जलयान संचालित होगा। 
  • पटना और भागलपुर में प्रत्येक 300-300 पर्यटकों की क्षमता वाले कुल दो जलयान (रो पैक्स वैसेल) का परिचालन किया जाएगा। यह जलयान करीब 15 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से पटना और भागलपुर के गंगा घाटों की सैर कराएगा।  
  • इस जलयान से सैर करते हुए पर्यटक कई पर्यटन स्थलों को भी देख सकेंगे। जैसे पटना के कंगन घाट से होते हुए पर्यटक श्री हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारा दर्शन के लिये जा सकेंगे। वहीं भागलपुर में पर्यटक गंगा घाटों की सैर करते हुए डॉल्फिन सेंचुरी का भी भ्रमण कर सकेंगे। दो सप्ताह के भीतर रो-पैक्स वैसेल, पटना और भागलपुर पहुँच जाएंगे।  
  • आईडब्ल्यूएआई के निदेशक ने बताया कि एमओयू के दो सप्ताह के भीतर पटना और भागलपुर में रो-पैक्स वैसेल पहुँच जाएंगे। इसके बाद इसका संचालन शुरू किया जा सकेगा।  
  • बीएसटीडीसी के प्रबंध निदेशक ने बताया कि दोनों क्रूज के संचालन के लिये निविदा की प्रक्रिया चल रही है। सभी औपचारिक प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा करके पर्यटन के दृष्टिकोण से क्रूज का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

 


राजस्थान Switch to English

प्रदेश में 3 उपखंड, 7 तहसील और 20 नवीन उप तहसीलों का होगा गठन

चर्चा में क्यों?

24 जुलाई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासन की आमजन तक पहुँच आसान बनाने के लिये प्रदेश में 3 उपखंड, 7 तहसील और 20 उप तहसील कार्यालयों के गठन को मंजूरी दी है।    

प्रमुख बिंदु  

  • राज्य सरकार प्रदेश में नवीन प्रशासनिक इकाइयों का गठन कर रही है। इससे आमजन को राजकीय कार्य कराने में आसानी होगी। साथ ही इकाइयों से प्रशासनिक विकेंद्रीकरण होगा और क्षेत्र विकास को गति मिलेगी।  
  • जोधपुर के बापिणी, जयपुर के किशनगढ़-रेनवाल तथा रामपुरा डाबड़ी में नवीन उपखंड कार्यालय खोले जाएंगे। इसके साथ ही विभिन्न ज़िलों की 6 उप तहसीलों को तहसीलों में क्रमोन्नत तथा 1 नवीन तहसील का गठन किया जा रहा है।  
  • इनमें दौसा के कुंडल, धौलपुर के बसई व नवाब, डूंगरपुर के ओबरी, जोधपुर के चामूं, कोटा के चेचट तथा उदयपुर के फलासियां उप तहसील को तहसील में क्रमोन्नत किया जाएगा। उदयपुर के घासा में नवीन तहसील कार्यालय भी खोला जाएगा।  
  • अलवर के हरसोरा, बाड़मेर के सवाउ पदमसिंह, पादरू, लीलसर व भियाड़, बांसवाड़ा के छोटी सरवा, बारां के रेलावन, बीकानेर के दामोलाई मय राणेर, भीलवाड़ा के अंटाली, डूंगरपुर के सरोदा, धौलपुर के कोलारी, जोधपुर के पीलवा, करौली के शेरपुर, जालौर के खासरवीर, नागौर के गोटन, पांचौड़ी व मिठड़ी, प्रतापगढ़ के धमोतर तथा उदयपुर के खेरोदा व कनबई में नवीन उप तहसील खोली जाएंगी।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश के 246 राजकीय विद्यालय होंगे अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालयों में रूपांतरित

चर्चा में क्यों?

24 जुलाई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 246 राजकीय विद्यालयों को महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में रूपांतरित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।    

प्रमुख बिंदु  

  • मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से अजमेर के 13, अलवर के 20, बारां के 7, बाड़मेर के 6, भरतपुर के 10, बीकानेर के 8, चित्तौड़गढ़ के 3, दौसा के 12, धौलपुर के 8, डूंगरपुर के 5, गंगानगर के 7, हनुमानगढ़ के 11, जयपुर के 32, जालौर का 1, झुंझुनूं के 12, जोधपुर के 20, करौली के 5, नागौर के 18, राजसमंद के 8, सवाई माधोपुर के 13, सीकर के 8, टोंक के 12 तथा उदयपुर के 7 राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में रूपांतरित किये जाएंगे। 
  • इन विद्यालयों में 57 प्राथमिक, 125 उच्च प्राथमिक तथा 64 उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। 
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्य में शिक्षा का स्तर ऊपर उठ सकेगा तथा क्षेत्र के विद्यार्थी स्थानीय स्तर पर ही अंग्रेजी माध्यम में नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड का गठन

 चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद तेली समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक उन्नति के लिये ‘राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड’के गठन का आदेश जारी कर दिया है। 

प्रमुख बिंदु  

  • यह बोर्ड तेली समुदाय के लोगों के उत्थान के लिये नवीन योजनाएँ बनाकर तथा समस्याओं की पहचान कर राज्य सरकार को सुझाव प्रस्तुत करेगा।  
  • बोर्ड तेली घाणी के संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ ही युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण, उद्यमिता संवर्द्धन, रोज़गार एवं स्वरोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देने, बोर्ड से संबंधित बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करने, अन्य राज्यों के उपयोगी अनुभवों की जानकारी साझा करने तथा विभिन्न विभागों के द्वारा संचालित बोर्ड से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों की मॉनिटरिंग सहित अन्य कार्य करेगा। 
  • बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 3 सदस्यों सहित कुल 5 गैर-सरकारी सदस्य होंगे।  
  • इसके साथ ही उद्योग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, श्रम एवं रोज़गार तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आदि विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख शासन, सचिव/शासन सचिव अथवा उनके प्रतिनिधि (संयुक्त निदेशक स्तर के विभागीय अधिकारी), कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी, राजस्थान स्वर्ण कला विकास बोर्ड सचिव इस बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे। 
  • राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। वहीं कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के संयुक्त निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव के रूप में कार्य करेंगे।  
  • कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग बोर्ड का प्रशासनिक विभाग होगा।  

राजस्थान Switch to English

वित्तीय वर्ष 2023-24 के ऋण आवेदन हेतु अनुजा निगम का ऑनलाइन पोर्टल प्रारंभ

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने नेहरू सहकार भवन स्थित सभागार में राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड (अनुजा निगम) के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये ऋण आवेदन पत्र ऑनलाइन भरने हेतु पोर्टल का शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने इस अवसर पर कहा कि ऋण के लिये अब सरकारी कार्मिकों की गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने से पारदर्शिता आएगी।   
  • उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल पर ज़रूरतमंद व्यत्तियों को 50 हज़ार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का ऋण स्वीकृत किया जाता है। निगम द्वारा 12 हज़ार से अधिक व्यक्तियों को लगभग 200 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण वितरित किये जाने का लक्ष्य है।  
  • उन्होंने कहा कि आज से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सफाई कर्मचारी, विशेष योग्यजन एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यत्ति ऋण हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। पोर्टल पर अब सारा डाटा जनाधार से फेच किया जाता है।  
  • इस अवसर पर राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास आयोग के अध्यक्ष पवन गोदारा ने कहा कि अनुजा निगम एक चैनेलाइजिंग एजेंसी है, जिसका प्रमुख कार्य राजस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, नि:शक्तजन एवं सफाई कर्मचारी, अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्यों का आर्थिक विकास एवं उनकी उन्नति में सहायता करना है, ताकि इन वर्गों के सदस्यों का जीविकोपार्जन सही ढंग से हो सके तथा उनके रहन-सहन के स्तर में सुधार हो सके।  


राजस्थान Switch to English

जेजेएम में अब तक 5.40 लाख एफएचटीसी जल कनेक्शन में चौथे एवं व्यय में दूसरे स्थान पर राजस्थान

 चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2023 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) की समीक्षा बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभी तक कुल 5 लाख 40 हज़ार जल कनेक्शन जारी कर राजस्थान देश में चौथे स्थान पर पहुँच गया है। साथ ही, अभी तक जेजेएम में 17 हज़ार 578 करोड़ रुपए खर्च कर प्रदेश का देश में दूसरा स्थान है। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 2,902 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं। 

प्रमुख बिंदु  

  • अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में जल भवन में हुई जेजेएम की समीक्षा बैठक में ये आँकड़े सामने आए। बैठक में बताया गया कि मिशन के तहत अभी तक 44 लाख 49 हज़ार जल कनेक्शन हो चुके हैं। 
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव ने विभिन्न रीजन की अलग से वीसी कर एफएचटीसी की प्रगति की समीक्षा करने एवं विशेषकर उदयपुर, बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर ज़िलों में एफएचटीसी की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये।  
  • उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में जनवरी से मार्च 2023 तक तीन महीनों में प्रदेश में 7 लाख 34 हज़ार 715 जल कनेक्शन किये गए थे। इस वित्तीय वर्ष में भी यही गति बरकरार रही तो राजस्थान जल कनेक्शन के मामले में काफी ऊपर आ जाएगा।  
  • बैठक में जल गुणवत्ता परीक्षणों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। डॉ. अग्रवाल ने जीवाणु प्रदूषित एवं रसायनिक स्रोतों के उपचारात्मक उपाय, आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों, घरेलू जन कनेक्शनों के साथ ही ग्रामवार जल स्रोतों के गुणवत्ता परीक्षण, महिलाओं ने एफटीके प्रशिक्षण आदि के बारे में जानकारी ली।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान स्टेट गैस ने लागू की स्वास्थ्य, सुरक्षा व पर्यावरण संरक्षण नीति

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2023 राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम राजस्थान स्टेट गैस (आरएसजीएल) के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह ने बताया कि आरएसजीएल ने अपने कार्यालय परिसरों, अधिकृत भौगालिक क्षेत्रों के सीएनजी स्टेशनों, शहरी गैस वितरण परियोजना क्षेत्र के साथ ही व्यवसाय कार्यान्वयन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, सुरक्षा व पर्यावरण संरक्षण के उच्चतम स्तर को बनाए रखने के लिये स्वास्थ्य, सुरक्षा व पर्यावरण (एचएसई) नीति का क्रियान्वयन शुरू किया है।  

प्रमुख बिंदु  

  • प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह ने बताया कि आरएसजीएल द्वारा जयपुर, कोटा, नीमराणा, कूकस, ग्वालियर और श्योपुर में व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। दो मदर स्टेशन सहित 11 सीएनजी स्टेशन संचालित किये जा रहे हैं। 
  • आरएसजीएल के सभी कार्मिकों को स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के संबंध में उपलब्ध सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके साथ ही नीति क्रियान्वयन की नियमित मॉनिटरिंग के साथ ही ऑडिट की व्यवस्था भी होगी।  
  • आरएसजीएल की एचएसई नीति के सफल क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी संस्थान के सभी स्तर के कार्मिकों को सौंपी गई है। इसके साथ ही नीति में आवश्यकतानुसार सुधार व समयानुकूल बदलाव की व्यवस्था की गई है। 
  • आरएसजीएल की एचएसई नीति के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सेवा क्षेत्र में हानि के स्तर को भी न्यूनतम स्तर पर रखा जाएगा।


मध्य प्रदेश Switch to English

प्रदेश में लॉजिस्टिक पार्क, फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण, रेलवे वेगन निर्माण और पीवीसी केंद्रित इकाइयों की स्थापना के प्रस्ताव

चर्चा में क्यों?

24 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फार्मालॉजिस्टिक पार्क, खाद्य प्र-संस्करण, आयरन एंड स्टील तथा प्लास्टिक के क्षेत्र में कार्यरत उद्योग समूहों ने मंत्रालय में भेंट कर प्रदेश में निवेश और इकाइयों के विस्तार के संबंध में चर्चा की। 

प्रमुख बिंदु  

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से टीवीएस इंडस्ट्रीज एंड लॉजिस्टिक्स पार्क के सीईओ रामनाथ सुब्रमण्यम और रीजनल हेड कुशल मोतियानी ने देवास और पीथमपुर में 250 करोड़ रुपए की लागत से इंडस्ट्रियल व लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की। पार्क से लगभग 1000 लोगों के लिये रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।  
  • प्रदेश में फार्मा क्षेत्र में 1300 करोड़ रुपए की लागत से तीन इकाइयाँ स्थापित कर चुकी इप्का लेबोरेट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर अजित कुमार जैन ने मुख्यमंत्री से भेंट कर देवास में 470 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित हो रही फार्मा इकाई के बारे में बातचीत की। इस इकाई में लगभग 700 लोगों को रोज़गार मिलेगा। 
  • मुख्यमंत्री से सात्त्विक एग्रो प्रोसेसिंग के नीलेश गर्ग और माणिक गर्ग ने मुरैना ज़िले के सीतापुर में नई खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के संबंध में चर्चा की। सात्त्विक एग्रो 284 करोड़ रुपए के शुरुआती निवेश के साथ एक लाख 44 हज़ार मीट्रिक टन की उत्पादन क्षमता के साथ नई इकाई स्थापित कर रही है। कंपनी द्वारा इसके लिये भूमि अधिग्रहण कर लिया गया है।  
  • सर्वा फोम के कुणाल ज्ञानी रायसेन ज़िले के तामोट प्लास्टिक पार्क में 100 करोड़ रुपए के निवेश के साथ रिबांडेड फोम और पालियोरेथेन फोम के लिये बुनियादी कच्चा माल बनाने की इकाई की स्थापना के प्रस्ताव और अपेक्षाओं पर चर्चा की। 
  • मुख्यमंत्री से हिंदुस्तान अर्बन इंफ्रा-स्ट्रक्चर के राघवेंद्र मोदी ने मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र में 500 करोड़ के निवेश और लगभग 1000 लोगों को रोज़गार देने की क्षमता रखने वाली रेलवे वेगन निर्माण इकाई स्थापित करने के संबंध में बातचीत की।  
  • इसी क्रम में बैरलोकर इंडिया एडिटिव्स के ज्येन मोदी और श्री अंकुर कुमार ने देवास में 316 करोड़ रुपए के निवेश से पीवीसी स्टेबलाइजर इकाई की स्थापना पर बातचीत की। इकाई से लगभग 150 लोगों को रोज़गार मिलेगा। 


मध्य प्रदेश Switch to English

स्टार्ट-अप, स्व-रोज़गार को बढ़ावा देने हेतु स्थापित होंगे 35 इंक्यूबेशन सेंटर

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में बताया गया कि शिक्षा गुणवत्ता, सूचना प्रौद्योगिकी और युवाओं को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिये अब तक कुल 35 इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिये कार्य-योजना बनाई गई है। 

प्रमुख बिंदु  

  • उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा गुणवत्ता, सूचना प्रौद्योगिकी और युवाओं को रोज़गारोन्मुखी बनाने के लिये यह निर्णय लिया गया था कि सभी महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाए।  
  • उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सात विश्वविद्यालयों में इंक्यूबेशन सेंटर संचालित किये जा रहे हैं, 9 विश्वविद्यालय एवं 19 स्वशासी महाविद्यालयों में इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है।  
  • उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में I-Technology Based Incubator के लिये 5 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है। 
  • प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के.सी. गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2020-21 की एआईएसएचई रिपोर्ट के अनुसार सकल पंजीयन अनुपात (जी.ई.आर.) 27.1 प्रतिशत है, जो देश के जी.ई.आर. 27.3 के निकट है।  
  • एआईएसएचई पोर्टल पर वर्ष 2021-22 के लिये प्रदेश के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं स्टैंड एलोन संस्थानों का कुल 88 प्रतिशत डाटा प्रविष्टि का कार्य पूर्ण किया गया है। वर्ष 2022-23 के लिये डाटा प्रविष्टि का कार्य सितंबर-2023 से प्रारंभ किया जाएगा।  
  • प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रत्येक संभाग में एक शासकीय महाविद्यालय का उत्कृष्ट महाविद्यालय के रूप में उन्नयन किया जा रहा है। प्रथम चरण में 4 संभाग इंदौर, उज्जैन, जबलपुर एवं ग्वालियर में उत्कृष्टता महाविद्यालय तथा 10 जिले मुरैना, दतिया, पन्ना, सतना, अनूपपुर, खंडवा, सीहोर, बैतूल, बालाघाट एवं नीमच में आदर्श महाविद्यालय की स्थापना के लिये अतिरिक्त बजट के लिये प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश के खजुराहो में तीन उड़ान प्रशिक्षण संगठनों का उद्घाटन

चर्चा में क्यों? 

25 जुलाई, 2023 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने मध्य प्रदेश के खजुराहो में तीन उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • खजुराहो में तीन एफटीओ खुलने से मध्य प्रदेश में कुल एफटीओ की संख्या छह हो जाएगी- खजुराहो में तीन, इंदौर में एक, सागर में एक और गुना में एक। ये छ: एफटीओ युवाओं द्वारा क्षेत्र के विकास में योगदान सुनिश्चित करने का प्रमुख माध्यम बनेंगी। 
  • इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने शीघ्र ही खजुराहो से वाराणसी के बीच वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट की सेवा आरंभ करने की घोषणा भी की।  
  • मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि पिछले नौ वर्षों में देश में हवाई अड्डे, जल हवाई अड्डे और हेलीपोर्ट की संख्या 74 से बढ़कर 148 हुई, जिसे आने वाले 4 सालों में हम 200 से अधिक कर पाएंगे। वहीं विमान क्षमता 400 से बढ़कर 700 हुई है, यानी 75% वृद्धि हुई है, जिसे हम आने वाले चार से पाँच सालों में 1200 से 1500 तक ले जा पाएंगे।’ 
  • उन्होंन बताया कि 2016 में देश में केवल 28 फ्लाइंग अकादमी थी, जो अब बढ़कर 57 हो गई है। पिछले वर्ष 1135 कमर्शियल पायलट्स लाइसेंस नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी किये गए जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। इस वर्ष मात्र पाँच महीनों में वह संख्या बढ़ कर 731 हो गई है।’’ 
  • इंडियन फ्लाइंग एकेडमी: इंडियन फ्लाइंग एकेडमी शौर्य फ्लाइट सिम प्राइवेट लिमिटेड की एक इकाई है, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा की गई ‘आत्मनिर्भर भारत’पहल के तहत खजुराहो हवाई अड्डे पर स्थापित की गई है।
    • इसने 05 विमान अधिगृहित किये हैं, जिनमें से 04 पहले ही आ चुके हैं। इन 04 विमानों में से 03 विमान एकल-इंजन विमान हैं जिनमें दो डायमंड डीए 40, एक इवेक्टर और एक मल्टी इंजन विमान-डायमंड डीए 42 शामिल हैं।
    • भारतीय फ्लाइंग अकादमी में प्रति बैच उड़ान प्रशिक्षण के लिये 40 छात्रों की क्षमता होगी और एफटीओ में प्रति वर्ष 2 बैच होंगे। 
  • फ्लाईओला एविएशन एकेडमी (जेट सर्व एविएशन प्राइवेट लिमिटेड) - हेलीकॉप्टर एफटीओ: फ्लाईओला एविएशन एकेडमी हेलीकॉप्टर एफटीओ एशिया का पहला वाणिज्यिक हेलीकॉप्टर पायलट लाइसेंस (सीएचपीएल) प्रशिक्षण संस्थान है। फ्लाईओला एविएशन एकेडमी के बेड़े में वर्तमान में दो रॉबिंसन आर 44 हेलीकॉप्टर हैं और एक समय में उड़ान प्रशिक्षण के लिये 20 छात्रों की क्षमता है। 
  • फ्लाईओला एविएशन एकेडमी (जेट सर्व एविएशन प्राइवेट लिमिटेड) - फिक्स्ड विंग एफटीओ: फ्लाईओला एविएशन अकादमी का फिक्स्ड विंग एफटीओ मल्टी-इंजन प्रशिक्षण विमान पर प्रशिक्षण दे रहा है जिसे उच्च प्रदर्शन वाला विमान माना जाता है। फ्लाईओला एविएशन एकेडमी के ट्रेनर बेड़े में शामिल हैं: - 
  • फ्लाईओला एविएशन एकेडमी एक बैच में 20 कैडेट्स को प्रशिक्षित कर सकती है। इसके लिये एफटीओ के पास 04 फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं।


झारखंड Switch to English

झारखंड मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों? 

25 जुलाई, 2023 को झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में झारखंड निर्यात नीति-2023 की स्वीकृति देने के साथ अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।  

प्रमुख बिंदु

मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय:- 

  • झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक मंडल में मनोनीत निदेशक का प्रावधान करने की स्वीकृति दी गई। 
  • झारखंड सहकारिता अंकेक्षक (भर्ती, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त) संवर्ग नियमावली, 2014 (प्रवृत्त 24/10/2014) यथा प्रथम संशोधित नियमावली 2021 की अध्याय-3 सीधी भर्ती नियम - 9 (क) न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में संशोधन की स्वीकृति दी गई। 
  • झारखंड बाल विकास सेवा अराजपत्रित कर्मचारी भर्ती तथा सेवा शर्त (संशोधन) नियमावली-2023 की स्वीकृति दी गई।
  • संविदा के आधार पर नियुक्त एवं कार्यरत कर्मियों को मातृत्व अवकाश की सुविधा अनुमान्य करने की स्वीकृति दी गई। 
  • वित्त विभाग, झारखंड सरकार के अंतर्गत अनियमित रूप से नियुक्त एवं कार्यरत कर्मियों के सेवा नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई। 
  • राज्य कर्मियों/सेवा निवृत कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्रदान करने की स्वीकृति दी गई। 
  • केंद्र प्रायोजित पुनरीक्षित मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत बाल देख-रेख संस्थानों में आवासित बच्चों को Maintenance मद की नए दर की स्वीकृति दी गई। 
  • केंद्र प्रायोजित ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’का मिशन शक्ति (सामर्थ्य) के तहत संशोधित स्वरूप में कार्यान्वयन की स्वीकृति दी गई। 
  • केंद्र प्रायोजित मिशन सक्षम आँगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 के तहत संचालित आँगनबाड़ी सेवाओं के अंतर्गत विभिन्न मदों के कार्यान्वयन संबंधी मार्गनिर्देश एवं क्रियान्वयन दर में संशोधन की स्वीकृति दी गई। 
  • केंद्र प्रायोजित किशोरी बालिकाओं के लिये योजना (Scheme for Adolescent Girls & SAG) के कार्यान्वयन संबंधी मार्गनिर्देश में संशोधन की स्वीकृति दी गई। 
  • केंद्र प्रायोजित योजना अटल नवीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन 2.0 (अमृत 2.0) के अंतर्गत 8301.21 लाख रुपए की लागत पर तकनीकी स्वीकृति प्राप्त महागामा शहरी जलापूर्ति परियोजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। 
  • मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के लाभुकों को झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के माध्यम से चिकित्सा सहायता अनुदान प्रदान करने की स्वीकृति दी गई। 
  • जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्राप्त सुझाव एवं रूप-रेखा (Framework) के तहत राज्य के जल संसाधन से संबंधित आँकड़ों के समन्वयन, संग्रहण, प्रसारण तथा राज्य अंतर्गत सभी विभागों के जलीय आँकड़ों को एक मंच पर लाने हेतु एक समर्पित संगठन के रूप में झारखंड राज्यांतर्गत State Water Informatics Centre (SWIC) स्थापित करने की स्वीकृति दी गई। 
  • स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत झारखंड ऑप्थाल्मिक सहायक संवर्ग (नियुत्ति, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त) नियमावली, 2023 के गठन की स्वीकृति दी गई। 
  • केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में केंद्र सरकार द्वारा किये गए संशोधनों के आलोक में झारखंड माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में तत्संबंधी संशोधन करने हेतु झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में पुर:स्थापित करने पर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति दी गई। 
  • झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 का प्रख्यापन की स्वीकृति दी गई। 
  • झारखंड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 की स्वीकृति दी गई।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़-2023

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2023 को अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) छत्तीसगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार सड़क सुरक्षा जनजागरूकता में सहभागिता हेतु अनेक फिल्म निर्माताओं तथा नागरिकों के अनुरोध पर राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़ 2023 में पंजीकरण तथा फिल्म प्रविष्टि की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है।  

प्रमुख बिंदु  

  • जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़ 2023 में पंजीकरण की अंतिम तिथि 25 जुलाई, 2023 से बढ़ाकर 10 अगस्त, 2023 तथा फिल्म प्रविष्टि की अंतिम तिथि 26 जुलाई, 2023 से बढ़ाकर 12 अगस्त, 2023 की गई है।  
  • उल्लेखनीय है कि इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में अब तक देश के विभिन्न राज्यों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, असम, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, दिल्ली, उड़ीसा से कुल 64 तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों के 80 प्रतिभागियों के पंजीकरण हुए हैं।  
  • फिल्म एक डॉक्यूमेंट्री, प्रयोगात्मक, कथात्मक, काल्पनिक, गैर-काल्पनिक या एनीमेशन हो सकती है। मूल फिल्म यथासंभव उच्चतम गुणवत्ता (1920×1080 या उससे ऊपर) की सड़क सुरक्षा थीम पर आधारित होनी चाहिये।  
  • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव, छत्तीसगढ़ में भाग लेने के लिये कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और आयोजक टीम से कोई भी कभी भी किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं मांगेगा। प्रतिभागी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिये। एक प्रतिभागी के लिये अधिकतम तीन प्रविष्टियों की पात्रता है। फिल्म की कुल अवधि क्रेडिट सहित (फ्रंट और एंड) अधिकतम 140 सेकंड (2.20 मिनट) हो सकती है। 
  • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव, छत्तीसगढ़ 2023 में दो श्रेणियों में प्रस्तुतियाँ स्वीकार की जाएगी। इनमें (1) छत्तीसगढ़ी भाषा (छत्तीसगढ़ी, गोड़ी, धुर्वा, भतरी, दोरली, संबलपुरी, कुड़ख, सदरी, बैगानी, कमारी, औरिया, सरगुजिया, दंतेवाड़ा गोड़ी आदि) और (2) अन्य भारतीय भाषा, सभी प्रविष्टियों के लिये हिन्दी में उपशीर्षक अनिवार्य है।  
  • प्रस्तुत की जाने वाली लघु फिल्में प्रवेशकर्त्ताओं की मूल रचना होनी चाहिये एवं किसी भी कॉपीराइट या किसी तीसरे पक्ष के किसी अन्य अधिकार का उल्लंघन नहीं करना चाहिये। प्रतियोगी इस बात से सहमत हैं कि उन्होंने अपनी लघु फिल्मों में प्रस्तुत संगीत, ध्वनि और छवियों के संबंघ में सभी आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त कर ली हैं।  
  • किसी भी प्रकार के सामाजिक भेदभाव और अश्लील/वयस्क फिल्म को स्वीकार नहीं किया जाएगा और राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़ से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। 
  • छत्तीसगढ़ पुलिस एवं अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) छत्तीसगढ़ को अधिकार होगा कि महोत्सव के प्रचार उद्देश्यों के लिये प्रविष्टियों (प्रेषित चयनित/नामांकित फिल्में) एवं फिल्म की सामग्री का उपयोग छत्तीसगढ़ पुलिस एवं अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) छत्तीसगढ़ द्वारा किया जा सकेगा और प्रत्येक फिल्म की प्रतियों को अपने महोत्सव पुस्तकालय के हिस्से के रूप में रखा जा सकेगा। 
  • सभी प्रविष्टियाँ चाहे पुरस्कृत हों या नहीं, छत्तीसगढ़ पुलिस और संबंधित एजेंसियों द्वारा व्यावसायिक हित के बिना सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिये उपयोग की जा सकती है। एक बार चयनित और अंतिम स्क्रीनिंग के लिये प्रस्तुत की गई फिल्मों को महोत्सव समाप्त होने तक किसी भी परिस्थिति में वापस लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 
  • प्रवेश के साथ फिल्म का एक डिजिटल पोस्टर (सोशल मीडिया क्रिएटिव) संलग्न करना होगा। जमा की गई सामग्री आवेदक को वापस नहीं की जाएगी। (प्रथम, द्वितीय और तृतीय) के चयन के लिये जूरी का मूल्यांकन अंतिम होगा। कोई भी प्रतियोगी जूरी के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेगा। 
  • किसी भी फिल्म निर्माता, संस्था, संगठन को 'राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़’ नाम के उपयोग की अनुमति नहीं है। आयोजन समिति की अनुमति के बिना किसी भी व्यावसायिक, गैर-व्यावसायिक, सांस्कृतिक या व्यक्तिगत उपयोग के लिये ‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़’ नाम एवं आयोजन के प्रतीक चिन्ह के उपयोग की स्थिति में संबंधित व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

उत्तराखंड Switch to English

डॉ. विक्रम गुप्ता राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

24 जुलाई, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक भव्य समारोह में वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून के वैज्ञानिक डॉ. विक्रम गुप्ता को खान मंत्रालय के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2022 (एनजीए) प्रदान किये। 

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2022 (एनजीए) में देश भर के कामकाजी पेशेवरों और शिक्षाविदों सहित 22 भूवैज्ञानिकों ने तीन श्रेणियों-लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिये एक राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार, एक राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार और भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में आठ राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार के तहत सम्मान हासिल किया। 
  • लाइफटाइम अचीवमेंट के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार डॉ. ओम नारायण भार्गव (मानद प्रोफेसर भूविज्ञान विभाग पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़) को दिया गया। वह पिछले चार दशकों में हिमालय में अपने उल्लेखनीय कार्य के लिये जाने जाते हैं। 
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमिय कुमार समल को राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने भारतीय सतह के विभिन्न आर्कियन क्रेटन के नीचे उप-महाद्वीपीय लिथोस्फेरिक मेंटल (एससीएलएम) की विविधता को समझने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। 
  • वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून के वैज्ञानिक डॉ. विक्रम गुप्ता को एप्लाइड भूविज्ञान के अंतर्गत प्राकृतिक खतरों की जाँच जिसमें भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और सुनामी जैसे प्राकृतिक खतरों से संबंधित वैज्ञानिक अध्ययन शामिल हैं, के लिये डॉ. सईबल घोष (उप-महानिदेशक, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, कोलकाता) के साथ संयुक्त रूप से राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान किया गया। 
  • डॉ. विक्रम गुप्ता को प्राकृतिक खतरों, विशेषकर हिमालयी इलाके में भूस्खलन के क्षेत्र में अध्ययन में योगदान के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (एनजीए) से सम्मानित किया गया है। 
  • डॉ. विक्रम गुप्ता ने हिमालयी रीजन में भूस्खलन के बड़े हॉट स्पॉट व संभावित भूस्खलन के स्थलों का पता लगाया है। ये ऐसे बड़े भूस्खलन जोन हैं, जो अपने साथ बहने वाली नदी पर अस्थायी बांध बनाकर आबादी के लिये बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं। हिमाचल के सतलुज में इस तरह का अध्ययन करने के बाद अब वह उत्तराखंड के अलकनंदा घाटी में भी अध्ययन को विस्तार दे रहे हैं। अब तक भूस्खलन पर उनके 85 से अधिक पेपर अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।  
  • उल्लेखनीय है कि 1966 में शुरू हुये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (एनजीए) उन असाधारण लोगों और संगठनों के लिये सम्मान और प्रशंसा का प्रतीक है, जिन्होंने भूविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता, समर्पण और नवाचार का प्रदर्शन किया है। ये पुरस्कार खनिजों की खोज और अन्वेषण, बुनियादी भूविज्ञान, अनुप्रयुक्त भूविज्ञान और खनन, खनिज अधिशोधन और सतत् खनिज विकास के क्षेत्र में प्रदान किये जाते हैं। 
  • राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022 के लिये कुल 173 नामांकन प्राप्त हुये थे। तीन पुरस्कार श्रेणियों के तहत वैध नामांकनों की संख्या 168 है। कुल 12 पुरस्कारों में से एएमए ने अंतत: 10 पुरस्कारों का चयन किया है, जिनमें 4 व्यक्तिगत पुरस्कार, 3 टीम पुरस्कार और 3 संयुक्त पुरस्कार शामिल हैं। 4 व्यक्तिगत पुरस्कारों में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार के वास्ते एक पुरस्कार और राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार के लिये एक अन्य पुरस्कार भी शामिल हैंA 

क्र. सं.

पुरस्कार की श्रेणी

पुरस्कारों की संख्या

1.

लाइफटाइम अचीवमेंट के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 

1 पुरस्कार 

2.

राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक पुरस्कार

8 पुरस्कार (3 टीम पुरस्कार+3 संयुक्त पुरस्कार + 2 व्यक्तिगत पुरस्कार = 20 पुरस्कार विजेता)

3.

राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार

1 पुरस्कार

कुल

10 पुरस्कार (22 पुरस्कार विजेता)

 


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